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Behno ki asla badli


bahno ki adla badli
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मैं यश हूँ. आप की सेवा मे हाज़िर हूँ फ़िर एक अनुभव की कहानी लिये. आप ने मेरी पिछली कहानी "भाभी और बहन को चोदा" पढ़ी होगी. आज मैं मेरा एक और sexperience बयान करने जा रहा हूँ.

मैंने पहले बताया था कि मेरे कुटुंब मे मैं, पिताजी, माताजी और मेरे से दो साल छोटी बहन नेहा हैं. पिताजी शहर के हाई स्कूल मे टीचर हैं और हम सब co-operative society मे रहते हैं.

मेडिकल कौलेज मे मेरा एक घना दोस्त था, समीर. समीर होस्टल मे रहता था और अक्सर हमारे घर आया करता था. कभी कभी रात को रुक भी जाता था. मेरे परिवार से वो काफ़ी मिल जुल गया था. मुझे थोड़ा शक था कि उसकी नजर नेहा पर लगी थी.

खैर, मुझे कोई एतराज नही था. समीर के पिताजी एक छोटे से गाँव के मुखिया थे. बड़ी लंबी चौड़ी किसानी थी उनकी. गाँव के बीच उनका बड़ा मकान था जहाँ वो रहते थे. गाँव से बाहर दूसरा घर था जो मेहमानों के लिये इस्तेमाल किया जाता था. समीर के परिवार मे मेरी तरह माताजी, पिताजी और दो साल छोटी बहन पूर्वी थी जिसने नेहा की तरह 12th की परीक्षा दी थी.

यह कहानी उस समय की है जब कौलेज मे छुटियाँ पड़ी और समीर ने मुझे अपने गाँव आने का आग्रह किया. नेहा को जब पता चला तो वो ज़िद कर के मेरे साथ चली.

मैं और समीर काफ़ी निकट थे. कई बार सेक्स की बातें करते थे, ब्लू मैगज़िन पढ़ते थे और ब्लू फ़िल्में देखने जाते थे. मैंने उसे मंजुला भाभी की बात बतायी थी लेकिन मैने नेहा को चोदा था यह बताया नही था.

एक दिन मैंने पूछा, "तूने कोई लड़की को चोदा है या नही?" 
"क्यों नही? हम खेत वालों को मजदूर की लड़कियाँ आसानी से मिल जाती है." 
"कितने को चोदा है अब तक?" 
"तीन. जब से एक पदमा मिली है तब से दूसरी को चोदने को दिल नही होता." 
"ऐसा क्या है उसमे?" 
"तू जब हमारे गाँव आयेगा तब देखना." 
"मुझसे चुदवायेगी वो?" 
"क्या पता? मैं पूछुंगा." 
"तुझे कोई एतराज नही है, मैं पदमा को चोदूं इस मे?" 
"नही तो. किससे चुदवाना यह उसकी मर्ज़ी की बात है."

मुझे और नेहा से मिलकर समीर के माताजी और पिताजी खुश हुए. पूर्वी नेहा से लग गई लेकिन पहले मुझे गौर से देखने के बाद. समीर होशियार था. वो समझ तो गया लेकिन कुछ बोला नही.

थोड़े दिन खाने पीने घूमने और पिकनिक पर जाने मे चले गये. दिवाली आ रही थी. इससे समीर की माताजी ने घरों की सफ़ाई का काम निकाला था. रोज़ पांच सात औरतें काम पर आती थीं. उसमे पदमा भी शामिल थी. उसे देख के मैं दंग रह गया. पांच फ़ूट तीन इन्च की ऊंचाई वाला उसका बदन गठीला था. रंग थोड़ा सा सांवला था. चेहरा गोल और आँखें काली काली और बड़ी बड़ी. होंठ पतले थे. जब हंसती थी तब गालों मे खड्डे पड़ते थे. उम्र होगी शायद 18-19 साल की.

इन सब से आकर्शक थे उस के स्तन. इतने बड़े स्तन लिये वो सीधी कैसे चल पाती थी यह एक समस्या है. गोल गोल और उन्नत स्तन थिरक जाते थे जब वो हंस देती थी. पतली कमर के नीचे भारी भरकम नितम्भ थे. उसे देखते ही मेरा लौड़ा उठने लगा था.

एक दिन पदमा ने खुद माताजी से कहा कि वो और पूर्वी दूसरे मकान की सफ़ाई करने जायेंगे. माताजी ने हाँ कह दी.

इधर मैं और समीर खेत मे घूमने चले गये. दोपहर का समय हुआ तब समीर ने कहा, "चल, घर जायें."

