मंगलवार, 28 जनवरी 2020

Meri maal behne 2

हाय फ्रेंड्स, मैं विक्की फिर से एक हॉट स्टोरी लेकर आया हूँ. मेरी उम्र २४ साल है और मैं ग्रेजुएशन कर रहा हूँ. मेरी ३ बहने है और तीनो के तीनो टंच माल है. सबसे बड़ी गायत्री दीदी है, उम्र ३2 साल और शादीशुदा है. वो अपने पति के साथ दिल्ली में रहती है. उसके बाद स्नेहा दीदी है, उम्र २८ साल और आईटी कंपनी में जॉब करती है. और सबसे छोटी का नाम आकांक्षा है, उम्र २२ साल और बहुत शरारती है.
मेरी तीनो बहने काफी पढ़ी लिखी है और हाई क्लास की माल लगती है. ये कहानी स्टार्ट होती है जब मैं स्नेहा दीदी से मिलने दिल्ली गया. स्नेहा दीदी बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लड़की है. दीदी की हाइट 5″8′ है और बदन पूरा भरा हुआ है. दीदी की बॉडी का माप 38-30-38 है. दीदी की चूचियां वॉलीबॉल जितनी बड़ी बड़ी थी. जिसे देखकर मेरे मुंह में हमेशा पानी आता है. और सबसे मस्त दीदी की भरी हुई गांड है जो बहुत ही चौड़ी और बाहर निकली हुई है. जब भी दीदी चलती है तो उनके चुत्तड़ बहुत मस्त थिरकते है. दीदी मुझे काफी दिनों बाद मिली थी इसलिए देखते ही गले लगा लिया. हमदोनो बातें करने लगे. दिनभर मैं दीदी के बूब्बे और चुत्तड़ो को निहारता रहता था.
एक दिन जब मैं सुबह उठा तो मुझे बहुत जोर के शूशू आयी, मैं दौड़ता हुआ बाथरूम में चला गया. वहा पहुंचते ही मेरे होश उड़ गए. बाथरूम में स्नेहा दीदी पूरी नंगी नहा रही थी. मैं तो दीदी का नंगा गदराया बदन देखने में लग गया. क्या बड़े बड़े बॉल थे दीदी की. पानी में भींगी दीदी का नंगा जिस्म कहर ढा रहा था. दीदी की भरी और कसी हुई चूचियां उछल रही थी. पानी की बूंदे दीदी की चूचियां से बहता हुआ उनकी बूर में समां रही थी . दीदी की बूर पूरी तरह शेव्ड थी, मस्त चिकनी और फूली हुई बूर थी. और दीदी की नंगी विशाल गांड देखकर लंड सलामी देने लगा. अब तक दीदी ने भी देखलिया और अपने हाथो से चुचो और बूर को छुपाने लगी. दीदी ने मुझे डाटने लगी …
दीदी: तू यहाँ क्या कर रहा है
मैं: दीदी बहुत जोर की सुशु लगी है
दीदी: तो देख कर नहीं आ सकता था क्या
मैं: सॉरी दीदी पर लगता है आपने दरवाजा ठीक से बंद नहीं किया था
दीदी: अब तो देख रहा है ना मैं नहा रही हूँ .. जा बाहर जा जल्दी
मैं: दीदी मुझे बहुत जोर की आयी है .. मैं रुक नहीं सकता
मैंने कमोड के पास गया और जल्दी से अपना लंड निकल कर मूतने लगा .. मेरा लंड दीदी का नंगा बदन देखकर पूरा अकड़ा हुआ था .. दीदी की नजर मेरे 9″ लम्बे और 3″ मोटे लंड पर पड़ी और उसकी आँखें फटी रह गयी ..
