मंगलवार, 28 जनवरी 2020

Zindagi ka safar didi ke sath full stories

हेलो दोस्तों मैं संजय सिंह अपनी जिंदगी का सफर आपको सुनाने जा रहा हूँ .……
मैं संजय एक मिडिल क्लास फैमिली का लड़का हूँ अभी मेरी उम्र 28 साल है पर ये कहानी शुरू होती है मेरे जन्म के पहले से मेरे पिताजी राजप्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहते थे पापा की एक ऑटो पार्ट्स की दुकान थी जो बढ़िया चलती थी और वो अच्छा खासा कमा लेते थे।
फिर पापा की शादी हुई मेरी माँ के साथ मेरी माँ सरला अपने नाम के अनुसार ही बहुत सीधी सादी घरेलू महिला थीं और उनकी शादी के ठीक एक साल बाद जन्म हुआ मेरी बहन रुचि का और उसके डेढ़ साल बाद मेरा …. हमारा छोटा सा प्यारा परिवार हंसी खुशी अपनी जिंदगी का सफर तय कर रहा था …. पापा हम सब की खुशियों का पूरा ख्याल रखते और हमारी माँ तो दुनिया की सब से अच्छी माँ थी सब कुछ एकदम बढ़िया चल रहा था पर शायद किस्मत को हमारे परिवार की खुशियां पसन्द नहीं थी एक दिन पापा की तबियत खराब हुई …. लोकल में डॉक्टर्स को दिखाया इलाज भी करवाया पर कोई खास फायदा नही हुआ फिर एक पारिवारिक मित्र की सलाह पर पापा को दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में दिखाया गया और फिर हम सब पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा … डॉक्टर ने बताया कि पापा को कैंसर है और वो मुश्किल से 6 महीने और जी पाएंगे वैसे तो हमारी आर्थिक स्थिति ठीक ठाक ही थी पर कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में 6 महीने में ही जो भी जमा पूंजी थी वो जाती रही उस वक़्त दीदी इंटर में और हाइस्कूल में पढ़ रहे थे फिर एक दिन पापा हमे छोड़ कर चले गए घर मे एक पापा ही कमाने वाले थे उनके ना रहने पर हमारी हालत बहोत बुरी हो गयी रिश्तेदारों ने भी हमे हमारे हाल पर छोड़ कर मुह मोड़ लिया मम्मी इस सदमे से रो रो कर बेहाल थीं … हम भाई बहन भी इन स्थितियों से बेहद दुखी थे ….. जैसे तैसे मम्मी ने खुद को सम्हाला और एक स्कूल में टीचर की नौकरी की और किसी तरह हमारी पढ़ाई जारी रही पर 3000 की तनख्वाह में दो बच्चो को पालना और उनकी पढ़ाई हो नही पा रही थी …. फिर एक दिन मम्मी के भाई यानी हमारे मामा जी घर आये और मम्मी से बंद कमरे में काफी देर बातें करते रहे ……. उनके अगले दिन जाने के बाद मम्मी ने बताया कि वो रुचि के लिए रिश्ता ले कर आये थे लड़का उन्ही के गांव का है और 40 बीघे जमीन का मालिक है बस लड़के की उम्र 38 साल है और उसकी पहली बीवी मर चुकी है।
ये सुन कर दीदी एकदम से अपसेट हो गईं और कहने लगी कि इतनी बड़ी उम्र का लड़का कहाँ हुआ पर मम्मी ने उनको डांटते हुए कहा 19 कि हो गयी हो बच्ची नही हो मेरे पास पैसे नहीं है कैसे करूंगी तेरी शादी लड़के की उम्र ज्यादा है तो क्या हुआ प्रॉपर्टी तो है सुखी रहोगी ….. बाकी वैसे तो लड़की की शादी में 5-7 लाख लगते है पर ये लोग बिना पैसे के सिर्फ लड़की मांग रहे हैं ये तो तेरी किस्मत है कि घर बैठे ऐसा रिश्ता आया है वरना मैं तो चिंता में घुली जा रही थी कि कैसे होगी तेरी शादी दीदी जितना विरोध कर सकती थी किया पर मम्मी ने अपना फैसला सुना दिया कि शादी वहीं होगी …..
फिर हफ्ते भर बाद वो लोग दीदी को देखने आए लड़के का नाम किशनपाल था और उनके साथ उनके माँ बाप और छोटा भाई आया था उसकी माँ एक बेहद तेज और झगड़ालू किस्म की औरत लगी मुझे और उसका बाप एकदम दब्बू किस्म का उसकी आवाज़ ही नही निकल रही थी दीदी के सामने और वो खुद 5 फीट का दुबला सा एकदम काला सर के बाल उड़े हुए शक्ल से ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई नशा करता हो …. मम्मी ने एक बार उसकी माँ से इस बारे में पूछा भी तो वो कहने लगी चाय तक नही पीता है मेरा बेटा कोई दुर्गुण दूर दूर तक नही है उनके लड़के में …. हाँ उसका छोटा भाई जो 26-27 साल का था और कहीं से भी उसका भाई नही लग रहा था वो एक ठीक ठाक स्वस्थ सभ्य इंसान लग रहा था और उसका बात चीत का लहजा भी अच्छा था। खैर सारी औपचारिकता के बाद उन लोगों ने कहा कि लड़की पसन्द है और पसन्द भी क्यों ना होती मेरी रुचि दीदी 19 साल की एकदम गोरी भरे हुए बदन की थी बड़ी बड़ी काली आंखे लंबे बाल लंबी गर्दन और एकदम आकर्षक थी मेरी दीदी।
मुझे वो इंसान एकदम पसन्द नही आया खास कर जब दीदी के साथ उसकी तुलना की तो जोड़ी यू लगी जैसे करिश्मा कपूर के साथ शक्ति कपूर पर ना मैं कुछ कर सकता था ना दीदी और मम्मी ने रिश्ता पक्का कर दिया।
फिर अगले महीने ही एक मंदिर में कुछ रिश्तेदारों की उपस्थिति में दीदी की शादी उस इंसान से हो गयी जिसे दीदी ने कभी पसन्द नहीं किया और दीदी अपनी ससुराल चली गयी ….. अब मैं और माँ ही बचे थे और मम्मी ने एक दिन मुझे बिठा कर समझाया कि संजय अब तुम मेरे सहारे हो और मैं चाहती हूं तुम खूब पढ़ो और पढ़ लिख कर अपने पापा जैसे सफल इंसान बनो वैसे हम भाई बहन दोनों ही पढ़ाई में काफी होशियार थे पर मम्मी के समझाने के बाद मुझे अपनी जिम्मेवारियों का अहसास अच्छे से हुआ और मैं एकदम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पर लगा दिया परिणाम ये हुआ कि मैं इंटर में 91% मार्क्स ला कर अपने जिले में प्रथम आ गया उस दिन मम्मी बहोत खुश थीं। फिर आगे की पढ़ाई के लिए मैंने एजुकेशन लोन करवा लिया और दिल्ली आ गया। मेरे अंदर एक जुनून सा था की कैसे भी जल्दी से जल्दी मुझे पैसे कमाने हैं और मम्मी का काम छुड़वाना है उन्होंने बहोत दुख उठाये थे हमारे लिए और अब मैं अपना फर्ज निभाना चाहता था। दिल्ली में 4 साल तक पढ़ाई करते हुए मैंने पार्ट टाइम जॉब की ट्यूशन पढ़ाये और साथ ही नौकरी के लिए कोशिश भी करता रहा वो चार साल मैंने दिन रात मेहनत की और फिर एक दिन मेरी मेहनत रंग लाई और मेरा सलेक्शन एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर के पद पर हो गया …..
उस दिन मैं बहोत खुश था मुझे 20 दिन बाद अपनी पोस्ट जॉइन करनी थी और मैंने फटाफट घर की टिकट बुक कराई ….. अपने पार्ट टाइम जॉब से मैंने कोई 20000 रुपये इकठ्टा किये हुए थे वो बैंक से निकाल कर मार्केट गया दो अच्छी सी साड़ियां ली और ट्रेन पकड़ कर अपने शहर पहुंच गया।
आज पूरे 4 साल बाद अपना शहर जो अब एकदम नया और बदला सा लग रहा था पहुंच कर मैं बहोत खुश था ….मैंने एक मिठाई की दुकान से रसगुल्ले लिए और जल्दी से घर की ओर निकल पड़ा घर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया तो माँ ने आ कर दरवाजा खोला और माँ की हालत देख कर मेरी आँखों मे आंसू आ गए वो बहोत बूढ़ी और बीमार लग रही थी मैंने उनके पैर छुए तो कुछ समय मुझे पहचानने में लगा उन्हें पर मुझे देख कर वो बहोत खुश थी और जब मैंने बताया की मैं बैंक मैनेजर बन गया हूँ तो खुशी से उनके आंसू निकल पड़े फिर मैंने उन्हें मिठाई खिलाई और साड़ी दी और कहा कि माँ अब आज से तुम्हारा काम करना बंद तुम सिर्फ आराम करोगी और मैं हर महीने तुम्हे पैसे भेज दिया करूँगा और जल्दी ही मैं दिल्ली में फ्लैट लेकर तुम्हे अपने साथ ले चलूंगा ये सुन कर उनके चेहरे पर खुशी झलकने लगी।
फिर ढेर सारी बातों के बाद मैंने रुचि के हाल पूछे तो माँ ने बताया शादी के बाद वो सिर्फ दो बार यहां आयी थी अपने पति के साथ उसका पति उसे कभी यहाँ नही आने देता और जब वो आयी थी तब बहोत दुखी थी फिर माँ भी उसकी फिक्र में बीमार सी हो गयी और अपना तो कोई था नही जो इन लोगों की फिक्र करता ये सब सुन कर मुझे बहोत दुख हुआ और गुस्सा भी आया कि काश मैं इस लायक होता तो दीदी को उस अधेड़ इंसान के पल्ले कभी ना बांधता।
फिर खा पी कर रात में मैंने माँ से कहा कि कल मैं दीदी के यहां जाऊंगा माँ ने कहा कि वो भी यही चाहती हैं कि मैं जा कर उनके हाल पता करूँ कैसी है वो।
सुबह उठ कर मैं अपने बचपन के दोस्त रवि के यहां गया उसकी भी शादी हो गयी थी और एक बच्चे का बाप बन गया था और उसकी साइकिल की दुकान थी वो मुझे देख कर खुश हुआ और मेरी जॉब की बात सुन कर उसने कहा भी की संजय तुम्हारी माँ ने बहोत कुछ किया है अब उनका ख्याल रखना खैर वो तो मैंने खुद ही सोच रखा था पर वहां जाने से एक फायदा ये हुआ कि रवि की ससुराल भी उसी गाँव मे थी कहाँ दीदी ब्याही थीं तो दीदी के काफी हाल उस से ही मिल गए उसने बताया कि मेरा जीजा जो कि एक नंबर का शराबी और अय्याश आदमी है और उसने मेरी दीदी का जीवन नरक बना रखा है सुबह से शाम तक काम और उसके बाद शराब पी कर पिटाई ये सब रोज का काम है उस घर का और ऊपर से वो दीदी की चुड़ैल जैसी सास जो बात बात पर दीदी को गालियां देती और मारती है ये सब सुन कर मेरी आँखें गुस्से से लाल हो गईं और मैंने रवि को बोला मुझे अभी दीदी के पास जाना है रवि ने दुकान पर अपने पिताजी को बिठाया और बाइक से मुझे अपने साथ ले कर चल पड़ा दीदी की ससुराल शहर से एक घंटे की दूरी पर थी और हम जल्दी ही उनके यहां पहुंच गए …… मैं तो पहली बार ही आया था उस गांव में देखा कि दीदी का घर एक कच्चा छप्पर वाला घर था और बाहर 3 भैंसे बंधी हुई थी उनके ससुर बाहर पड़ी खाट पर बैठे बीड़ी पी रहे थे मैंने जा कर उनसे नमस्ते की और अपना परिचय दिया तो उन्होंने वहीं से राजू(दीदी के देवर) आवाज़ दी वो दो आवाज़ों के बाद अंदर से आया और मुझे देख कर नमस्ते की फिर दीदी के ससुर ने उसे बताया कि मैं कौन हूँ तो उसने घूर कर मुझे देखा उसके देखने का तरीका मुझे अच्छा नही लगा।
मैंने उस से पूछा दीदी कहाँ है मुझे उनसे मिलना है तो उसने कहा मेरे साथ आओ मैं अंदर गया …. एक कमरे को पर कर के हम आंगन में पहुंचे तो देखा दीदी आंगन में ढेर सारे बर्तन धोने में लगी है दीदी ने एक पुरानी सी साड़ी पहनी हुई थी और उनका गोरा चेहरा सूख कर मुरझा सा गया था तभी अंदर कहीं से दीदी की सास की कर्कश आवाज़ आयी कि जल्दी जल्दी हाथ चला अभी दोपहर का खाना बनाना बाकी है ….. दीदी और तेजी से बर्तन में हाथ मारने लगी …. ये सब देख कर मुझे रोना सा आ गया तभी बाहर की ओर से दीदी का पति लडख़ड़ाता हुआ अंदर आया और एक कमरे में घुस गया और दहाड़ते हुए बोला जल्दी से अंदर आ रण्डी तुझे कितनी बार कहा है मेरे घर आते ही सीधी मेरे पास आया कर तभी जीजा का भाई उसी कमरे में घुस गया और शायद उन्हें मेरे बारे में बताने लगा कि मेरे सामने ज्यादा ड्रामा ना करें तो वो अंदर से चिल्लाता हुआ बोला आया होगा भोसड़ी वाला मैं किसी से नही डरता मेरी बीवी है।
मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैं सीधा उसी कमरे में घुस गया दीदी भी भाग कर मेरे पीछे आ गयी और मैंने अंदर जा कर उस शराबी का कॉलर पकड़ कर उसे खड़ा किया और 4-5 थप्पड़ पूरी ताकत से उसके गाल पर रसीद कर दिए और उस से दुगनी आवाज़ में दहाड़ता हुआ बोला ….. मादरचोद वो तेरी बीवी है तो मेरी बहन भी है और दोबारा उसे एक भी अपशब्द कहा तो तेरी जान ले लूंगा मैं इन शराबियों की एक खास आदत होती है जब तक इनकी सुनते रहो ये शेर बनते हैं पर जैसे ही इन्हें चार हाथ लगा दो ये भीगी बिल्ली बन जाते हैं।
चार थप्पड़ पड़ते ही उसका सारा नशा उतर गया और वो गाल सहलाते हुए चारपाई पर बैठ गया तभी दीदी की सास भन्नाते हुए कमरे में दाखिल हुए और बड़ी तेज आवाज में बोली तूने कैसे मेरे बेटे पर हाथ उठा दिया इतनी हिम्मत कैसे हो गयी तेरी की हमारे घर मे घुस कर हमी से धौंस दिखा रहा मैंने फिर से दो थप्पड़ पूरी ताकत से उस शराबी के गाल पर लागये और कमरे में आवाज़ गूंज गयी थप्पड़ों की और चीख कर बोला देखा साली ऐसे उठाया मैंने हाथ और फिर मैंने फ़ोन निकाल कर कहा कि अभी पुलिस बुला कर तुम सब को महिला उत्पीड़न में जेल भिजवाता हूँ ये सुनते ही वो सारे एकदम से डर कर हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाने लगे और बोले बेटा हमे माफ कर दो अब दोबारा ऐसी गलती नही होगी …. और मेरी दीदी ये सब देख कर सहमी सी एक ओर चुपचाप खड़ी थी मैंने कहा मुझे दीदी से अकेले में बात करनी है तो उनकी सास बोली बहू अपने भाई को पीछे वाले कमरे में ले जाओ और तुम दोनों बातें करो मैं चाय भिजवाती हूँ …. दीदी मुझे ले कर उस कमरे में आई वो एक छोटा सा कमरा था जिसमें एक चारपाई पड़ी थी उस पर मैला से गद्दा और कोने में एक बक्सा रखा हुआ था मैं चारपाई पर बैठ गया और दीदी वही बक्से पर बैठ गयी ….. दीदी हैरत से मुझे देखे जा रही थी उन्हें यकीन ही नही हो रहा था कि मैं आया हूँ।
मैंने कहा क्या हुआ दीदी मैं संजय हूँ तुम्हारा छोटा भाई तो दीदी एकदम फफक कर रोने लगी और बोली मेरे भाई कहाँ थे तुम कितने दिन में तुम्हे अपनी दीदी की याद आयी … मैंने उन्हें सब बताया की कैसे मैंने दिल्ली में रह कर अपनी पढ़ाई की और किस तरह दिन रात मेहनत कर के आज किसी काबिल बना हूँ कि अपने परिवार के दुख दर्द दूर कर सकूं फिर मैंने दीदी से पूछा दीदी तुम यहाँ खुश नही हो ना तो दीदी ने आंसू पोंछते हुए कहा उस से क्या फर्क पड़ता है अब तो यही मेरी किस्मत है …. मैंने कहा दीदी बस कुछ महीने और काट लो किसी तरह मैं दोबारा आऊंगा और फिर तुम चाहो तो हमेशा के लिए ये सब छोड़ कर मेरेस साथ चलना बाकी तब तक के लिए मैं ऐसा इंतजाम कर दूंगा की ये लोग तुम्हारे साथ कोई भी बदतमीजी नही करेंगे ….. फिर मैंने रवि को फोन किया वो अपनी ससुराल में था जो उसी गांव में थी मैंने उस से कहा तुरंत शहर जा कर एक फ़ोन सिम डलवा कर ले आये और मुझे दे वो शहर निकल गया।
तब तक दीदी की सास चाय और बिस्किट ले कर आई और रख कर चली गयी मैंने चाय पीते हुए दीदी से ढेर सारी बातें की तो दीदी ने कहा माँ से मिलने का बहोत मन होता है तो मैंने कहा तुम घर जा कर माँ से क्यों नही मिलती कभी तो दीदी ने बताया की शादी के बाद दो बार तो ये ले कर गए बहोत कहने पर उसके बाद जब भी घर जाने की बात की सिर्फ गालियां और मार मिलती आखिर हार कर उन्होंने कहना ही बंद कर दिया।
मैंने कहा चलो अब आज से तुम्हारे दुख खत्म हो जाएंगे और तुम आज ही मेरे साथ घर चलोगी दीदी बोली ये लोग नही जाने देंगे गुस्से में मेरे मुह से निकला इनकी माँ का भोसड़ा ये मादरचोद क्या रोकेंगे मैंने कहा तुम तैयार हो बाकी चिंता ना करो मैं ले के जाऊंगा तुम्हे।
दीदी ने कहा पहले पूछ लो मैंने कहा जितना कह रहा हूँ उतना करो और उठ कर बाहर आ गया दीदी की सास वही आंगन में खड़ी हमारी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी मुझे देख कर वो एकदम सकपका गयी मैंने कहा मैं दीदी को अपने साथ ले जा रहा हूँ वो माँ से मिलना चाहती हैं वो फौरन बोली ठीक है बेटा ले जाओ काफी दिन से गयी भी नही अपने मायके मैंने वहीं से आवाज़ दे कर कहा दीदी तैयार हो जाओ और बाहर आ गया .……
बाहर दीदी का ससुर चारपाई पर पड़ा था मुझे देखते ही उठ कर खड़ा हो गया और बोला जा रहे हो क्या बेटा मैंने कहा इतनी जल्दी क्या है चला जाऊंगा पर तुम इतना समझ लो आज के बाद इस घर मे मेरी बहन को जरा भी तकलीफ हुई या उसके साथ कोई बदसलूकी हुई तो मैं तुम सबका जीना मुश्किल कर दूंगा सारी जिंदगी जेल में सड़ोगे तुम सब वो बोला बेटा सारा किया धरा उसकी सास का है मैं तो कभी एक शब्द नही बोलता बहु को मैंने कहा अपनी बीवी और लौंडो को समझा देना अच्छे से और आज मैं दीदी को ले के जा रहा हूँ वो बोले ठीक है बेटा ले जाओ तब तक दीदी तैयार हो गयी थीं और जीजा भी बाहर आ गया था वो सर झुकाए चुपचाप एक कोने में खड़ा था।
मैंने कहा जाओ दीदी को बुला कर लाओ तो वो अंदर गया और 5 मिनट बाद दीदी के साथ बाहर आया अब दीदी की हालत कुछ ठीक लग रही थी उन्होंने एक हरी रंग की सस्ती सी साड़ी पहनी थी और कोई मेकअप नही किया था पर इस नरक से बाहर निकलने की खुशी उनके चेहरे पर देखी जा सकती थी तब तक रवि भी आ गया उसने बाइक लगा कर मुझे जेब से निकाल कर एक फ़ोन दिया जिसे मैंने उन लोगो के सामने दीदी को दिया और कहा कि दीदी ये फ़ोन अब से अपने पास रखना मैं रोज सुबह शाम तुम्हे फ़ोन करूँगा और अगर एक भी दिन मेरी तुमसे बात नही हुई या फोन बंद मिला तो मैं एक घंटे में पुलिस के साथ यहां आ कर इन लोगो की वो हालात करूँगा की ये अपने जन्म को कोसेंगे ये सुन कर उन सब के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगी। फिर मैंने जीजे के भाई से उसका नंबर लिया और बोला कि जब मेरा या दीदी का फ़ोन आये आ के ले जाना दीदी को उसने सर हिलाते हुए हां बोला और मैंने रवि से कहा कि मैं बाइक ले जा रहा हूँ वो किसी और जुगाड़ से आ जाये और दीदी को बाइक पर बिठा कर निकल पड़ा।
घंटे भर में हम शहर पहुंच गए अब दीदी के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट थी और वो भी 3 साल बाद घर से बाहर निकल कर खुश थीं रास्ते मे ढेर सारी बातें करते हुए मैंने दीदी से पूछा कि खाना खाया की नही तो वो बोली कि बस खाना बनाने जा रही थी कि तुम आ गए उसके बाद मौका ही नही मिला मैंने बाइक एक रेस्टोरेंट के सामने रोकी और दीदी के साथ जा कर बैठ गया और वेटर आया तो मैंने दीदी से कहा आर्डर करो दीदी बोली मैं चार साल से गाँव मे रह कर सब भूल गयी हूँ तुम ही मंगवा लो जो भी खाना हो फिर मैंने याद करने की कोशिश की लास्ट टाइम जब हम फैमिली के साथ होटल आये थे तब दीदी ने शाही पनीर खाने की जिद की थी मैंने दो शाही पनीर आर्डर की और दीदी ने मेरी देख कर कहा संजय तुम्हे मेरी पसन्द याद है मैंने कहा याद तो नही थी दीदी पर याद किया तो याद आ गया फिर हमने खाना खाया और माँ के लिए खाना पैक करवा कर घर आ गए।
घर पहुंचते ही जैसे ही माँ ने दरवाजा खोला दीदी को देख कर खुशी से रो पड़ी और दोनों एक दूसरे के गले लग कर खूब रोयीं अपनी अपनी बेबसी पर, मेरा भी मन उदास था ये सब देख कर फिर मम्मी और दीदी ने एक दूसरे को अपने दुख दर्द बताये की कैसे उनकी ससुराल में उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा था और किस तरह से संजय ने जा कर वहां सबकी हालात टाइट कर दी फिर दीदी ने मम्मी को खाना खिलाया और तीन दिन वही रही हमने ढेर सारी बातें की 3-4 साल का अपना अपना किस्सा अपने अपने दुख और संघर्ष की कहानी बयां करने में ही ये तीन दिन कैसे गुजर गए कुछ पता नही चला फिर आखिरी दिन मैंने मम्मी और दीदी को बाजार ले जा कर थोड़ी सी शॉपिंग करवाई नये कपड़े चप्पलें और दीदी को कुछ मेकअप का सामान जो कि उनको शादी के बाद कभी नसीब नहीं हुआ था दीदी अब काफी खुश दिख रही थीं और वो मुझसे खासी प्रभावित भी थीं कि कैसे मैंने एक दिन में कितना कुछ बदल दिया उनकी जिंदगी में।
अगले दिन मुझे वापस दिल्ली जाना था मन तो नही था माँ और दीदी को छोड़ कर जाने का पर अभी बहोत कुछ ठीक करना था और उसके लिए पैसे की जरूरत थी और पैसों के लिए मुझे काम करना था अपनी नौकरी हासिल करनी थी तो दीदी ने भी डिसाइड किया कि अगले दिन वो अपनी ससुराल जाएंगी और फिर अगले दिन सुबह मैं और दीदी घर से निकल पड़े दीदी ने ससुराल फ़ोन कर दिया था तो उनका देवर उन्हें लेने आया था और मैं भी मम्मी को समझा कर की बस 6 महीने में सब ठीक हो जाएगा दिल्ली के लिए निकल पड़ा।
अगले हफ्ते मैंने आफिस जॉइन कर लिया और अब मेरा नियम था रोज सुबह शाम मम्मी और दीदी से फ़ोन पर बात करना और सारा दिन अपनी ड्यूटी बजाना ऐसे में ही चार महीने कब गुजर गए पता नही चला और एक दिन जब मैंने दीदी से शाम के वक़्त बात की तो एक खबर मिली पर मैं समझ नही पा रहा था कि वो खबर अच्छी है या बुरी दीदी ने बताया कि उनके पति की तबियत खराब है और डॉक्टर ने कैंसर बताया है ज्यादा शराब और सिगरेट पीने की वजह से लिवर का कैंसर है और उनके ससुर खेत बेंच कर उनका इलाज करवा रहे हैं ….. मैंने कहा दीदी मैं कुछ मदद कर दूं पैसों की तो उन्होंने ये कहा कि अभी तुम्हे पैसों की जरूरत है अपना भविष्य बनाने के लिए और ये तो वैसे भी ठीक नही होंगे मैं बेवजह परेशान ना होऊं और मुझे कही से नही लगा कि दीदी इस सब से ज्यादा परेशान या दुखी हैं फिर भी मैं हर रोज उनसे हाल चाल लेता रहा और कोई तीन महीने बाद ये पता चला कि जीजा की मौत हो गयी है मैं छुट्टी ले कर घर आया और मम्मी के साथ दीदी की ससुराल गया जीजा के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ और फिर जब मैं वापस दीदी के घर आया तो वहाँ ड्रामा चल रहा था दीदी की वो चुड़ैल सास दीदी को बुरी तरह से गालियां बकते हुए कहा रही थी कि ये मेरे बेटे को खा गई ये डायन है मैं इसे अपने घर मे नही रखूंगी ये सब सुन कर मेरा दिमाग खराब हो गया मैंने दीदी की सास को फटकारते हुए कहा बहुत हुआ तेरा ड्रामा तुम जैसे जानवरों के पास मुझे भी नही रखना अपनी बहन को और मैं अपनी बहन को अपने साथ ले जा रहा हूँ माँ ने मुझे समझाने की कोशिश की तो मैंने उन्हें भी झिड़क दिया कि एक बार अपने मन की कर के दीदी की जिंदगी नर्क कर चुकी हो अब मैं किसी की नही सुनूंगा वैसे भी जिस इंसान से ब्याहा था वो तो मर गया अब दीदी यहां एक सेकेंड नही रहेगी और मैं दीदी और माँ के ले कर शहर आ गया।
घर मे थोड़ा सा तनाव था पर मेरे आगे किसी की एक नही चली मैंने फैसला सुना दिया कि हम है घर बेंच कर दिल्ली में ही कोई फ्लैट ले लेंगे और हम सब अब वही चल कर रहेंगे।
मैंने रवि को कॉल कर के सारी स्थिति बताई और उसे घर बिकवाने की बात कर के दीदी को घर छोड़ कर वापस दिल्ली आ गया 7 महीने नौकरी कर के मेरे पास 5-6 लाख रुपये इकठ्ठे हो गए थे और अब तो मैं खुद ही बैंक का मैनेजर था तो मैंने जल्दी ही एक फ्लैट खरीद लिया लोन ले कर और उधर रवि ने भी हमारा घर एक ग्राहक को दिखा कर 60 लाख में सौदा करवा दिया फिर एक दिन मैं आखिरी बार अपने शहर आया और घर की रजिस्ट्री कर के चल पड़ा मम्मी और दीदी को साथ ले कर अपनी जिंदगी के नए सफर पर जहां अब शायद दुख नही खुशियां थी हम सब के जीवन में।
मैंने एक 3bhk फ्लैट लिया था जिसकी कीमत 80 लाख थी पर अभी मेरे पास 60 लाख रुपये थे और मैं टेंशन फ्री था मेरी 80000 सैलेरी में 15000 हर महीने फ्लैट की किश्त थी और बाकी के 65000 रुपये हम तीन प्राणियों के लिए काफी थे फिर जिंदगी चलने लगी रास्ते पर मैं दिन भर अपनी ड्यूटी करता और शाम को मम्मी और दीदी के साथ वक़्त बिताता दीदी के चेहरे की रौनक धीरे धीरे वापस आने लगी थी और वो अब पहले से काफी बेहतर और खुश दिखने लगी थीं लगता ही नही था कि इनके पति की मौत हुई है वो शायद इसलिए कि दीदी ने कभी उसे पति के रूप में स्वीकार ही नही किया था वो बस मजबूरी में उसके साथ जिंदगी गुजार रही थीं ….. फिलहाल सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन अचानक से माँ की तबियत खराब हो गयी और एक बार फिर हमारी खुशियां खत्म सी हो गईं मैंने काफी इलाज करवाया पर माँ की बीमारी का पता नही चला और वो दिन ब दिन सूखती चली गईं और फिर एक दिन मैं आफिस में था तो दीदी का कॉल आया और वो रोते हुए बोली संजय जल्दी आओ मॉ अब नही रही …….