हम घर को तो चले, लेकिन मुख्य घर के बजाय उस मेहमान घर को चले जहाँ पदमा और पूर्वी सफ़ाई कर रहीं थीं. नेहा भी वहाँ मौजूद थी.

जाते ही समीर ने पूर्वी से कहा, "पूर्वी, तू और नेहा जा के चाय नाश्ता ले आ, समझी?"
मुस्कुराती हुइ पूर्वी बोली, "हाँ, भईया. लेकिन थोड़ी देर लगेगी."
समीर ने कहा, "कोई बात नही."

और पूर्वी नेहा का हाथ पकड़ कर चली गयी.

हम दूसरे कमरे मे गये जहाँ पदमा काम कर रही थी. जाते ही समीर ने पदमा को बाहों मे भर लिया और चुम्बन करने लगा. उसने कान मे कुछ कहा तो शरम के पदमा ने अपना चेहरा हाथों से ढक लिया.

समीर बोला, "मैं ने पूछा कि हमारी चुदाई यश देखे तो...?"
मैंने कहा, "क्या जवाब दिया पदमा तूने?"
पदमा बोली, "मैं कौन हूँ ना कहने वाली? आप को जो पसन्द आये वो कीजिये."
समीर ने कहा, "हम दोनो से चुदवायेगी?"

शर्म से वो तेढ़ा देखने लगी, कुछ बोली नही.

समीर बोला, "याद है, एक बार तूने पूछा था कि दो मर्दों से एक साथ चुदाई का मज़ा कैसा होता है? आज तुझे पता चलेगा. मैं और यश तुझे एक साथ चोदेंगे."

समीर पदमा को पलंग पर ले गया और उसकी चोली निकाल दी. उसके बड़े बड़े स्तन खुल गये. समीर ने इशारा करके मुझे बुला लिया. मैने तुरन्त जा के स्तन पकड़ लिये और सहलाने लगा.

समीर फ़्रेन्च किस्स करने लगा. मैने झुक कर स्तन की निप्पल मुंह मे ली और चूसी. समीर के हाथों ने घाघरे के उपर से पदमा की जांघें सहलाई. जैसे जैसे उसके हाथ उपर की तरफ़ सरकने लगे वैसे वैसे पदमा की सुडौल जांघें नंगी होती चली गयी. समीर पलंग पर बैठा था और पदमा उसकी गोद मे थी. मैं ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ गया और खुली जांघ पर हाथ फ़िराने लगा. आखिर समीर की उंगलियाँ पदमा की भोस तक पहुंच गयी.

पदमा की भोस काफ़ी बड़ी थी. काले घुंघराले झांट उसने काट रखे थे. बड़े होंठ भरावदार थे. छोटे होंठ सूजकर बाहर झांक रहे थे. काम रस से भोस की दरार गीली हो गयी थी. क्लिटोरिस का छोटा मत्था दिखाई दे रहा था. सारी भोस अच्छी तरह महक रही थी, जिसकी सुवास से मेरा लण्ड तन के लोहे जैसा बन गया.

समीर ने एक उंगली से क्लिटोरिस को टटोला तो पदमा के नितम्भ हिलने लगे. भोस छोड़कर समीर के हाथ स्तन पर जा पहुंचे. तब मैने अपना मुंह भोस से लगा दिया. जीभ निकाल कर दोनो बड़े होंठों को चाटा. बाद मे जीभ से ही भोस की दरार टटोली और क्लिटोरिस को रगड़ा. पदमा का एक हाथ समीर का लण्ड पकड़े हुआ था, दूसरा मेरे बालों मे घूम रहा था.

हम तीनो की उत्तेजना बढ़ने लगी. फ़टा फ़ट हमने कपड़े निकाल फ़ेंके और पदमा को पलंग पर लिटा दिया.

समीर ने पूछा, "पदमा, पहले किस का लण्ड लेना है?"

उसने समीर का लण्ड छोड़ मेरा पकड़ लिया और मुठ मारने लगी.

"अच्छा, यश, तू उसकी जांघों के बीच आ जा." कहते हुए समीर पदमा के सर के पास बैठ गया और अपना लण्ड उसके मुंह मे धर दिया. पदमा को अपना मुंह पूरा खोलना पड़ा समीर का मोटा लण्ड अंदर लेने के लिये.

इधर मैंने उसकी जांघें फ़ैला के अपना लण्ड भोस पर टिका दिया और एक धक्के से सारा का सारा लण्ड चूत मे घुसेड़ दिया. उधर अपने हिप्स हिला कर समीर पदमा का मुंह चोदने लगा तो मैं धीरे धक्के से उसकी टाईट चूत को चोदने लगा. 