दीदी: विक्की तुझे बिलकुल भी शर्म नहीं अति .. अपनी दीदी के सामने ही सुशु करने लगे
मैं: क्या करू दीदी बहुत जोर की आ रही थी … कण्ट्रोल करना मुश्किल हो गया था
दीदी अभी भी एक हाथ से अपनी चूचियों को छुपा रही थी और एक हाथ से अपनी बूर … पर उसकी गोरी गाड़ मुझे अब भी दिख रही थी … दीदी ने मुझे ताड़ते हुए देख लिया
दीदी: उधर क्या देख रहा है
मैं: कुछ नहीं दीदी … आप क्यों छुपा रही हो … मैंने तो सबकुछ देख लिया है और आपके हाथो से कुछ चुप तो रहा है नहीं ..
दीदी: विक्की मैं तुम्हारी तरह बेशर्म थोड़े ना हूँ …चल जल्दी से जा यह से
मैं: ठीक है दीदी
मैंने कोई जल्दी नहीं की … लंड को अच्छे से हिला हिला कर दीदी को दिखाया और फिर वहा से चला गया .. थोड़ी देर बाद दीदी बाथरूम से वापस आयी और जल्दी जल्दी ऑफिस चली गयी ..
मैं दिन भर दीदी के नंगे जिस्म को याद करके मूठ मारता रहा … शाम को ६ बजे दीदी ऑफिस से घर आयी .. दीदी ने वाइट शर्ट और ब्लैक ट्रॉउज़र पहनी हुई थी .. इतनी टाइट शर्ट में दीदी के चुच्चे फाड़ कर बाहर आने को बेचैन थे. ऐसा लग रहा था की दो पहाड़ो को दीदी ने अपनी छाती में कैद कर रखा है .. दीदी ने आते ही चाय बनाई और हम दोनों चाय पिने लगे … मैं अभी भी दीदी की चूचियों को ताड़ रहा था
दीदी: भाई तू मुझे ऐसे क्यों घूर रहा है
मैं: दीदी जब से आपको नहाते हुए देखा है मेरे आँखों के सामने आपका नंगा बदन ही घूम रहा है
दीदी: भाई ऐसी बातें मत कर … मैं तेरी बहन हूँ… जो देखा भूल जा
मैं: दीदी मैं भी भूलना चाहता हूँ .. पर क्या करू भूल नहीं पा रहा हूँ … आपकी बड़ी बड़ी पपीते जैसे चूचियां, पतली कमर और आपकी सुन्दर और प्यारी चूत मेरा नींद हराम कर रखी है ..
दीदी: कुछ तो शर्म कर हरामी अपनी बहन से बात कर रहा है … मैं तेरे से बात ही नहीं करती जा
फिर दीदी कमरे में चली गयी और दरवाजा अंदर से बंद कर ली .. मुझे लगा मैंने कुछ ज्यादा ही बोल दिया ..रात को दीदी ने दरवाजा खोला और मेरे साथ डिनर करने लगी
मैं: सॉरी दीदी
दीदी: कोई बात नहीं …चल जल्दी से खा ले
मैं अभी भी दीदी की चूचियों को ताड़ रहा था .. दीदी ने देखा पर कुछ बोली नहीं … दीदी ने एक टाइट टीशर्ट और शॉर्ट्स पहनी हुई थी … दीदी की भारी गांड छोटी सी शॉर्ट्स में बहुत ही सेक्सी लग रही थी .. और चूचियां टीशर्ट में और भी बड़ी लग रही थी..जो काफी हिल रही थी. मैं डिनर के बाद टीवी देखने लगा, थोड़ी देर बाद दीदी भी मेरे पास आकर बैठ गयी .. मैं बिच बिच में दीदी की चूचियों का ताड़ रहा था ..
दीदी: भाई टीवी उधर चल रही है ..तू इधर ध्यान ना दे
मैं: सॉरी दीदी .. आपकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी है की पूछो मत
मैं: एक बात पुछु दीदी .. अभी आपने ब्रा नहीं पहनी है क्या
दीदी: हाँ नहीं पहनी है .. क्यों
मैं: तभी आपके बॉल और भी बड़े लग रहे है
दीदी: तू साला बस यही देखता रह
मैं: दीदी एक बात आपकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी कैसे हो गयी … जरूर आपका कोई बॉयफ्रेंड होगा
दीदी: हाँ पहले था .. उसने ही दबा दबा कर बड़ी कर दी …
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी .. आपके बॉयफ्रेंड की तो लाटरी लग गयी होगी …दीदी फिर तो आपने सेक्स भी किया होगा
दीदी: नहीं बे तूने क्या मुझे ऐसी वैसी समझ लिया है
मैं: सॉरी दीदी आप तो गुस्सा हो गयी ..