To be continuedमाँ की मौत की खबर सुन कर मुझे दुख तो हुआ पर मैंने मानसिक रूप से पहले से खुद को इसके लिए तैयार कर लिया था उनकी बिगड़ती हुई तबियत को देख कर मुझे एहसास था कि माँ अब ज्यादा दिन हमारे साथ नही रहेंगी मैं घर आया और दीदी को सम्हाल दीदी रोते हुए मेरे सीने से लग गयी और मैं उनको दिलासा देता रहा फिर कुछ दोस्तों और पड़ोसियों की मदद से मैंने माँ का अंतिम संस्कार किया और रात को घर वापस आया तो देखा दीदी कमरे में लाइट ऑफ किये बैठी थी एकदम चुप और शान्त मैंने लाइट ऑन की दीदी का चेहरा रो रो कर एकदम मुरझा गया था मैंने दीदी के पास जा कर उनके सर पर हाथ फिराया और उन्हें समझाया कि दीदी ये तो एक दिन होना ही था माँ की तबियत जिस तरह से बिगड़ती जा रही थी दीदी ने सुबकते हुए कहा नही संजय इस सब के लिए कहीं ना कहीं मैं जिम्मेवार हूँ अगर मैं माँ को वो सब ना बताती तो शायद माँ इतनी जल्दी हमे छोड़ कर ना जाती ये सुन कर मैं चौंक गया कि ऐसा क्या बताया होगा दीदी ने मॉ से मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी ऐसा क्या बताया था आपने मां को तो दीदी सर हिलाते हुए बोली अब वो सब तुम्हे बता कर मैं तुम्हे डिस्टर्ब नही कर सकती वैसे ही हमारे जीवन मे बहोत से दुख हैं।
मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखा और उन्हें अपनी कसम देते हुए पूछा कि दीदी अब तो बताना ही पड़ेगा मैं जानना चाहता हूं ऐसा क्या है जो माँ को मालूम था और मुझे नहीं तो दीदी ने लाचारी भरी नजरों से मेरी ओर देखा और बताना शुरू किया…. दीदी बोली यहां दिल्ली आने के बाद जब तुम दिन में आफिस चले जाते तो माँ अक्सर मुझसे मेरी ससुराल के बारे में बातें किया करती थी कि मेरे इतने साल वहां कैसे गुजरे मैंने कई बार बात टाली पर एक दिन मेरे मुह से गुस्से में निकल ही गया कि अब क्या करोगी जान कर जब मैं मना कर रही थी कि मैं वहां शादी नही करूंगी तब तो मेरी एक न सुनी अपने मन की कर ली अब वहां मेरे साथ क्या जुल्म हुए जानने की इच्छा क्यों है तुम्हे और जानना ही चाहती हो तो सुनो जिस इंसान से तुमने मेरे ब्याह किया था वो शादी के बाद हर एक रात शराब पी कर मेरा बलात्कार करता था मैं बीमार रहूं य्या पीरियड में पर वो हर रोज किसी दरिंदे की तरह मेरे जिस्म को नोचता था और विरोध करने पर मुझे पीटा जाता पर तुम्हे इस से क्या तुमने तो अपना बोझ हल्का कर लिया और सुनो उसका छोटा भाई भी मेरे साथ कई बार बलात्कार करता रहा और उसकी माँ और मेरे पति को सब मालूम था पर वो जाना कर भी अनजान बने रहते और मुझे चार साल तक उन दोनों भाइयों के हवस की आग बुझानी पड़ी यही जानना चाहती थी ना तुम….. दीदी के मुह से शब्द अंगारों जैसे निकल रहे थे और ये सब सुन कर माँ को ऐसा आघात लगा कि 6 महीनों में ही वो ये दुनिया छोड़ गई।
ये सुन कर मुझे भी बहोत बुरा लगा कि मेरी फूल सी प्यारी बहन पर इतने जुल्म हुए पर मैंने खुद को सम्हालते हुए कहा दीदी अब तक जो भी हुआ वो जिंदगी का एक बुरा दौर था जो बीत चुका मैं उसे तो नही बदल सकता पर अब के बाद हमारे जीवन मे कभी कोई दुख नही आएगा और मैं तुम्हे हर वो खुशी दूंगा जिसकी तुम हकदार हो रही बात माँ की मौत की तो तुमने उन्हें वो ही बताया तो सच था और जो भी हुआ उसका जिम्मेवार वो खुद ही थीं क्यों कि तुम्हारी शादी का फैसला उनका फैसला था इसलिए तुम खुद को दोषी मत मानो।
मेरे शब्दों से दीदी के मन का बोझ कुछ हल्का हुआ फिर मैं बाजार से कुछ खाने को लाया और दीदी को जबरदस्ती खिलाया और खुद भी थोड़ा सा खा कर अपने बिस्तर पर जा लेटा और आने वाले समय के बारे में सोचने लगा।
अगले दिन से मेरी दिनचर्या फिर पहले जैसे चलने लगी सुबह उठना रेडी हो कर आफिस जाना 9 से 5 जॉब और फिर वापस घर अगले 8-9 महीने तक ऐसे ही चलता रहा और अब दीदी भी एकदम सामान्य हो गईं थीं।
अच्छा खाने पीने से और सामान्य माहौल में रहने की वजह से धीरे धीरे दीदी के चेहरे पर लाली आने लगी थी और वो दिन ब दिन निखरती जा रही थीं और मैं भी अपनी सख्त ड्यूटी से ऊब रहा था फिर एक दिन मैं अपने कमरे में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था और काम से थक कर मैंने कुछ और करने का सोचा और लैपटॉप पर स्टोरी लिख कर सर्च किया मैंने इस से पहले इंटरनेट पर कभी भी सेक्स रिलेटेड कुछ भी देखा सुना नही था और ना ही मुझे कभी वक़्त मिला इन सब चीजों के लिए पर आज वो एक शब्द सर्च करते ही मेरे सामने एक नई दुनिया थी ढेर सारी सेक्स स्टोरीज हर तरह की फैमिली सेक्स भाई बहन की चुदाई वो सब देख कर बाद अजीब सा महसूस हुआ फिर मैंने एक स्टोरी पर क्लिक किया और उसे पढ़ने लगा मेरी उम्र भी 27 की हो गयी थी और कभी सेक्स के बारे में ज्यादा सोच नहीं पाया था पर आज वो पढ़ते ही मेरा बदन गरम होने लगा और मेरा लंड जिसे मैं अब तक सिर्फ मूतने के काम लाता था वो सर उठा कर फुंफकारने लगा मैंने उसे बाहर निकाल कर सहलाया तो बड़ा अच्छा लगा और फिर मैं उसे सहलाते हुए वो पूरी स्टोरी पढ़ गया फिर मेरी और कहानियां पढ़ने की इच्छा हुआ तो मैंने एक एक कर के कई कहानियां पढ़ डाली और आखिर में लंड ने एक झटका खाया और बिस्तर पर ढेर सारा गाढ़ा चिपचिपा पानी फैल गया….. उस दिन से मैं हर रोज रात में सब काम निपटाने के बाद कुछ कहानियां पढ़ता और ऐसे ही लंड सहला कर अपना पानी निकाल देता धीरे धीरे मुझे इसकी आदत पड़ गयी और एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे अपने फ़ोन पर पोर्न दिखाई तब मुझे पता चला कि इंटरनेट पर मज़े का खजाना है बस ढूंढने की जरूरत है।
अब मैं रोज देर रात तक लैपटॉप पर सेक्स स्टोरीज पड़ता और पोर्न भी देखता पर दो चार दिन ही पोर्न देखने के बाद मुझे सेक्स करने की इच्छा होने लगी अब मैं दीदी के साथ भी ज्यादा वक्त नही बिताता था बस आफिस और घर आ कर अपने रूम में बंद रात में जब दीदी नॉक करती तो खाना खाने निकलता और खा कर फिर से कमरे में बंद जब काफी दिनों तक ये ही चलता रहा तो एक दिन संडे को जब मैं देर रात तक पोर्न देख कर तीन बार हल्का हो के सुबह 11 बजे सो कर उठा और फ्रेश हो कर बाहर आया तो दीदी ड्राइंग रूम में बैठी tv देख रही थी मैं जा कर वही बैठ गया और बोला दीदी चाय पिला दो।
दीदी उठी और चाय बना कर ले आयी मुझे दे कर मेरे पास बैठ गयी और बोली संजय आजकल तुम बहोत व्यस्त रहते हो सारा दिन आफिस और फिर बस अपने कमरे में तुम मुझे भूल ही गए हो कि मैं भी घर मे हूँ सारा दिन अकेले रहते बोर हो जाती हूँ मेरा भी मन होता है किसी से बातें करूँ. ….. ये सुन कर मुझे एहसास हुआ कि मैं दीदी के साथ गलत कर रहा हूँ वो भी इंसान हैं और उन्हें भी किसी के साथ कि जरूरत है मैंने कहा हां दीदी कुछ वर्कलोड ज्यादा था लास्ट मंथ पर अब से आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा दीदी बोली मैं समझती हूं तुम्हारी निजी जिंदगी है काम है पर थोड़ा से वक़्त मुझे भी चाहिए तुम्हारा अकेले जिंदगी काटना बहोत मुश्किल होता है मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में लिया और सहलाते हुए कहा आई एम सॉरी दीदी मैं हमेशा आपके साथ हूँ और मैंने जो गलती की इसकी पेनाल्टी दे देता हूँ आज संडे को फनडे बना कर।
वो मेरी ओर देखने लगी उनकी कुछ समझ में नहीं आया मैंने कहा जल्दी से तैयार हो जाओ आज तुम्हे दिल्ली घुमाते हैं… दीदी खुशी से बोली सच हम घूमने जाएंगे मैंने कहा हां मेरी दीदी जी आज हम घूमने जाएंगे और आज देर रात तक मैं सिर्फ आपके साथ रहूंगा कोई काम नही दीदी के गोर मुखड़े की रौनक बढ़ गयी ये सुन कर सुर वो अपने रूम में चली गयी मैं भी अपने रूम में आया और ब्लू जीन्स व्हाइट शर्ट निकाली बॉडी पर बॉडी स्प्रे डाल कर कपड़े पहने ब्लैक शूज और काला चश्मा…. शक्ल सूरत तो अच्छी थी ही कुल मिला कर मैं जँच रहा था मैं तैयार हो कर बाहर आ गया दीदी के रूम का दरवाजा अब भी बंद था मैं सोफे पर बैठ कर उनका इंतजार करने लगा और जब 10 मिनट तक वो नही आई तो मैंने आवाज़ दी उन्हें….. दीदी कितनी देर लगेगी अब चलो भी दीदी की आवाज़ आयी बस 2 मिनट पर लेडीज का 2 मिनट तो 15 मिनट से पहले होता नहीं और फिर दरवाजा खुला दीदी बाहर आई मैं उन्हें देखता ही रह गया अब तक दीदी घर मे नार्मल से कपड़ो में रहती थी बिना मेकअप के पर पहली बार उन्हें थोड़ा सा सजा सँवरा हुआ देख रहा था मेरा मुह खुला रह गया दीदी ने आसमानी साड़ी पहनी थी और एकदम कसा हुआ ब्लाउज और आंखों में हल्का सा काजल और होठो पर गुलाबी लिपस्टिक कुल मिला कर वो एक कॉलेज गर्ल लग रही थीं जिसने साड़ी पहनी हो…. वो मेरी हालत देख कर हंसते हुए बोली ऐसे क्या देख रहा है पहली बार देखा क्या मुझे मैंने जैसे जागते हुए कहा नही दीदी देखा तो हजारों बार है पर अपनी शादी के दिन तुम इतनी ही खूबसूरत लग रही थी जितनी आज लग रही हो दीदी के गालों पर शर्म की लाली फैल गयी और वो थोड़ी सी उदास भी हो गईं उस शादी की बात सुन कर जिसने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी थी मुझे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और मैंने कार की चाभी उठाते हुए कहा चलें प्रिंसेस रुचि जी….
मेरी बात सुन कर वो हल्का सा मुस्कुरा दी उन्हें मुस्कुराते देख मुझे भी राहत मिली फिर हम नीचे आये और मैने कार का आगे वाला गेट खोल कर कहा आइए मैडम प्लीज मेरी इस हरकत पर दीदी खिलखिला कर हंस पड़ी और बैठ गईं मैं घूम कर ड्राइविंग सीट पर आया और कार स्टार्ट की।
पर इतने सब मे ही मुझे दीदी की ओर एक खिंचाव सा होने लगा था और मन मे सोचने लगा कि दीदी कितनी खूबसूरत और अकेली हैं क्या उन कहानियों में बने हुए रिश्ते ऐसी ही स्थितियों में बनते होंगे ये सब सोचते हुए मैं कार चलाते हुए एक मॉल की पार्किंग में कार लगा कर कर बंद कर के बाहर आया और गेट खोल कर बोला प्लीज कम मैडम दीदी बाहर आईं और बोली इतना खुश मत कर मुझे संजू जब भी ज्यादा खुश होती हूँ भगवान कोई न कोई दुख डाल देता है मैंने कहा दीदी अब ये सब बातें भूल भी जाओ जो होना था हुआ पर अब ऐसा कुछ नही होने वाला अब से तुम्हारी जिंदगी सिर्फ खुशियों से भरी होगी और मैं दीदी का हाथ थामे हुए उन्हें ले कर मॉल के अंदर आ गया दीदी बोली यहाँ कहाँ घुमाने लाये हो मैंने कहा सब से पहले आज मैं आपको शॉपिंग करवाउँगा तो दीदी बोली कपड़े तो हैं मेरे पास मैंने कहा अब आप गांव में नही दिल्ली में हो कपड़े भी उसी हिसाब से होने चाहिए दीदी ने फिर कहा फालतू पैसे मत खर्च करो संजय ये सुन कर मेरा मूड खराब हो गया और मैंने उन्हें घूरते हुए कहा चलो वापस घर चलते हैं….. दीदी समझ गयी कि उनकी टोका टाकी से मेरा मूड ऑफ हो रहा है तो बोली अच्छा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो…. फिर मैं दीदी को ले कर लेडीज सेक्शन में आया और सब से पहले जीन्स और टॉप निकलवाये काउंटर पर मौजूद सेल्स गर्ल ने नए फैशन की ढेर सारी जीन्स और टॉप का ढेर लगा दिया मैंने कहा पसन्द कर लो….. दीदी ने कहा जीन्स तो मैं नही पहनती पर उनकी आंखों में एक लालच नजर आ रहा था उन कपड़ो को देख कर मैंने कहा अब से पहनना शुरू कर दो और फिर दीदी ने दो जीन्स और दो टॉप सेलेक्ट कर लिये फिर मैंने सेल्स गर्ल को कहा नाइटी दिखाओ तो उसने कई सारी सिंपल सी नाइटी निकाल दी मैंने कहा कुछ स्पेशल दिखाओ तो उसने सिल्की कपड़े में कुछ खूबसूरत सी नाइटी दिखाई मैंने उनमें से एक ब्लैक और एक रेड कलर की पसन्द कर ली वो सब पैक करवा कर पेमेंट कर के आगे बढ़े तो दीदी ने कहा संजय मेरे पास अंडर गारमेंट्स नही हैं गाँव मे तो पहनती ही नही थी ना कोई ला कर देता था फिर मैं उन्हें ले कर अंडर गारमेंट्स वाले सेक्शन में गया वहा सेल्स गर्ल एक 35 साल की लेडी थी मैंने कहा इनके लिए अंडर गारमेंट्स चाहिए तो उसने साइज पूछा दीदी ने मुह नीचे झुका के धीरे से बताया 34 साइज की ब्रा और 36 कि पैंटी उसने नार्मल कॉटन की ब्रा पैंटी दिखाई और दीदी ने दो ब्रा और दो पैंटी ले ली मैंने कहा कुछ और दिखाइए कॉस्टली तो उसने नेट की कुछ फैंसी ब्रा पैंटी दिखाई जिनमे सिर्फ नाम का कपड़ा था उसमें से एक रेड कलर का सेट मुझे बहोत अच्छा लगा मैं उसे उठा कर देखने लगा तो वो लेडी बोली भाई साहब ये ले लीजिए ये एकदम लेटेस्ट है और भाभी जी पर खूब जंचेगा…. वो हमें पति पत्नी समझ रही थी दीदी ने हैरानी से मेरी ओर देखा और उसे टोकने के लिए मुह खोला ही था कि मैंने उसे वो सब पैक करने को बोला और दीदी को चुप रहने का इशारा किया दीदी ने धीरे से फुसफुसा कर मेरे कान में कहा कि ये क्यों ले रहे ही मेरे किस काम की ये मैंने कहा पहनने की चीज है तो पहनने के काम ही आएगी और पेमेंट कर के आगे बढ़ गया फिर हम कॉस्मेटिक काउंटर पर गए और मैने ढेर सारा मेकअप का सामान लैक्मे की लिपस्टिक नेल पॉलिश काजल etc खरीदा दीदी ने एक दो बार मुझे मना करने की कोशिश की पर मैंने उनकी एक ना सुनी फिर मैं इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर गया और एक बढ़िया सा samsung का स्मार्ट फ़ोन 22000 रुपये का खरीदा और सारा सामान ले कर हम वापस कार में आ गए लगभग 40000 की शॉपिंग हो गयी थी….. कार में बैठते ही दीदी बोली ये सब फालतू का सामान ले कर क्यों पैसे फूंके मैं इसका क्या करूंगी विधवा औरतों को साज श्रृंगार की जरूरत नही होती….. मैंने दो पल के लिए दीदी की आंखों में देखा मेरे चेहरे पर थोड़ी सख्ती थी दीदी ज्यादा देर मुझसे नजर नही मिला पाई और नजरें झुका ली।
मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पर रखा और उनके हाथों को अपने हाथ मे ले कर कहा दीदी मैं चाहता हूं तुम अपनी लाइफ से ये 4 साल डिलीट कर दो ये समझ लो कि तुम्हारी शादी कभी हुई ही नही ये बस एक बुरा हादसा था तुम्हारे जीवन का और बुरे हादसे याद नही रखे जाते….. मेरी बात सुन कर उन्होंने वापस मेरी ओर देखा और इस बार मैं बड़े प्यार से उनकी गहरी आंखों में झांक कर उन्हें समझाते हुए बोला दीदी अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है सिर्फ 28 साल और आप सच मे एक कॉलेज गर्ल सी ही लगती हो अगर आप अच्छे से ड्रेस पहन कर मेकअप कर के निकलो तो लड़को की लाइन लग जायेगी आपके पीछे…. ये सुन कर दीदी हल्के से मुस्कुरा दी….. मैंने कहा दीदी वो सब अब भूल जाओ और नई जिंदगी को अपने हिसाब से जियो ये शादी विधवा पति की मौत इस सब को दिमाग से निकाल फेंको खुश रहो और मैं चाहता हूं कि आप दोबारा शादी कर लो….. दीदी ने थोड़ा सा गंभीर होते हुए कहा मुझे पता है तू सारी जिंदगी मेरा बोझ नहीं उठा सकता पर मैं अब दोबारा शादी नहीं करूंगी मेरा पहला अनुभव इतना खराब था कि मुझे शादी शब्द से ही चिढ़ हो गयी है….. मैंने कहा दीदी दोबारा ऐसा मत कहना कि आप बोझ हो मुझ पर… मैं सारी जिंदगी आपको इतनी ही खुशी और प्यार से अपने साथ रखूंगा पर मैं ये सिर्फ इसलिए कह रहा था कि जिंदगी काटी तो कैसे भी जा सकती है पर जीने के लिए एक साथी या लाइफ पार्टनर की जरूरत तो होती ही है…. दीदी बोली तुझे जरूरत नही है लाइफ पार्टनर की तू कर ले शादी मैंने हंस कर कहा कोई आप जैसी खूबसूरत लड़की मिले तो सही शादी भी कर लूंगा पर लड़की एकदम आप जैसी ही चाहिए…… दीदी बोली क्यों मेरे जैसी क्यों चाहिए…. पता नही कैसे मेरे मुह से निकल गया…. क्यों कि आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो दीदी आपसे बहोत प्यार करता हूँ मैं….. पर इतना बोलते ही मुझे लगा कि ये कुछ ज्यादा हो गया और मैंने कार स्टार्ट कर के पार्किंग से निकाली और ड्राइव करते हुए एक pvr आ गया कार फिर से पार्किंग में लगा कर हम बाहर आये और मैंने दो टिकट ले ली दोपहर का शो था और ज्यादा भीड़ नही थी….. जिस्म2 का शो था फिर मैंने पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक लिया और हम अंदर चले गए….. एक कार्नर सीट पर जा कर बैठे और थोड़ी देर में ही फ़िल्म शुरू हो गयी…. मैंने पॉपकॉर्न का बॉक्स दीदी की गोद मे रख दिया और फ़िल्म देखने लगे….. मैं बीच बीच मे दीदी की गोद मे रखे हुए बॉक्स में से पॉपकॉर्न निकाल रहा था और ऐसे में ही एक बार मेरा हाथ अंधेरे में उनके ब्लाउज में कसे हुए बूब पर लग गया मैंने फौरन सम्हल कर नीचे देख कर बॉक्स में हाथ डाला और दीदी को सॉरी बोली दीदी बोली कोई नही अंधेरे में हो जाता है….. पॉपकॉर्न खत्म होने पर मैंने दीदी का हाथ अपने हाथ मे ले लिया और हम फ़िल्म देखने लगे फ़िल्म में दो तीन काफी गरम सीन थे पर हमने उस पर कोई बात किये बिना चुपचाप पूरी फ़िल्म देखी और फिर जब फ़िल्म खत्म हुई तो उस टाइम मेरा लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा था मुझे दीदी एकदम सनी लियोन नजर आ रही थी मैंने हॉल में ही अपने खड़े लंड को किसी तरह पैंट में एडजस्ट किया और हम बाहर आ गए….. पर मेरे सीट से खड़े होते ही दीदी ने मेरा हाथ कस के अपने हाथ मे पकड़ लिया और वैसे ही हाथ पकड़े हुए बाहर आई हम पार्किंग तक ऐसे ही हाथों में हाथ डाल कर आये और मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ मूवी देख कर निकला हूँ….. फिर हम कार में बैठे शाम के साढ़े पांच बजे थे मैंने कार सीधा इंडिया गेट की ओर बढ़ा दी और वहां एक जगह साइड में लगा कर हम बाहर आये मैंने दीदी को बताया कि ये इंडिया गेट है…. वो काफी खुश थीं वहां की रौनक देख कर फिर मैं एक स्टाल से icecream ले आया और हम वही एक खाली जगह पर बैठ कर icecream के मज़े लेते हुए बातें करने लगे…. मैंने जो फ़ोन खरीदा था वो मेरे जेब मे था icecream खत्म होते ही मैंने दीदी से उनका फ़ोन मांगा उन्होंने पर्स से फ़ोन निकाल कर मुझे दिया ये एक पुराना की पैड वाला साधारण फोन था मैंने उसका सिम निकाल कर तोड़ कर फेंक दिया और उस नये फ़ोन में एक जियो सिम जो मैंने फ़ोन के साथ ही लिया था डाल कर दीदी को दिया और बोला ये लीजिए मैडम जी एक छोटा सा गिफ्ट मेरी ओर से दीदी के चेहरे खुशी से भरी हुई मुस्कान थी मैंने कहा दीदी अब से आप घर पर बोर मत होना ये स्मार्ट फोन हर अकेले इंसान का सब से अच्छा दोस्त है….. दीदी के पास शादी से पहले कुछ टाइम तक स्मार्ट फ़ोन था तो उन्हें थोड़ी बहुत नॉलेज थी इंटरनेट के बारे में…. बाकी वो पढ़ी लिखी तो थी ही….. दीदी बोली इतना सब खर्चा कर के कितने अहसान करेगा मुझ पर पहले ही तेरे इतने अहसान है मुझ पर ये सुन कर मेरे चेहरे पर फिर गुस्सा आ गया और मैंने झुंझलाते हुए कहा दीदी आप ये एक ही सड़ा हुआ डायलॉग क्यों बोल रही हो बार बार बहन हो आप मेरी मेरा आप पर और आप का मुझ पर पूरा अधिकार है…. और इस दुनिया मे हम दोनों का एक दूसरे के सिवा कोई नही है मुझे खुशी मिलती है मैं आपके लिए इस से भी ज्यादा बहोत कुछ करना चाहता हूं आप एक बार बोलो तो सही आप क्या चाहती हो मैं आपकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ जान भी दे सकता हूँ दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे उन्होंने मेरे कंधे पर सर रख दिया और डबडबायी आंखों से मुझे देखते हुए बोली संजू इतना प्यार करता है तू मुझे मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर उन्हें प्यार से सहलाते हुए कहा हां दीदी आप सोच नही सकती उस से भी ज्यादा प्यार करता हूँ मैं आपको….. फिर हम काफी देर तक वहां बैठे बातें करते रहे और अब दीदी काफी हल्की और खुश नजर आ रही थीं बातों बातों में उन्होंने कहा संजय मैं पढ़ना चाहती हूं मैंने कहा इसमे क्या मुश्किल है नेक्स्ट सेशन शुरू होते ही आपका एडमिशन करवा दूंगा कॉलेज में दीदी ने खुशी से कहा तुझे मेरे पढ़ने से कोई प्रॉब्लम नही मैंने कहा एकदम नही ये तो अच्छी बात है कि आप पढ़ना चाहती हो…. दीदी बोली हां सोच रही हूं कि जैसा तुम कह रहे हो नये सिरे से जिंदगी शुरू करूँ….. शाम के साढ़े सात बजे थे अंधेरा हो चुका था मैंने कहा अब चलते हैं दीदी भूख लगी है फिर हम कार में आये और मैंने कार स्टार्ट की और एक अच्छे से रेस्टोरेंट में लगाई दीदी बोली सारा खर्चा आज ही कर लेगा क्या…. मैंने कहा इतना सारा पैसा है क्या करूँगा सर पे ले के थोड़े घूमना है खर्च करने के लिए ही है फिर हम रेस्टोरेंट में आये और आज मैंने दीदी से बोल दिया कि आर्डर आप को ही देना है आप जो खिलाओगी खा लूंगा दीदी ने खाना आर्डर किया हमने खाना खाया और खा पी कर बाहर आये कार में बैठे मैंने कहा और बताओ दीदी…. अब कहाँ चले वो बोली अब बस सीधा घर चलो मैंने कहा ठीक है और फिर हम घर आ गए….. मैं कार से सारे सामान निकाल कर लाया और फिर हम ऊपर अपने फ्लैट में आ गए चाभी मेरी जेब मे थी और मेरे हाथों में सामान था मैंने कहा दीदी मेरी जेब से चाभी निकालो तो दीदी ने मेरे जेब मे हाथ डाला और संयोग से मेरा लंड जो मूवी देखने के बाद से लगातार खड़ा ही था उसे मैंने घुमा कर उसी साइड में किया हुआ था जिस तरफ की जेब मे चाभी थी दीदी ने तेजी में हाथ अंदर डाला और चाभी पकड़ने के लिए उंगलियां घुमाई जेब के अंदर और उनकी उंगलियां चाभी से पहले मेरे लंड पर टकराई….. और कुछ समझने से पहले उन्होंने अच्छे से हाथ से टटोल कर लंड की सख्ती महसूस की ये इतनी जल्दी में हुआ कि उन्हें और मुझे कुछ समझ ही नही आया और जब उन्हें समझ आया कि वो क्या चीज है तो उन्होंने जल्दी से हाथ बाहर निकाल लिया मुझे भी समझ नही आया क्या करूँ तो मैं एकदम से बोला दीदी चाभी निकालो ना क्या कर रही हो उन्होंने एक पल सोचा और फिर से हाथ मेरी जेब मे घुसाया पर ना चाहते हुए भी उनका हाथ मेरे सख्त हुए सुपाड़े को टच करता हुआ ही अंदर गया और उन्होंने एक बार हाथ घुमा कर अच्छे से चाभी को टटोला पर वो रुमाल और फ़ोन के बीच मे उलझी पड़ी थी उन्होंने चाभी पकड़ कर खींची और एक बार फिर से उनकी उंगलियां लंड की सख्ती को महसूस करती हुई बाहर आ गईं….. उन्होंने जल्दी से चाभी लगा कर दरवाजा खोला और अंदर चली गईं मुझे तो इस घटना से बड़ा मजा आया….. मैं भी अंदर आ कर सारा सामान टेबल पर रख कर बोला अब बताओ दीदी कैसा रहा आज का दिन दीदी मेरी ओर देख कर बोली मज़ा तो खूब आया आज इतने दिन बाद घर से बाहर निकल कर मैंने कहा कल से हम रोज शाम को पास वाले पार्क तक घूमने जाया करेंगे और हर संडे को मूवी और डिनर के लिए दीदी एकदम खुश हो कर बोली कितना खयाल है तुझे मेरा….. मैंने थोड़ा शरारती लहजे में कहा अब मेरी कोई गर्ल फ्रेंड तो है नही जिसका ख्याल रखूं ले दे कर एक आप ही हो मेरा परिवार मेरी दोस्त मेरी अपनी आप का भी ना रखूं तो क्या पड़ोसियों का ख्याल रखूं…. दीदी हंस कर बोली बातें बनाना खूब सीख गया है अब तू मैंने कहा मैनेजर हूँ 20 लोगों का स्टाफ सम्हालता हूँ अगर बातें भी नही बनाऊंगा तो कैसे काम चलेगा….. फिर मैं अपने रूम में गया और चेंज कर के बाहर आया मैंने हाफ पैंट और बनियान पहनी थी और मेरा लंड अब कुछ नरम पड़ा था फिर भी इतना सख्त था कि हाफ पैंट में उभार बना हुआ था मैं सोफे पर बैठ कर tv ऑन किया और क्रिकेट मैच देखने लगा आवाज़ सुन कर दीदी भी बाहर आ गयी उन्होंने अब भी वही साड़ी पहन रखी थी मैंने कहा दीदी चेंज तो कर लो अब तो नाइटी भी है तुम्हारे पास दीदी ने कहा अभी पहनू क्या मैंने कहा अभी मत पहनो नेक्स्ट संडे जब घूमने चले तब पहनना तो बोली पागल है क्या कुछ भी….. मैंने कहा लो पागलपन की बात खुद कर रही और पागल मुझे कह रही नाइटी रात में घर मे पहनते हैं तो अभी ही पहनोगी ना दीदी हंसते हुए बोली ठीक है पहन लेती हूं मेरी टांग मत खींच मैं उठ कर दीदी के पास आया और उनका गोरा गाल पकड़ के चुटकी से खींचते हुए बोला ठीक है मेरी प्यारी बहन टांग नही गाल तो खींच लूं ना…. वो शर्मा के अंदर भाग गई और मुझे उनकी ये अदा बड़ी प्यारी लगी…. फिर 10 मिनट बाद दीदी ने दरवाजा खोला और सहमी सी बाहर आई वो नाइटी घुटनो से कुछज इंच नीचे तक ही थी और उसका कपड़ा काफी हल्का था दीदी की ब्रा का शेप साफ नजर आ रहा था ये देख कर मेरे लंड में हल्का सा करंट आया और उसने सर उठा दिया मैंने कहा क्या हुआ दीदी वो बोली ये कुछ ज्यादा ही मॉर्डन है मैंने कभी ऐसे कपड़े पहने नही मैंने कहा तो क्या हुआ ये शहर है पहली बात यहाँ तुम्हे कौन जानता है दूसरी बात घर मे सिर्फ हम दोनों हैं कौन यहां देख रहा तुम्हे तीसरी बात यहाँ सभी ऐसे ही कपड़े पहनते हैं और तुम कौन सा अभी 70 साल की हो गयी हो हाँ अगर मेरी वजह से कोई प्रोब्लम है तो अलग बात है….. इतना बोल के मैं चुप हो के उनके बोलने का इंतजार करने लगा उन्होंने सोफे पर बैठते हुए कहा बात तो ठीक है यहाँ तुम्हारे सिवा कौन है और तुम तो घर के हो तुमसे क्या….. मैंने कहा अब लग रहा है तुम उस गांव से नीकल कर शहर आ रही हो धीरे धीरे मेंटली…. दीदी मुस्कुराने लगी मेरा लंड दीदी को इस रूप में देख कर बगावत कर रहा था वैसे भी ये मेरा पोर्न देख कर मुठ मारने का वक़्त था पर मैंने खुद को और अपने लंड को समझाया कि बाद में और खड़े हो रहे लंड को हाथ से दबा के समझाने की कोशिश की पर हाथ लगने से वो और झटके मारने लगा और मुझे वो दीदी की उंगलियों की छुवन याद आ गयी मैंने उठते हुए कहा दीदी मैं बाथरूम ही के आता हूँ…. और मैं उठ कर बाथरूम आया दरवाजा बंद कर के मैंने लंड बाहर निकाला और उसे सहलाते हुए शीशे में खुद को देखा गोरा चिट्टा लंबा कद छरहरा बदन…. कोई भी लड़की आसानी से पट जाए मुझसे…. पर कभी इस बारे में सोच ही नही पाया…. और मेरी किसी लड़की के जिस्म को पाने की इच्छा प्रबल होने लगी और मैं आंखें मूंद कर लंड को हिलाते हुए मुठ मारने का आनंद लेने लगा आज कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था और लंड हिलाते हुए ही मेरे खयालो में दीदी का नाइटी में वो सुहाना रूप छा गया मुझे लगा मैं लंड हिला रहा हूँ और दीदी मुझे लंड हिलाते हुए देख रही है झटके से मैंने आंखे खोली देखा मैं तो बाथरूम में हूँ….. फिर से आंख मूंद कर दीदी के बारे में सोचते हुए लंड हिलाने लगा और मेरे खयालो में आने लगा दीदी की ब्रा के अंदर चूचियाँ कैसी होंगी दीदी की चूत कैसी होगी क्या मैं कभी दीदी को ऐसे देख पाऊंगा और तभी मेरे दिमाग मे एक खयाल आया….. अगर मैं बाथरूम में कैसे भी हिडेन कैमरा लगवा दूँ तो शायद मैं दीदी का नंगा जिस्म तो देख ही सकता हूँ और ये सोचते ही मेरे लंड से धार निकल गयी ढेर सारा माल कमोड में टपका कर मैं हाथ धो कर बाहर आ गया अब पैंट का उभार काम था……
शेष अगले भाग मेंमैं बाहर आ कर चुपचाप सोफे पर बैठ कर मैच देखने लगा….. दीदी बोली बड़ी देर लगा दी बाथरूम में मैंने कहा हां हाथ मुह धोने लगा था…. दीदी बोली अभी तो आ कर हाथ मुह धोया था आज बहुत हाथ मुह धोए जा रहा है क्या बात है…. मैंने कहा अरे अब हाथ मुह धोना भी गलत हो गया क्या दुनिया मे अब तुम मेरी टांग मत खींचो दीदी फौरन उठ कर मेरे पास आई और मेरे गाल खींच कर बोली चल ठीक है मैं भी गाल ही खींच लेती हूँ…. फिर दीदी बोली चल मैं तो सोने जा रही…. गुड नाईट मैंने कहा गुड नाईट दीदी…. और वो उठ कर अपने रूम में जाने लगी और रूम के दरवाजे पर रुकी मेरी ओर देखा और मेरी नजर तो उनकी नाइटी में झलकते चूतड़ों पर थी उसे हल्का सा भांप भी लिया उन्होंने मैंने उनके रुकते ही उनके चेहरे की ओर देखा तो वो मुस्कुरा कर बोली थैंक्स मेरे प्यारे भाई आज का दिन वाकई अच्छा था मेरे लिए मैंने हाथ उठा कर उन्हें अंगूठा दिखाते हुए thumbsup किया और कहा दीदी अब से अच्छे दिन हर रोज आएंगे और फिर कहा दीदी ऐसे सूखा सूखा थैंक्स सारा दिन तुम्हे राजकुमारी बना कर घुमाता रहा तो दीदी ने हंस कर कहा गीला वाला थैंक्स बोलना मुझे नही आता उसके लिए कोई गर्ल फ्रेंड ही बना ले और वो रूम में चली गयी मैंने अपना फ़ोन उठाया और उन्हें व्हाट्सएप्प पर एक मैसेज किया…..