पदमा के मुंह से "ऊं...ऊं" की आवाज आने लगी और उसके चूतड़ घूमने लगे. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत ने फ़टाके मारने शुरु किया.

मैंने लण्ड को पूरा बाहर निकाल के क्लिटोरिस पर रगड़ा. अचानक पदमा का बदन अकड़ गया और रोयें खड़े हो गये. मैंने झट से लण्ड को चूत मे डाल के तेजी से धक्के मारना शुरु किया. पदमा ने पानी छोड़ दिया.

समीर ने उसके मुंह से लण्ड निकाला तब वो बोली, "हाय दईया, ऐसी चुदाई तो कभी नही करवाई!"
समीर ने कहा, "अभी तो तूने कुछ नही देखा. सही चुदाई तो अब होगी."

हम दोनो ने कंडोम लगाये. मैं पलंग पर लेट गया. समीर ने पदमा को मेरी जांघों पर बिठाया और मेरा लण्ड उसकी चूत मे पेल दिया.

"यश, अभी ज़रा रुकना, धक्के मत देना. पदमा, तू आगे झुक और गांड इधर कर."

मैं देख नही पा रहा था लेकिन पदमा के कराहने की आवाज से समझ गया कि समीर उसकी गांड मे लण्ड डाल रहा था.

जब पूरा लण्ड डल गया तब समीर पदमा की पीठ पर झुका और बोला, "यश, मैं गांड मार रहा हूँ और पदमा भी हिप्स हिलायेगी. वैसे ही तेरा लण्ड चूत मे आता जाता रहेगा. तुझे धक्के लगाने की जरुरत नही पड़ेगी."

जैसा समीर ने कहा था वैसा ही हुआ. समीर ने पदमा की गांड मारनी शुरु की तो उसके हिप्स हिलने लगे और मेरा लण्ड चूत चोदने लगा. चूत मे फ़से हुए मेरे लण्ड पर समीर के लण्ड का दबाव आता था. पदमा ने मेरे मुंह से मुंह लगा के फ़्रेन्च किस्स किया. पीछे से समीर ने उसके स्तन थाम लिया.

दस मिनट तक पदमा की गांड मारने पर भी समीर झड़ा नही. मैने कहा, "समीर अब तू नीचे आ जा. मुझे गांड मारने दे."

हमने अदला बदली की. गांड मारने का यह मेरा पहला अनुभव था. चूत के बजाय गांड इतनी टाईट होती है वो मैने पहली बार जाना. समीर के कहने पर मैं पूरी ताकत से पदमा की गांड मारने लगा.

बीस मिनट तक मैने गांड मारी तब पदमा बोली, "मैं तीन बर झड़ चुकी हूँ. अब तो बस कीजिये!" 
"क्या खयाल है यश?" 
"आज के दिन के वास्ते काफ़ी है." 
"अच्छा, पदमा, ज़रा इधर आ तो मैं धक्के लगा सकूं." 

पदमा ने हिप्स उठाये. नीचे से समीर ने धक्के लगा के चूत मारना शुरु किया. मैने गांड मारना चालू रखा.

पदमा फ़िर एक बार झड़ पड़ी. उसकी गांड ने मेरा लण्ड ऐसा तो दबोचा कि मुझे दर्द हो गया. मैं और समीर एक साथ झड़े और लण्ड निकाल कर पदमा से अलग हुए.

थकी हुई पदमा थोड़ी देर पड़ी रही. बाद मे उठकर बाथरूम मे चली गयी. हमने भी सफ़ाई की और कपड़े पहन लिये.

आगोश मे लेकर समीर ने पदमा को किस्स किया और पूछा, "तुझे लगा तो नही ना? मज़ा आया?" 
"बहुत मज़ा आया." वो बोली. 
"फ़िर से ऐसे चुदवाओगी?" 
"धत्त!" कहके अपने आप को छुड़ा के वो भाग गयी.



पदमा के जाने के बाद जब हम अगले कमरे मे आये तो पूर्वी और नेहा को बैठे हुए देखा.

मैंने पूछा, "कब की आयी हो तुम?"
नेहा ने कहा, "कब से? बीस मिनट हुए होंगे, क्यों पूर्वी?"
पूर्वी बोली, "हाँ."
समीर ने पूर्वी से कहा, "बदमाश, चुपके चुपके आ के देख रही थी ना?"

मैं चौंक पड़ा.

इतने मे नेहा बोली, "हाँ, समीर भईया, वो मुझे खींच कर दिखाने ले आयी थी."