फिर दीदी सोफे से उठी जाने के लिए पर मैंने दीदी की हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी गोद में बैठा लिया .. अब दीदी के भारी गांड मेरे लंड पर थी .. और मैंने दीदी की चूचियों को दबा दिया .. बहुत ही सॉफ्ट और भरी हुई चुची थी …..
दीदी: आआअह्ह्ह्हह्हह विक्की ये क्या कर रहा है
मैं: दीदी मुझे आपसे प्यार हो गया है … मुझे थोड़ा प्यार कर लेने दो
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह भाई ये गलत है .. तुम मेरे भाई हो ..
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी जब से आपकी जवान बदन को नंगा देखा है … मेरे अंदर का भाई मर गया …
मैं दीदी की चूचियों को जोर जोर से दबा रहा था .. दीदी भी आह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह्ह कर रही थी
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई … बस अभी छोड़ दे .. बाकी फिर कभी कर लेना
मैंने भी दीदी को छोड़ दिया .. दीदी वहा से चली गयी … रात को फिर मैंने दीदी के नाम की मूठ मारी ….दूसरी सुबह मैं दीदी के नहाने का वेट करने लगा .. जैसे ही दीदी बाथरूम गयी थोड़ी देर बाद फिर मैं भी बाथरूम में घुस गया .. दीदी को आज फिर नंगा देखने का प्लान कामयाब हो गया
दीदी: विक्की तू फिर आ गया ..
मैं: दीदी मुझे आज भी सुशु लगी है
दीदी: मैं सब समझ रही हूँ तुझे … चल जल्दी से जा यहा से
फिर मैं सुशु करने लगा … मैंने देखा दीदी की नजर मेरे खड़े लंड पर थी
मैं: दीदी कैसा है आपके भाई का हथियार
दीदी: मुझे क्या मालूम
मैं: सच बताओ ना दीदी ..कैसा लगा मेरा लंड?
दीदी: तू ऐसे नहीं मानेगा ना … बहुत तगड़ा है तेरा लंड .. बहुत ही प्यारा हथियार है भाई तेरा ….
मैं: दीदी फिर एक बार मुँह में लेकर प्यार करो ना इसे
दीदी: मैं नहीं करुँगी
मैं: प्लीज दीदी .. एक बार मुंह में ले लो
मैंने अपना लंड दीदी के हाथ में दे दिया … दीदी काफी देर तक पकड़ी रही पर कुछ किया नहीं … मेरे बार बार बोलने पर दीदी में मेरा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी … दीदी मेरा लंड सक कर रही थी और मैं उनकी चूचियों को दबा रहा था ..
आआह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह दीदी बहुत मजा आ रहा है ….. और चुसो दीदी …
भाई बहुत ही प्यारा लंड है तेरा ..
ओह्ह्ह्हह्ह दीदी … अपनी बूर में डलवा लो ना मेरा लंड
नहीं भाई ऐसा नहीं हो सकता ….
दीदी ने मेरा लंड चूस कर माल गिरा दिया .. फिर मैं निचे झुक गया और अपना मुंह दीदी की चुत पर ले गया
ये क्या कर रहा है भाई
दीदी आपने मेरा चूसा अब मेरी बारी
मै दीदी की बूर को चूसने लगा … दीदी अब सातवे आसमान पर पहुंच गयी … आआह्ह्ह्हह भाई ओह्ह्ह्हह … मैं साथ ही साथ दीदी की चूचियों को भी दबा रहा था … आआअह्ह्ह्हह भाई अब छोड़ दे अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा है .. मैं और जोर जोर से दीदी की चुत चाटने और चूसने लगा …ओह्ह्ह्हह्हह ईईईई उउउउउ करते हुए दीदी बहुत बुरी तरह झड़ी..