दीदी कल से आप घर पर वो ही ड्रेस पहनोगी जो मैं आज लाया हूँ उन पुरानी साड़ी में अब दिखना मत मुझे…. गुड नाईट…. और सेंड कर दिया उनके कमरे से मुझे फ़ोन की मैसेज received टोन सुनाई दी और मैं tv ऑफ कर के अपने रूम में चला गया एक मिनट बाद वो मैसेज सीन हुआ और दीदी का रिप्लाई आया गुड नाईट अब सो जाओ….. और मैं फ़ोन रख कर चैन से सो गया….. हमेशा की तरह सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और दीदी जो कि हमेशा ही मुझसे पहले उठ कर नहा कर नाश्ता बना रही होती थी वो किचन में थी मैं बाहर आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया और फटाफट नहा कर टॉवल में ही बाहर आया दीदी टेबल पर नाश्ता तैयार किये बैठी थी और उन्होंने ब्लैक जीन्स और रेड टॉप पहना हुआ था बाल बांध कर एक पोनीटेल बनाई हुई थी और मेकअप के सामान का बढ़िया इस्तेमाल किया था उन्हें देख कर मेरे कदम ठिठक गए मैं उनके पास आ कर उन्हें देखते हुए मुस्कुरा कर गुड मोर्निंग बोला और दीदी ने भी स्माइल करते हुए मुझे रिप्लाई दिया आठ बज रहे थे और एक घण्टा मुझे आफिस पहुंचने में लगना था तो मैं अपने रूम में आ कर कपड़े पहन कर शूज़ पहन के तैयार हुआ और अपना लैपटॉप ले कर नाश्ते के टेबल पर आ गया….. मुझे कुछ मेल चेक करने थे तो मैं सैंडविच कुतरते हुए लैपटॉप ऑन कर के काम भी करने लगा…. तभी दीदी बोली संजू मेरी ड्रेस कैसी लग रही है….. मैंने एकदम झक्कास दीदी मैं तो देख के पहचान ही नही पाया कि ये वही लड़की है जिसे मैं गांव से ले कर आया था दीदी फिर से मुस्कुराते हुए बोली है तो वही लड़की पर अब इस लड़की को शहर की हवा लग गयी है मैंने कहा दीदी अब इस हवा को लगी रहने देना प्लीज ऐसे आप बहोत अच्छी लग रही हो और आपको खुश देख कर मैं भी बहोत खुश हूं….. फिर मैंने नाश्ता करते हुए मेल्स चेक किया और दीदी से थोड़ी बहोत बातचीत भी करता रहा…… फिर मैं नाश्ता खत्म कर के लैपटॉप उठा कर कार की चाभी ले के दीदी को bye बोल कर बाहर आ गया और दीदी दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयी मैंने सीढियां उतरते हुए कहा दीदी शाम को तैयार रहना मैं जल्दी आ जाऊंगा….. और मैने नीचे आ कर कार निकाली और आफिस निकल गया ।
आफिस में आज मेरा मन खास लग नहीं रहा था कल से आज तक कि सारी घटनाएं मेरे जेहन में चल रही थीं तभी मेरे ब्रांच का कैशियर मेरे केबिन में आया और गुड मॉर्निंग बोल कर बैठ गया फिर वो बोला सर आज मेरा बर्थडे है और मैंने शाम को छोटी सी पार्टी रखी है घर पर अगर आप भी आते तो मुझे बहोत अच्छा लगता…. मैंने कहा ठीक है पर एक काम करना तुम शाम को 5 बजे मेरे साथ निकलना और मुझे 6 तक फ्री कर देना क्यों कि मुझे 7 बजे दीदी के साथ कही जाना है और मैं लेट हुआ तो वो गुस्सा होंगी…… फिर मैंने उस से कहा यार संजीव एक काम है मुझे वो बोला सर आदेश करिये मैंने कहा मुझे अपने घर मे कैमरे लगवाने हैं दीदी सारा दिन घर मे अकेली रहती हैं और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो वो बोला एकदम सही आईडिया है सर मैं एक बंदे को जानता हूँ उसकी शॉप पास में ही है मैं उसे बुलवा लेता हूँ वो आपका काम कर देगा आप अपनी requirement उसे बता देना बाकी वो समझदार है…. संजीव भी खुश था कि आज के दिन उसे एक घंटे पहले छुट्टी मिल रही थी….. फिर मैंने दोपहर में कॉल की दीदी को वो बस खाना खा कर लेटी थी मेरी कॉल देख कर उन्होंने पूछा कि आज मेरी याद कैसे आ गयी मैंने कहा बस कल आपके साथ इतना अच्छा वक्त गुजरा की सुबह से ही आपकी याद आ रही थी दीदी ने कहा है ठीक है शाम को टाइम पर आ जाना फिर से वक़्त साथ गुजार लेंगे…. दीदी में मुझे लंच के बारे में पूछा कि मैंने खाना खाया या नही मैं दोपहर को पास की ही एक कैंटीन से टिफ़िन मंगवा लेता था मैंने बताया कि लंच आ गया है बस करने जा रहा हूँ फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैंने लंच किया शाम को संजीव 4:40 पर ही मेरे केबिन में आ गया और बोला सर चलें मैंने कहा ठीक है चलो मैं उसके साथ उसके घर आया वहां उसकी बीवी माँ और बच्चे मिले मैं उनसे मिला काफी दिनों बाद किसी परिवार से मिल कर अच्छा लग रहा था उसने मुझे सब से मिलवाया फिर अपने रूम में ले गया बिठाया और बोला सर आपका इंतजाम जल्दी से कर देता हूँ आपको 5 बजे निकलना है…. मैंने कहा ठीक है मुझे लगा वो खाने को कह रहा होगा पर वो बाहर गया और एक व्हिस्की की बोतल ले आया और उसकी बीवी ग्लास और तले हुए काजू प्लेट में रख गयी मैंने कहा ये सब क्या है तो वो बोला सर प्लीज मेरे साथ बस थोड़ी सी मैंने कहा पर मैं नही पीता तो वो बोला सर थोड़ी सी सिर्फ एक pag मैंने फिर से कहा यार मैंने कभी नही पी पहले तो वो बोला सर कैसे मैनेजर हैं आप एक pag लेने में इतना डर रहे हैं और ये सुनते ही मुझे लगा जैसे वो मुझे चैलेंज कर रहा है मैंने ताव में बोल दिया ठीक है बनाओ फिर…. उसने खुश हो के दो तीन बार मुझे थैंक यू बोला अजर बोतल खोल के दो pag बना लिए और एक मुझे दे कर चियर्स किया मैंने एक बार ग्लास में पड़ी हुआ दारू को देखा और मन कड़ा कर के उसे मुह से लगाया उसकी बदबू से लगा कि मुझे उल्टी हो जाएगी पर मैंने सांस रोक ली और गिलास मुह से लगा कर एक सांस में गटक गया वो मेरे तरीके से समझ गया कि मैं पहली बार पी रहा हूँ उसने फौरन मुझे काजू दिये वो मुह में डाल के मेरे मुह के स्वाद कुछ सही हुआ और मैं काजू खाते हुए उस से बातें करने लगा 5 मिनट बाद उसने पूछा सर कोई प्रॉब्लम मैंने कहा नही तो एकदम नही पर मेरे दिमाग में काफी हल्कापन आ रहा था जैसे दुनिया बड़ी रंगीन है और मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था संजीव ने मुझसे पूछे बिना दोबारा ग्लास भर के दो और pag बना लिए और मेरा ग्लास मुझे पकड़ा के बोला सर बस ये लास्ट फिर खाना लगवाता हूं…. मैंने भी सोचे समझे बिना ग्लास पकड़ लिया और एक बार फिर हिम्मत कर उसे भी किसी तरह गले से उतार लिया… फिर थोड़ी देर में उसकी बीवी ने खाना लगाया अब मुझे नशा से होने लगा था और संजीव की बीवी जिसे मैंने पहले ठीक से देखा भी नही था वो अब मुझे एक मस्त औरत दिखने लगी थी वो जब खाना परोसने झुकती तो उसके ब्लाउज में कसे हुए मम्मे देख कर मेरा मन डोलने लगा था जैसे तैसे खुद पर काबू किये हुए किसी तरह थोड़ा सा खाना खाया और फिर संजीव से बोला यार कोई कैब बुला दो मैं ड्राइव कर के घर नही जा पाऊंगा….. संजीव में कही कॉल कर के एक टैक्सी बुला दी और मुझे बिठा कर घर के लिए रवाना कर दिया…. मैं घर से थोड़ी ही दूर था कि दीदी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव को दीदी ने पूछा कहाँ हो मैंने कहा बस 10 मिनट में पहुच रहा फिर दीदी ने कहा मैं खाना बना लेती हूं तब तक मैने फौरन मना किया कि खाना मत बनाना मैं खाना खा चुका हूं और काल काट दी फिर मैं घर पहुंचा मुझे ठीक ठा seeक नशा हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था मैंने ड्राइवर को किराया दे कर भेज दिया और ऊपर आया घंटी बजाई दीदी ने दरवाजा खोला और मैंने उन्हें मुस्कुरा कंसर गुड इवनिंग बोला दीदी ने इस टाइम रेड साड़ी पहनी हुई थी…. और हल्का सा मेकअप किया हुआ था मैं अंदर आया और सोफे पर बैठ गया मैंने कहा दीदी कहाँ की तैयारी है बहोत सुंदर लग रही हो तो दीदी हंसते हुए बोली भूल गया शाम को हमे घूमने जाना था… मैंने कहा ओह्ह हां कहा तो था ठीक है मैं कपड़े बदल लूं फिर चलते है और मैं अपने कमरे में आ कर पंत4 शर्ट निकाल कर बाथरूम में घुस गया हाथ मुह धो कर मैंने एक लोअर और टी शर्ट पहन ली और स्लीपर पहन कर बाहर आ गया…. मैंने अपना पर्स मोबाइल और घर की चाभी जेब मे डाल ली और उसी वक़्त मुझे कल दरवाजे पर जेब से चाभी निकालने वाली बार याद आयी और मेरे दिमाग मे खुराफात सूझने लगी…. मैंने कहा चलो दीदी फिर हम बाहर आये और मैंने गेट लॉक कर के चाभी जेब मे डाल ली और फिर हम बिल्डिंग से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अच्छे से मेरा हाथ पकड़ कर साथ चलने लगी….. मैंने चलते चलते कहा दीदी कल माल में जब आपके अंडरगार्मेंट्स खरीद रहे थे वो लेडी आपको भाभी जी क्यों बोल रही थी… दीदी बोली लगता है वो हमें पति पत्नी समझ रही थी….. मैंने दीदी को छेड़ते हुए कहा ऐसा लगता है क्या दीदी बोली मैं क्या जानू….. फिर हम ऐसे ही बातें करते हुए पार्क में आ गए ये काफी बड़ा पार्क था मैं रोज आफिस जाते हुए इस पार्क के सामने से गुजरता था पर कभी अंदर नही गया था….. अंदर एक पक्की सड़क पार्क के पिछले हिस्से तक गयी थी और दोनों ओर पेड़ लगे हुए थे कही कही सड़क के किनारे पत्थर के बेंच लगी हुई थी और थोड़ी थोड़ी दूर पर लाइट्स भी लगी हुई थी….. कुछ लोग नजर आ रहे थे ज्यादातर कपल्स ही थे जो एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बैठे हुए थे कुछ पेड़ों के नीचे कुछ बेंच पर मैं और दीदी पहली बार आये थे इस पार्क में तो मैंने सोचा पीछे तक घूम के पूरा पार्क देखते हैं तो हम चलते चले गए काफी आगे जाने पर पार्क एकदम सुनसान था और हम चुपचाप चले जा रहे थे तभी मेरे कान में कोई आवाज़ आयी मैंने उधर देखा तो एक 20 साल की लड़की और एक 22-23 साल का लड़का सड़क से थोड़ा हट के एक पेड़ के नीचे आपस मे लिपटे हुए खड़े थे…. लड़की की सलवार नीचे सरकी हुई थी और लड़का शायद उसे खड़े खड़े चोद रहा था वो सीन देख के मैं एक पल के ठिठक से गया दीदी की नजर उस ओर गयी कुछ सेकेंड्स तक वो भी उन्हें देखती रही तभी उस लड़के का ध्यान हमारी ओर गया तो उसने थोड़ा सा शर्मा कर कहा भाई और आगे चले जाओ वहां एकदम खाली है कोई नही होगा….. दीदी ने फौरन मुझे हाथ से खींचते हुए आगे चलना शुरू किया मैं भी उनके साथ चल दिया….. पर चार पांच कदम चलने के बाद मैंने फिर से उस ओर मुड़ कर देखा और मेरे साथ ही दीदी ने भी देखा वो लड़का अब तेज तेज कमर हिलाते हुए लड़की को चोद रहा था… हम अब आगे आ चुके थे और पेड़ो की वजह से वो लोग हमें दिखने बन्द हो गए थोड़ा और आगे पहुंचे तो देखा वहां पार्क की पिछली बाउंडरी थी फिर हम वही एक बेंच पर बैठ गए एकदम शान्त वातावरण था हल्की हवा चल रही थी…. मैं और दीदी एकदम पास बैठे थे….. हमारे हाथ अब भी एक दूसरे को पकड़े हुए थे मैंने कहा शहर के लोग कही भी शुरू रहते हैं…. कोई शर्म नहीं इन्हें दीदी ने कोई जवाब नही दिया वो नीचे देख रही थीं…. मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे नही मालूम था यहां ये सब देखने को मिलेगा दीदी ने कहा उसमे तेरी क्या गलती है और उन्होंने मेरी ओर देखा फिर नाक से तेजी से सांस लेते हुए कुछ सूंघने की कोशिश करने लगी और फिर उन्होंने पूछा तूने शराब पी है क्या…. मैंने उन्हें बताया कि आज मेरे स्टाफ की बर्थडे पार्टी थी और वहां कैसे उन्होंने जिद कर के मुझे थोड़ी सी पिला दी….. दीदी ने कहा संजू शराब की आदत मत डालना कभी मैंने इस शराब की वजह से कितने दुख उठाये हैं तू नही जानता मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो मैं कभी इतनी नही पियूँगा की आप को कोई तकलीफ हो…. फिर मैंने कहा दीदी अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं कभी कभी एक दो pag घर पर ही ले लिया करूँ…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा ठीक है पर वादा कर तू कभी घर से बाहर नही पियेगा घर पर कम से कम मैं नजर तो रखूंगी की कितनी पी रहा है वैसे ना ही पी तो अच्छा है ये कोई अच्छी चीज नही मैंने कहा दीदी मैं कौन सा बेवड़ो जैसे पीने को कह रहा हूँ आजकल तो थोड़ा बहोत सब पीते हैं… दीदी बोली देख संजू तू पढ़ा लिखा है समझदार है अपना अच्छा बुरा खुद समझता है मैं तुझे किसी चीज के लिए रोक टोक तो नही सकती तेरी अपनी जिन्दगी है जैसे चाहे जी पर इतना याद रखना अब तेरे सिवा मेरा कोई नही इस दुनिया मे और तुझे नहीं खो सकती किसी भी कीमत पर ऐसा कहते हुए दीदी के हाथों की पकड़ मेरे हाथों पर सख्त हो गयी थी…. मैंने दूसरे हाथ से दीदी की ठुड्डी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर किया उनकी आंखों में आंसू थे ये देख कर मेरी आंखों भी भर आयी और मैंने दीदी को कंधों से पकड़ कर अपने गले से लगा लिया और कहा दीदी मैं कभी तुम्हारा दिल नही दुखाऊंगा और आपको इतना प्यार दूंगा की आपको किसी कमी का अहसास नहीं होगा दीदी ये सुन कर भावुक हो गईं और मुझे अपनी बाहों में कस लिया….. एक तो शराब का नशा उस पर अभी अभी देखा हुआ वो लाइव सेक्स सीन और दीदी का हसीन बदन मेरी बाहों में मैं बहकने लगा था और मेरे हाथ दीदी की पीठ पर रेंगने लगे और ब्लाउज के नीचे नंगी पीठ पर घूमने लगे….. एक मिनट तक हम ऐसे ही गले लगे रहे दीदी का पता नही पर मुझे ऐसा लग रहा था वक़्त यही रुक जाए और दीदी बस ऐसे ही मेरी बाहों में रहे हमेशा…. फिर दीदी ने थोड़ा कसमसा कर अब छोड़ भी मैंने अलग हो कर दीदी को देखा और धीरे से love you दीदी….. दीदी ने भी मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर बोली love you to मेरे प्यारे भाई….. हमे यहां बैठे 5 मिनट हुए थे मैंने कहा अब वापस चलें दीदी बोली ठीक है और हम उठ कर वापस चल दिये….. दो मिनट में हम फिर से उस जगह को क्रॉस कर रहे थे जहां वो जोड़ा लगा हुआ था और हम दोनों की नजर उधर ही थी पर अब वो वहां नही थे…. मैंने कहा लगता है चले गए वो लोग तो दीदी हड़बड़ा कर सामने देखने लगी….. फिर हम पार्क से बाहर आये और रास्ते मे एक होटल से मैंने खाना पैक करवा लिया दीदी के लिए मैं तो खा ही चुका था और और हम घर आ गए मेरे दोनों हाथों में खाने के पैकेट थे और जब हम घर के दरवाजे पर पहुंचे तो मैंने कहा दीदी चाभी निकालो दीदी के एक पल के लिए मेरी नजरो में देखा फिर मेरी जेब मे हाथ डाला आज मैंने लंड को सेट नही किया था वो लोअर में फ्री नीचे को लटक रहा था….. आज ना मैंने बताया ना दीदी ने पूछा कि चाभी किस जेब मे है और वो दाईं ओर खड़ी थी तो उसी जेब मे हाथ डाल दिया पर चाभी बायीं जेब मे थी… उन्होंने हाथ डाल कर जेब मे टटोला चाभी थी ही नही तो मिलती कैसे और इस टटोलने के चक्कर मे उनकी उंगलियां एक बार फिर मेरे सख्त सुपाड़े को छू ही गईं…. पर उन्होंने बड़े आराम से उसे टच करते हुए जेब मे अच्छे से हाथ घुमाया और बोली चाभी नहीं है मैंने कहा शायद दूसरी जेब मे होगी तो उन्होंने मेरे सामने आ कर दूसरी जेब मे हाथ डाला थोड़ा झटके से और इस बार भी उनका हाथ मेरे लंड को छू गया एक बार तो मुझे लगा दीदी जान बूझ कर ऐसे टच कर रही क्या फिर मैंने इस खयाल को मन से निकाल दिया दीदी ने चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए मैंने उनका खाना टेबल पर रख5 और tv खोल ली और सोफे पर बैठ कर tv देखने लगा….. दीदी अपने रूम में गई और 5 मिनट बाद नाइटी में बाहर आई और उन्हें देख कर ही मेरा लंड गरम हो कर सर उठाने लगा वो किचन में गयी और अपना खाना प्लेट में लगा कर वही ले आयी और मेरे नजर उनके गोल कसे हुए चूतड़ों पर बार बार जा रही थी….. मैंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे छिपाया हुआ था ताकि दीदी को पता न चले कि वो खड़ा है…. दीदी मेरे साइड में आ कर बैठ गयी और खाना खाने लगी…. मैंने चार रोटियां पैक कराई थी और दीदी ने कभी 3 से ज्यादा खाई नही इतनी ही इनकी खुराक थी दीदी बोली खाना ज्यादा है अगर भूख लग रही हो तो थोड़ा सा ले लो….. मैंने कहा आप खा लो जो बचेगा मैं खा लूंगा दीदी तुनक कर बोली अरे वाह तू बचा खुचा क्यों खायेगा और उन्होंने रोटी तोड़ कर सब्जी लगा कर कहा मुह खोलो तो मैंने मुह खोल दिया और उन्होंने मुझे खिला दिया….. फिर वो ऐसे ही मुझे भी खिलाते हुए खाने लगी और हमने खाना खत्म किया फिर थोड़ी देर tv देख कर वो मुझे गुड नाईट बोल कर अपने रूम में चली गयी….. मैं भी tv ऑफ कर के अपने रूम में आ गया और लैपटॉप ऑन कर के एक मस्त पोर्न प्ले की आज शराब पीने की वजह से मेरे लंड को ज्यादा ही गर्मी चढ़ रही थी इसकी गर्मी शांत करने का एक ही उपाय था मैंने एकदम नंगा हो कर एक बार मुठ मारी और शांत हो कर लेट गया एक बार फिर से मेरे खयालों में दीदी आ गयी और मैं सोचने लगा अगर दूसरी लड़कियों का नंगा बदन देख कर मुठ मारने में इतना मज़ा आता है तो दीदी का नंगा बदन देख कर ये सोच कर ही मेरे लंड में फिर से गर्मी आने लगी पर किसी तरह मैंने अपने मन को शांत किया और सो गया…..