अब मैं समझ गया. इन दोनो लड़कीयों ने प्लान कर के ही हमारी चुदाई देखी थी.

मैंने कहा "समीर, नेहा कुँवारी नही है. उसके वास्ते चुदाई कोई नयी चीज़ नही है. लेकिन पूर्वी?"
समीर ने कहा, "क्यों पूर्वी, तू कुँवारी है?"
पूर्वी शर्मा गई और बोली, "ऐसे भी क्या पूछते हो भईया? आप जानते तो हैं."

मैं समझ गया की पूर्वी को किसी ने चोदा है जरुर.

समीर ने पूछा, "यश यह बता, कौन खुशनसीब था जिसने नेहा को..."
नेहा बोली, "बोलिये, बोलिये. रुक क्यों गये? नेहा को क्या?"
समीर आगे बोला, "ओके, जिसने नेहा को पहली बार चोदा था?"

पूर्वी ने आंख से मेरी ओर इशारा किया और बता दिया.

समीर बोला, "अच्छा, तो यह बात है? कब और कहाँ चोदा था? नेहा तू ही बता."
नेहा बोली, "मंजुला भाभी के साथ ही. उसी वक्त."
समीर बोला, "वाह रे मेरे शेर, एक साथ दो दो चूत मारी तूने?" 

मैं क्या बोलूं? मुस्कुराता रहा. पूर्वी मुझसे आंख नही मिला पा रही थी.

मैंने पूछा, "पूर्वी, तुझे किस ने चोदा पहली बार?"
नेहा बोली, "चुप रहो भईया, बेचारी अभी भी शर्म से बाहर निकली नही है."
मैं बोला, "जैसे जैसे चुदवाती चलेगी वैसे वैसे शर्म कटती चलेगी और तेरे जैसी बेशर्म बन जायेगी."

पूर्वी शर्म से लाल लाल हो गयी. समीर ने उसके कंधे पर हाथ रखे और बोला, "मैं बताता हूँ. मेरी प्यारी बहन को मैंने ही पहली बार चोदा था."

पूर्वी ने अपना चेहरा समीर के सीने मे छुपा दिया.

नेहा ने कहा, "पूरी बात करो, समीर भईया, कहाँ और कैसे आप ने पूर्वी को चोदा यह पूरी कहानी सुनाईये."
समीर ने कहा, "बातें बाद मे करेंगे. अभी तो दूसरा काम बाकी है. आ जाओ मेरे पास. और पूर्वी, जा तुझे यश बुला रहा है."

नेहा को गोद मे लेते हुए समीर ने कहा, "यश, क्या खयाल है, बहनों की अदला बदली करेंगे?"
मैंने कहा, "क्यों नही? बहनें जो राज़ी हो तो."
समीर की गोद मे बैठी नेहा बोली, "नही, हम भाईयों की अदला बदली करेंगे, क्यों पूर्वी?"

मैं सोफ़ पर बैठा था. पूर्वी अपने आप मेरे पास चली आयी और खड़ी हो गयी. मैने उसकी कमर के आस पास हाथ लिपटाया और पास खींचा. उसने मेरे गले मे बाहें डाल दी. मैने उसकी ओढ़नी उतार दी, अब वो चोली घाघरे मे रह गयी. चोली छोटी सी थी इसलिये उसके गोरे सपाट पेट का काफ़ी हिस्सा खुला था. मैने पेट पर चुम्बन किया तो वो छटपटा गयी. बोली, "गुद गुदी होती है."

"ये तो तेरा पेट है. यहाँ..." भोस पर हाथ रखते हुए मैने कहा, "...यहाँ किस्स करुंगा तो क्या होगा?" 

"धत्त, ऐसा नही बोलते!" मेरे मुंह पर उंगली रख कर वो बोली. मैने उंगली होंठों बीच ली और चूसी. दूसरे हाथ से चोली मे कैद उसके स्तन को टटोला. मैं स्तन पकड़े हुए था कि उसने उंगली निकाली और नीचे झुक कर अपने होंठ मेरे होंठ से चिपका दिये. जब मैने जीभ से उसके होंठ चाटे तब उसने मुंह खोला और मेरी जीभ उसके मुंह मे घुस कर चारो ओर घूमने लगी. लण्ड की तरह जीभ को कड़ा करके मानो मैने उसके मुंह को चोदा. हमारी फ़्रेन्च किस्स पूरे एक मिनट तक चली.