दीदी अब चुदाई करे क्या
अभी नहीं भाई मेरा तो हो गया ….
दीदी अपनी गांड मटकते हुए चली गयी ..

दोस्तों उस घटना के बाद स्नेहा दीदी मुझसे ठीक से आँख नहीं मिला रही थी.. और मेरा मन तो सिर्फ स्नेहा दीदी को चोदने के सपने देख रहा था.. पर मुझे मौका नहीं मिल रहा था.. अब मैं दीदी को नंगा नहाते हुए भी नहीं देख पा रहा था क्यूकी दीदी ने बाथरूम की कुण्डी ठीक करवा ली थी और अब वो बाथरूम लॉक करके नहाती थी.. पर मैं दीदी को टच करने का मौका नहीं छोड़ रहा था.. कभी भी उसको पीछे से पकड़ लेता और अपना लौड़ा उनकी मोटी गांड में घिस लेता था.. वो भी ज्यादा बुरा नहीं मानती थी…
इस तरह २ दिन बीत गए पर हमदोनो के बीच कुछ नहीं हुआ.. एक शाम दीदी ऑफिस से आयी और बोली
स्नेहा: विक्की.. मेरे एक फ्रेंड की शादी है.. तू मेरे साथ चलेगा क्या
मैं: हाँ दीदी.. चलते है मैं भी बोर हो रहा हूँ बैठे बैठे
स्नेहा: ठीक है फिर तैयार हो जा अच्छे से
शाम के ७ बज चुके थे.. मैं रेडी हो गया और दीदी का वेट कर रहा था.. मैंने एक वाइट शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी.. शर्ट मैंने अपनी बॉडी के हिसाब से फिट पहनी हुई थी और ऊपर से ब्लैज़र पहना हुआ था..
दीदी तैयार होने में बहुत टाइम लगा रही थी.. पर जब दीदी तैयार होकर आयी तो मैं देखता रह गया.. दीदी ने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी.. लम्बी हाइट और चौड़ी छाती की वजह से दीदी साड़ी में सुपर हॉट लग रही थी.. दीदी ने साड़ी बहुत ही नीचे बाँधी थी, जिससे उसकी गोरी चिकनी कमर क़यामत लग रही थी.. दीदी ने अपनी साड़ी कमर के नीचे बहुत ही टाइट पहनी थी जिससे उसकी भारी चुत्तड़ो का शेप पूरा दिख रहा था.. उसकी मोटी और चौड़ी गांड बाहर निकली हुई थी…
स्नेहा: भाई कैसी लग रही हूँ
मैं: उफ्फ्फ दीदी आप तो सुपर हॉट लग रही हो.. पार्टी में लोग कंफ्यूज हो जायेंगे की दुल्हन कौन है
स्नेहा: थैंक यू भाई.. आज तो तू भी हैंडसम लग रहा है
दीदी ने लाइट मेकअप किया हुआ था… उनका गोरा जिस्म साड़ी में खिल रहा था…. दीदी ने स्लीवलेस टाइट ब्लाउज पहन रखा था. ब्लाउज का बैक पूरा ओपन था, जिससे स्नेहा दीदी की गोरी पीठ दिख रही थी..
हमदोनो वेडिंग वेन्यू पर पहुंच गए.. वहा पर सब दीदी को ही देख रहे थे.. पीछे से दीदी मस्त सेक्सी लग रही थी, गोरी नंगी पीठ उस पर बँधी हुई पतली सी ब्लाउज की डोर, पतली कमर और फैली हुई मोटी गांड. दीदी की भारी गांड हील वाले सैंडल पहनने के कारण और बाहर निकल आयी थी जो हर चाल के ऊपर नीचे थिरक रहे थे.. दीदी अपनी चौड़ी छाती तान कर चल रही थी.. जिससे उसके स्तन बड़े बड़े पहाड़ो जैसे लग रहे थे..
सभी लड़के दीदी के हुस्न का मजा ले रहे थे..