To be continued
अगली सुबह मैं उठा और अपना फ़ोन तकिए के नीचे से निकाल कर देखा सुबह के साढ़े आठ हो गए मैं कूद कर बिस्तर से उतरा कमरे से बाहर आया और सीधा बाथरूम में घुस गया मैं आज लेत उठा था 7 बजे उठ कर मुश्किल से साढ़े 9 तक आफिस पहुंचता था …. दीदी अपने रूम मे थी पर मेरे उठने की आहट से वो बाहर आ गयी और बोली आज इतना लेट क्यों कर दिया मैंने कितनी आवाज़ दी तुम्हे पर तुम उठे ही नही ….. मैंने अंदर से ही जवाब दिया पता नही कैसे आज आंख ही नही खुली दीदी ने कहा तू दरवाजा अंदर से बंद क्यों रखता है खुला होता तो मैं आ कर जगा देती …. मैंने कहा अब से खुला ही रखूंगा दीदी ….. कल से तुम्हारी ड्यूटी मुझे टाइम पर जगाने की फिर मैं जल्दी से 10 मिनट में नहा कर तैयार हुआ ऑयर नाश्ते के लिए मेज पर आ गया जल्दी जल्दी नाश्ता ठूंस कर दीदी को bye बोल के निकल गया आफिस के लिए मैं रास्ते मे ही था कि तभी संजीव का कॉल आ गया उसने कहा सर वो कैमरे वाला लड़का आया हुआ है मैंने उसे बुला लिया था मैंने कहा उसे रोक के रखो मैं आधे घंटे में पहुंच रहा हूँ …… फिर मैं आफिस पहुंचा साढ़े दस बज चुके थे मैं सीधा अपने केबिन में गया और तभी संजीव एक लड़के के साथ अंदर आया मैंने दोनों को बैठने के लिए बोला संजीव ने पूछा सर कल कोई प्रॉब्लम तो नही हुई मैंने कहा नही कुछ खास नही फिर मैंने संजीव से कहा तुम बाहर जाओ मैं इस से बात कर लेता हूं संजीव के जाने के बाद मैंने उस से पूछा कि घर मे दो कैमरे लगवाने हैं कितना पैसा लगेगा उसने सब कैलकुलेट कर के 14000 का खर्चा बताया मैंने फिर कहा कोई ऐसा तरीका है कि किसी को पता ना चले कि कैमरे लगे हैं उसने कहा हाँ माइक्रो कैमरे लगाने पड़ेंगे खर्च ज्यादा लगेगा मैंने कहा पैसे की बात नही है पर मैं चाहता हूं किसी को पता न चले …. उसने कहा हो जाएगा सर जैसा आप चाहते हैं …. फिर मैंने उस से कहा एक सीक्रेट है बात अपने तक ही रखना वो बोला निश्चिंत रहिए सर आप जो चाहते हैं बताइए बात आगे पास नही होगी कही भी मैंने उस से झूठ बोला मैंने कहा मेरी शादी होने वाली है पर मुझे लड़की पर थोड़ा डाउट है इसलिए मैं बाथरूम में भी कैमरा चाहता हूँ क्यों कि कल वो मेरे घर आई थी और उस के फ़ोन पर बार बार कॉल आ रही थी और वो बाथरूम में जा कर किसी से बात कर रही थी ऐसा मुझे डाउट है और मैं इसीलिए एक कैमरा वहां भी चाहता हूं उसने कहा ठीक है सर हो जाएगा फिर मैंने उस से पूछा वो ये काम कितनी देर में निपटा लेगा उसने एक घंटे में मैंने उसे अपने घर एड्रेस दिया और बोला शाम को ठीक साढ़े 6 बजे पहुंच जाना घर लॉक होगा चाभी मैं तुम्हे दे देता हूँ अंदर दो कमरे हैं एक ड्राइंग रूम और उसके आगे दो बैडरूम तुम्हे दाईं ओर वाले बैडरूम में और बाथरूम में कैमरा लगाना है …. उसने कहा ठीक है सर फिर मैंने उसे घर की चाभी दी और एक बार फिर सब अच्छे से समझा के भेज दिया ।
सारा दिन बैंक में माथापच्ची करने के बाद शाम को 5 बजे मैं आफिस से निकला पर रास्ते मे ट्रेफिक की वजह से घर पहुंचते मुझे 6:20 हो रहा था मैंने नीचे से ही दीदी को कॉल की दीदी के रिसीव करते ही मैंने कहा दीदी दो मिनट में तैयार हो जाओ कहीं चलना है दीदी ने कहा भी इतनी जल्दी क्यों कहाँ चलना है और तुम कहाँ हो मैंने कहा मैं नीचे हूँ मेरे ऊपर आते तक तुम फटाफट से तैयार हो लो …. और जब मैं सीढियां चढ़ कर ऊपर पहुंचा तो दीदी ने दरवाजा खोला उन्होंने जीन्स टी शर्ट पहनी हुई थी और कुल मिला कर सेक्सी लग रही थीं … मैं झट से अंदर आया लैपटॉप रखा 6:25 हो चुके थे मेरे पास चेंज करने का भी टाइम नही था मैंने कहा चलो दीदी …. दीदी ने फिर से पूछा कि कहां चलना मैंने कहा चलो ना खुद ही देख लेना …. दीदी मेरे साथ बाहर आई तो मुझे ध्यान आया कि मेरे पास चाभी तो है ही नही मैंने कहा दीदी घर की चाभी मैं बैंक में भूल गया हूँ तुम अपनी चाभी ले लो प्लीज उधर दीदी अंदर गईं चाभी लेने और इधर वो लड़का सीढ़ियों पर बैग लिए हुए दिखा मैं भाग कर उसके पास गया और बोला कि तुम ऊपर चले जाओ और 10 मिनट बाद आना अभी मेरी होने वाली बीवी घर आई हुई है वो सर हिलाता हुआ ऊपर चला गया और तभी दीदी चाभी ले कर बाहर आयी उन्होंने दरवाजा लॉक किया तो चाभी मैंने मांग ली उन्होंने एक पल सोच कर चाभी मुझे दी और मुस्कुरा कर मेरे पैंट के अगले हिस्से को देखने लगी …. मैंने चाभी जेब मे डाली और कहा चलो फिर हम नीचे आये …. मैंने कार निकाली दीदी को बिठाया और मेन रोड पर आ गए पर मुझे खुद नही पता था जाना कहाँ है मैं ऐसे ही सड़क पर गाड़ी चलाता हुआ इधर उधर घूम रहा था फिर मैंने एक गारमेंट्स शो रूम के सामने कार रोकी दीदी ने पूछा क्या लेना है मैंने कहा अपने और आपके लिए कुछ कपड़े लेने हैं ….. दीदी बोली अभी परसों तो शापिंग की थी हमने इतनी जल्दी फिर से मैंने कहा दीदी आप आजकल सवाल बहोत करने लगी हो दीदी गहरी सांस ले कर बोली ठीक है मुझे क्या जो मर्ज़ी कर फिर हम शॉप में दाखिल हुए और काउंटर पर जा कर मैंने अपने लिए जीन्स दिखाने को बोला सेल्स मैन ने कई सारी जीन्स निकाली और मैंने दीदी से कहा कोई एक पसन्द करने को दीदी ने एक ब्लैक जीन्स सेलेक्ट की फिर मैंने एक शर्ट भी दीदी से सेलेक्ट करवाई …. इसके बाद हम लेडीज सेक्शन में गए और मैंने दीदी के लिए दो लेगिंग और दो टी शर्ट ली इस सब खरीददारी में लगभग 1 घण्टा लग गया ….. मुझे तो बस टाइम पास करना था ताकि वो अपना काम आराम से निपटा ले फिर शॉप से सामान ले कर हम बाहर निकले और फिर मैंने कार एक बढ़िया से रेस्टोरेंट में रोकी ….. फिर हमने डिनर किया दीदी खुश थीं जिस तरह से मैं उनका ख्याल रख रहा था …. और उनके चेहरे पर खुशी नजर भी आ रही थी …. डिनर कर के हम बाहर आये और मैंने कार बढ़ाई तभी मेरी नजर सड़क के किनारे एक कुल्फी वाले पर पड़ी ….. मैंने कहा दीदी कुल्फी खाओगी क्या … दीदी बोली हां तू तो जानता है मुझे कुल्फी कितनी पसन्द है …. मैंने कहा ठीक है तुम कार में ही बैठो मैं ले कर आता हूँ …. मैं उतर कर गया और उसे दो कुल्फी देने को बोला और फ़ोन निकाल कर उस लड़के को काल लगाई और पूछा काम हो गया क्या …. उसने कहा सर काफी देर हो गयी काम खत्म किये हुए मैं तो वापस अपनी शॉप पर आ गया मैंने पूछा अब ये बात मैं अपने फ़ोन पर कैसे देख सकता हूँ अपने घर की लाइव वीडियो तो उसने कहा मैं एक app का लिंक सेंड करता हूँ उसे डाउनलोड कर लो और प्रोसेस कंप्लीट कर लो बस ….. फिर मैंने कॉल काटी कुल्फी वाले को पैसे दिए और बस एक मिनट में मेरे व्हाट्सएप्प पर मैसेज आया मैंने उसे ओपन कर के वो app डाऊनलोड किया और जैसे ही प्रोसेस कंप्लीट किया वहां cam1 और cam2 का ऑप्शन आ गया और cam पर क्लिक करते ही मेरे घर का बाथरूम साफ नजर आने लगा मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर …… मैं मन ही मन मे इतना खुश हुआ कि जी कर रहा था नाचूँ पर अपनी खुशी को कंट्रोल कर के फ़ोन जेब मे रखा और कुल्फी ले कर दीदी के पास वापस आ गया ।

मैं दीदी को कुल्फी पकड़ा कर अपनी सीट पर आ गया और दोनों कुल्फी के मज़े लेने लगे …. दीदी जैसे जीभ निकाल कर कुल्फी चाट रही थीं मुझे लगा जब ये ऐसे ही किसी का लंड चाटेगी तो कितना मज़ा आएगा ….. ऐसे गौर से मुझे अपनी ओर देखता हुआ देख कर दीदी ने कहा क्या हुआ संजू ऐसे क्या देख रहा है ….. मैंने कहा दीदी कुछ नही बस ये देख रहा हूँ जब पहली बार आपको ससुराल में देखा था तब से अब में कितना फर्क आ गया है …. आपका वो मुरझाया हुआ उदास चेहरा याद आता है …. और फिर आज आपका ये खिला खिला मुस्कुराता हुआ चेहरा ….. मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघ पर रखते हुए कहा …. दीदी सच मे मुझे बहोत देर हो गयी आपको उस नरक से निकालने में ….. दीदी ने कुल्फी चूसते हुए कहा संजू …. कोई नही देर हुई पर आखिर में मैं अब खुश हूं अपनी जिंदगी से … जो गलती मम्मी से हुई थी उसे सुधार कर तूने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है ….. अपने पति की मौत के बाद मेरी कुछ समझ नही आ रहा था कि अब मेरा क्या होगा कैसे जिंदगी गुजरेगी पर तेरा शुक्रिया जो तू मुझे अपने साथ यहां ले आया …… और दीदी के आंखे भर आयी ये देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने दीदी के गालों पर बह रहे आंसुओं को अपने हाथों से पोछते हुए कहा दीदी अब क्यों रो रही हो अब तो सब ठीक है ना …. दीदी ने कहा ये खुशी के आंसू हैं भाई …. मैंने कहा पर जो भी है तुम्हारी आँखों मे आंसू मुझे एकदम अच्छे नहीं लगते दीदी ….. तो दीदी मुस्कुरा दी …. हमारी कुल्फी खत्म हो चुकी थी मैंने कहा दीदी अब घर चलें …. दीदी ने बार मेरी आँखों मे देखा और मुस्कुरा कर बोली थैंक यू सो मच संजू ….. मैंने कार स्टार्ट की और बढ़ाते हुए कहा …. अब ये किसलिए दीदी …. दीदी बोली जो सपने मैंने देखे थे कि मेरी शादी होगी किसी शहर में रहूंगी एक प्यार करने वाला पति होगा जो मेरी हर छोटी बड़ी जरूरत का ख्याल रखेगा और मुझे खुश रखेगा ….. शादी के बाद उन सब अरमानों पर पानी फिर गया था लेकिन तुम्हारी वजह से अब मेरी वो ख्वाइशें कुछ हद तक पूरी हो पा रही हैं …… मैंने हंसते हुए कहा दीदी तुम्हारे सिवा और है ही कौन मेरा जिसका ख्याल रख सकूं मैं और हां ये आज फिर से सूखा सूखा थैंक्स दे कर ठीक नही कर रही हो आप …. दीदी हंसते हुए बोली शादी कर ले बीवी तुझे गीला गीला थैंक्स बोलेगी ….. ऐसे ही बातें करते हुए हम घर आ गए ….. मैंने कार पार्क की और कपड़ो के पैकेट ले कर बाहर आ गया और हम सीढ़ियों से चढ़ कर ऊपर आये और अपने फ्लैट के सामने पहुंचते ही दीदी ने खुद ही पास आ कर मेरी जेब मे हाथ डाल दिया और चाभी निकालने लगी ….. पर तभी मुझे लगा आज दीदी जान बूझ अपनी उंगलियां अंदर तक ले जा कर टटोल रही हैं पर आज जीन्स पहनी होने की वजह से उनकी उंगलियों के संपर्क मेरे लंड से हुआ नही ….. फिर दीदी ने चाभी निकाली और दरवाजा खोला हम अंदर आ गए ….. मैंने सामान रखा और अपने कमरे में चला गया और जल्दीसँ के चेंज कर के शॉर्ट्स और बनियान में ही अपना फ़ोन ले कर बाहर आया और सोफे पर पसर कर tv ऑन कर लिया ….. दीदी उन पैकेट्स में से अपने कपड़े निकाल कर देख रही थीं …. मैंने कहा देख क्या रही हो जाओ पहन कर चेक कर लो फिटिंग कैसी है …. दीदी सर हिलाते हुए अपने कपड़े ले कर अपने रूम में चली गईं …. और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ मैंने झट से फ़ोन में वो app ओपन की और cam1 को क्लिक किया दीदी के कमरे का नजारा मेरे सामने था …. दीदी अपने बेड पर वो लैगिंग और टी शर्ट रखे हुए उन्हें देख रही थी फिर उन्होंने अपनी साड़ी खोल कर तह करी और उसे अलमारी में रख दिया उसके बाद दीदी ने ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किए और फिर ब्लाउज को बाहों से निकाल कर बेड पर डाल दिया नीचे उन्होंने व्हाइट कॉटन की ब्रा पहनी हुई थी और उसमे कसी हुई उनकी 34 साइज की मस्त चूचीया बड़ी प्यारी लग रही थी ….. मुझे लग रहा था इस इंतजाम के लिए 14000 रुपये बहोत कम थे …. और दीदी को इस तरह से देख कर मेरा लंड धीरे धीरे सर उठाते हुए सख्त होने लगा था …. मेरा एक हाथ अपने लंड पर आ गया और मैं उसे मसलते हुए ध्यान से दीदी के अगले स्टेप को देखने लगा …. फिर दीदी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और वो सरक कर जमीन पर जा गिरा उफ़्फ़फ़ दीदी की चिकनी जाँघे एकदम चमक रही थीं रोशनी में और मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था …. उन्होंने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी और उसमे कसे उनके गोरे मस्त चूतड़ मेरे लंड की हालत खराब कर रहे थे ….. फिर उन्होंने एक नेवी ब्लू कलर की लैगिंग उठा कर पहन ली और एक येल्लो टी शर्ट डाल ली ….. और अपना ब्लाउज पेटीकोट अलमारी में रख कर दरवाजे की ओर आयी उन्हें आते देख मैने झट से फ़ोन बंद कर के रख दिया और tv देखने लगा …. तभी दरवाजा खुला और दीदी बाहर आ गयी मैंने उन्हें देखा और स्माइल की …. दीदी आ कर मेरे बगल में ही सोफे पर बैठ गईं मैंने कहा दीदी बहोत अच्छी लग रही हो इस ड्रेस में … तो वो हंस कर बोली क्या बात है मैं आजकल हर ड्रेस में अच्छी लगने लगी हूँ तुझे ….. मैंने कहा आप अच्छी हो तो किसी भी ड्रेस में अच्छी ही लगोगी ना …. दीदी ने कोई जवाब नही दिया पर उनकी स्माइल सब कह रही थी ….
फिर हम tv देखते रहे और मैंने कहा दीदी मैं लेट जाऊं तो दीदी ने कहा रोज पूछना जरूरी है क्या …. और मैं दीदी की जांघ पर सर रख कर लेट गया पर एक प्रॉब्लम हो गयी मेरा खड़ा लंड जिसे मैंने अब तक टांगों के बीच दबा रखा था वो झटके से खड़ा हो गया और दीदी ने एक नजर मेरे शॉर्ट्स में बने हुए पर डाली और फिर tv देखने लगी …… मैंने अपना एक हाथ दीदी की जांघ पर रखा हुआ था और उनकी चिकनी मुलायम जांघ का स्पर्श बड़ा सुखद लग रहा था मुझे …. तभी दीदी ने कहा …. संजू हर बार तू बात को मज़ाक में टाल देता है पर मैं चाहती हूं अब तुम अपने बारे में कुछ सोचो …. मेरे ख्याल से तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए …. मैंने कहा दीदी मुझे अभी इसकी कोई जरूरत नही लग रही और मेरा जवाब वही है आप जैसी लड़की मिलते ही शादी भी कर लूंगा …. उन्होंने एक गहरी सांस ली और कहा संजू मेरे भाई हर वक़्त मज़ाक ठीक नही है मैं सीरियस हूँ …. मैंने उनकी आंखों में देखा और मेरी हंसी निकल गयी मैं जोर जोर से हंसने लगा और हंसते हुए बोला वाह रे सीरियस …. पर आपकी शक्ल से एकदम नही लग रहा कि आप सीरियस हो …. दीदी थोड़ा सा गुस्सा हो गयी और बोली अब मुझे बात ही नही करनी तुझसे …. मैंने कान पकड़ते हुए कहा अच्छा सॉरी पर आपकी सीरियस वाली बात सुन कर मुझे हंसी आ गयी …. तो वो भी मुस्कुराने लगी और बोली तुम कभी सुधरना मत … मैंने कहा दीदी पर मैं बिगड़ा ही कहाँ हूँ …. अपने काम मे लगा रहता हूँ चुपचाप … दीदी बोली वही तो कह रही हूं मैं की कब तक ऐसे मशीन जैसे काम मे लगे रहोगे तुम्हारी भी अपनी जिंदगी है 28 के हो गए हो ये एकदम सही वक्त है शादी का …. मैंने एकदम से बिना कुछ सोचे समझे कह दिया …. दीदी मैंने नही करनी शादी वादी मुझे बस सारी जिंदगी आपके साथ रहना है और मैं आपके साथ खुश हूं ….. दीदी बड़े गौर से मुझे देखने लगी …. फिर बोली मैं तो तेरे साथ ही रहूंगी मैं कहाँ जा रही हूं पर मैं बहन हूँ तेरी और तुझे अब बीवी की जरूरत है …. मैं ये सुन कर उठ कर बैठ गया और दीदी को घूरते हुए देखने लगा …. दीदी थोड़ी परेशान हो गयी मेरे ऐसे देखने से और बोली ऐसे क्यों घूर रहा है ….. मैंने कहा आपको कैसे मालूम हो रहा है मेरी जरूरतों के बारे में …. तो कुछ नही बोली सर नीचे कर ली …. मैंने फिर से कहा बताओ ना आपको कैसे मालूम मुझे किस चीज की जरूरत है …. तो उन्होंने झटके से मेरी ओर देखा और बोली सब समझती हूं मैं बड़ी बहन हूँ तेरी ये जो तू रोज रोज जेब से चाभी निकलवाता है ना उस टाइम मुझे एहसास हो जाता है कि तुझे अब शादी करने की जरूरत है ….. मैंने कहा दीदी हो सकता है आपकी बात सही हो पर मैं अभी इस बारे में कुछ नही कह सकता क्यों कि मेरे मन मे कुछ और है ….. दीदी ने कहा क्या है तेरे मन में मुझे बता मैं तेरी मदद करूंगी जो भी तेरी पसन्द है मुझसे कह दे ….. मैंने कहा दीदी कहूंगा आपसे ही कहूंगा लेकिन अभी नही वक़्त आने पर …. दीदी ने जोर देते हुए पूछा ये वक़्त कब आएगा इतना तो बता दे …. मैंने कहा वो तो मुझे भी पता नही पर आएगा जरूर एक दिन ….. फिर मैंने कहा अब काफी रात हो गयी सोना चाहिए नही तो सुबह आफिस के लिए देर होगी ….. फिर मैं दीदी को गुड नाईट बोल कर अपने रूम में आ गया और लाइट ऑफ कर के बिस्तर पर लेट गया ….. पर मेरे कान बाहर ही लगे हुए थे 10 मिनट बाद tv ऑफ हुआ और दीदी शायद बाथरूम गयी …. मैंने झट से फ़ोन निकाला और बाथरूम वाला cam ऑन किया उफ़्फ़फ़ क्या नजारा था दीदी बाथरूम में अपनी लैगिंग नीचे सरका कर बैठी पेशाब कर रही थी ….. दीदी के मोटे चिकने नंगे चूतड़ देख कर मेरा दिल और लंड दोनों आउट ऑफ कंट्रोल हो गए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाते हुए वो हसीन नजारा देखने लगा …. फिर दीदी उठी और अपनी लैगिंग ऊपर खींच दी और फिर दरवाजा खोल कर बाहर चली गयी ….. मैंने जल्दी से दूसरा cam ऑन किया और दीदी दरवाजा खोल कर अपने कमरे में दाखिल हुई फिर दरवाजा अंदर से बंद कर के लाइट ऑफ कर के नाईट बल्ब जलाया और बिस्तर में चली गयी और चादर ओढ़ कर लेट गयी ….. उनका फेस cam की ओर ही था वो कुछ सोच रही थी और मैं बस उनका प्यारा मासूम चेहरा देखते हुए लंड पर तेजी से हाथ चलाये जा रहा था और कुछ मिनट में ही मैं झड़ गया ….. फिर मैंने फ़ोन चार्ज पर लगाया और सो गया …….
सुबह मेरी नींद 6 बजे खुल गयी और उठ कर मैं बिस्तर पर पड़ा अंगड़ाइयां ले ही रहा था कि अचनाक मुझे कल रात का दीदी वाला बाथरूम सीन याद आया और मैंने झट से फ़ोन उठा कर चेक किया पहले दीदी का रूम देखा तो वो खाली पड़ा था फिर बाथरूम देखा तो……
दीदी कमोड पर बैठी थी और एकदम नंगी थी एक भी सूत नही था उनके बदन पर और दीदी का वो रूप देख कर मुझे बस उनसे प्यार हो गया….. सांचे में ढला हुआ गोरा बदन कड़े शेप में ढले हुए मस्त चूचे ब्राउन कलर के नुकीले निप्पल….. सपाट पेट और गहरी नाभि…. कोई भी दीदी का ये रूप देख कर होश खो बैठता और मैं तो ये सब देख हैरान भी था और बेहद खुश भी….. कोई तीन मिनट तक दीदी कमोड पर बैठी रही फिर उन्होंने नोजेल ऑन किया और पानी की धार पड़ने से शायद उन्हें भी गुदगुदी हुई होगी वो मुस्कुरा रही थी फिर वो उठी…. और मेरी नजर उनकी बालों से ढकी हुई चूत पर पड़ी…. ढेर सारे घने काले बालों से ढकी हुई थी उनकी चूत और सिर्फ बाल ही नजर आ रहे थे उन्होंने एक बार अपनी झांटो पर हाथ फिराया और फिर शावर के नीचे खड़ी हो गईं….. और शावर खोल दिया पानी की बूंदे उनके नंगे बदन को भिगोने लगी और फिर वो नहाती रहीं और मैं उन्हें देखते हुए बस मुठ मारने लगा…. इधर उनका नहाना खत्म हुआ और उधर मैं एक बार फिर से झड़ चुका था पर अब मेरी प्यास बढ़ रही थी और मैं दीदी को पाना चाहता था….. तभी मैं खयालो से बाहर आया और देखा दीदी नहा चुकी थी और ब्रा पैंटी पहन कर टॉवल लपेट कर बाहर आने वाली थी और मैं कूद कर कमरे से बाहर आ कर सोफे पर ऐसे बैठ गया कि एक नजर में वो मुझे ना देख पाए….. बाथरूम का दरवाजा सोफे के पीछे की ओर है तो दरवाजा खुला और दीदी बाहर आई और वैसे ही मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और मुझसे नजर मिलते ही दीदी सकपका गयी उन्होंने तौलिया लपेटा था जो उनके सीने से उनकी जांघो तक ही था और मेरी नजर एकदम से उनकी नंगी जांघो पर और जांघो के जोड़ पर थी….. दीदी दो सेकेंड्स तो खड़ी रही फिर भाग कर अपने रूम में घुस गई और दरवाजा बंद कर लिया….. और मैं बाथरूम में घुस गया…. मैं फ्रेश हो कर नहा कर बाहर आया तो दीदी किचन में थी फिर मैं तैयार हो कर नाश्ते की टेबल पर आ गया आज मैं ही जल्दी तैयार हो गया था तो दीदी अभी नाश्ता बना ही रही थी मैंने वही से आवाज़ दी…. दीदी कितनी देर लगेगी अभी…. दीदी बोली आज बड़ी जल्दी रेडी हो गया कोई खास बात है क्या…. मैंने कहा हाँ एक लड़की को इम्प्रेस करना है उसे लगता है कि मैं देर तक सोता हूँ आलसी और लापरवाह हूँ उसे दिखाना है कि मैं एक जिम्मेवार और समझदार इंसान हूँ…. ये सुनते ही दीदी हाथ मे कलछी लिए हुए किचन के दरवाजे पे आ गईं और बोली कौन है वो लड़की आफिस में कोई नई आयी है क्या…. मैंने किचन की ओर देखा उफ़्फ़फ़ क्या लग रही थीं दीदी पिंक लैगिंग और स्काई टी शर्ट में उनके जिस्म का एक एक उतार चढ़ाव साफ नजर आ रहा था और उन्हें देख कर मेरा मुह खुला का खुला रह गया….. मुझे ऐसे देखते देख दीदी हंस पड़ी और बोली मुह बन्द कर ले दिख तो मैं आंखों से भी जाऊंगी…. और मैंने सच मे एकदम से मुह बन्द कर लिया और वो जोर जोर से हंसने लगी उन्हें ऐसे हंसते देख कर मैं उठ कर उनके पास गया और उन्हें कस के अपने गले से लगा लिया और कहा…. दीदी बस तुम हमेशा ऐसे ही हंसती रहना और कुछ नही चाहिए मुझे…. मेरे लिए आपकी ये खुशी ही सब कुछ है दीदी ने भी अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी और बोली बस तू हमेशा ऐसे ही दीदी को खुश रखना तो मैं खुश रहूंगी….. मैंने उन्हें और तेज बाहों में कस लिया और शायद मेरे लंड जो कि थोड़ा सख्त था और वो उन्हें अपने नीचे महसूस हुआ होगा तो वो कसमसा कर बोली अब छोड़ मुझे वरना तुझे देर हो जाएगी आफिस के लिए… मैंने कुछ सेकेंड्स तक फिर भी उन्हें जकड़े रखा और फिर छोड़ दिया….. वो सर झुका चुपचाप वापस किचन में चली गयी….. और मैं वही खड़ा खड़ा उनका मस्त पिछवाड़ा देखता रहा…. पर आज मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि दीदी को कुछ आईडिया हो चुका है कि मैं उनके बारे में क्या सोचता हूँ और किस नजर से देखता हूँ उनको….. तभी दीदी ने मेरी ओर देखा और मुझे अपनी ओर देखते देख कर बोली आज कल बहुत घूरने लगा है मुझे क्या बात है….. मैंने कहा यार दीदी घर मे तुम्हारे सिवा है ही कौन जिसे देखूं…. दीदी ने गोल गोल आंखे नचाते हुए कहा इसीलिए तो कह रही हूं किसी को ले आ घर जिसे जी भर देख सके…. मैंने कहा तुम हो न किसी को लाने की क्या जरूरत है तुम्हे ही देख लेता हूँ…. दीदी ने कहा मैं बहन हूँ तेरी कोई राह चलती लड़की नहीं जिसे देख कर मन बहलाएगा अपना…. मैंने कहा दीदी हो तो लड़की ही ना और मेरा मन बहल जाता है तुम्हे देख कर….. नाश्ता तैयार हो चुका था सो दीदी ने ट्रे उठाई और मेरे बाजू से निकल कर रूम में आ गयी मैं भी आ कर बैठ गया और हम नाश्ता करने लगे…. इस दौरान कोई बात नही हुई फिर मैं नाश्ता कर के निकल गया आफिस के लिए….. और घंटे भर बाद मैं अपने केबिन में था…. कुछ जरूरी काम निपटा के जब थोड़ी देर बाद मैं फ्री हुआ तो मुझे दीदी की याद आने लगी और मैंने फ़ोन निकाला और देखना शुरू किया…. पर दीदी घर मे नही दिखी ना अपने रूम में ना बाथरूम अब या तो वो ड्राइंग रूम में रही होगी या किचन में या फिर हो सकता है वो कही बाहर गयी हो…. और मैंने ना जाने क्या सोच कर उनको कॉल कर दी….. और जैसे ही उन्होंने फ़ोन उठाया बेख्याली में मेरे मुह से निकल गया… दीदी कहा हो गयी हुई हो तुम…. उन्होंने कहा बस कुछ सामान लेना था तो बाजार तक आयी थी लेकिन तुझे कैसे पता चला कि मैं बाजार आयी हूँ….. अब मैं कैसे बताता की मुझे कैसे पता चला…. मैंने झूठ बोलते हुए कहा वो मैंने एक लड़के को घर भेजा था…. मेरी अलमारी में एक फ़ाइल रखी है वो मंगवाने के लिए पर उसने बताया कि घर लॉक है तो…. दीदी बोली उसे बोलो की वो रुके मैं बस दो मिनट में घर पहुंच रही हूं मैं फिर से हड़बड़ा गया और कहा कि…. वो तो निकल गया वहां से वापस… दीदी बोली तो उस से बोल नही सकता था रुकने को मैं तो बस पहुंच ही गयी घर मैंने कहा चलो छोड़ो अब कल ले आऊंगा मैं और फ़ोन काट दिया…..
आज मैं अपनी बेवकूफी से फंसते फंसते बचा था…. और दो मिनट बाद मैंने फिर से फ़ोन पर घर का सीन देखना शुरू किया कुछ सेकेंड्स में ही दीदी अपने रूम में आई उनके हाथ मे कुछ शॉपिंग बैग थे उन्होंने बेड पर रखे और पंखा चलाया धूप से आने की वजह से वो पसीने से तर थीं और उनका ब्लाउज भीग कर उनके बदन से चिपका हुआ था…. काफी सेक्सी सीन था फिर उन्होंने साड़ी खोल कर फेंक दी और ब्लाउज भी निकाल दिया और लास्ट में ब्रा भी खोल दी और दीदी के रसीले चूचे नंगे सर उठाये खड़े थे….. उन्होंने टॉवल लिया और चुचियों पर बहा पसीना पोछा फिर पॉलीथिन से कुछ निकाला… गौर से देखा तो वो हेयर रिमूवर क्रीम थी दीदी ने वही बेड पर बैठ कर क्रीम की शीशी खोली और स्पून से निकाल कर अपना एक हाथ उठा कर अंडर आर्म पर क्रीम लगाने लगी मेरा दिल कर रहा था कि उन्हें कॉल कर के मना कर दूं क्यों कि मुझे औरतों के प्राइवेट पार्ट्स यानी कि चूत और बगलों पर बाल बहोत पसन्द हैं…. और मैं एकदम नही चाहता था कि दीदी अपने बालों को हटायें पर चुपचाप देखने के सिवा मैं क्या कर सकता था….. दीदी ने दोनों आर्म्स पर क्रीम लगाई और फिर खड़ी हो कर पेटीकोट खोल दिया और उसे टांगो से निकाल कर वही जमीन पर बैठ गयी पंजो पर और अपनी चूत के बालों पर हाथ फिराया और फिर क्रीम लगाने लगी…. अच्छी तरह से क्रीम लगा कर वो उठी बेड पर लेट गयी आंखे बंद कर के एकदम रिलैक्स हो कर और दीदी को ऐसे नंगा देख कर मेरा मन एकदम अशांत हो रहा था और मेरे लंड में जबरदस्त तनाव आ चुका था….. तभी एक बन्दा लोन की फ़ाइल ले कर केबिन में आ गया और मैंने फ़ोन चुपचाप जेब मे रख लिया….. और जब वो 10 मिनट बाद गया तो मैंने वापस लिवा एक्शन देखना शुरू किया…. पर दीदी अब रूम में नही थी बस उनके कपड़े बिखरे पड़े थे…. मैंने बाथरूम वाला cam ऑन किया तो देखा दीदी शावर के नीचे खड़ी थी और उनके अंदर आर्म और चूत के बाल एकदम गायब हो चुके थे…. आज पहली बार मुझे दीदी की चूत के दर्शन हुए एकदम गुलाबी पंखुड़ियां और ऊपर अनार के दाने जैसी क्लीट देख कर मेरे मुह में पानी आ गया….. और मैं सोचने लगा कि क्या दीदी को सेक्स की जरूरत नही महसूस होती होगी अभी उनकी उम्र ही क्या है…. और उनका जो पति था वो उन्हें शारीरिक सुख तो क्या देता रहा होगा बस शराब पी कर उनका बदन नोचता था शायद वो…. इन्ही खयालो में डूबा था कि अचानक से वापस मेरी नजर स्क्रीन पर गयी और इस बार जो दिखा वो मेरा खून गरम कर गया…. दीदी शावर के नीचे बैठी थी टांगे खोल कर अपनी चूत की दरार को उंगली से सहला रही थीं और उनका दूसरा हाथ उनके स्तन पर था वो अपने निप्पल को उंगली से रगड़ रही थी….. उनकी पीठ दीवार से टिकी हुई थी और आंखे बंद…. गहरी सांस लेते हुए उनके ठोस चूचियाँ ऊपर नीचे हो रही थी और फिर दीदी ने अपनी उंगली मुह में डाल कर चूसी और गीली उँगली चूत पर रख कर एक झटके से चूत में घुसा ली और फिर उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए फिंगरिंग करने लगी….. अभी दो मिनट पहले जो कुछ मैं सोच रहा था उसका जवाब मुझे बड़ी जल्दी मिल गया था…. दीदी का भी सेक्स का मन करता है और वो अपनी प्यास अपने हाथों से मिटा लेती हैं जैसे कि मैं करता हूँ….. कोई 10 मिनट तक दीदी ऐसे ही उंगली को कभी तेजी से कभी धीरे धीरे चूत में डालती रही और फिर उनका बदन अकड़ने लगा और उनका मुह खुल सा गया और फिर एक हल्की कंपकंपी के साथ वो झड़ कर शांत हो गयी झड़ने के बाद भी कुछ देर वो ऐसे ही बैठी रही और फिर नहा कर नंगी ही बाहर निकल गयी…. मैंने वापस रूम वाला cam ऑन किया वो ड्रेसिंग के सामने नंगी खड़ी थी और बड़े गौर से अपना जिस्म देख रही थी…. फिर उन्होंने ब्रा पैंटी पहनी और लोअर टी शर्ट पहन कर बालों को ब्रश करने लगी….. अब आगे देखने जैसा कुछ नही था तो मैं भी अपने काम मे लग गया…. सारा दिन आफिस में निपटा कर जब शाम को मैं घर जाने के लिए उठा तभी संजीव आ गया केबिन में और बोला सर आज बार चलें क्या एक दो pag हो जाये…. मैंने कहा यार मूड तो है पर मैं अब बाहर नही पी सकता हां तुम एक हाफ ला दो तो मैं घर पर ले लूंगा एक दो छोटे छोटे…. वो ok sir बोल कर निकल गया और 5 मिनट में ही व्हिस्की की एक हाफ पेपर में लपेट कर ले आया मैंने उसे बैग में डाला और उसे थैंक्स बोल कर निकल लिया…..