मैने मेरी जांघें चौड़ी कर उसे बाय़ीं जांघ पर बिठाया. किस्स चालू रखते हुए मेरा हाथ उसकी चोली मे कैद स्तन पर पहुंच गया. हलके से मैने स्तन सहलाया. पतले कपड़े से बनी चोली के नीचे उसने ब्रा पहनी नही थी इसलिये उसके कड़े निप्पल साफ़ नजर आ रहे थे. कपड़े के आर पार मैने निप्पल को टटोला. पूर्वी ने मेरा हाथ पकड़ा लेकिन विरोध नही किया. चोली लो-कट थी. दोनो स्तनों का आधा हिस्सा खुला दिखाई दे रहा था. मैने उस गोरे गोरे हिस्से पर चुंबन किया. पूर्वी ने मेरा सर अपने सीने पे दबा दिया. 

एक एक कर के मैने चोली के हूक खोल डाले. चोली हटते ही पूर्वी के नंगे स्तन नजर आये तो मैं दंग रह गया. इतने खूबसूरत स्तन की मुझे उम्मीद नही थी. गोरे गोरे, गोल गोल बड़े श्रीफ़ल के साइज़ के उसके स्तन कड़े थे. चिकनी पतली चमड़ी के नीचे खुन की नीली नसें दिखाई दे रही थी. स्तन के बीच बादामी रंग की दो इन्च की areola थी जिस के मध्य मे छोटी सी निप्पल थी. उस वक्त उत्तेजना से areola उभर आयी थी और निप्पल कड़ी हो गयी थी.

मैने पहले हलके स्पर्श से सारा स्तन सहलाया, बाद मे मुठ्ठी मे लिया. निप्पल को चिपटी मे ले कर मसला. पूर्वी के मुंह से आह निकल पड़ी. चिपटी छोड़ मैने निप्पल को मुंह मे लिया, जीभ से टटोला और चूसा. पूर्वी के नितम्भ हिलने लगे.

उधर समीर ने नेहा को पलंग की धार पर लिटाया था और खुद ज़मीन पर बैठ उसकी भोस सहला रहा था. भोस के होंठ चौड़े कर के वो जीभ से क्लिटोरिस टटोल रहा था. उसकी दो उंगलियां नेहा की चूत मे डाली हुइ थी जो उसके g spot का मर्दन कर रही थी. अचानक समीर ने उंगलियां तेजी से अंदर बाहर करके नेहा को चोदना शुरु किया. नेहा के चूतड़ हिलने लगे. वो मुंह से सी सी सी आवाज़ करने लगी. समीर ने फ़िर भी अपना मुंह क्लिटोरिस से हटाया नही. 

काफ़ी देर तक मैं पूर्वी के स्तन साथ खेलता रहा. अब वो मेरी गोद से सरक कर ज़मीन पर आ गयी. मेरे पजामा के आर पार उसने लण्ड टटोला. मैने नाड़ा खोल दिया. आठ इन्च का कड़ा लण्ड उससे निक्कर मे से निकाला नही गया. मैने निक्कर भी उतार दी और लण्ड को आज़ाद किया.

फ़ौरन उसने लण्ड पकड़ लिया. मुठ्ठी मारने लगी. लण्ड और ज्यादा तन गया. टोपी हटा कर उसने लण्ड का माथा खुला किया और तुरन्त अपने मुंह मे ले लिया. मत्थे को जीभ और तालू के बीच दबाये रखे वो स्थिर हो गयी. दो मिनट तक वो हिली नही. मुझे बहुत अच्छा लग रह था. लण्ड मे हलके हलके ठुमक हो रहे थे.

बाद मे उसने लण्ड का मत्था चूसना शुरु किया, जैसे बच्चा लौलिपौप चूसता है वैसे. चूसते चूसते जीभ से चाटा और मुठ्ठी मे पकड़ा हुआ लण्ड का हिस्सा घिसने लगी. मेरे हिप्स भी हिल पड़े. मैने उसका सर पकड़े धक्क देना शुरु किया. गीला मोटा लण्ड उसके मुंह को पुच्च पुच्च आवाज के साथ चोदने लगा. मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊंगा. जब मेरे लण्ड मे फ़टाके शुरु हुए और काम रस बहने लगा तब उसने लण्ड मुंह से निकाला और उठ कर गोद मे आ बैठी. वो बोली, "आप ने कभी अपने लण्ड का स्वाद लिया नही होगा. मैं चखवाती हूँ."

उसने मेरे मुंह से मुंह चिपका के फ़्रेन्च किस्स की तो उसके थूक के साथ मेरे लण्ड का पानी भी मेरे मुंह मे आ गया. 