दीदी ने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया.. उसमे एक दीदी की फ्रेंड थी गीतांजलि.. वो ऑफिस में दीदी के साथ ही काम करती है और दीदी की जूनियर है.. गीतांजलि एक सुन्दर और सेक्सी लड़की थी.. दीदी ने मुझे उससे इंट्रोडस करवाया.. थोड़ी ही देर में मैं और गीतांजलि काफी घुल मिल गए.. दीदी अपने बाकी के दोस्तों के साथ चली गयी और गीतांजलि के साथ टाइम बिताने लगा.. मुझे गीतांजलि पसंद आ गयी और वो भी मुझपर इंटरेस्ट ले रही थी.. थोड़ी देर बाद गीतांजलि मुझे डांस फ्लोर पर ले गयी.. वहा पर मैंने देखा की स्नेहा दीदी पहले से ही अपने दोस्तों के साथ डांस कर रही थी.. मैंने देखा की नाचने की वजह से उसकी दूध बहुत जोर जोर उछल रहे है और ब्लाउज से बाहर आने को मचल रहे थे.. दीदी को इस बात का पता नहीं था उसके सारे लड़के दोस्त उसकी क्लीवेज को ताड़ रहे थे.. मैं गीतांजलि को लेकर दीदी के पास चला गया और डांस करने लगा.. मुझे देखकर उसकी सारे दोस्त धीरे धीरे निकल गए.. अब सिर्फ मैं उनकी उछलती हुई नंगी चूचियों को देख रहा था.. दीदी के दूध बड़े बड़े पपीते जैसी थी जो ब्लाउज बार बार बाहर आ रहे थे.. साड़ी का पल्लू दीदी के बड़े बड़े स्तन को नंगा होने से रोक नहीं रोक पा रहे थे… मैं गीतांजलि को भूलकर दीदी की गदरायी जवानी में ही गुम हो गया.. अब मैं दीदी के साथ चिपक चिपक कर डांस करने लगा.. स्नेहा दीदी म्यूजिक के साथ अपनी कमर हिला कर डांस कर रही थी.. दोस्तों जब वो अपनी भारी गांड मटका कर नाच रही थी तब मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था.. हमदोनो पसीने से तर हो गए थे.. पसीने की कुछ बूंदे गले से होते हुए दीदी के क्लीवेज में समा रही थी और ब्लाउज धीरे धीरे थोड़ा गिला हो गया था..
फिर हम सबने डिनर किया और शादी देखने लगे.. रात १२ बजे मैं और दीदी घर के लिए निकल गए.. जाते समय मैंने और गीतांजलि ने अपना फ़ोन नंबर एक्सचेंज किया..
घर पहुंच कर हम सोफे पर थक कर बैठ गए..
स्नेहा: भाई आज बहुत मजा आया
मैं: हाँ दीदी.. अच्छी थी पार्टी
स्नेहा: हाँ अच्छी तो लगेगी तुझे बड़ा गीतांजलि पर लाइन मार रहा था
मैं: कहा दीदी.. ऐसे ही थोड़ी बातें कर रहा था
स्नेहा: कोई नहीं तू पटा ले उसे.. दिखने में सुंदर और सेक्सी तो है ही
मैं: वो तो है.. पर पार्टी में आज आप ही सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी
स्नेहा: तू फिर शुरू हो गया
मैं: अरे सच दीदी.. सारे लड़के आपको ही ताड़ रहे थे.. और मैं भी आपके सेक्सी बदन को निहार रहा था
स्नेहा: तू ना बहुत ही कमीना हो गया है
मैं:वो तो मैं हूँ
दीदी सोफे से उठकर अपने कमरे में चली गयी.. थोड़ी बाद दीदी ने मुझे आवाज लगाई.. मैं उनके कमरे में चला गया
स्नेहा: भाई ये ब्लाउज की डोर खोल दे ना.. हाथ नहीं पहुंच रहा है
मैं: ठीक है दीदी
मैं दीदी के पीछे आ गया.. दीदी की गोरी नंगी बैक बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. मैंने ब्लाउज की डोर खोल दी
मैं: दीदी अभी आपकी सहेली की ब्लाउज भी कोई खोल रहा होगा..