घर पहुंच कर बेल बजायी तो दीदी मानो दरवाजे पर ही थी एक सेकेंड में ही दरवाजा खुला और आज दीदी ने रेड साड़ी पहनी थी स्लीवलेस ब्लाउज और सुर्ख लिपस्टिक मैं बस उन्हें हैरान हो कर देखता ही रह गया…. दीदी मेरी हालत देख कर मुस्कुराने लगी मैंने पूछा कहीं जा रही हो क्या….. ?
तो वो बोली….. क्यों मैं घर पर ऐसे नही रह सकती क्या…. मैंने कहा नही ऐसा तो मैंने नही कहा पर आज तो गजब लग रही हो…. वो बोली अब अंदर आओगे या दरवाजे पर ही खड़े रहोगे, मैं अंदर आया और बैग रख कर वही बैठ गया दीदी बोली पानी लाऊँ…. मैंने कहा हां ले आओ पर जग में लाना और थोड़ी सी बर्फ भी….. उन्होंने सवालिया नजरो से देखा तो मैंने कहा आपसे वादा किया था ना कि पियूँगा तो घर पर ही बाहर नही…. वो मुह बना कर चली गयी और फिर जग में पानी ग्लास और आइस क्यूब ल कर रख दिये…. मैंने बैग से बोतल निकाल कर एक हल्का सा pag बनाया और सिप करते हुए कहा दीदी कुछ खाने को तो दे दो या ऐसे ही पियूँ…. उन्होंने पूछा क्या बना दूँ मैंने कहा बनाओ कुछ मत जो बना हुआ हो वो ही ले आओ….. वो किचन में गयी और 5 मिनट बाद एक प्लेट में सलाद और थोड़े से काजू ले कर आई और रख दिये बोली इतने से काम चलेगा या और कुछ लाऊँ मैंने कहा बस इतना काफी है….. मेरा pag खत्म हो चुका था मैं सलाद खाने लगा और दीदी चुपचाप मुझे देख रही थीं…. वो थोड़ी परेशान लग रही थीं….. मैंने पूछा क्या हुआ दीदी चुप क्यों हो…. वो बोली संजू ये मत समझ की मैं बड़ी होने की वजह से तुझे रोक टोक रही हूं पर इस शराब की वजह से मैंने बहोत दुख देखे हैं मुझे ये सब ठीक नही लग रहा मैं उठ कर उनके पास आ गया और उनका हाथ अपने हाथों में ले कर बोला दीदी मैं वादा करता हूँ कभी भी इसकी आदत नही डालूंगा बस कभी कभी थोड़ी सी केवल मूड बनाने के लिए….. बाकी मेरी जिंदगी में है कि क्या काम के सिवा…. दीदी ने कहा संजू अपना अच्छा बुरा तुम खुद समझते हो इसलिए आज के बाद मैं कभी तुम्हे टोकूँगी तो नही पर तुम इतना ध्यान जरूर रखना की कभी मुझे दुख मत देना… मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो…. फिर मैंने एक लाइट pag और बना लिया और एक काजू ले कर दीदी के मुह में डाल दिया वो काजू चबाने लगी और मैं अपना pag चुसकने लगा दूसरा pag खत्म होते ही मैंने कहा…. दीदी मेरा लोअर और टी शर्ट ला दो चेंज कर लूं फिर घूमने चलते हैं पार्क तक और जैसे ही दीदी अंदर गयी मैंने जल्दी से एक छोटा pag और खींच दिया और बोतल बंद कर दी जब दीदी वापस आयी तो मैंने बोतल उन्हें दी और कहा इसे आप ही रखो अब दो चार दिन बाद जरूरत पड़ेगी इसकी…. दीदी थोड़ा सा मुस्कुराई मेरा मन भी हल्का हुआ उन्हें मुस्कुराता देख कर वो बोतल ले कर अपने कमरे में गयी और मैं खड़ा हो कर अपनी बेल्ट खोलने लगा और जैसे ही मैंने पैंट एक टांग से निकाली दीदी वापस आ गयी कमरे में पर मैंने उनकी खास परवाह ना करते हुए पैंट उतार दी और फ्रेंची में खड़ा हो गया दीदी की नजर कई बार मेरी फ्रेंची के उभार पर गयी पर वो चुप ही थी मैंने शर्ट भी निकाल कर डाल दी और फिर लोअर टी शर्ट पहन कर जूते पहन कर तैयार हो गया….. घर की चाभी पर्स और फ़ोन जेब मे डाली और हम निकल पड़े पार्क की ओर ……. हल्की फुल्की बातें करते जब हम पार्क के गेट पर पहुंचे तो देखा कि उस दिन वाली लड़की आज किसी और लड़के के साथ पार्क में दाखिल हो रही थी…. वो थोड़ा आगे थी और हम उसके पीछे….. उसे देख कर दीदी थोड़ा सा ठिठक गयी…. मैं भी रुक गया और दीदी की ओर देखने लगा…. मैंने कहा क्या हुआ दीदी बोली कुछ नही तो मैंने कहा चलो फिर रुक क्यों गयी…. दीदी एकदम धीरे धीरे चलने लगी और फिर जब हम चलते हुए उस पॉइंट पर पहुंचे तो देखा कि वो लड़की और लड़का उसी पेड़ के नीचे एक दूसरे को बाहों में भरे हुए किसिंग कर रहे थे….. हमारे आने की आहट से उन्होंने एक बार हमारी ओर देखा पर हमें पहचानते ही वो वापस से उस लड़के को चूमने लग गयी और उन्हें देख दीदी ने बुरा सा मुह बनाया और फिर हम टहलते हुए वहीं पार्क के आखिरी सिरे के पास आ गए और वही बनी बेंच पर बैठ गए…. मुझे हल्का हल्का नशा हो रहा था मैं बस चुपचाप बैठा हो रही घटनाओं के बारे में सोच रहा था…. और मुझे टेंशन सी हो रही थी कि आखिर इस सब का अंत कहाँ जा कर होगा क्यों जो मैं चाह रहा था वो सामाजिक दृष्टि से गलत था पर मैं भी अपने दिल के हाथों मजबूर था जिसमे दीदी के सिवा किसी के लिए जगह बन ही नही पा रही थी…. अचानक से मेरे मन मे ख्याल आया अगर कहीं दीदी मुझसे शादी कर लें तो सब कुछ कितना आसान हो जाये…. पर अगले ही पल मुझे खयाल आया कि ये नशे की हालत में सोची गयी एक ऐसी बात है जो सिर्फ खयालो तक ही सिमट कर रह जानी है हकीकत में ऐसा होने की कोई संभावना दिख तो नही रही…..
तभी दीदी की आवाज़ कानों में पड़ी….. क्या सोच रहे हो संजू….. मैंने जल्दी से खुद को सम्हालते हुए कहा कुछ नही दीदी बस इन लोगों के बारे में सोच रहा था कही भी शुरू हो जाते हैं…. ये भी ख्याल नही करते कि कोई देख रहा है दीदी बोली मुझे तो वो लड़की ठीक नही लगती उस दिन कोई और लड़का था उसके साथ आज कोई और है…. मैंने कहा हां मुझे भी वो कॉलगर्ल लग रही…. फिर मैंने दीदी का हाथ पकड़ लिया अपने हाथों में और दूसरे हाथ से उनका हाथ सहलाते हुए कहा दीदी आज आप कुछ खास सी लग रही हो… दीदी ने मुस्कुरा कर कहा…. ऐसा क्यों…. मैंने कहा वो तो नही मालूम पर जो लगा वो कह दिया…. दीदी बोली पीने के बाद सब ऐसे ही बातें करते हैं…. मैंने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा…. मैं किधर से आपको पिया हुआ लग रहा हूँ आप तो बस किसी बात के पीछे ही पड़ जाती हो…. ठीक है आज के बाद मैं कभी नही छुउँगा हाथ भी नही लगाऊंगा….. मैं थोड़ा आवेश में आ कर इतना बोल गया और जब दीदी की ओर देखा तो उनके चेहरे पर अजीब से भाव थे वो दुखी लग रही थी मेरे गुस्से से…. दीदी बोली नाराज क्यों हो रहा मेरे कहने का वो मतलब नही था…. मैं तो बस इतना कह रही थी कि थोड़ा सा सुरूर में हो इसलिए तुम्हे मैं खास लग रही आज वरना मैं तो वही हूं जो रोज होती हूँ…..
मुझे भी अहसास हुआ कि मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजना में बोल गया हूँ…. तो मैंने बात बदलते हुए कहा दीदी आप समझने की कोशिश करो मैं कोई आदतन शराबी नही हूँ और ना कभी बनूंगा बस कभी कभी काम की थकान और थोड़ा सा मूड बदलने के लिए एन्जॉय कर लेता हूँ और आप बार बार उस बात का ताना देती हो तो अच्छा नही लगता ना….. दीदी ने कोशिश कर के थोड़ा सा मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा और फिर अपने कानों को हाथ लगाते हुए बोली….. समझ गयी मैनेजर साहब आज के बाद नहीं टोकूँगी कभी भी…. उनकी इस अदा पर मुझे भी जोर से हंसी आ गयी…. और मैं हंसते हुए बोला दीदी आप भी पूरी नौटंकी हो गयी हो…. फिर थोड़ा रुक कर मैंने कहा दीदी अगर कभी आपको लगे कि मैं कुछ गलत कर रहा हूँ तो मुझे रोकने टोकने और दो थप्पड़ भी लगाने का पूरा हक है आपको पर हर टाइम नही प्लीज….. दीदी ने कहा अब खत्म करो उस बात को…. मैंने कहा फिर कोई नई बात शुरू करो…. पता नही क्या सोच कर दीदी ने फिर से वही बात शुरू कर दी कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए…. मैंने भी एकदम से बोल दिया ठीक है पर आपको भी शादी करनी पड़ेगी ऐसा थोड़े है कि एक इंसान गलत था तो सारी दुनिया गलत ही है मेरे जैसे भी बहोत पड़े हैं दुनिया मे…. दीदी एकदम से चुप हो गयी फिर बोली संजू मेरे लिए ये सब मुश्किल है मैं एक विधवा हूँ कौन करेगा मुझसे शादी मैंने कहा दीदी एक बात कहूँ अगर आप मेरी बहन ना होती तो….. और एकदम मुझे अंदर से किसी ने रोक दिया आगे बोलने से…. दीदी ने दो पल इंतजार किया और बोली रुक क्यों गया बोल ना मैं तेरी दीदी ना होती तो क्या होता….. मैंने कहा आप गुस्सा तो नही करोगी…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा नहीं मैं गुस्सा नही करूंगी तू बोल….. मैंने कहा आप मेरी बहन ना होती तो मैं ही आपसे शादी कर लेता…. दीदी हैरत से मुझे देखने लगी फिर बोली तुझे चढ़ गई है ना…. मैंने कहा एकदम नही दीदी…. मैं पूरे होश में हूँ और एकदम अपने दिल की बात कह रहा हूँ आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो और इसीलिए मैंने पहले भी कई बार कहा है कि आप जैसी लड़की मिलेगी तो ही शादी करूँगा…. दीदी ने अगला सवाल दाग दिया…. और अगर मेरे जैसे लड़की ना मिली तो….. मैंने पता नही कैसे हिम्मत कर के कह दिया…. तो फिर आपको ही पटा लूंगा…. हांलाकि ये बोलते हुए मेरी फट रही थी पर शायद शराब ने ये बात बोलने में मेरी बड़ी मदद की और अगर उस दिन मैं ये हिम्मत ना दिखाता तो सारी जिंदगी हिलाता रह जाता….. दीदी का चेहरा एकदम सपाट था मैं समझ नही पा रहा था मेरी बात का क्या असर हुआ उन पर…. कुछ देर तक वो यूं ही मेरी आँखों मे देखती रही…. फिर बोली संजू मैं बहन हूँ याद है ना मैंने हकलाते हुए कहा हां याद है दीदी…. दीदी फिर बोली हम जिस समाज मे रहते हैं वहां ऐसे किसी रिश्ते को लोग गाली कहते हैं ।
मैंने कहा सब जानता हूँ दीदी पर जो सच है उसे बदल भी तो नही सकता…. दीदी का हाथ अभी भी मेरे हाथों में था…. जिसे मैं सहला रहा था….. दीदी ने फिर कहा संजू तू मज़ाक कर रहा है ना…. और पता नही क्यों मेरा दिल भर आया और मैंने एकदम से दीदी को खींच कर अपनी बाहों में ले लिया और जोर से अपने सीने से लगा लिया और उनके कानों पर होंठ रगड़ते हुए कहा…. ये एकदम सच है दीदी….. I love you…. कितना वो तो नही बता सकता पर हां तुम्हे कभी दुख नही दूंगा तुम्हारी हर ख्वाइश हर खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दूंगा….. और फिर दीदी ने भी अपनी बाहें कस दी मेरी पीठ पर अंधेरा घिर चुका था हल्की हवा चल रही थी…. और दीदी मेरी बाहों में थी हमारे सीने में दिल जोरो से धड़क रहे थे…. वक़्त मानो थम सा गया था हम कितनी देर ऐसे ही बैठे रहे…. और हमे होश तब आया जब किसी को पास आते महसूस किया…. मैंने दीदी से अलग हो कर देखा तो वो ही लड़की जो दो बार उस पेड़ के नीचे अलग अलग लड़को के साथ मिली थी वो हमारी ओर आ रही थी…. हम थोड़ा सम्हल कर बैठ गए वो हमारे पास आई और बोली आप लोग रोज आते हो यहां…. दीदी ने कहा हां यही पास में रहते हैं तो शाम को घूमने आ जाते हैं…. लेकिन तुम यहाँ खुले में ये सब क्यों करती हो घर नही है क्या…. वो लड़की बोली मैं तो धंधा करती हूं अब कस्टमर को घर तो नही ले जा सकती…. मुझे लगा तुम भी मेरे टाइप की हो…. मैंने कहा ये मेरी बीवी है कोई धंधे वाली नही और तू निकल यहां से इस से पहले मैं पुलिस बुलाऊँ…. उसने तुरंत सॉरी बोला और कहने लगी मैं तो सिर्फ ये कहने आयी थी कि आप किसी से यहाँ जो होता है उस बारे में मत बताना वरना मेरा काम बंद हो जाएगा इस इलाके में यही एक ऐसी जगह है जहां काम बन जाता है….. मैंने उसे जाने का इशारा किया और वो फौरन पलट कर निकल ली उसके दूर जाते ही दीदी में आंखे दिखाते हुए मुझसे कहा…. अभी क्या बोला तुमने उसे मैं बीवी हूँ तुम्हारी….. मैंने कहा जैसे हम बैठे थे क्या बताता उसे की आप दीदी हो मेरी और वैसे भी उसे क्या फर्क पड़ता है आप कौन हो…..
दीदी ने उठते हुए कहा अब चलें…. मैंने जैसी आपकी इच्छा मेम साब और उठ कर दीदी का हाथ पकड़ कर चल दिया…. फिर वापसी में हमने एक होटल से खाना पैक करवाया…. तो दीदी ने फिर से अपनी आदत से मजबूर हो कर टोका की रोज रोज होटल का खाना ठीक नही पैसे भी ज्यादा लगते हैं…. मैंने धीरे से कहा अब तो घर का तभी खाउंगा जब मेरी बीवी मुझे खाना बना कर खिलाएगी……. दीदी ने गुस्से से मेरी ओर देखा और फिर मुह घुमा कर मुस्कुराने लगी…. फिर हम घर पहुंचे और दरवाजे के सामने पहुंचते ही मैंने दोनों हाथ उन्हें दिखाए जिनमे खाने के पैकेट्स थे और उन्हें चाभी निकालने का इशारा किया…. दीदी ने दाईं जेब मे हाथ डाला पर चाभी बायीं जेब मे थी और आज तो मैंने लोअर पहना हुआ था सो एक बार उनकी उंगलियां लंड को छू गयी उन्होंने एक बार और लंड पर उंगलियां फिराते हुए कहा इसमे तो चाभी नही है मैंने कहा ढूंढती रहो मिल ही जाएगी…. दीदी ने एक बार और शरारत से लंड को टच किया और हाथ निकाल कर दूसरी जेब मे डाल दिया और चाभी निकाल ली बोली कल से पहले ही बता देना किस जेब मे है चाभी…. मैंने कहा क्यों आपको ढूंढने में मज़ा नही आता क्या तो वो नकली गुस्सा दिखाते हुए बोली मार खायेगा क्या…. और मैंने उन्हें चिढ़ाते हुए कहा वाह होने वाले पति को मरोगी तो लोग क्या कहेंगे… दीदी ने दरवाजा खोला और कोई जवाब दिए बिना अंदर चली गईं……
दीदी के पीछे पीछे मैं भी अंदर आया और पैकेट्स टेबल पर रख कर दरवाजा बंद किया …. दीदी सीधा अपने रूम में चली गईं और थोड़ी देर में चेंज कर के आगयी उन्होंने नाइटी पहनी थी और बाल खोल लिए थे …… इस रूप में वो एक सेक्सी जवान औरत नजर आ रही थी मुझे ….. मैं तो पहले से शराब के नशे में था ऊपर से पार्क में हुई बातों ने मुझे और गरम किया हुआ था …… जैसे ही दीदी रूम में आई मैंने एक सीटी मार दी उन्हें देख कर और सीटी सुन कर उन्होंने मेरी ओर देखा तो मैंने उन्हें आंख मार दी ….. दीदी हल्का सा मुस्कुराई और मेरे पास आ कर बैठ गईं …… शाम से जितना कुछ हुआ था वो मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और अगर मैंने पी ना होती तो मैं कभी भी इतना सब बोलने की हिम्मत ना कर पाता ….. और सब से बड़ी बात इस सब बातों के दौरान दीदी एक भी बार अपसेट या नाराज़ नही लगी मुझे ……
दीदी के पास बैठते ही मैंने उनका हाथ पकड़ लिया दीदी ने मेरी ओर देखा और वो कुछ गंभीर सी लगी ….. फिर उन्होंने कहा संजू मैं कुछ दिन से कुछ महसूस कर रही हूं मैंने कहा क्या महसूस कर रही हो दीदी …… उन्होंने कहा ….. ये की आजकल तुम मुझे अजीब सी नजरो से देखते हो …….. मैंने मासूम सा मुह बना कर कहा पता नही मैं तो बस आपको देखता हूँ अब अजीब सी नजर क्या है वो मैं समझ नही पा रहा …… दीदी बोली देखो संजय तुम अब बच्चे नही हो बड़े हो चुके हो जवान हो और शायद तुम्हारी भी कुछ जरूरतें हैं जिन्हें पूरी करने के लिए तुम्हे कोई पार्टनर चाहिए …… और मैं तुम्हारी बहन हूँ पर मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम मुझे बहन के अलावा कुछ और भी समझते हो …. क्या ये सही है ….. मैं थोड़ा सम्हल कर बैठ गया और मेरे नशे में उड़ रहे दिमाग ने मुझे थोड़ा सचेत किया कि अब वक्त आ गया है य्या तो आज दिल की बात कह ही दो या बस हिलाते रहो …… मैंने कहा दीदी मैं आपसे इस बारे में सब सच सच कहना चाहता हूं पर डरता हूँ कहीं आप नाराज़ ना हो जाओ और मैं आपसे बहोत प्यार करता हूँ और आपको नाराज नही देख सकता …… दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा संजय तू दुनिया मे एक तुम ही मेरे अपने हो तुमसे नाराज तो नही हो सकती मैं कभी भी पर मैं तुम्हे सिर्फ अपने भाई के रूप में ही देखती हूँ …… फिर भी जो भी तुम सोचते हो या चाहते हो कह दो मैं तुमसे नाराज नही होउंगी ……
मैंने दीदी का हाथ पकड़े हुए कहा …… दीदी आप जानती हो बचपन से ही हमने कितनी प्रॉब्लम झेली है पापा के ना रहने के बाद घर की गरीबी और हालात देख कर मुझे बस एक ही ख्याल आया था कि मुझे बहोत पढ़ना है मेहनत करनी है और अपनी मम्मी और दीदी को वो हर खुशी वापस देनी है जो पापा के रहते उन्हें हासिल थी …… पर हालात ने ऐसा होने नही दिया क्यों कि तब मैं इस लायक था ही नही फिर भी मैं लगा रहा जी जान से मैंने उस उम्र में जब कि कॉलेज के लड़के लड़कियों के साथ मौज मस्ती करते हैं रिक्शा चलाया ताकि पढ़ाई पूरी कर के अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी दे सकू …… पर अफसोस कि जैसे ही मैं इस काबिल हुआ मम्मी भी छोड़ कर चली गईं ….. और बचे सिर्फ हम दोनों …… अब मेरे लिए सब कुछ आप ही हो ….. हाँ आपकी ससुराल में आपके साथ हो रहे सुलूक ने मुझे इतनी तकलीफ़ दी थी कि मैंने एक प्लान बनाया अपने बचपन के दोस्त रवि के साथ मिल के ……… मैं चाहता था कि कैसे भी तुम उस नरक से बाहर निकल आओ इसलिए हमने तुम्हारे पति को मारने का प्लान बनाया और उस शराब की दुकान वाले को 50000 रुपये दिए और उसे एक ऐसा केमिकल दिया जिसे वो हर रोज तुम्हारे पति की शराब में मिलाने लगा और कुछ दिनों में ही वो जहरीली शराब पी पी कर तुम्हारा पति मर गया ….. दीदी हैरत से मेरा मुह देखने लगी ….. दीदी ने कहा तुमने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया संजू …. मैंने कहा सिर्फ तुम्हारे लिए दीदी तुम्हारी आँखों मे आंसू देख कर मेरा दिल रो उठता था दीदी ….. दीदी की आंखे भर आयी और उन्होंने कहा …. इतना प्यार करता है तू अपनी दीदी से ….. मैंने दीदी के आंसू पोंछते हुए कहा ….. दीदी मैं सीना चीर के तो नही दिखा सकता पर हां मुझस ज्यादा प्यार तुम्हे इस दुनिया मे कोई नही कर सकता …… दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथों में जोर से कस लिया ….. दीदी ने कहा पर इसके लिए तुम्हे उन्हें मारने की क्या जरूरत थी तुम मेरा तलाक भी करवा सकते थे ….. मेरी चेहरा अचानक गुस्से से लाल हो गया और मैंने नफरत भरे लहजे में कहा ….. जितने जुल्म उस कमीने ने तुम पर किये थे उसकी सजा भी तो देनी थी उसे और सब से बड़ी बात अगर वो जिंदा रहता तो उसे छोड़ने के बाद भी तुम उसे भूल ना पाती पर मरे हुए लोगों को भूलना ज्यादा आसान होता है ……
दीदी ने कहा शायद तुम ठीक कह रहे हो तुम्हारे साथ यहां आने के महीनों बाद तक भी वो इंसान मेरे दिमाग मे घूमता रहा पर हर बार ये सोच कर की वो अब मर चुका है धीरे धीरे मैं उसके खयालो से बाहर आ पाई …..
मैंने कहा दीदी जब मैं पहली बार तुम्हारी ससुराल गया था तो जब तुम्हे देखा था तभी पहली नजर में ही तुमसे प्यार हो गया था और अब तो साथ रहते हुए धीरे धीरे गए ये प्यार पागलपन में बदल गया और मुझे अपनी सारी जिंदगी सिर्फ तुम्हारे साथ गुजारनी है रुचि …..
पहली बार मैंने दीदी को उनके नाम से बुलाया था …. दीदी भी प्यार से मुझे देखे जा रही थीं …. फिर एक गहरी सांस ले कर वो बोली मुझे समझ नही आ रहा मैं तुमसे बड़ी भी हूँ शादीशुदा भी हूँ विधवा भी हूँ ….. फिर तुम्हे मुझमें ऐसा क्या दिखा जो यूं मेरे दीवाने हो गए …. मैं उठ खड़ा हुआ और दीदी का हाथ थामे हुए उन्हें उठाया वो भी खड़ी हुई और सवालिया नजरो से मुझे देखने लगी …. मैं उनका हाथ पकड़े हुए उन्हें उनके कमरे में ले आया और उन्हें ड्रेसिंग के सामने खड़ा किया …. और पीछे से उनकी कमर में हाथ डाल कर उनसे लिपट गया …… मैंने कहा रुचि देखो शीशे में ये प्यारी सी लड़की जिस से मैं प्यार करता हूँ …. रही बात बड़ी होने की तो सचिन तेंदुलकर की बीवी उस से 5 साल बड़ी है आप सिर्फ डेढ़ साल बड़ी हो मुझसे रही बात शादी शुदा होने की तो तुम्हारा पति मर चुका है और तुम अब सिंगल हो और रही बात विधवा होने की तो मैं फिर से तुम्हे दुल्हन बनाना चाहता हूं ….. हां भाई जरूर हूँ मैं तुम्हारा पर उस से मुझे कोई प्रॉब्लम नही तुम्हे हो तो और बात है ….. दीदी के गाल सुर्ख हो गए मेरी बातें सुन कर और वो थोड़ा शरमा गयी …. ऐसे में दीदी और भी खूबसूरत लगने लगी थीं …. और मेरा लंड तो की सख्त हो चुका था उनकी गांड़ की नरमी से वो खूंटे जैसे खड़ा हो कर उनके चूतड़ों में चुभ रहा था …… उसकी चुभन महसूस कर के दीदी थोड़ा सा कसमसाई पर मैंने उन्हें छोड़ा नहीं …..
और उनके कानों पर होंठ रगड़ते हुए धीरे से कहा ….. i love you रुचि …. बहोत प्यार करता हूँ तुमसे जान …. और उनकी गर्दन पर होंठ रख कर चूम लिया ….. दीदी ने खुद को मुझसे छुड़ाया और बोली संजय मेरे लिए ये सब इतना आसान नही थोड़ा वक्त दो मुझे ….. मैं उदास सी नजरो से उन्हें देखने लगा ….. उन्होंने कहा देख तू मुझे अच्छा लगता है मैं भी तुझे प्यार करती हूं पर इस रिश्ते का क्या नाम होगा मैं समझ नही पा रही हूं ….. मैंने दीदी का हाथ पकड़ा और कहा रुचि मेरी बीवी बनोगी शादी करोगी मुझसे ….. दीदी ने कुछ पल सोचा और कहा ….. पर कैसे दुनिया को क्या बताएंगे …. मैंने कहा बस अपना जवाब दो बाकी मुझ पर छोड़ दो …. दीदी ने कहा थोड़ा सा टाइम दे दो मुझे सोचने का …. मैंने कहा कितना टाइम चाहिए ? दीदी बोली बस कल तक का …. मैंने कहा ठीक है दिया पर ना मत करना दीदी नही तो मैं मर जाऊंगा ….. दीदी ने गुस्से से मेरी तरफ देखा और मेरे मुह पर हाथ रख लार बोली …. दोबारा ऐसी फालतू बात की तो मार खायेगा ….. मैंने हंसते हुए कहा बीवियां तो मारती ही हैं शादी के बाद …. दीदी भी मेरी बात सुन कर हंसने लगी …. उनकी हंसी में उनकी हां की झलक मिल गयी मुझे फिर भी मैंने कहा अच्छा चलो तुम कल तक सोच कर जवाब दे देना अभी खाना दे दो भूख लग रही है ….. और दीदी कमरे से निकल गयी किचन में ….. मैं भी बाहर आ कर सोफे पर बैठ गया औ सोचने लगा कैसे होगा ये सब ….. मैं सोच में डूबा था कि तभी दीदी की आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया खाना लग चुका था …. और वो बुला रही थीं मैं जा का खाने की मेज पर बैठा और दीदी भी बगल में बैठ गईं मैंने रोटी उठाई और एक कौर ले कर दीदी के मुह में लगा दिया दीदी ने एक नजर मुझे देखा और मुह खोल दिया और खाने लगी ….. मैं दीदी को खिलाता रहा और खुद भी खाता रहा …. बिना एक भी शब्द बोले हमने खाना खत्म किया और फिर दीदी बर्तन ले का किचन में चली गईं ….. जब वो सब निपटा कर आईं तो मैं वही बैठा था …. दीदी बोली आज tv नही देख रहे मैंने कहा अब tv कौन देखेगा अब तो बस बीवी दिख रही …. दीदी फिर से हंस दी ….. और उनके गालों में पड़े गढ्ढे में मेरा दिल खो गया …. सच तो ये था अब दीदी के लिए मेरे दिल मे वासना के साथ बहोत सारा प्यार भी था …. मैंने कहा मैं सोने जा रहा गुड नाईट रुचि डिअर …. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा गुड नाईट संजू …. मैंने अपने रूम में घुसते हुए एक बार मुड़ कर देखा और दीदी को आंख मार कर बोला love you sweety और रूम का दरवाजा बंद कर लिया …. कुछ सेकेंड्स बाद दीदी की आवाज़ आयी love you too sanjay …. मैं तो खुशी से उछल पड़ा मुझे दीदी का जवाब मिल चुका था ….. बिस्तर पर लेट कर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और फ़ोन उठाया और दीदी के रूम का cam ऑन किया पर वो रूम में नही थी मुझे लगा शायद बाथरूम में हो तो दूसरा cam ऑन किया और वो बाथरूम में ही थीं ….. वो पेशाब कर रही थी और उनका चेहरा cam की ओर ही था और उनकी गुलाबी बुर से निकलती मूत की धार दूर तक जा रही थी वो सीन देख कर मेरा हाथ खुद ब खुद लंड पर पहुंच गया और मैं उसे सहलाते हुए सोचने लगा कि अब जल्दी ही मेरे लंड को भी चूत नसीब होगी वो भी मेरी प्यारी दीदी की चूत ….. पेशाब करने के बाद दीदी ने पानी से बुर को अच्छी तरह धोया और टॉवल से पोछ कर पैंटी ऊपर सरका ली फिर वो बाहर निकल गयी और मैंने उनके रूम वाला cam ऑन किया ….. पर दीदी रूम में नही आई 2-3-4 मिनट हो गए फिर 5 मिनट पूरे होने के बाद दीदी रूम में घुसी और उनके हाथ मे कुछ था गौर से देखा तो वो एक केला था ….. पीले रंग का पका हुआ लंबा मोटा केला दीदी के हाथ मे था और वो देखते मेरे दिमाग मे झमाका हुआ कि आज तो दीदी केले से अपनी चूत चोदेगी और मेरा लंड झटके खाने लगा …..