अब मैने उसकी ओढ़नी उतार डाली. किस्स करते हुए अब मेरा हाथ उसकी जांघ पर फ़िसलने लगा. जैसे जैसे मेरा हाथ घुटने से ले कर भोस की तरफ़ जाने लगा वैसे वैसे उसका घाघरा भी खिसकता गया और जांघें नंगी होती चली.

मेरा हाथ उसकी चिकनी जांघ सहलाने लगा. उसने जांघें सिकुड़ी हुई रखी थी जो मैने धीरे से खोल कर चौड़ी की. लेकिन जैसे मैने भोस को छुआ पूर्वी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और जांघें फ़िर सिकोड़ ली.

मैने पूर्वी को सोफ़े की धार पर लिटा दिया. नाड़ा खोल कर घाघरा उतार फ़ेंका. पूर्वी ने अंदर निक्कर पहनी नही थी. मैने उसके पाँव उपर उठाये और थोड़ा जोर लगा कर उसकी जांघें चौड़ी कर दी. अब मैं उसकी भोस देख सका. मोटे भरावदार बड़े होंठ वाली पूर्वी की भोस उस वक्त सूज कर गुलाबी हो गयी थी. तीन इन्च की दरार मे से छोटे होंठ सूज कर बाहर निकल आये थे. मैने पहले उंगलिओं से भोस को सहलाया, बाद मे जीभ फ़िरा के चाटा. होंठ चौड़े कर दो उंगलियां चूत मे डाली. अंदर बाहर करते हुए मैने उंगलिओं से चूत को चोदा और g spot को मसला. उसी वक्त जीभ से क्लिटोरिस को टटोला पूर्वी की उत्तेजना बढ़ गयी, उसके नितम्भ हिलने लगे और चूत मे संकोचन होने लगा. मेरा लण्ड पूरा तन गया. 

उधर समीर अब पलंग पर लेटा था. नेहा उसकी जांघ पर बैठी थी. समीर का लण्ड नेहा की चूत मे फ़सा था. अपने चूतड़ उठा गिरा के नेहा लण्ड को चूत से अंदर बाहर किये जा रही थी. कभी कभी समीर भी धक्का देकर नेहा को चोदता था. समीर के दोनो हाथ नेहा के स्तनों पर लगे हुए थे. समीर का पूरा लण्ड बाहर निकल कर फ़िर चूत मे घुसता साफ़ दिखाई दे रहा था.

चूत मे उंगलियां और क्लिटोरिस पर जीभ से चोदते हुए मैने ने पूर्वी को झड़ाया. उसकी भोस ने काम रस का फ़व्वारा छोड़ दिया. सिकुड़ कर उसकी जांघों ने मेरा सर भोस से दबा रखा चूत मे फ़टाके हुए और सारे बदन पर रोयें खड़े हो गये.

जब उस का orgasm शांत हुआ तब मैं उठा. पूर्वी को ठीक से लिटाया. मैं उसकी जांघों के बीच आ गया. मैने भोस टटोला तो उसने लण्ड पकड़ कर भोस की ओर खींच लिया. उसने लण्ड का मत्था क्लिटोरिस से रगड़ा. मुझसे रहा नही गया. मैने एक ही धक्के मे सारा लण्ड उसकी चूत मे पेल दिया. पूर्वी के मुंह से आह निकल गयी. चूत मे लण्ड दबा के मैं रुका. लण्ड झटके देने लगा जिसका जवाब चूत ने संकोचन कर के दिया. मैंने लण्ड निकाला तो पूर्वी ने मेरे चूतड़ पर हाथ रख कर मुझे अपनी ओर खींच लिया. लण्ड फ़िर से चूत की गहराई मे उतर गया.

हमें देख कर समीर बोला, "यश, डरना मत. पूर्वी दिखती है पर इतनी नाजुक नही है. जोर से चोदना, वर्ना उसे संतोश नही होगा. क्यों, पूर्वी?" 

जवाब मे पूर्वी ने चूत सिकोड़ी और लण्ड दबया.

मैने कहा, "नेहा भी लण्ड ले सकती है. तू भी उसे जोर से चोदना."

मैने धीरे गति से लंबे धक्कों से पूर्वी को चोदना शुरु किया. अकेला मत्था चूत मे रहे इतना लण्ड मैं निकाल कर रुक जाता. चूत सिकोड़ कर पूर्वी मत्थे को दबाती. लण्ड झटका मारता और मैं एक धक्के से फ़िर लण्ड को चूत मे पेल देता. ऐसा खेल हमने दस पंद्रह बार खेला. लण्ड और भोस काम रस से तर बतर हो गये.

मैने पूर्वी से कहा, "तूने भी तेरी चूत का पानी चखा नही होगा. आ जा, चख ले."