स्नेहा: हाँ उसकी तो आज सुहागरात है..
मैंने दीदी की बैक पर एक किश जड़ दिया..
मैं: ओह्ह्ह्ह दीदी तुम भी आज किसी दुल्हन से कम नहीं लग रही हो.. आप बोलो तो आपकी सुहागरात भी मना देता हूँ
स्नेहा: अह्ह्ह्हह्हह भाई.. अपनी दीदी के बारे में ऐसे बातें कौन करता है
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी मान जाओ ना.. आपको नंगा तो मैं देख ही चूका हूँ.. और आपकी चूचियों और बूर के साथ भी खेल चूका हूँ.. बस अपने लंड से आपको चोदना बाकी है..
स्नेहा: भाई तू कितना गन्दा है.. ये नहीं हो सकता है हमारे बीच
मैं दीदी के बैक को चुम रहा था.. मैंने पीछे से दीदी को अपनी बाहो में भर लिया था.. दीदी छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैंने उसे अच्छे से जकड रखा था..
मैं: ओह्ह्ह्ह दीदी प्लीज अपने भाई को ऐसे मत तड़पाओ.. तुम्हारी सहेली की चुदाई स्टार्ट हो गयी होगी.. आओ तुम भी चुदाई का मजा ले लो
मैंने ब्लाउज के ऊपर से दीदी की चूचियों को दबाने लगा.. अह्ह्ह्ह भाई प्लीज छोड़ दे मुझे.. ये ठीक नहीं है.. अब दीदी का विरोध कम हो गया था… मैं दीदी की चूचियों को दबाता रहा और उसकी नैक और बैक पर किश करता रहा.. अब दीदी कुछ बोल नहीं रही थी.. उसकी नज़रे झुकी हुई थी..
मैं सामने आ गया और मैंने अपने होठ स्नेहा के होठो पर रखा और किश करने लगा.. थोड़ी देर में दीदी भी मुझे किश करने लगी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था.. मैंने अपना हाथ दीदी की मोटी चुत्तड़ो पर रखा और धीरे धीरे उन्हें प्रेस करने लगा.. स्नेहा दीदी अब बहुत जोश से मुझे किश कर रही थी.. मैंने दीदी की साड़ी उसके कंधे से हटा दी.. अब दीदी की ब्लाउज और ब्लाउज में कैद उसके बड़े बड़े दूध साफ़ साफ़ दिखने लगे.. ब्लाउज की डोर तो बहुत पहले ही खोल दी थी मैंने.. अब मैंने दीदी की ब्लाउज उतार दी.. दीदी की नंगी चूचियां को देख कर मैं पागल हो गया.. पपीते जैसे बड़ी बड़ी और तनी हुई रसीली चूचियां अब आजाद हो गए थे.. मैं उसकी चूचियों को दोनों हाथो में भर कर दबाने लगा.. उफ्फ्फ्फ़ दीदी कितनी बड़ी और गद्देदार चूचियां है आपकी… अह्ह्ह्हह भाई खा ले साले अब इसे..
दूध से भरी हुई स्नेहा दीदी के स्तन को दबाने में बहुत ही मजा आ रहा था.. मैं दीदी के दूध को जोर जोर से मसल रहा था और उसके निप्पल को छेड़ रहा था.. धीरे धीरे उसके निप्पल बड़े हो गए.. मैंने दीदी की एक निप्पल मुंह में लिया और सक करने लगा.. आह्ह्ह्ह भाई चूस ले अपनी बहन की चुची.. उउउउउ दबा दबा कर चूस हरामी..