उधर दीदी ने केले के बिस्तर पर फेंक दिया और गुनगुनाती हुई नाइटी उतारने लगी नाइटी निकाल कर बिस्तर पर फेंकने के बाद दीदी ने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और एकदम नंगी हो कर आईने के सामने खड़ी ही गयी कमर पर हाथ रख कर और खुद को गौर से देखने लगी अपनी चूचियाँ सहलाई फिर पेट पर हाथ फिराया और फिर घूम कर अपने चूतड़ देखने लगी …. मैं बड़ी दिलचस्पी से उनकी हरकते देख रहा था ….. फिर दीदी बेड पर आ गयी और लेट कर आंखे मूंद कर अपना बदन सहलाने लगी ….. वो अपनी चिकनी जांघो से हाथ फिराते हुए चूत तक हाथ को ले जाती फिर पेट को सहलाते हुए अपने सुडौल चुचो को मसलती कभी निप्पल्स को रगड़ती तो कभी चूत के दाने को उंगलियों से छेड़ती ….. कुछ देर तक ऐसे ही अपने बदन को गरम करने के बाद उन्होंने आंखे मूंदे ही हाथों से टटोल कर वो केला उठाया और उसे अपने निप्पल्स पर फिराने लगी केला फ्रीज में रखा हुआ था तो काफी ठंडा रहा होगा और ठंडे ठंडे केले को बदन से लगाते ही उनके होठो से सिसकी निकल गयी और वो मोनिंग करते हुए मस्ती में डूबी केले को अपने अपने पूरे बदन पर फिराने लगी और आखिर में केले की नोक से चूत के दाने को रगड़ने लगी ….. ये सब देख कर मैं खुश भी था और हैरान भी …. खुश इसलिए कि बिस्तर पर मेरे लंड को बहोत देने वाली थी मेरी बहन और हैरान इसलिए कि मैंने कभी नही सोचा था कि दीदी इतनी सेक्सी होंगी ….. मेरा लंड गरम हो कंसर झटके ले रहा था मानो कह रहा हो दीदी मैं हूँ तो केले की क्या जरूरत है पर मैं अपने हाथों से उसके अरमानों का गला घोंटते हुए उसे समझा रहा था कि बस थोड़ा सब्र और कर …. तभी दीदी ने तकिए के नीचे से अपना फ़ोन निकाला और कुछ करने लगी और एक मिनट बाद फ़ोन को कवर पर स्टैंड कर के अपने सीने पर रख कर वापस से केले से चूत रगड़ने लगी …. मुझे दिख तो नही रहा था पर sure था कि फ़ोन पर पोर्न चल रही है …. दीदी पोर्न देखते हुए मस्ती में चूत को लंड जैसे केले से रगड़ रही थी फिर उन्होंने केले को अपने मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया और थोड़ा सा चूस कर उसे अपनी चूत पर टिका कर धीरे धीरे चूत में डालने लगी जैसे ही 5 इंच केला उनकी चूत में घुसा दीदी की आंखे बंद हुई और उनका दूसरा हाथ उनके निप्पल पर आ गया वो बारी बारी से दोनों निप्पल मसलते हुए केले को तेजी से चूत में अंदर बाहर करने लगी ….. तभी मुझे एक शरारत सूझी मैंने फ़ोन उठा कर उनका नंबर डायल कर दिया …. और 4-5 रिंग जाने के बाद उन्होंने कॉल रिसीव की और झुंझलाई आवाज़ में बोली क्या है क्यों काल कर रहे हो इस टाइम मैंने अपनी हंसी पर काबू करते हुए कहा दीदी मेरा केला खाने का मन कर रहा है …. दीदी के आवाज़ थोड़ा सा लड़खड़ा गयी बोली इस टाइम केला खायेगा …. मैंने कहा हां आप इस टाइम केला खा सकती हो तो मैं क्यों नही खा सकता …..” उन्होंने कहा तो फ्रीज में से ले कर खा ले मुझे कॉल क्यों कि …. मैंने कहा मैंने तो बस ये पूछने के लिए कॉल की है कि केले बचे हैं या तुम सब खा गई …. तो दीदी ने कहा कि मैं तो एक ही लायी थी बाकी तो रखे ही होंगे ….. मैंने भी मज़े लेते हुए कहा हां आपका काम तो एक से ही चल जाएगा पर मैं तो दो तीन खाउंगा कम से कम …. दीदी ने खीझते हुए कहा रखे हैं जितने मर्ज़ी हो खा पर मुझे सोने दे …. और कॉल काट दी उन्होंने मैंने वापस से देखना शुरू किया तो वो दोबारा से पोर्न प्ले कर के देखने लगी थी …. और केला अभी भी उनकी चूत में फंसा पड़ा था …. फिर उन्होंने दोबारा से उसी तरह अपने जिस्म से खेलते हुए केले से अपनी चूत चोदनी शुरू कर दी और जल्दी ही उनका बदन अकड़ने लगा और वो तेजी से हाथ चलाते हुए झड़ने लगी ….. और एकदम शांत हो कर लेट गयी फिर कुछ देर उन्होंने चूत से केला निकाला और … उसे वही बेड के नीचे डाल दिया और नंगी ही चादर ओढ़ कर सो गई ….. उन्होंने लाइट भी ऑफ नही की थी ….. अब देखने को कुछ नही बचा था सो मैं भी फ़ोन चार्ज पर लगा कर सोने की कोशिश करने लगा और सोचते सोचते कब मेरी आँख लग गयी कुछ पता नही चला …….
सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और नींद खुलते ही कल की सारी घटनाएं मेरी आँखों के सामने घूम गयी हांलाकि आज संडे था पर फिर भी जाग जाने के बाद मैं वक़्त बर्बाद करना ठीक नही समझा और आज तो मेरी जिंदगी का अहम फैसला होने वाला था …. और मेरे होठो पर मुस्कान आ गयी सुबह सुबह लंड एकदम सख्त था मैंने उसे एक बार दबा कर आश्वासन दिलाया कि जल्दी ही तुझे चूत नसीब होगी …. और फिर फोन उठा कर दीदी के रूम चेक किया वो रोज की तरह उठ चुकी थीं और रूम में नही थी फिर मैंने बाथरूम चेक किया तो वो शावर के नीचे एकदम नंगी थी और बदन पर साबुन लगाते हुए गुनगुना रही थीं ….. उनका नहाना खत्म होने तक मैं बैठा लंड सहलाते हुए उन्हें देखता रहा और फिर कल की ही तरह जा कर सोफे पर बैठ गया …. दो मिनट बाद दीदी कल जैसे ही टॉवल लपेट कर बाहर निकली पर आज मुझे देख कर अनदेखा करते हुए अपने रूम में चली गयी …. और उनके जाने के एक मिनट बाद ही मैं भी पीछे से रूम में चला गया अंदर घुसते ही मुझे झटका सा लगा दीदी ने टॉवल बेड पर डाला हुआ था और वो झुक कर पैंटी पहन रही थीं और उनकी नंगी गांड़ जो झुकने की वजह से उभर और खुल कर सामने आ गयी थी मुझे दिख रही थी …. मेरे आने की आहट से दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और लगभग चिल्ला कर बोली …. अरे पागल हो गए हो ऐसे कैसे घुसे आ रहे हो ….. और जल्दी से पैंटी पहनने के चक्कर मे उनका पैर पैंटी में उलझ गया और वो जमीन पर लुढ़क गईं ….. मैंने पास जा कर उनका हाथ पकड़ कर उन्हें उठाते हुए कहा सॉरी दीदी मुझे लगा आप कपड़े पहन ली होगी ….. उन्होंने हाथ छुड़ाते हुए कहा इतनी जल्दी कैसे कोई मशीन लगी है क्या और तू बाहर निकल अब जल्दी से ….. उन्होंने हाथों से अपने बूब्स को छिपाने का असफल प्रयास किया हुआ था …. मैंने कोई बहस ना करते हुए बाहर जाना ही ठीक समझा और चुपचाप बाहर चला आया …. लगभग 10 मिनिट बाद दीदी बाहर आई उन्होंने एक पाजामा और ब्लैक टी शर्ट पहनी थी खुले गीले बाल और हल्की लिपस्टिक ….. एकदम माल लग रही थी दिल तो किया वही पकड़ कर होठो को चूस लूं पर मैं मुह बनाये बैठा रहा …. दीदी मुझे देखती हुई किचन में घुस गई और कुछ देर में दो कॉफ़ी ले कर मेरे पास आ कर बैठ गईं …. पर मैं वैसे ही सड़ा सा मुह बनाये बैठा रहा …. उन्होंने कॉफ़ी का मग उठा कर मुझे दिया और बोली क्या हुआ …..
मैंने कहा कुछ नही और कॉफ़ी ले कर पीने लगा दो मिनट मैं चुपचाप कॉफ़ी पीता रहा तो वो बोली …. ऐसे किसी के रूम में घुसते हैं क्या मैंने किसी के रूम में नही घुसा था आपके रूम में घुसा था …. अपने घर मे घुसा था …. दीदी ने कुछ सेकेंड्स मेरी ओर देखा घूर कर फिर बोली मैं कौन हूँ …. मैंने कहा मेरी दीदी और होने वाली बीवी …. दीदी बोली संजू तू सच मे सीरियस है इस बारे में या मेरी टांग खींच रहा है … मैंने कहा अभी शादी करोगी आज ही …. दीदी बोली पर कैसे मैंने वो सोचना मेरा काम है …. मैंने कहा दीदी कुछ दिन से मेरे ट्रांसफर की बाते हो रही है ….. सीनियर ऑफिसर मुझे किसी और जगह भेजना चाहते हैं अगर आप हाँ बोलो तो किसी और स्टेट में ट्रांसफर ले लूं जहां हमे कोई ना जानता हो और फिर वही शादी कर के सेटल हो जायेंगे …. पर सब से पहले आप बताओ आपको ये रिश्ता मंजूर है या नही….?
दीदी बोली अभी भी बताने को कुछ बाकी है क्या मैंने दीदी का हाथ हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी मैं एक बार आपके मन की बात जानना चाहता हूं मैंने तो अपने मन की आपको बता दी थी पर मैं ये नही चाहता आपकी मर्जी के बिना कुछ हो …. दीदी बोली ऐसा है तो सुनो मैं काफी टाइम से महसूस कर रही हूं तुम मुझे बहन के अलावा एक औरत की नजर से देख रहे हो …. हांलाकि मेरा दोबारा शादी का कोई इरादा तो नही था पर तुम्हारा अपने प्रति लगाव देख कर मैं मना नही कर पा रही हूं और सब से बड़ी प्रॉब्लम है हमारा असली रिश्ता …. मैंने कहा दीदी हम अपने नंबर बदल देंगे यहां किसी को नही बताएंगे अपना नया एड्रेस बस आफिस के एक दो लोगो को पता होगा कि हम किस शहर में हैं कोई रिश्तेदार कभी हम तक नही पहुंच पायेगा और नई जगह हमारा रिश्ता जो हम रखेगे वही जानेंगे लोग फिर प्रॉब्लम कहाँ है …. दीदी ने सर हिलाते हुए कहा बात तो सही है तुम्हारी ऐसे में तो कोई प्रॉब्लम नही होगी …. मैंने कहा अब कह भी दो रुचि …. दीदी ने कहा संजू या तो दीदी कह ले या रुचि मैंने कहा अकेले में दीदी य्या रुचि जो चाहे कहूँ पर आज से सबके सामने रुचि ही कहूंगा …. दीदी बोली जब बीवी बनाने का इरादा कर लिया है तो रुचि ही बोलो ना मैंने कहा दीदी को बीवी बनाने का क्या मज़ा है ये तुम नही समझोगी दीदी …. दीदी हंसने लगी …. मैंने कहा फिर मैं हां समझू दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर सहलाते हुए कहा हां मेरे होने वाले पतिदेव …. मेरी हां है मैं खुशी से उछल पड़ा और दीदी को खड़ा कर के गोद मे उठा कर नाचने लगा दीदी बोली छोड़ दे गिर जाऊंगी …. मैंने कहा मेरे होते कैसे गिर जाओगी और दीदी को नीचे उतार कर उन्हें जोर से बाहों में कस लिया दीदी ने भी अपनी बाहें मेरे जिस्म पर कस दी ऑयर लिपट गईं मुझसे मैंने दीदी के गालों को चूम लिया और कहा ….. Love you ruchi मेरी जान …. दीदी ने शर्माते हुए मेरे गाल पर किस किया और बोली love you too संजू …. मैंने कहा दीदी शादी आज ही करनी है दीदी बोलो इतनी जल्दी क्या है मैंने कहा 28 साल हो गए अब बड़ी जोर से सुहागरात मनाने का मन कर रहा है ….. दीदी ने कहा संजय जब मैंने हाँ कर ही दी है तो जो करना है आराम से कर ना बाकी तो अब मैं तेरी हूँ ही मना थोड़े करूंगी अपने हबी को …. मैंने कहा दीदी पर मैं बिना शादी के आपके साथ आपके साथ सेक्स नही करना चाहता …. तो दीदी ने नीचे की ओर देखते हुए कहा पागल लड़के सिर्फ सेक्स ही सब कुछ नही होता उसके अलावा भी बहोत कुछ किया जा सकता है ….. मैंने कहा पर कुछ और करने के बाद मैं खुद को रोक नही पाऊंगा …. दीदी बोली रोक तो शायद मैं भी नही पाऊंगी खुद को ….. फिर मैंने संजीव को कॉल किया और पूछा कोई पंडित का इंतजाम हो जाएगा उसने पूछा क्या करना है मैंने कहा शादी करनी है उसने कहा सर पर शादी अचानक कैसे मैंने कहा मेरी गर्ल फ्रेंड है और हम आज ही एकदम सिंपल तरीके से मंदिर में शाम को शादी करना चाहते हैं …. संजीव बोला ठीक है सर पंडित का इंतजाम तो।मैं कर दूंगा बाकी इंतजाम का क्या मैंने कहा भाई बाकी कोई इंतजाम नही करना बस पंडित जी से पूछ लेना क्या इंतजाम करना है और हम दोनों का कोई है नही दुनिया मे वो भी अनाथ मैं भी अनाथ …. असल मे मैंने आफिस में किसी को नही बता रखा था कि मेरी कोई बहन भी है और ना ही कभी कोई मेरे घर आया था पड़ोसियों से हमारी बस गुड मॉर्निंग ही होती थी तो उन्हें भी कोई आईडिया नही था …….. संजीव ने कहा सर मैं 5 बजे तक सारा इंतजाम कर लेता हूँ और आपको कॉल करता हूँ …. मैंने कहा ठीक है और कॉल काट कर मैंने कहा दीदी जल्दी से तैयार हो जाओ शॉपिंग करने चलना है …. और मैं बाथरूम में घुस गया …. जल्दी से नहा कर तैयार हो कर आधे घण्टे में मैं हाल में आया तो दीदी अभी अपने रूम में ही थीं …. मैंने आवाज़ दी बोली बस आ रही हूं और दो मिनट में वो आ गईं …. उन्होंने ब्लू साड़ी पहनी थी और सिंपल से मेकअप …. मैंने कहा दीदी वैसे जरूरत तो किसी चीज की नही है तुम वैसे ही इतनी खूबसूरत पर आज तुम्हारी शादी है तो चलो सब इंतजाम करने हैं दीदी बोली नाश्ता बना दूँ मैंने कहा दुल्हन कही काम करती है क्या आज से हफ्ते भर की छुट्टी बस शादी करो मज़े करो …. और अपने पति को खुश करो बाकी सब काम भूल जाओ …. दीदी बोली जो आज्ञा पतिदेव और हंस दी …. मैंने उनका हाथ पकड़ा चाभियां ली और घर लॉक कर के आ गया ….. दीदी को कार में बिठा कर 10 बजे मैं घर से निकल लिया और एक शॉपिंग माल में आया दीदी के लिए एक डिजाइनर लहंगा और 5 खूबसूरत साड़ियों के अलावा ढेर सारी सेक्सी लिंगरी के साथ मेकअप का ढेर सारा सामान खरीदते हमे 12 बज गए …. मैंने सेल्स गर्ल से कहा कि ये सब आज ही कंप्लीट तैयार करवा के दो ब्लाउज वगैरह उसने दीदी को ले जा कर नाप दिलवाया और बोली बस 3 बजे तक सब तैयार मिलेगा उसके बाद मैंने अपने लिए शेरवानी ली और उसे भी फिटिंग करने के लिए दे कर 65000 बिल चुका कर निकला तो दीदी बोली इतने पैसे क्यों खर्च कर रहा मैंने कहा दीदी मुझे पति और भाई दोनों का फर्ज निभाना है पिछली शादी में तो कुछ नही कर पाया आपकी खुशी के लिए पर आज मत रोको मुझे ….. दीदी कुछ नही बोली मैंने उन्हें कार में बिठाया और फिर हम ज्वैलरी शॉप में आ गए …. वहां मैंने दीदी के लिए एक खूबसूरत हार कंगन झुमके नथ और दो खूबसूरत घुंघरू वाली पायल खरीदी और दोनों के लिए एक एक डायमंड रिंग भी ले ली इस सबका बिल लगभग ढाई लाख बना वो भी पे कर के सब पैक करवा के मैंने फिर से दीदी को लिया और फिर हम एक अच्छे पार्लर में पहुंचे मैंने वहाँ की ओनर से जा कर बात की और बताया कि आज हमारी शादी है और इनका फुल ब्राइडल मेकअप करना है उसने कहा फुल पैकेज का 18000 बताया मैंने उसे पैसे ट्रांसफर किये और दीदी को वही छोड़ कर आने लगा तो दीदी मुझे रोक कर बोली यार संजू भूख लगी है क्या शादी के दिन भूखा मारेगा ….. तब मुझे याद आया कि सब भाग दौड़ मैं नाश्ता करना भी भूल गया तो पार्लर वाली लेडी बोली भाई साहब आप परेशान ना हो भाभी जी को मैं नाश्ता करवा दूंगी आप बस 5 बजे तक ले जाना इन्हें …. मैंने कहा अभी तो कपड़े नहीं आये इनके वो बोली आप चार बजे तक कपड़े ले कर आ जाना तो मैं इन्हें 5 बजे एकदम रेडी कर दूंगी …… अभी 2 बज रहे थे मैं वहाँ से निकल कर आया और एक जगह हल्का सा नाश्ता कर के ढाई बजे तक वापस मॉल पहुंच गया और 10 मिनट में सारा सामान पैक करवा कर मैं भी एक पार्लर में घुस गया शेव करवा के थोड़ा बहोत और ट्रीटमेंट ले कर मैं लगभग 4 बजे पार्लर आ गया और दीदी का लहंगा और गहने उन्हें दे कर कार में ही उनका इंतजार करने लगा …. साढ़े चार बजे संजीव का कॉल आया उसने मंदिर का एड्रेस दिया …. और बोला सब तैयार है बस आप लोग आ जाओ …. मैंने कहा ok आता हूँ तभी पार्लर वाली लेडी दीदी को ले कर आ गईं …. और मैं दिन भर की सारी थकान भूल कर बस दीदी को देखता रह गया …. मेरी प्यारी मासूम ख़ूबसूरत बहन एकदम चांद का टुकड़ा लग रही थी …… लाल सुर्ख लहंगे में मेहंदी लगे हाथों में भरी हुई लाल चूड़ियां नाक में नथ होठो पर लिपस्टिक माथे पर बिंदिया ….. सब मिला कर दीदी को उस रूप में देख कर मेरे मन मे ढेर सारा प्यार उमड़ आया उनके लिए ….. दीदी ने कार का दरवाजा नॉक किया तब मुझे होश आया कि मैंने उन्हें अंदर भी बिठाना है मैंने डोर खोला दीदी को बिठाया और उस लेडी को thanks बोल कर कार बढ़ा दी …. मैंने दीदी को देख कर कहा जानेमन कमाल लग रही हो दिल कर रहा है पहले सुहागरात मना लूं शादी बाद में …. दीदी के गाल आओए सुर्ख हो गए पर वो सिर्फ इतना बोली …. संजू एक चीज भूल गए हो तुम मैंने कहा क्या ….. दीदी बोली मंगलसूत्र ….. मैंने माथे पर हाथ मारा और कहा सॉरी यार पहली बार शादी कर रहा हूँ ना …. दीदी ने कहा पर मैं तो दूसरी बार कर रही हूं इसीलिए जो तुम्हे याद नही मैं याद दिला रही हूँ मैंने कहा दीदी तुम खुश हो ना इस रिश्ते से …. दीदी ने कहा मेरी आँखों मे देखते कहा हां संजू मैं बहोत खुश हूं …. तभी एक ज्वेलरी शॉप दिखी मुझे रास्ते मे और मैं दीदी को कार में ही छोड़ कर भाग कर एक मंगलसूत्र ले कर आ गया …… उसे जेब मे डाल कर मैंने कार बढ़ाई और सीधा मंदिर पर ही रोकी वहां संजीव अपनी बीवी के साथ खड़ा था मुझे देखते ही मेरे पास आया और बोला सर अचानक कैसे सब प्रोग्राम बना लिया ….. मैंने दीदी को नीचे उतरते हुए कहा यार संजीव बस कुछ ऐसी बात हो गयी कि आज के आज ही सब करना पड़ा ….. और इस मदद के लिए धन्यवाद ….. वो बोला सर शर्मिंदा ना करें …. उसने कहा भाभी जी तो तैयार हैं पर आप ये किस हाल में घूम रहे मैंने कहा कपड़े हैं ना मैं कार में ही बदल लेता हूँ मैंने कहा तुम रुचि को ले कर अंदर जाओ मैं आता हूँ 5 मिनट में ….. उसकी बीवी दीदी को ले कर अंदर चली गयी और मैं गाड़ी में घुस कर किसी तरह कपड़े बदल कर संजीव के साथ अंदर आ गया मंदिर में पंडित जी एक कोने में सारा इंतजाम किए हुए बैठे थे …. मैं पहुंचा और कहा पंडित जी शुरू कराइये ….. फिर उन्होंने दीदी को बिठाया और मुझे भी ….. और रस्मे शुरू की ….. शादी हुई संजीव की बीवी ने हमारी गांठ बांधी …. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भरा मंगलसूत्र पहनाया और फिर हमने फेरे लिए ….. उसके बाद संजीव ने एक बड़े लिफाफे से दो वरमाला निकाली और हमने एक दूसरे को वरमाला पहना कर विवाह संपन्न किया ….. पंडित जी को दक्षिणा में 21000 रुपये मिले तो वो भी खुशी खुशी आशीर्वाद दिए और चले गए ….. मैंने कहा संजीव भाई आपका शुक्रिया …. तो उसकी बीवी बोली भाई साहब अभी तो पार्टी बाकी है मैंने कहा जरूर भाभी जी आज तो पार्टी होगी ही चलिए किसी अच्छे होटल चलते हैं तो वो बोली नही भैया आज की पार्टी तो मेरे घर पर होगी मैंने सब इंतजाम कर लिया है बस चलिए आप लोग …. मैंने कहा पर आज …. वो बोली अभी 7 बजे हैं 9 बजे तक आपको फ्री कर देंगे बस चलिए बढ़िया डिनर करिये और फिर घर जाइये …. मैंने कहा ठीक है और मैं दीदी के साथ कार में आ गया …. संजीव अपनी कार में अपनी बीवी के साथ चला गया और मैंने भी उनके पीछे अपनी गाड़ी लगा दी …. रास्ते मे एक जगह सुनसान और अंधेरा देख कर मैंने कार रोकी दीदी आगे ही बैठी थीं मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा …. वो बोली क्या हुआ यहाँ कई रुक गए मैंने कहा मुझसे रहा नही जा रहा अपनी बीवी को थोड़ा सा प्यार करना है ….. और दीदी को सीने से लगा लिया …. दीदी मुझसे चिपकते हुए बोली बस थोड़ा इंतजार और कर लो फिर जी भर के प्यार करना अपनी बीवी को …. मैंने कहा डिनर तो बाद में होगा अभी थोड़ा सा स्नैक्स ही दे दो और दीदी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूची मसल दी …. दीदी आहहह भर कर बोली संजू अभी मत करो ना ये जगह भी ठीक नही है और अभी हम लेट भी हो रहे हैं ….. मैंने चूची को और मसलते हुए कहा ठीक है अभी तो छोड़ रहा हूँ पर रात में तुम्हारी एक नही सुनूंगा ….. दीदी बोली रात में मैं तुम्हे रोकूंगी भी नही …. मेरे पतिदेव …
मैने कहा दीदी आज रात में हम क्या करेंगे दीदी मुस्कुरा कर बोली आज रात में हम प्यार करेंगे …. मैंने कहा प्यार तो हम बचपन से ही करते हैं एक दूसरे से आज क्या करेंगे तो दीदी बोली आज हम पति पत्नी वाला प्यार करेंगे संजू ….. मैंने पति पत्नी वाले प्यार को क्या कहते हैं दीदी बताओ ना ….. तो दीदी नीचे को देख कर बोली सेक्स … मैंने कहा दीदी प्लीज मेरी ओर देख कर हिंदी में साफ साफ ठीक से बताओ ना आज हम क्या करेंगे ….. दीदी ने कहा मैं इतनी बेशर्म नही हूँ ….. मुझे लगा अभी दीदी का मूड खराब करने से क्या फायदा शायद एक बार सब हो जाने के बाद वो थोड़ी सहज होंगी मेरे साथ फिर मैंने कार बढ़ा दी और थोड़ी देर में हम बातें करते हुए संजीव के घर पहुंच गए ….. वो हमें अंदर ले गया और हमे अपने रूम में ले जा कर बिठाया …. थोड़ी देर में उसकी बीवी आयी और बोली भाई साहब खाना लगाऊं मैंने कहा हां लगाइए और वो चली गयी संजीव नही दिख रहा था मैं और दीदी वही बैठे थे अकेले तभी मैंने दीदी को पकड़ कर एक बार फिर से उनके गाल चूमने शुरू किए मन तो होंठ चूमने का था पर लिपस्टिक की वजह से नहीं कर रहा था ….. मुझे लगा कही मेरे कही लग गयी तो सबके सामने मैं कार्टून बन जाऊंगा …. तभी मुझे किसी के आने की आहट मिली और मैं अलग हो कर बैठ गया उसी वक़्त संजीव अंदर आया उसके हाथों में एक बड़ी सी बोतल थी जिस पर रिबन बंधा हुआ था उसमें बोतल मुझे दी और बधाई दी …. मैंने पूछ लिया ये क्या है तो वो बोला सर ये वाइन है …. बहोत महंगी मैंने यूं ही पूछ लिया कितने की है तो उसने बताया कि ये 4000 की एक बोतल है ….. खैर मैंने कौन से पैसे देने थे सो मैंने बोतल उसे वापस देते हुए कहा खाने के साथ ही इसे भी ….. वो बोला हां सर जरूर मैं यही सोच के लाया ही था ….. वो बाहर चला गया और दीदी ने मुझसे कहा आज भी पियोगे ?