गीले लण्ड को निकाल कर मैने पूर्वी के मुंह पर धर दिया. बड़े प्यार से उसने लण्ड का मत्था चाटा और मुंह मे लेके चूसा. झड़ पड़ने के डर से मैने लण्ड खींच लिया और फ़िर से चूत मे डाल दिया. वो मुझे फ़्रेन्च किस्स करने लगी. मेरी mons उसकी mons के साथ थप्प थप्प आवाज़ से टकराने लगे. मेरे बौल्स उसकी गांड से टकराने लगे. पूर्वी अपने हिप्स घुमा घुमा के क्लिटोरिस को लण्ड के साथ घिसने लगी. मेरे मोटे लण्ड ने उसकी भोस की दरार पूरी चौड़ी कर रखी थी.

पलंग पर अब नेहा को नीचे लिटा कर समीर उपर आ गया था. नेहा के घुटने कंधे तक उठे हुए थे. समीर का लण्ड भी मेरे जैसा था और नेहा की चूत मे आता जाता दिखाई दे रहा था. बेरहमी से समीर नेहा को जोर जोर से चोद रहा था. 

उन को देख कर पूर्वी और उत्तेजित हो गयी. मुझसे लिपट गई और हिप्स हिला हिला कर लण्ड लेने लगी. मेरे धक्के की रफ़तार और गहराई बढ़ गये. उसकी चूत सिकुड़ सिकुड़ कर लण्ड चूसने लगी. लण्ड का खुला माथा योनी की दिवालों के साथ घिसता चला.

ऐसे मे पूर्वी झड़ पड़ी. योनी के फ़टाके से मेरा लण्ड भी उत्तेजित हो गया और मैं जोर से झड़ा. हमारा orgasm तीस सेकंड चला.

समीर अब तेजी से नेहा को चोद रहा था. जोर से चिल्लाते हुए नेहा झड़ी और उसके साथ समीर भी झड़ा.

थोड़ी देर तक मैं और समीर लड़कियों पर यूं ही पड़े रहे.

जब हम उतरे तब हमारे लण्ड आधे खड़े थे. लड़कियां बैठ गई और अपनी अपनी भोस पोछ कर सफ़ाई करने लगी.

हमारे लण्ड को देख नेहा बोली, "क्या बात है? अभी आप के लण्ड तने हुए है, झुके नही."
समीर ने कहा, "तुम दोनो की चूत ऐसी रसीली है कि लण्ड को तृप्ति नही होती."
नेहा बोली, "क्या करेंगे इस का, पूर्वी?"
पूर्वी बोली, "हम उसे मुंह का स्वाद चखायेंगे, लेकिन फ़िर अदला बदाली कर के."
समीर बोला, "मुंह का तो चखा है. गांड कैसी रहेगी यश?" 

दोनो लड़कियाँ खुश हो गयी.

पूर्वी बोली, "लेकिन, भईया, धीरे से मारना."
मैने कहा, "घबराओ मत. हम टेकनीक जानते है. धीरे से मारेंगे. चलो, मेरे साथ कौन आती है?"

बिना कुछ बोले नेहा मेरे पास आ गयी. पूर्वी क्रीम की ट्यूब और कंडोम ले आयी और समीर के पास चली गयी. दोनो चार पाँव खड़ी हो गयी.

मैने नेहा की गांड पर ढेर सारा क्रीम डाला. हलके दबाव से एक उंगली गांड मे डाली. धीरे धीरे अंदर बाहर कर के और गोल घुमा के गांड के स्नायू को नर्म किया. थोड़ी देर मे दो और बाद मे तीन उंगलियां गांड मे आती जाती हो गयी.

मैने पूछा, "दर्द होता है, नेहा?" 
"अजीब किस्म का मज़ा आ रहा है, भईया. मेरी बात मानोगे?" 
"क्या?" 
"जब मैं लण्ड लेने को तैयार हो जाऊं तब आप समीर को..?" 
"पूर्वी का क्या खयाल है, समीर?" 
"मैं भी वही चाहती हूँ." पूर्वी बोली.
"थोड़ी देर तक मारने के बाद अदला बदाली करेंगे." समीर ने कहा. 

हम दोनो ने कुछ देर तक सिर्फ़ उंगलिओं से उन लड़कियों की गांड मारी. जब गांड पूरी रिलैक्स हो गयी तब हम ने कंडोम पहनके उंगलिओं की जगह लण्ड डाले और आहिस्ता आहिस्ता उन दोनो की गांड मारी. जब लण्ड आसानी से आने जाने लगे तब हम ने पोज़िशन बदली. मैं पूर्वी के पीछे आ गया. आगे झुकि हुई पूर्वी ने अपने चूतड़ चौड़े कर रखे थे. मैने लण्ड पर क्रीम लगाया और लण्ड को गांड पर टिकाया. हलके दबाव से मैने लण्ड को पूर्वी की गांड मे डाला. अपनी बहन की गांड खोलाई मे समीर ने अच्छा काम किया था. बिना कोई मुश्किल सारा लण्ड गांड मे उतर गया.