मैंने दोनों चूचियों को बारी बारी से खूब चूसा और दबाया.. दीदी ने मेरी शर्ट के बटन उतार दिए और मेरी छाती को किश करने लगी.. धीरे धीरे दीदी नीचे आ गयी.. और दीदी ने मेरी पैंट खोल दी.. मेरा खड़ा हुआ लंड दीदी ने अपने मुंह में ले लिया और सक करने लगी… वो अपनी जीभ से मेरे लंड के सुपाड़े के साथ खेल रही थी.. अह्ह्ह्ह जानेमन अच्छे से चुसू इसे… मैंने दीदी के सर को पकड़ा और जोर जोर से अपना लौड़ा उसकी मुंह में पेलने लगा.. स्नेहा दीदी भी लंड को जोर जोर से चूस रही थी.. ओह्ह्ह्ह स्नेहा दीदी और चुसू डार्लिंग.. स्नेहा दीदी के बड़े बड़े दूध नंगे दिख रहे थे जिसकी वजह से मेरा लंड बहुत ही अकड़ रहा था.. मैं स्नेहा दीदी के सर के बालो को पकड़ कर जोर जोर से अपना लौड़ा उनकी मुंह में डाल रहा था.. अह्ह्ह्हह दीदी क्या मस्त चूस रही हो अपनी भाई का लंड.. थोड़ी देर में मेरा माल गिर गया..
स्नेहा: उफ्फ्फ भाई कितना मोटा लंड है रे तेरा
मैं: ओह्ह्ह्ह स्नेहा रानी अभी इसी लंड से तेरी चुत का ढक्कन खोलता हूँ
मैंने स्नेहा दीदी की साड़ी उतार दी.. अब दीदी का गदराये बदन पर सिर्फ एक छोटी सी पैंटी थी… मैं दीदी को उसके बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.. मैं उसकी चिकनी गोरी बदन को चुम रहा था, उसके मोटे मोटे दूध को सहला और दबा रहा था.. मैं दीदी की नाभि में किश करते हुए नीचे आ गया.. और उनकी सेक्सी चिकनी टांगो को किश करने लगा.. दीदी की मोटी मोटी टाँगे बहुत ही स्मूथ थी.. जिसे मैं सहला और किश कर रहा था.. अब मैंने अपना हाथ दीदी की पैंटी पर रख दिया और उनकी बूर को सहलाने लगा.. उसकी बूर बहुत ही गीली हो गयी थी… मैंने उसकी चड्डी को साइड किया और अपनी जीभ उसकी चुत में घुसा दी..
स्नेहा: अह्ह्ह्हह भाई ये क्या कर रहा है..
मैं: ओह्ह्ह्ह जानेमन तेरी टेस्टी बूर का स्वाद चख रहा हूँ
मैं उसकी बूर को खूब चूसा और चाटा… अह्ह्ह्ह उउउउउ भाई अब रहम कर अपनी दीदी पे कितना चूसेगा मेरी चुत.. देख इसे कितना पानी छोड़ चुकी है.. ओह्ह्ह्ह मेरे प्यारे भाई अब देर ना कर और करले जो तू करना चाहता है
मैं: आप क्या करने बोल रही हो दीदी
स्नेहा: तू बहुत बड़ा हरामी है.. मेरे ही मुंह से सुनना चाहता.. ठीक है.. विक्की मेरे भाई घुसा दे अपना मुसल लंड मेरी बूर में और बन जा बहनचोद
इतना सुनना था की मैंने दीदी की चड्डी भी निकल कर फ़ेंक दी और उनकी टांगो के बीच में आ गया.. मेरा लौड़ा फिर से फुंकारने लगा था… मैंने दीदी की चुत की फांको को फैलाया और अपना लौड़ा सेट कर दिया
स्नेहा: साले बहनचोद कर ही तूने अपनी मुराद पूरी.. अपनी बड़ी बहन को नंगी करके चढ़ ही गया उसके ऊपर..