मैने कहा दीदी वो दारू थोड़े गया वाइन है और आज तो आप को भी थोड़ी सी पीनी पड़ेगी …. प्लीज मना मत करना …. तभी संजीव की बीवी आयी और दीदी से बोली चलिए भाभी सब तैयार है …. और वो हम दोनों के ले कर रूम में आई टेबल एकदम भरी पड़ी खाने से …. मैंने देख कर कहा रुचि देख लो इतना सब तुम्हे खाना है …. दीदी बोली क्यों अकेले मैं ही खा जाऊंगी क्या …. आप लोगो का व्रत है आज ??? ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए हम बैठे और संजीव ने बोतल मुझे पकड़ा दी बोला सर खोलिए मैंने कहा भाई ये शुभ काम तुम ही कर लो मेरे बस का नही है …. उसने बोतल खोल कर अपनी बीवी को दी टेबल कांच के खूबसूरत ग्लास रखेल हुए थे उसने सबके गिलास भरे और हम तीनों ने अपने अपने गिलास उठा लिए और दीदी की ओर देखने लगे …. उन्होंने भी अपना गिलास उठा लिया और हमने चियर्स किया …. दीदी बोली मुझे भी पीनी है क्या तो संजीव की बीवी बोली कुछ नही होता भाभी पियो आप परेशान ना हो मैं तो कभी कभी पी लेती हूं ….. और वाइन पीते हुए खाना खाने लगे गिलास खाली होते ही दुबारा भर गए और दीदी ने दूसरा गिलास भी खत्म कर दिया खाना बहुत ही शानदार था और वाइन ने खाने का मज़ा दोगुना कर दिया ….. हांलाकि दो ग्लास वाइन पी कर मुझे कुछ महसूस नही हो रहा था …. और मैंने एक और गिलास भर लिया ….. और तीसरा गिलास खत्म होते होते मुझे हल्का नशा महसूस होने लगा मुझे बस अब और नही पीनी चाहिए …. साढ़े 9 बज रहे थे और मुझे अब बस घर पहुंचने की जल्दी थी ….. मैंने कहा संजीव भाई अब हम चलते हैं उसने कहा ok सर और उसने धीरे से मेरी जेब मे कुछ डाल दिया …. मैंने पूछा क्या है उसने कहा घर पर देखना .…. और फिर हम उन लोगो से विदा ले कर निकल लिए …. मैंने कार स्टार्ट की और दीदी आज आगे बैठ गयी मेरी बगल में मैंने कार आगे बढ़ाई और संजीव के घर से मुड़ते ही दीदी का हाथ पकड़ के अपनी ओर खींच लिया दीदी भी मुझसे चिपक कर बैठ गयी …… मैने एक हाथ से ड्राइव करते हुए दूसरा हाथ दीदी के गले मे डाल कर उनकी चूची पर रख दिया …. दीदी पर भी वाइन असर कर रही थी और वो आंखे मूंद कर मेरे कंधे पर सर टिका दी थीं मैंने हल्के हल्के से उनकी ब्लाउज में कसी चूची को कई बार सहलाया और फिर एक बार जोर मसल दिया …. दीदी ने सिसकी ली और आंख खोल कर मेरी ओर देखा मैंने कहा दीदी चूची मस्त है आपकी ….. दीदी मुस्कुराई और बोली बाकी सब भी मस्त ही है ….. मैने कहा हां देखने मे तो मस्त ही है बाकी तो इस्तेमाल करने के बाद ही पता चलेगा मैंने फिर से पूछा दीदी बताओ ना आज हम क्या करेंगे रात में …. दीदी ने नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर से वही जवाब दिया हम प्यार करेंगे ….. मैंने बस प्यार और कुछ नही दीदी बोली और बहुत कुछ भी करेंगे ना …. दीदी ने पूछा और क्या करेंगे तुम ही बता दो ….. मैंने दीदी के कान में फुसफुसा कर कहा ….. आज मैं अपनी दीदी की चुदाई करूँगा ये सुनते ही दीदी फिर से आंख मूंद ली मैने कहा क्या हुआ दीदी बोली मुझे शर्म आ रही है ….. मैंने कहा पर मुझे तो बेशर्म बीवी चाहिए …. जो मुझे पूरे मज़े दे ….. और हम घर पहुंच गए मैंने रोज की तरह कार पार्किंग में लगाई और सारा सामान कार से निकाल कर कार दीदी से ही लॉक करवाई और हम आज लिफ्ट से ऊपर आये सामान ज्यादा था इसलिए …. फिर घर के दरवाजे पर पहुंच कर मैंने दीदी से कहा चाभी निकालो ….. इस वक़्त मेरा लंड एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा था ….. दीदी ने मेरी जेब मे हाथ डाला और उनकी उंगलियां सीधा लंड से टकराई लेकिन आज दीदी ने एकदम अलग तरीके जेब मे हाथ डाले हुए ही लंड को पकड़ लिया और हल्के से दबाने लगी और मेरी हालत खराब होने लगी फिर भी मैं कुछ बोला नही जब दीदी कुछ टाइम ऐसे ही लंड मसलती रही तो मैंने कहा दीदी क्या कर रही हो चाभी निकालो ना जल्दी से हम घर से बाहर हैं दीदी ने कहा क्यों रोज तू यही तो करवाता है मुझसे अब आज मैं खुद कर रही हूं तो क्या हुआ मैंने कहा हुआ कुछ नही अच्छा बहोत लग रहा है पर मैं कितना सारा सामान लिए हूँ हाथों में दर्द हो रहा है तो दीदी ने हंसते हुए दूसरी जेब मे से चाभी निकाल कर लॉक खोला और हम अंदर आ गए मैंने सारा सामान एक तरफ रखा और ये सम्हालो अपना सामान दीदी और जल्दी से इसे ठिकाने लगा कर मेरे रूम में आ जाओ …. दीदी अब मेरा तेरा क्या है सब हमारा है …. मैंने कहा ये बात भी सही है तो दीदी बोली अभी तो मेरा सर घूम रहा है ये सब कल करूंगी ….. मैंने ठीक है पर अभी क्या करोगी दीदी मेरे पास आई और बोली अभी जो तुम चाहो वो करे मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उन्हें गोद मे उठा लिया और ले कर अपने रूम में आ गया और बेड पर लिटा दिया और खुद भी लेट गया मैंने रूम की सारी लाइट्स ऑन कर दी और जेब से हीरे के अंगूठी निकाली और दीदी की उंगली में पहना दी ….. दीदी उस अंगूठी की चमक देख कर और भी चमकने लगी और बोली ये किसलिए मैंने कहा ये मेरी ओर से मेरी बीवी को पहला गिफ्ट और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने सख्त लंड पर रख दिया और कहा ये दूसरा गिफ्ट मेरी बीवी …. और दीदी के लिए ….. दीदी बोली अभी तो दीदी मत बोला मैंने कहा दीदी असल मे मुझे सेक्स स्टोरीज पढ़ने की आदत है और खास कर भाई बहन की सेक्स स्टोरीज मुझे बहोत पसन्द है और मैंने भले ही शादी कर ली है तुमसे अब बीवी हो तुम मेरी पर मैं तुम्हे चोदते हुए ये अहसास ही चाहता हूं कि तुम मेरी दीदी हो ना कि बीवी ….. दीदी बोली पर हूँ तो मैं अब तुम्हारी बीवी ही मैंने कहा हां बीवी भी हो पर मैं हमेशा अपनी बहन की ही चूत चोदूगा और मैंने दीदी के होठो पर होंठ रख दिये ……
दीदी के नरम रसीले होंठ चूसते हुए मैंने एक हाथ उनकी नंगी कमर पर रखा और सहलाते हुए हाथ उनके लहंगे के ऊपर से उनके चूतड़ों तक ले जाने लगा …. दीदी भी मुझे अपनी बाहों में भर के मेरी पीठ पर हाथ फिराते हुए मस्ती में मेरे होठो को चूसने लगी और फिर मैंने अपनी जीभ दीदी के मुह में डाल दी और दीदी की जीभ से अपनी जीभ रगड़ने लगा और दीदी के मस्त चूतड़ों को जोर जोर से दबाने लगा …. दीदी भी पुर मज़े लेती हुई गरम होने लगी और फिर मेरे पाजामे के ऊपर से मेरा लंड मुट्ठी में भर कर दबाने लगी …. मैंने कहा दीदी अब आज से तुम्हे केले पर गुस्सा निकालने की जरूरत नही है जितनी मर्ज़ी हो मेरे केले का इस्तेमाल कर लेना …. दीदी ने कहा केले पर गुस्सा मैं समझी नही …. मैंने कहा आप अक्सर रात में केले से अपनी चुदाई करती थी ना …. दीदी ने कहा तुम्हे कैसे मालूम मैंने कहा वो एक सीक्रेट है बता दूंगा कभी …. और अब मैंने दीदी के गोरे गालों पर जीभ फिरानी शुरू कर दी …. और उनकी गर्दन को lick करते हुए उनके कान को चूमने चाटने लगा दीदी एकदम मस्ती में आने लगी और मेरे लंड को बुरी तरह से दबाने लगी और फिर मैंने दीदी के पीठ के पीछे हाथ डाल कर ब्लाउज की डोरी खींच दी और उसे खींच खींच कर पीछे से निकाल कर उनकी चुचियों से हटा दिया खुला हुआ ब्लाउज उनकी बाहों में फंसा हुआ था और अंदर रेड कलर की नेट वाली ब्रा में कसी हुई सुडौल चूचियाँ देख कर मेरा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था ….. मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर उन्हें बिठाया और ब्लाउज को एक एक कर बाहों से निकाल कर रख दिया और फिर लहंगे की भी डोरी खींच कर उसे भी उनकी कमर से सरकाने लगा दीदी ने अपने चूतड़ उठा कर उसे निकलने दिया और अब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में मेरे सामने बैठी थी …. मैंने कहा अमेजिंग …. तो दीदी हंसने लगी बोली क्या हुआ …. मैंने कहा आज तो रोज से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो तुम …. दीदी बोली आज तू ऐसे कपड़ो में देख रहा है ना इसलिए मैंने कहा मैं तो पूरी नंगी भी देख चुका हूं तुम्हे …. पर आज कुछ खास बात है …. दीदी ने कहा आज खास ये है कि तुम सामने से देख रहे हो और पहले छुप कर देखते होगे …. मैंने कहा हां शायद यही बात हो …. दीदी बोली मेरे कपड़े तो निकाल दिए और खुद कपड़े पहने बैठा है मैंने कहा अब मेरे कपड़े भी मैं ही उतारू तो शादी कर के क्या फायदा हुआ ….. दीदी ये सुनते ही एक्शन में आ गयी और मेरी शेरवानी के बटन खोलती हुई उसे निकाल दिया और फिर मेरे पाजामे का नाड़ा खींच कर उसे भी खींच कर उतार दिया अब मैं भी सिर्फ बनियान और undy में था ….. मैंने बनियान खुद से निकाल दी और बेड की पुश्त से तकिए रख कर पीठ टिका कर टांगे फैला कर बैठ गया और दीदी को खींच कर अपनी जांघो पर बिठा लिया अपनी ओर मुह कर के और दीदी की कमर में हाथ डाल कर उनकी आंखों में देखते हुए झुक कर उनके रसीले सुर्ख होठो को बेतहाशा चूसने लगा और हाथ फिराते हुए दीदी की नंगी पीठ से उनके मोटे नरम चूतड़ तक सहलाने लगा मेरा सख्त लंड सामने से दीदी की पैंटी में ढकी हुई चूत पर चिपक कर झटके ले रहा था और दो मिनट में ही दीदी अपने चूतड़ को हिलाते हुए अपनी चूत मेरे सख्त लंड पर दबाने लगी ….. हमारी हालात खराब थी अब रहा नही जा रहा था पर मैं जल्दबाजी के मूड में नही था …. वो कहते हैं ना फर्स्ट इम्प्रेसन …. तो मैंने दीदी को पीछे झुकाते हुए अपनी टांगो पर लिटा सा दिया और उनके ब्रा में कसे तने हुए चुचो को अपनी मुट्ठी में भर कर दबाना मसलना शुरू कर दिया दीदी मस्त हो कर आंखे बंद किये हुए चूचियाँ दबवाने का मज़ा ले रही थी तभी मैने ब्रा के ऊपर से ही उनके कड़े लंबे निप्पल्स को चुटकी में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया ….. पोर्न देख कर हासिल किए अनुभव का मैं पूरा इस्तेमाल कर रहा था और मुझे आज समझ भी आ रहा था चुदाई का मज़ा लेना है तो खेल को लंबा खींचना चाहिए वो दो मिनट में लंड डाल कर धक्के लगाने वाली चुदाई तो चूतिए करते हैं ….. निपल्स मसलवा कर दीदी कट्रोल खोने लगी और अपना एक हाथ चूत पर रख कर खुद ही अपनी चूत मसलने लगी मैंने कहा दीदी हाथ हटाओ अपना मेरे होते हुए भी आपको अपने हाथ इस्तेमाल करना पड़ा तो शादी कर के क्या फायदा …. दीदी ने एक बार आंखे खोल कर मुझे देखा मैंने आंख मार दी तो वो मुस्कुराने लगी और बोली पागल कर रहे हो मुझे तुम ….. मैंने कहा तो हो जाओ ना और एक बार और उनके निप्पल्स थोड़ी सख्ती से मसल दिए उनके मुह से तेज सिसकारी निकली और उन्होंने फिर से आंखे मूंद ली …. और फिर मैंने दीदी से कहा दीदी खड़ी हो जाओ ….. दीदी ने मेरी ओर देखा मैंने कहा खड़ी हो ना …. तो वो खड़ी हो गयी मेरे सामने मैं जल्दी से सरक कर एकदम सीधा लेट गया और दीदी को बोला एक पैर यहाँ रखो दूसरा यहां …. मैंने उन्हें अपने सर के दोनों ओर पैर रखने को बोला था ….. दीदी मेरे बताये तरीके से खड़ी हो गयी मैने कहा अब बैठ जाओ …. वो बैठ गयी और उनकी चूत मेरे होठो से लगभग छू गयी लाल पैंटी का मुलायम कपड़ा और उसके अंदर वो अनमोल खजाना जिसे लूटने का मेरा सपना आज पूरा आज हो रहा था मैंने दीदी के चूतड़ों को पकड़ कर उन्हें अपनी ओर खींचा और अपने होंठ पैंटी के ऊपर से ही चूत पर चिपका कर चूमने लगा ….. और दीदी कक नंगी चिकनी जांघो को भी होठो से रगड़ने लगा ….. तभी मुझे पैंटी पर हल्का सा गीला धब्बा दिखा …. उफ्फ दीदी की बुर गरम हो कर रस निकाल रही थी और मेरे मन मे उस रस का स्वाद का चखने की इच्छा जोर मारने लगी तो मैंने दीदी की पैंटी में उंगलियां फँसाई और उसे नीचे सरकाने लगा पर बैठी होने की वजह से वो अपनी जगह से हिली भी नही मैंने कहा दीदी इसे निकालो ना तो वो हंसती हुई बोली बार बार उठक बैठक मत करवा थक जाऊंगी …. मैंने कहा आज रात थकना तो है ही तुम्हे …… फिर दीदी ने खड़ी हो कर खुद ही पैंटी सरका दी घुटनो तक मैंने कहा इसे निकाल दो नही तो डिस्टर्ब करेगी तो उन्होंने एक पैर उठा कर पैंटी निकाल दी और फिर दूसरे पैर से भी अब दीदी मेरे सर पर सिर्फ ब्रा में खड़ी थी और उनकी रसीली चूत मेरे सामने थी पर मुझे लगा उस दिन दीदी की झांटो भरी चूत मुझे ज्यादा उत्तेजना दे रही थी मैंने दीदी को बैठने का इशारा किया और वो दुबारा मेरे मुह पर बैठ गयी मैंने उनकी नंगी चूत को हाथ से सहलाया और उसके लिप्स खोल कर देखा …. आहहह दीदी की गुलाबी चूत अंदर से एकदम गीली और चमकदार और मैंने झट से अपनी नाक चूत पर रख दी और गहरी सांस ले कर सूंघने लगा दीदी की बुर को ….. दीदी ने मेरी आँखों मे देखा और बोली क्या कर रहे हो संजू मैंने अपनी दीदी की खूबसूरत चूत की खुशबू ले रहा हूँ तो दीदी हंसने लगी और बोली सच सच बता पहले कितनी बार ऐसे खुशबू ले चुका है …. मैंने कहा दीदी तुम पहली और आखिरी हो इस से पहले मैंने कभी किसी के बारे में कुछ सोचा भी नही करना तो दूर है …. दीदी ने कहा मैं नही मानती पहली बार लग तो नही रहा तुम्हारा …. मैंने कहा क्यों ऐसा क्या हुआ जो आपको लग नही रहा ऐसा दीदी बोली तुम तो एक्सपर्ट चोदू लग रहे हो कहाँ से सीखा ये सब …. मैंने कहा दीदी पोर्न देखता हूँ और सब उसी की देन है ….. दीदी हंसते हुए बोले यानी कि सब देखा हुआ है प्रक्टिकली पहली बार है मैंने कहा हाँ अब तुम सही समझी दीदी बोली पर लग नही रहा पहली बार है लगता है बहोत मन लगा कर सीखा है सब कुछ …. मैंने कहा हां दीदी मुझे लगता था एक दिन आपको खुश करना पड़ेगा इसलिए सब एकदम मन लगा कर सीखा था और फिर मैंने अपने होठ दीदी कि नरम चूत पर रख दिये उफ्फ एकदम गरम से अहसास हुआ दीदी ली चूत में एक गर्मी सी थी उसका अहसास मुझे अपने होठो पर हुआ और मैंने जीभ निकाल कर दीदी की प्यारी बुर पर फिरा फिरा कर उसे चाटना शुरू कर दिया और एकदम खो से गया दीदी की बुर चाटने में और दीदी भी जीभ लगते ही अपनी कमर हिलाते हुए अपनी चूत को मेरे मुह पर दबाने लगी …. मैं शराब और दीदी के नंगे जिस्म के नशे में डूबने लगा और मैंने पूरी जीभ कड़ी कर के चूत में अंदर तक घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगा दीदी की बुर का खट्टा नमकीन स्वाद मेरे मुह में घुलने लगा और मैं पूरे मज़े से दीदी की बुर चाटने लगा और फिर मैंने बड़ा सा मुह खोल कर दीदी की पूरी बुर मुह में भर ली उसे दांतो से हल्के हल्के काटते हुए चूसने लगा दीदी के मुह से तेज आवाज़ें निकलने लगी वो पूरी मस्ती में आ कर अपनी बुर मेरे मुह में घुसाते हुए अपनी गांड़ हिला रही थी और अपनी चूचियाँ खुद ही मसलने लगी मुझे लग रहा था वो झड़ने वाली हैं और एक डेढ़ मिनट ऐसे ही चूसने के बाद मैंने उनकी चूत का दाना होठो में दबा कर चूसते हुए जीभ अंदर घुसाई और जोर जोर से चूसने लगा दीदी ने अपने हाथों से मेरा सर पकड़ा और और अपनी चूत पूरी ताकत से मेरे मुह में दबा कर गहरी सांसें लेते हुए झड़ गईं और उनकी बुर से निकला कुछ बूंद रस मेरे मुह से होते हुए मेरे पेट मे चला गया उस रस को पी कर मुझे बहोत अच्छा लगा उधर दीदी अब थोड़ी निढाल सी हो कर मेरे बगल में लेट गयी मैं करवट ले कर उनके मासूम चेहरे को निहारने लगा और मैंने उनके माथे को चूमते हुए कहा दीदी ठीक हो ना उन्होंने आंखे खोल कर मेरी ओर देखा और मेरे सीने से लग गयी जोर से अपनी बाहों में कस कंसर बोली संजू you are amzaing आज तक इतना अच्छा फील नही हुआ कभी मुझे मैंने कहा मेरी जान अब रोज ये फीलिंग मिलने वाली है तुम्हे पर अभी मेरी हालत खराब है दीदी बोली हां मैं समझ रही हूँ और मेरा लंड पकड़ कर उसे सहलाने लगी मैंने कहा दीदी इसे अब हाथों की जरूरत नही है बेचारा कई साल से हाथों के भरोसे ही है तो दीदी उठ कर बैठी और मेरी undy में हाथ डाल कर मेरा खड़ा लंड बाहर निकाल लिया वैसे मेरा लंड सामान्यतया 6 इंच का है पर आज वो कुछ ज्यादा ही सख्त हो कर 7 इंच का हो रहा था और मोटाई भी कुछ अलग लग रही थी दीदी ने नंगे लौड़े को दो तीन बार हाथ से सहलाया और फिर झुक कर सुपाड़े को चूम लिया और लंड की स्किन खोल कर सुपाड़े को नंगा कर के एक बार मेरी ओर देखा मैंने कहा मुह में लो ना दीदी और फिर दीदी ने मुह खोल कर सुपाड़ा मुह में लिया और उसे रसगुल्ले जैसे चूसने लगी ….. मैं मस्ती में पागल होने लगा मैंने कहा दीदी और लो ना उन्होने मेरी आँखों मे देखते हुए थोड़ा लंड और अंदर लिया दीदी का गर्म मुह मेरे लंड को बहोत सुख दे रहा था मैंने एक हाथ दीदी के सर पर रखा और उनके मुह को लंड पर दबाते हुए 5 इंच लंड दीदी के मुह में घुसा दिया दीदी ने लंड को मुट्ठी में भरा और सर को तेजी से हिलाते हुए मुह से लंड की चुदाई सी शुरू कर दी मुझे लगा मैं झड़ जाऊंगा मैंने कहा भी दीदी मेरा हो जाएगा पर वो वैसे ही मेरी आँखों मे देखती हुई भूखी शेरनी जैसे लंड चूसती रही और फिर उन्होंने एक हाथ मेरे सीने पर रख कर मेरे निप्पल को सहलाते हुए दूसरे हाथ से लंड को मुठ सी मारते हुए सुपाड़े पर जीभ फिराना शुर कर दिया और बीच बीच मे वो मेरे आंड पर ही जीभ फिरा देती ….. एकदम से मेरे बदन में बिजली सी कौंधी और मेरे सुपाड़े से एक तेज फुहार निकली गाढ़े गाढ़े वीर्य की और दीदी के माथे से ले कर नाक और होठो तक मेरे वीर्य के एक लकीर सी बन गयी दीदी ने फौरन मुह खोल कर सुपाड़ा मुह में ले लिया अगली फुहार को मुह में ही आने दिया और सुपाड़ा चूसते हुए लंड से बहता हुआ वीर्य चूस चूस कर पीने लगी ….. और आखिर में जब वीर्य निकलना बंद हुआ तो उन्होंने लंड को मुह से निकाला और जीभ निकाल कर अपने ऊपर वाले होठ पर लगी वीर्य की बूंदों को चाट लिया ये सीन मैंने पहले पोर्न में देखा था और मेरी हमेशा से ये खुद करने की इच्छा थी …. आज मेरी बहोत सारी इच्छाएं पूरी होने वाली थी ऐसा लग रहा था मुझे ….. दीदी के नाक और माथे पर अब भी वीर्य की बूंदे चमक रही थी और वो बहुत ही सेक्सी लग रही थीं ….. दीदी ने अपनी पैंटी उठायी और अपना चेहरा साफ किया और मेरी ओर देखने लगी मैं अभी अभी स्खलित हो कर उस सुख में डूबा हुआ मदहोश सा लेटा था फिर दीदी भी मेरे सीने पर सर रख कर लेट गयी और मैं उनके बालों में उंगलियां फिराते हुए बोला ….. दीदी टेस्ट कैसा लगा उन्होंने मेरे सीने के बालों में उंगलियां फिराते हुए कहा अच्छा था …. मैंने कहा मेरी बहुत ख्वाइश थी किसी के मुह में ऐसे झड़ने की तो दीदी बोली किसी के …..? मैंने कहा हां पोर्न में देखता था ऐसे तो लगता था कभी किसी के साथ मैं भी ऐसे मज़े लूं ….. दीदी बोली तो किसी के साथ ही ले लेता फिर मेरे साथ क्यों …. मैंने कहा वो तब की बात है जब मैं तुम्हारे बारे में ऐसा नही सोचता था …… दीदी ने पूछा मेरे बारे में ऐसा सोचना कब शुरू किया …. मैंने कहा ठीक से याद नही पर शायद ये जब शादी के बाद पहली बार तुम्हे देखा था तभी से मन मे कुछ आने लगा था इस बारे में …… मैंने कहा दीदी तुम्हारी चूत का स्वाद भी बड़ा मस्त है मैं तो रोज चाटूँगा दीदी ने कहा अब बीवी हूँ तुम्हारी जो चाहे करो ….. और ये कहते हुए दीदी ने मेरा लंड वापस पकड़ लिया और उसे हाथों से टटोलने लगी …. आज झड़ने के बावजूद भी मेरे लंड में सख्ती थी और दीदी के हाथों के स्पर्श से वो और सख्त होने लगा ….. शायद दीदी को भी इसका अहसास हुआ और वो बोली लग ही नही रहा तुम अभी अभी झड़े हो …. मैंने कहा जब इतनी खूबसूरत लड़की नंगी बाहों में है तो झड़ने के बाद भी लंड सुस्त नही होता …… और मैं थोड़ा सा नीचे खिसक कर मुह घुमा कर दीदी के सीने को चूमने लगा पर ऐसे मुझे असुविधा हो रही थी तो मैंने दीदी को सीधा लिटाया और खुद करवट ले कर उनके नंगे चूचो को चूमने लगा निप्पल्स के चारो ओर होठ फिराते हुए मैंने जीभ से निप्पल को चाटना शुरू कर दिया और दीदी एक बार फिर से मदहोश होने लगी मैंने चाट चाट कर दीदी के चूचे गीले कर दिए और फिर एक चूचे को मुह में भर लार चूसने लगा दीदी मेरे बालो पर हाथ फिराते हुए मेरे बालों को मुट्ठी में जकड़ ली और मेरे मुह में चूची ठेलते हुए बोली चूस संजू कस के चूस अपनी दीदी के चूचे दबा कर चूस इन्हें …. ये सुन कर मेरा जोश बढ़ गया और मैंने दोनों चूचियाँ अपनी मुट्ठी में कस कर पकड़ ली और मसलते हुए बारी बारी दोनों को जोर से चूसने लगा कभी कभी मैं चूची के नरम मांस में दांत गड़ा कर काट भी लेता और फिर जीभ से निप्पल चाटने लगता लगभग 5 मिनट तक मैं ऐसे ही चूचियाँ मसलता चूसता काटता रहा और दीदी बस आंखे बंद किये हुए मस्ती में moan कर रही थी …. उनकी सिसकियां और आहें सुन सुन कर मेरे अंदर उत्तेजना और गर्मी बढ़ती जा रही थी ….. फिर मैं उनके नंगे पेट को चूमता हुआ उनकी नाभि पर अपने होठ रख कर गहरे चुम्बन लेने लगा और फिर जीभ को नाभि में घुसा कर चाटने लगा मेरा बस चलता तो दीदी के बदन के एक एक इंच अपनी जीभ से चाट लेता पर अब तो ये रोज ही होना था ….. दीदी फुसफुसा कर बोली ओह्ह संजू तुम मुझे फिर से गरम कर रहे हो मैंने कहा मेरी जान अब से हर रोज तुम्हे कई बार गरम और ठंढा करूँगा …. दीदी बोली मुझे लग रहा है कि तुमसे शादी कर के मैंने सही फैसला लिया है …. मैंने कहा क्यों ऐसा क्या हुआ दीदी बोली जिस तरह से तुम मुझे पागल कर रहे हो मेरे ख्याल से हर औरत तुम जैसा ही जीवनसाथी पाना चाहेगी …..मुझे ये सुन कर खुशी हुई कि दीदी मेरे साथ खुश और संतुष्ट हैं और मैं फिर से दीदी की जांघो पर होंठ फिराता हुआ उन्हें चूमने लगा और अब मैं सरकता हुआ और नीचे उनकी टांगों पर आ गया घुटने के आस पास जीभ फिराते हुए मैं दीदी के पैरों को चूम रहा था और दांतों से हल्के हल्के बाईट भी कर रहा था …. फिर ऑयर नीचे आ कर मैंने दीदी के पैर का एक अंगूठा मुह में भर लिया और उसे चूसने लगा मेरी इस हरकत से दीदी उछल सी गयी और बेड पर उनका नंगा बदन मचलने लगा ….. मैंने बारी बारी दीदी के दोनों पैर की सभी उंगलियों को मुह में ले कर चूसा और दीदी उत्तेजना के शिखर पर पहुंच रही थी …… इसके बाद मैंने दीदी की बांह पकड़ कर उन्हें उल्टा लिटा दिया दीदी की नंगी पीठ और वो मदमस्त गांड़ मेरे सामने थी और दीदी की गांड़ जिसका मैं दीवाना था मैंने उनके गोरे चूतड़ों पर हाथ फिराया और फिर धीरे से एक चपत लगा दी उनकी गांड़ पर दीदी ने सर घुमा कर देखा और मुस्कुरा कर बोली मुझे इस से ज्यादा तेज थप्पड़ों की आदत है ….. मेरे कुछ समझ नही आया मैंने कहा मैं समझा नही तो दीदी बोली मेरा पहला पति ऐसे ही जानवरों जैसे सुलूक करता था मेरे साथ …. मैंने कहा दीदी उसमे और मुझमें फर्क है ….. दीदी बोली हां फर्क तो है पर वो फर्क ये है कि उसे मैं पसन्द नही करती थी तुम्हे मैं पसन्द करती हूं उसे मैं प्यार नही करती थी तुम्हे मैं प्यार करती हूं और उसके साथ सेक्स में वो मेरी खुशी य्या भावनाओ का कोई ख्याल नही रखता था और तुम मेरी हर खुशी का ख्याल रख रहे हो और मुझे पूरा आंनद दे रहे हो …… ऐसे में मेरा भी फ़र्ज़ है कि मैं तुम्हारी खुशियों का ख्याल रखूं और तुम्हे पूर्ण संतुष्टि दूँ …. और रफ़ सेक्स मेरे लिए नया नही है बल्कि सच कहूं तो चार साल तक ये सब झेलने के बाद मुझे इसकी आदत सी पड़ गयी है और इसमे मज़ा भी आने लगा है ….. दीदी की बातें सुन कर एकदम से मेरे दिमाग मे वो सेक्स स्टोरी घूम गयी जिसे मैंने लगभग डेढ़ साल पहले पढ़ा था जिसमे एक भाई अपनी बहन को अपनी सेक्स स्लेव बना कर रखता है और मुझे लगा कि अगर मैं थोड़ा दिमाग से काम लूं तो मेरी ये फैंटेसी भी पूरी हो सकती है ….. पर फिलहाल मेरा पहला लक्ष्य था आज दीदी को इतना सुख देना कि वो मेरी दीवानी हो जाये ….. मैने दीदी के बाल एक साइड कर के पीछे से उनकी गर्दन को चूमना चाटना शुरू किया उनकी गर्दन से कानों तक जीभ फिराते हुए और उनकी नंगी पीठ को सहलाते हुए मैं दीदी के बदन में और उत्तेजना भर रहा था ….. और दीदी बस मस्ती में डूबी हुई थी …. मैंने पीठ से ले कर कमर तक का हिस्सा चूमते सहलाते हुए आखिर में उनके उभरे हुए गद्देदार चूतड़ पर होंठ रख दिये और उस टाइम मुझे इतना प्यार अहसास हुआ मेरी बहन जो अब मेरी बीवी बन चुकी थी वो मेरे कमरे में मेरे बिस्तर पर नंगी गांड़ खोल कर लेटी हुई थी और मैं उसके नंगे चूतड़ों से चिपका हुआ था मैंने होंठ रगड़ते हुए दोनों चूतड़ों को जी भर के चूमा और फिर चाटने लगा मैं भूखे कुत्ते जैसे दीदी के चूतड़ों को चाटे जा रहा था मानो उन पर मलाई लगी हो और फिर मैंने दोनों हाथों से दीदी की गांड़ को फैला दिया और उनकी गांड़ की गहरी दरार में छुपा हुआ वो नन्हा सा खूबसूरत गांड़ का छेद देख कर मेरे लंड में तूफान आ गया और मैने झुकते हुए अपने होठ उस भूरे से छेद पर चिपका दिए ….. दिन भर की भाग दौड़ की वजह से वहां पसीने की हल्की सी गंध थी जो मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी ….. उसे सूंघ कर मेरा नशा दोगुना सा हो गया मैं बार बार दीदी की गांड़ को चूमने लगा दीदी भी गुदगुदी से अपनी गांड़ इधर उधर हिलाने लगी और मैंने इस बार एक तेज सा थप्पड़ दीदी के चूतड़ पे जमा दिया चटाक की आवाज़ के साथ दीदी की एक तेज आह कमरे में गूंज गयी और दीदी बोली संजू मैं मर जाऊंगी इतना प्यार मत दे ….. पर मैं कुछ नही सुन रहा था और मैंने अब जीभ निकाल के दीदी के गांड़ की दरार में फिरानी शुरू कर दी ….. दीदी मस्ती में अपनी गांड़ पीछे को उभार कर चटवाने लगी और मैंने गांड़ चाटते हुए एक हाथ टांगो के बीच घुसा कर दीदी की चूत में एक उंगली घुसा दी और दीदी की चूत उंगली से चोदते हुए उनकी गांड़ चाटने लगा …. दीदी इस दोतरफा हमले से एकदम बेकरार हो गयी और बोली संजू अब चोद दे ना घुसा से अपना लौड़ा मेरी बुर में अब रहा नही जा रहा ….. डेढ़ साल से प्यासी है मेरी चूत मैंने कहा दीदी आप तो केले से मज़ा ले लेती थी रोज ही मैं तो शुरू से अब तक प्यासा ही हूँ …. दीदी बोली इसीलिए तो कह रही हूं मेरे राजा अब और देर ना कर बना ले मुझे अपना डाल दे ये सख्त लंड मेरी चूत में ….. दीदी के मुह से ऐसी अश्लील नंगी बातें सुन कर लंड तो मेरा भी बेकाबू हो रहा था पर मैंने थोड़ा सा खुद पर काबू कर के दोनों हाथों से दीदी के गांड़ के छेद को जोर लगा कर फैलाया और अपनी जीभ कड़ी कर के गांड़ में घुसाने की कोशिश करने लगा तो दीदी बोली छी ये क्या कर रहा है वो गंदी जगह है ….. मैंने कहा दीदी तुम मेरे प्यार की देवी हो मैं पूजा करता हूँ तुम्हारी और मेरे लिए तुम्हारे जिस्म में कुछ भी गंदा नही है ….. I love you … मेरी जान और वापस जीभ से गांड़ के छेद को कुरेदने लगा दीदी मेरी बात सुन कर थोड़ा रिलैक्स हो कर अपनी गांड़ में हो रही हलचल का लुत्फ लेने लगी और फिर एक ही मिनट बाद वो बोली संजू अब आ भी जा वरना मैं फिर से झड़ जाऊंगी बिना चुदे ही …. और मैंने हट कर दीदी को सीधा किया वो खुद ही सीधी लेट कर टांगे उठा ली ये देख कर मैं शरारत से बोला क्या बात है दीदी बड़ी जल्दी है चुदवाने की …. वो हंस कर बोली तेरी हरकते हैं ही ऐसी …. रहा नही जा रहा …. मैंने दीदी के ऊपर आ कर पोजिशन ली तो दीदी ने खुद ही लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगाया और बोली डालो ना मैंने अपनी कमर को पुश किया और सुपाड़ा चीकनी गरम बुर में फिसलता हुआ घुस गया ….. मैंने दो तीन धक्के लगा कर पूरा 7 इंच लंड दीदी की फूली हुई बुर में पेल दिया और झुक कर उनके होंठ चुसते हुए हल्के धक्के लगाने लगा दीदी भी मेरी पीठ पर बाहें कस दी और मेरे होठो को चूमते हुए अपनी कमर को ऊपर को पुश करते हुए …. जैसे लंड खाने लगी अपनी चूत में …. मैं तो मस्ती में उड़ रहा था और धीरे धीरे मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ने लगी और दीदी के बुर के पानी मे भीग कर मेरा लंड फिसलते हुए पिस्टन जैसे दीदी की बुर में अंदर बाहर होने लगा ….. और फिर मैंने एकदम से सुपाड़े तक लंड बाहर खींच कर एक तेज झटका दिया ….. दीदी सिसकते हुए बोली शाबास संजू ऐसे ही चोद बहोत मज़ा आ रहा है …. मैंने चोदते हुए पूछा दीदी लंड कैसा है मेरा ….. दीदी बोली एकदम कड़क और जबरदस्त है बस चोदता रह मैंने कहा मेरा बस चले जो सारी जिंदगी ऐसे ही चोदते जाऊ अपनी दीदी को ….. दीदी बोली चोद न किसने रोका है अब तो मैं तेरी बीवी हूँ …. मैंने और तेज झटके देते हुए कहा ले मेरी बीवी खा अपने यार का लौड़ा और अपनी चूत की गर्मी शांत कर ले ….. दीदी भी जवाब में अपनी गांड़ उछलते हुए बोली हां राजा खिला दे आज अपनी दीदी को अपना मस्त लंड और बना ले मुझे अपनी बीवी ये बात सुन कर मैं तो जैसे पागल हो गया और दनादन अपना लंड तेज रफ्तार से पेलते हुए दीदी को चोदने लगा ….. और दीदी भी तेज सांसे लेते हुए मेरी कमर को सहलाते हुए बोली संजू …. बहोत अच्छे हो तुम कितना बढ़िया चोदते हो …. मैंने कहा आप जैसी चुदक्कड़ औरत को ऐसे ही चोदना पड़ता है …. और अब मैं थोड़ा सा थक रहा था तो मेरे धक्के की गति कम हुई और दीदी ने कहा संजू बाहर निकालो अब मेरी बारी मैंने लंड निकाला …. चूत के पानी भीग कर लंड चमक रहा था दीदी ने मेरे सीने पर हाथ रख कर मुझे लेटने का इशारा किया मैं लेट गया और दीदी मुझ पर चढ़ गई घुटनो पर बैठ कर उन्होंने चूत लंड पर टिकाई और अपनी गांड़ को झटका दे कर पूरा लंड गप्प कर लिया और फिर तेजी से कमर हिलाते हुए मानो अब वो मुझे चोद रही थी और दीदी के नंगे चूचे मेरी आँखों के सामने उछल रहे थे ….. मैंने हाथ उठा कर निप्पल को चुटकी में पकड़ कर मसलना शुरू किया तो दीदी की कमर के झटकों की स्पीड और बढ़ गयी ….. और ऐसे ही चुदवाते हुए उनका बदन अकड़ने लगा और वो एकदम से तेजी से लगभग चीखती हुई मेरे सीने पर लेट कर हांफने लगी …. दीदी तेजी से सांसे ले रही थी पर मैं इस टाइम रुकने के मूड में नही था तो मैंने दीदी की कमर पकड़ कर नीचे से ही धक्के लगाने शुरू कर दिए दीदी भी समझ गयी कि मैं इस टाइम रुकने वाला नही हु तो वो मेरे ऊपर से उठ कर बगल में ही घुटनो पर झुक गयी और उन्हें इस पोज में देख कर मैं समझ गया कि अब मुझे doggy style का मज़ा लेना है तो मैं झट से पीछे आ कर लंड चूत पर टिका कर झटके से चूत में पेल कर दीदी की कमर पकड़ के हुमच हुमच के चोदने लगा और दीदी भी अपने हाथों से अपनी चूचियाँ दबाते हुए चुदवाने लगी ….. हम दोनों को लगभग आधा घंटा हो गया था चोदते हुए और मुठ मार मार कर मेरी भी टाइमिंग बढ़ चुकी थी …. पर अब लग रहा था कि मैं झड़ जाऊंगा तो मैंने धक्के देते हुए दीदी के चुतड़ों को सहलाया और फिर तेजी से तीन चार चांटे उनके गोरे गोरे चूतड़ पर जमा कर पूरी रफ्तार से चोदने लगा और फिर मेरे हलक से गुर्राहट सी निकलने लगी मेरा बदन अकड़ने लगा और आखिर में तेज झटके से पूरा लंड दीदी की बुर में पेल कर मैं झड़ने लगा एक के बाद एक ना जाने कितनी पिचकारियां मारते हुए मैंने दीदी की चूत लबालब भर दी और दो मिनट तक उसी पोजिशन में खड़े रहने के बाद मुझे होश आया …… मैंने लंड बाहर खींचा और उसी के साथ दीदी की बुर से टपटप कर के गाढ़ा गाढ़ा लंड का रस टपकने लगा …. मैं निढाल हो कर बिस्तर पर फैल गया और दीदी भी वैसे ही लेट कर सुस्ताने लगी ….. और फिर नशे में कब हमारी आंख लग गयी कुछ पता नही चला ये थी दीदी के साथ मेरी सुहागरात …..