मैने पूर्वी से पूछा, "दर्द होता है?"
सर हिला के उसने ना बोला. गांड को मेरे मोटे लण्ड से परिचित होने तक मैं रुका.

दोस्तो, गांड मे लण्ड का अनुभव एक अजब किस्म का है. जिसने आज़माया ना हो उसे ठीक से बताना मुश्किल है. पूर्वी की गांड के स्नायू ने मेरा लण्ड जकड़ रखा था और संकोचन कर के और ज्यादा पीस डालाते थे.

आखिर मैने धक्के लगाने शुरु किये. टाईट पकड़े हुए लण्ड को आहिस्ता आहिस्ता निकालना डालना पड़ा. जैसे जैसे चुदाई चलती रही वैसे वैसे गांड नर्म होती चली. पंद्रह बीस धक्के बाद गांड चूत जैसी चौड़ी हो गयी. अब मैं तेजी से गांड मारने लगा. आगे झुक कर क्लिटोरिस को भी टटोलने लगा. तकरीबन बीस मिनट की चुदाई के बाद पूर्वी झड़ी. मुझे लगा कि आज मेरा लण्ड टूट के गिर पड़ेगा. पूर्वी के साथ मैं भी झड़ा. नर्म होते लण्ड को मैने निकाला और पूर्वी थक के मुंह के बल लेट गयी. 

समीर अभी नेहा की गांड मार रहा था. नेहा मुंह से "आहह...आहह" कर रही थी. समीर के जोरदार धक्के से नेहा के लटके हुए स्तन झूल जाते थे.

"कैसी है नेहा की गांड?" मैने पूछा.
"एक दम टनाटन," कहते समीर धक्क लगाने मे जुट गया.

नज़दीक जा कर देखा तब पता चला की समीर का लण्ड कैसा था. उसके लण्ड का मुल डन्डी से ज्यादा मोटा था. इसलिये जब लण्ड पूरा गांड मे उतर जाता था तब गांड ज्यादा चौड़ी होती थी. चूत का भी यही हाल होता होगा. जो कुछ हो, नेहा आनंद से लण्ड लिये जा रही थी. थोड़ी ही देर मे वो दोनो एक साथ झड़े.

समीर ने लण्ड निकाला और नेहा लेट गयी. हम सब ने सफ़ाई कर के कपड़े पहन लिये और चाय नश्ता किया.

नेहा बोली, "अब बताईये समीर भईया, पूर्वी को आप ने किस हलात मे चोदा था."

समीर ने कहा, "मेरे बजाय पूर्वी खुद बतायेगी, यह अच्छा रहेगा."
नेहा बोली, "नही, समीर भईया, आप ही बतायें. हो सकता है कि शर्म की मारी पूर्वी कोई रसीला हिस्सा छोड़ भी दे."
समीर ने कहा, "अच्छा, तो बात यह हुई कि..."

समीर ने जो कहानी सुनयी वो आप अगले हफ़्ते मे पढ़ सकेंगे. क्षमा कीजिये.

कैसी लगी यह कहानी? 

(समाप्त)

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jaisa k app sab jante hain k mera name fariha shah hai aur meri ye kahani jo k ab  main likhne ja rahi hoon ise bhi mere bhai hi ki zubani likhon gi  ...................................ab chalte hain intro ki taraf........................................ ammi jaan .... salma .... age... 39 hai abhi tak jismani tour pe ek dam fit aur sexy  body ki malik hain dikhne main lagta hi nai k meri ammi ki age 39 hai balke wo dekhne  main lagta hai k jaise abhi 28 ki hoon gi main... fariha shah... age 21... smart ek gharelu ladki jo k sex ki shokeen lakin abhi  tak kisi k sath kiya nai bus movie,s dekhna aur apni frnd,s k sath hansi mazak aur  masti se zyada agge nai badhi thi study chor di hai kion k mera dil hi nai lagta pdhai  main salmaan...(sunny) mera chota bhai aur is kahani ko isi ki zubani pouhnchaya jaye  gaabhi 19 ka hai f.s.c kar raha hai gora chita aur gabrou jawan hai mera bhai jis pe  koi bhi ladki apn...
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