मैं: हाँ दीदी इस रात का तो मैं कब से वेट कर रहा था
स्नेहा: तो साले सोच क्या रहा है… मिटा ले अपनी हवस और भोग अपनी दीदी का नंगा बदन.. आ भाई अब पेल भी दे
दीदी अब कण्ट्रोल करने के मूड में नहीं थी और मेरा लौड़ा भी दीदी की बूर में घुसने के लिए मचल रहा था.. मैंने एक जोर का धक्का मारा और अपना लौड़ा ३ इंच अंदर पेल दिया.. दीदी बहुत जोर से चीखी.. विक्की उईईईईई बहनचोद मार ही डाला रे तूने…
ओह्ह्ह्ह दीदी थोड़ा दर्द होगा पर मजा भी पूरा मिलेगा… मैंने 2-३ धक्को में पूरा लंड दीदी की बूर में पेल दिया.. दीदी की आँखों में आंसू आ गए और चुत से थोड़ा खून भी निकल रहा था.. दीदी की सील टूट गयी थी.. जब दीदी का दर्द थोड़ा कम हुआ तब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.. थोड़ी देर बाद दीदी को भी मजा आने लगा और वो मॉनिंग करने लगी.. अह्ह्ह्हह ऊह्ह्ह्ह विक्की
धीरे धीरे चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी.. मेरा लंड अब घाचा घच दीदी की बूर में जाने लगा.. पुरे कमरे में चुदाई की आवाज गुजने लगी.. अह्ह्ह उउउउउउ भाई और तेज… चोद अपनी बहन को
ओह्ह्ह्ह दीदी… आपके सेक्सी बदन का कब से मजे लेना चाहता था..
उह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह उउउउउ विक्की फक मी बेबी… मेक मी योर वाइफ डार्लिंग…
ओह्ह स्नेहा डार्लिंग कैसा लगा अपने भाई का लंड
अह्ह्ह्ह उउउउउ भाई बहुत तगड़ा हथियार है तेरा.. मेरी छूट फट गयी है.. उउउउ आईईईई पर मजा बहुत आ रहा है..
मैं स्नेहा की मोटी चूचियों को दबा दबा कर झटके मार रहा था.. और वो हर शॉट का जवाब अपनी आँहो और सिसकारियों से दे रही थी.. ओह्ह्ह्हह्ह उउउउ विक्की और चोद भाई अपनी बहन को.. फाड़ दे मेरी बूर अह्ह्ह.. उसकी मादक आवाज कानो में संगीत का काम कर रही थी, जिससे मेरा जोश दुगुना हो रहा था और मैं लम्बे लम्बे शॉट्स मार रहा था
अह्हह्ह्ह्ह भाई बहुत चोद ली तूने अपनी बहन… अब मैं तुझे चोदूँगी..
फिर दीदी ने मुझे लेटा दिया और मेरी छाती को किश करने लगी.. फिर उसने मेरा लंड अपनी चुत पर रखा और धीरे धीरे उसपर बैठने लगी.. अब वो कूद कूद कर मेरा लंड अपनी बूर में ले रही थी.. अह्ह्ह्ह स्नेहा जानेमन मजा आ गया तेरी चुदाई करके..
ओह्ह्ह उउउउ भाई तेरा लंड बहुत ही मोटा है.. ये तो मुझे आज जन्नत की सैर करवा रहा है
मैं स्नेहा दीदी के उछलते हुए दूध को अपने दोनों हाथो में पकड़ लिया और मसलने लगा.. इतने बड़े बड़े आमो को उछलते देखने का अलग ही आनंद था.. दीदी गांड उठा कर कूद रही थी और चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.. अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह विक्की.. अब दीदी थक गयी और मेरी ऊपर गिर गयी.. फिर मैंने मोर्चा संभाला और नीचे से अपना पेलने लगा… अह्ह्ह्हह उउउउउ फक मी विक्की….. स्नेहा दीदी ने अपनी चूचियां मेरे मुँह में डाल दिया चूसने के लिए.. मैं उनकी चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था और तेजी से अपना लौड़ा पेल रहा था…. मैं स्नेहा दीदी को अपनी बाहो में भर कर बुरी तरह से चोद रहा था… और मैं बुरी तरह झड गया.. मैंने अपना पूरा मूठ स्नेहा की बूर में गिरा दिया…
स्नेहा: उफ्फ्फ्फ़ भाई आखिर तूने चोद ही दिया मुझे..
मैं: ओह्ह्ह दीदी आपके इस सेक्सी बदन को मैं कब से पाना चाहता था.. आज जी भर मजा लिया मैंने
स्नेहा: मुझे भी बहुत मजा आया भाई..
फिर दीदी ने मुझे किश किया और मुझसे लिपट कर सो गयी..

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