बुलाई और हम अपने रिसार्ट की ओर चल पड़े ….. और आधे घंटे में ही हम अपने रूम में थे दीदी इतना अच्छा रूम देख कर खुश हो गयी …. बोली बहोत महंगा होगा मैंने कहा एकदम नही मेरी दीदी की खुशी के सामने कोई कीमत नही 19000 रुपयों की दीदी बोली ये 19000 का रूम है है भगवान कितना लूट रहे ये मैंने कहा क्या यार तुम फिर से शुरू हो गयी और दीदी को बेड पर धकेल दिया …. तभी रूम सर्विस वाला आया और बोला सर कोई आर्डर मैंने कहा कुछ पिलाओ तो उसने पूछा क्या लाऊँ सर मैंने कहा बियर लाओ और वो 5 मिनट में ही वो दो मग बियर ले कर आ गया मैंने उसे डिनर का आर्डर दिया और डेढ़ घंटे बाद डिनर लाने को बोला वो चला गया मैंने दरवाजा बंद किया और दीदी के साथ मग ले कर बेड पर आ गया हमारी वाइन का सुरूर कम होने लगा था तो पर बियर हाथों में थी हम बियर पीते हुए बातें करने लगे …. मैंने कहा दीदी कल तो जल्दी सो गए थे पर आज रात में तुम्हे सोने नही दूंगा दीदी बियर चुसकते हुए बोली तुम तो मुझसे पहले ही सो गए थे मैंने कहा हां दिन भर की भाग दौड़ में थक से गया था फिर रात को तुमने और थका दिया …. दीदी बोली उतनी ही मैं भी थकी थी जितने तुम मैंने पीते हुए ही एक हाथ दीदी की जांघ पर रखा और सहलाने लगा दीदी भी मूड में तो थी ही उन्होंने भी मेरे लंड पर हाथ फिराना शुरू कर दिया और फिर बियर खत्म होते ही हम एक दूसरे के कपड़े निकाल निकाल कर फेंकने लगे ….. और मैं नंगी दीदी को ले कर बेड पर कूद पड़ा …. बेड एकदम बढ़िया और स्प्रिंग्स वाला था कूदते ही वो ऊपर नीचे होने लगा मैंने कहा यार इस पर चोदने में कम ताकत लगेगी …. घर चल कर यही वाला बेड लेना है दीदी हसने लगी बोली तुम्हे और कुछ भी सूझता है मैंने कहा जिसकी बीवी इतनी सेक्सी उसे और भला क्या सूझेगा और करवट लेकर दीदी की टांगो के बीच आ कर लेट गया और दीदी की चीकनी चूत पर होंठ फिराने लगा ….. तभी मेरे दिमाग मे आया मैंने एक मूवी में देखा था एक लड़की लड़के के सामने खड़ी हो कर उसके बदन पर पेशाब करती है और लड़का उसका पेशाब पीता है मेरे मन मे भी ये सब करने की इच्छाएं थी कहीं ना कहीं ….. और चूत चाटते हुए मैं यही सब सोच भी रहा था ….. तभी दीदी बोली संजू आज 69 पोज़ try करते हैं मैंने कहाँ हां जरूर और मैं सीधा लेट गया और दीदी मेरे ऊपर उल्टी लेट गयी और मेरा खड़ा लंड सहलाने लगी ….. तभी मैंने पूछा दीदी सेक्स में तुम्हारी कोई फैंटेसी है क्या जो तुम चाहती है काश ऐसे करती पर अब तक कर नही पाई दीदी ने थोड़ा सोच कर बोला कि एक बार मैंने एक पोर्न में देखा था कपल को खुले में आसमान के नीचे सेक्स करते हुए मेरे मन मे तब आया था कि काश कभी मैं भी ऐसे कर पाती मैंने कहा ये तो मैं कल पूरी कर दूंगा मेरी जान ….. फिर दीदी ने वो ही सवाल मुझसे पूछ लिया मैंने कहा दीदी मेरी एक नही बहोत सारी फैंटेसी हैं पर वो सब गंदी हैं इसलिए मैं नही बता सकता ….. दीदी ने फिर भी जोर दे कर पूछा तो मैंने बता दिया कि मुझे डर्टी सेक्स और लाइट bdsm सेक्स वाले वीडियो देखना पसंद है और शायद मुझे ऐसा सेक्स भी पसन्द है पर मैंने तो कल पहली बार सेक्स ही किया है तो कैसे बताउं क्या पसन्द है क्या नही दीदी ने कहा जो देखना पसंद है जाहिर है वही करना भी पसन्द होगा …… फिर मैंने थोड़ा और डिटेल्स में बताया कि कैसे मुझे वो पिसिंग सेक्स और स्लेव सेक्स में इंटरेस्ट है दीदी गौर से मेरे लंड को सहलाते हुए सुनती रही फिर बोली तेरी ख्वाइशें तो खतरनाक हैं …. मैंने कहा रहने दो ख्वाइशें ही तो हैं जरूरी थोड़े हैं कि पूरी ही हों ….. फिर दीदी ने कुछ सोच कर कहा तुम वो वीडियोस और स्टोरीज मुझे सेंड कर देना मैं उन्हें देखूंगी और पढूंगी फिर सोचूंगी ….. मैंने कहा ठीक है दीदी और दीदी की चूत और गांड़ पर हमला बोल दिया ….. थोड़ी देर चूसने चाटने और उनके बदन से खेलने के बाद मैंने दीदी पर चढ़ पॉय झटके से लंड घुसाया और कस के चोदने लगा और बेड बड़ी मदद कर रहा था हमारी शायद उसे सोने के लिए नही चुदाई करने के लिए ही बनाया गया था ….. और आधे घंटे की घमासान चुदाई के बाद मैंने दीदी की बुर में अपना माल छोड़ दिया ऑयर इस दौरान दीदी भी दो बार झड़ी थीं …. फिर हम नंगे ही लेट कर सुस्ता रहे थे और बातें कर रहे थे तभी डोर नॉक हुआ मैंने टॉवल लपेटा और दीदी ने चादर से खुद को ढक लिया ….. मैंने दरवाजा खोला तो वेटर ने डिनर लगा दिया और वो चला गया हमने हाथ मुह धो कर डिनर किया और फिर रात में हमने दो बार और धमाकेदार चुदाई की ….. और सो गए ….. अगली सुबह हम तैयार हो कर नाश्ता कर के घूमने चले गए सारा दिन गोआ के स्पॉट पर घूम फिर कर शाम को हम बीच पर आ गए दीदी ने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था और उन्हें देख कोई नही कह सकता था कि ये 30 साल की औरत है वो ज्यादा से ज्यादा 22-24 साल की कॉलेज वाली लौंडिया लग रही थी मैंने दीदी के हाथों में हाथ डाला और समंदर के किनारे रेत पर चलते हुए घूम रहे थे कुछ और लोग भी थे आस पास और गोआ में और कुछ मिले ना मिले पर शराब और बियर हर जगह मिल जाती है तो बीच पर भी एक खोपचे मे बियर मिल रही थी मैंने दो कैन लिए और जेब मे डाल कर दीदी के साथ घूमते हुए बीच पर काफी आगे निकल गया और अब हल्का अंधेरा होने लगा था तो हम वही एक नारियल के पेड़ के नीचे बैठ गए ठंडी हवा चल रही थी मैं पीछे था और दीदी लगभग मेरी गोद मे मैंने जेब से कैन निकाली और एक खोल कर दीदी को थमा दी दीदी ने बिना कुछ बोले ले ली और पीने लगी दूसरी मैंने खोल ली हम पी रहे थे और खुशियों को जी रहे थे मैंने पूछा दीदी कैसा रहा आपकी जिंदगी का परसों रात से ले कर आज शाम अब तक का सफर रहा ….. दीदी ने एक चुस्की ले कर मेरे हाथ को अपने हाथों में ले कर उसे पेट पर दबाते हुए कहा ….. सच कहूं तो एक सुहाने सपने जैसा लग ही नही रहा कि ये सब सच है उस गांव में उस गंवार जाहिल शराबी के साथ और तुम जैसे समझदार सुलझे हुए केयरिंग इंसान का साथ और उस और तुम्हारा ये और दीवानापन मेरे लिए मैंने दीदी के पेट से हाथ फिराते हुए उनकी चुचियों तक हाथ को पहुंचा कर निप्पल्स को सहलाते हुए कहा दीदी सच बताना आपको अब मुझसे प्यार हुआ या नही दीदी ने मेरा हाथ अपनी चूची पर जोर से दबाते हुए कहा हां मेरे साजन मुझे तुमसे प्यार है और मेरे जिस्म पर पूरी तरह तुम्हारा अधिकार है जैसे चाहो खेलो मेरे इस रसीले बदन से चूत ये चूचियाँ और ये मस्त गांड़ मेरे बदन का एक एक इंच तुम्हारा हुआ है मेरी जान ले लो मज़े अपनी दीदी के जवानी के ये सब सुन कर मेरे लंड में अलग सा तनाव आ गया और वो दीदी के चूतड़ों में घुसने की कोशिश करने लगा लंड की सख्ती अपनी गांड़ पर महसूस कर के उन्होंने अपनी गांड़ को हिला कर लंड को टटोल कर अपनी गांड़ की दरार पर सेट किया और बोली लगता है मेरी बातें ज्यादा ही अच्छी लगी तुम्हे मैंने कहा दीदी काश तुम हमेशा के लिए ऐसी ही बेशर्म बन जाओ ना मेरी बड़ी ख्वाइश थी कि मेरी बीवी सिर्फ मेरे साथ एक मस्त रंडी जैसे रहे …… दीदी ने थोड़ा सा रुक कर कहा …… जान कल क्या कोई कसर रह गयी थी अपनी तरफ से तो मैंने पूरी कोशिश की थी तुम्हे कोई शिकायत ना होने पाए मैंने दीदी के टॉप में हाथ घुसा दिया गले से और हाथ काफी ठंडे हो रहे थे समंदर के किनारे की ठंडी हवा हमारे जिस्म से टकरा के सिहरन पैदा कर रही थी ठंडे ठंडे हाथ नंगी चुचियों पर लगते ही दीदी सिसक कर बोली संजू मूड बन रहा है मेरा मैंने कहा मेरा भी मेरी जान ….. मैं ये नही कह रहा कि कल तुमने कुछ गलत किया मैं बस ये कह रहा हूँ कि ये दिल मांगे मोर ….. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा चिंता मत करो जहां तक बन पड़ेगा मैं तुम्हारी हर खुशी का ख्याल रखूंगी ….. मैंने कहा दीदी मेरा भी वादा है मैं तुम्हे हर वो खुशी दूंगा जिसकी तुम हकदार हो और वो भी जिसकी हकदार नही हो ….. दीदी ने घूम कर मुझे बाहों में कस लिया और मेरे होठो को चूम कर बोली फिलहाल तो मेरी चूत तेरे इस मस्त लौड़े की हकदार है मेरे चोदू भाई ….. मैंने दीदी की गांड़ को जोर से मसल कर कहा ओह मेरी दीदी तुम बहुत गर्म माल हो ऐसी ही औरत को चोदने में मज़ा आता है दीदी ने मेरे होठो को अपने होठो से पकड़ कर जोर से चूस लिया और बोली औरत क्यों बोल रहा है मैं औरत जैसी लग रही हूं क्या …… मैंने दीदी के गाल पर दांत गड़ा कर …. जोर से काट लिया दीदी के गोर गाल पर निशान पड़ गए और दीदी मचल गयी और बोली …. आहहह धीरे से जंगली कही के मैंने कहा जंगलीपन तो पसन्द है तुम्हे मेरी जान …… और हां लगती तो तुम कॉलेज की गदराई हुई लौंडिया हो जिसे उसका bf रोज पेलता हो ……. आज से मैं तुम्हे लड़की ही बोलूंगा मेरी जान ……. दीदी ने मेरी टी शर्ट ऊपर खींच कर मेरा सीना नंगा किया और मेरे सीने पर जीभ फिराती हुई बोली …… हां राजा जंगलीपन तो पसन्द ही है तेरी दीदी को जब तक ये जालिम बदन किसी मोटे लंड सख्त लंड वाले के नीचे रौंदा ना जाये क्या फायदा है ऐसी जवानी का ….. और वो मेरे निप्पल बारी बारी चूसने लगी …… और एक हाथ मेरे शार्टस में डाल कर मेरे खड़े लंड को बाहर निकाल लिया मुठ मारने लगी ….. फिर बोली मज़ा आ रहा ना मेरे भाई अपनी दीदी से मुठ मरवाने में मैंने कहा हां इतनी मस्त जवान चुदासी लौंडिया ऐसे खुले में किसी मर्द की मुठ मारे तो किसे मज़ा नही आएगा …… दीदी ने कहा और अगर वो लौंडिया लंड मुह में ले कर चूस ले तो ….. और मैंने दीदी के सर पे हाथ रख कर उनका सर लंड पर दबा दिया दीदी जीभ निकाल कर लंड की जड़ से फिराती हुई सुपाड़े तक आयी और लंड को मुह में भर के चुभालने लगी ….. मैंने कहा दीदी बहोत मस्त लंड चूसती हो तुम ऐसे तो कोई …… दीदी ने सर उठा कर देखा बोल ना चुप क्यों हो गया मैंने कहा तुम बुरा मान जाओगी दीदी ने हंस कर कहा ….. जब मैं एक ऐसे आदमी की गालियां और मार पीट बर्दाश्त करती रही जिस से मुझे सख्त नफरत थी तो तुम तो वो इंसान हो जिसे मैं प्यार करती हूं …… मैंने कहा दीदी मजबूरी और पसन्द में अंतर होता है …. दीदी ने एक पल के लिए मेरी आँखों मे देखा और कहा संजू मैं अब तुमसे इतना प्यार करने लगी हूं की तेरी पसन्द मेरी पसन्द बन गयी है …… और एक कातिल नजर से मेरी ओर देख कर सुपाड़े पर जीभ फिराई और बोली अब अपनी बात पूरी कर और इसी के साथ मैंने उनकी पसन्द जान कर उनके खुले बालों को मुट्ठी में पकड़ कर उनके सर का कंट्रोल खुद लिया और घुटनों पर खड़े हो कर ….. अपना लंड उनके मुह में पुश करते हुए आधे से ज्यादा घुसा दिया और धक्के मारते हुए उनके मुह को चोदने लगा ….. मैंने कहा मेरी जान मस्त रण्डी जैसे लौड़ा चूसती है तू दीदी ने लंड मुह से निकाल कर पूछा कितनी रंडियां चोद चुका है मेरा चोदू सैयां ….., मैंने चोदा तो सिर्फ तुम्हे है मेरी जान पर रंडियों को चुदवाते देखा बहोत है और मेरी पर्सनल रण्डी दीदी जैसे लौड़ा कोई नही चुस्ती ….. और तुम उन सब से कम नही हो चूसने और चुदवाने में दीदी ने फिर लौड़ा मुह से निकाल कर उस पर थूक दिया और अपना बहता हुआ थूक चाटते हुए बोली संजू फिर देर क्यों कर रहे हो चोद लो ना अपनी रण्डी दीदी की बुर को मैंने दीदी का स्कर्ट नीचे सरकाया और उनकी कमर पकड़ कर बैठ गया और दीदी का एक पैर उठा कर अपने कंधे पर रखा दीदी ने पैंटी नही पहनी थी …. मैंने नंगी चूत को चूम कर पूछा पैंटी नही पहनी दीदी ने कहा जब बार बार चुदना है तो पैंटी की क्या जरूरत और अपनी चूत मेरे होठो और नाक पर रगड़ने लगी मैंने बड़ा सा मुह खोल कर चूत मुह में ले ली और उसके लटके हुए मांस को चूसने लगा दीदी सिसकती हुई बोली संजू कल जैसे जीभ डाल कर चाट न और अपने हाथ से बुर के लिप्स खोल दिये मैंने जीभ निकाल कर बुर के छेद में घुसा दी और अंदर तक चाटने लगा ….. थोड़ी देर चाटने के बाद दीदी ने अपनी टांग नीचे रखी और घूम कर अपने चूतड़ मेरी ओर कर के झुक गयी और गांड़ को हाथों से फैला कर बोली दीदी की गांड़ का मज़ा नही लेगा क्या …… मैंने चूतड़ को सहलाया दबाया मसला नरम मांस में उंगलियां गड़ा कर नोचा और फिर एक तेज थप्पड़ गांड़ पर लगा कर बोला हां दीदी तेरी चिकनी गांड़ का कसा छेद चूसने में बड़ा मजा आता है और झुक कर गांड़ को होठो में भर कर जोर जोर से चूसने लगा ….. दीदी अपने हाथों से चूचियाँ मसलने लगी …… और मैने गांड़ के छेद से चूत तक चाटना और दांतों से काटना शुरू कर दिया दीदी की आहें निकलने लगी और अब चोद लें ना एकदम गरम है दीदी की चूत आजा पेल दे अपना खूंटा दीदी की बुर में और चोद दे रगड़ के …… मैंने कहा फिर कुतिया बन जाओ रानी और दीदी घुटने रेत पर टिका कर झुक गयी और मैंने पीछे से दीदी पर चढ़ कर लंड चूत पर टिका कर झटके से पेल दिया ….. थूक से गीली चूत में गीला लंड सरक कर अंदर चला गया और मैंने तेजी से धक्के मारते हुए दीदी को चोदना शुरू कर दिया ……. और दीदी भी मस्ती में आ कर अपनी चूत को मेरे लौड़े पर पटक पटक कर चुदने लगी …. खुले आसमान के नीचे समंदर के किनारे मैं अपनी प्यारी दीदी को नंगी कर के रण्डी जैसे चोद रहा था मैं तेजी से धक्के लगाते हुए अपने हाथ आगे लाया और दीदी की नंगी चूचियाँ पकड़ कर कस के चोदने लगा और उनके निप्पल्स को पकड़ कर जोर से नोचने लगा दीदी सिसियाते हुए बोली और तेज राजा बस मैं झड़ने वाली हूँ और फिर वो तेजी से आवाज़ करती हुई झड़ उसकी बुर कामरस निकल गया और फिर मैंने भी लौड़ा चूत से निकाल कर झुक कर चूत को चूस चूस कर सारा रस पी लिया पर मेरा लंड अभी भी झटके ले रहा था …. मैं अभी भी चूत चाट रहा था तभी दीदी बोली संजू छोड़ दे अब मुझे सूसू आयी है और ये सुनते ही मुझे जुनून सा चढ़ गया मैंने चूत से जीभ निकाल कर कहा आयी है तो कर दो ना दीदी और वापस जीभ चूत में घुसा दी ….. दीदी बोली तू छोड़ तब तो करूँ ना ऐसे कैसे कर दूं …. मैंने तुम बस कर दो बाकी कुछ मत सोचो और मैंने जीभ डाल कर दीदी की बुर में पेशाब वाले छेद को चाटना शुरू कर दिया ….. दीदी तड़पने लगी और आखिर उनकी चूत से कुछ बूंदे टपक गयी जिन्हें मैं चाटते हुए पी गया पर वो रोक रही थीं रिलीज नहीं कर रही थी …., और एक बार फिर उन्होंने छोड़ने को बोला और कहा कि अब छोड़ डर वरना मैं तेरे मुह में मूत दूंगी ….. मैंने कहा बोल तो रहा हूँ मूत दे मेरी जान और फिर उनकी चूत से गरम मूत की तेज धार निकल कर मेरे चेहरे से टकराई एयर मैंने झट से चूत को मुह में भर कर चूसते हुए दीदी का गरम पेशाब पीना शुरू कर दिया ….. दीदी मूतती रही और मैं पीता रहा आखिरी बून्द तक चूस कर मैंने मुह हटाया और दीदी बोली कितना गंदा है तू …. मैंने कहा थैंक्स दीदी मेरी एक और ख्वाइश पूरी करने के लिए और मैं खड़ा हो गया दीदी मेरी ओर घूमी अपने घुटनों पर और मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया और बोली अब इसे शांत कर दूं और अपनी चूत के रस में भीगे हुए लंड पर जीभ फिरा फिरा कर चाटने लगी पूरे लंड को चाट कर उन्होंने एक हाथ से लंड को मुठ मारते हुए सुपाड़े को जोर से चूसना शुरू कर दिया ….. मैं आंखे बंद किये मस्ती में उड़ रहा था दीदी का मूत पीने के बाद मुझे जैसे दो pag का नशा हो गया था ….. और फिर दीदी ने मेरा लंड मुठियाते हुए पूछा संजू मेरी गांड़ चाटने में क्या मज़ा आता है तुम्हे मैंने कहा दीदी ये सब सिर्फ महसूस किया जा सकता है बताने के लिए शब्द नही मिलते …. और फिर दीदी उठ कर मेरे पीछे आ गयी और मेरा लंड जोर से मुठियाते हुए बोली संजू थोड़ा सा झुक जा मैं झुक गया तो दीदी ने एक हाथ से मेरे चूतड़ खोल कर अपनी जीभ मेरी गांड़ पर फिरा दी …. ओह दीदी मेरी गांड़ चाटते हुए मेरा लंड सहला रही थी और 5-7 बार गांड़ पर जीभ फिराते ही मुझे लगा मैं झड़ जाऊंगा ….. और मैं एकदम से घूम कर दीदी के बाल मुट्ठी में पकड़ कर उनके फेस पर लंड रगड़ते हुए मुठ मारने लगा …. दीदी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने एक हाथ पीछे डाल कर उंगली से मेरी गांड़ के छेद को रब करते हुए और दूसरे हाथ से मेरे बॉल्स को सहलाते हुए कहा संजू झड़ जा पिला दे लंड का पानी अपनी दीदी को मेरे इस खूबसूरत चेहरे पर टपका दे गरम बीज अपना …. और इसी के साथ मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी दीदी ने मुह खोल लिया और उनके माथे बालो नाक होठ हर जगह वीर्य की बूंदे बरसने लगी और जब मैं झड़ कर शांत हुआ तो उनका पूरा चेहरा मेरे वीर्य से भीग कर चमक रहा था और वो अपनी जीभ निकाल निकाल कर चाट रही थी उसे अपने होठो से ….. मैं वही बैठ गया और उन्हें गले से लगा लिया और बोला I love you Ruchi ….. You are amazing …. दीदी ने भी मुझे बाहों में कस लिया और और बोली …. Love you to Sanju …. मुझे इतना प्यार देने के लिए बेहद शुक्रिया ….. फिर दीदी ने कहा अब रूम कैसे चलूं मुह कैसे साफ करु मैंने कहा ऐसे ही चलो अभी सूख जाएगा .., और हम अपने कपड़े ठीक कर के ऐसे ही चल पड़े अपने होटल की ओर 


Posted oCate

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