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Meri havas ka nam kanchan didi 2

दोस्तों मैं रोहित, आपने मेरी कहानी “मेरी हवस का नाम कंचन दीदी” में पढ़ा की कैसे मैंने अपने सपनो की रानी कंचन दीदी को चोदा, जब घर पर कोई नहीं था.
उसके बाद मुझे मौका नहीं मिल पाया. घरवालों के होते हुए कंचन दीदी को फिर से चोदना बहुत ही मुश्किल था. कुछ दिनों में कंचन दीदी के घर जाने का वक़्त आ गया. मैंने अपने पेरेंट्स को बोला की मैं दीदी को उनके घर छोड़ आता हूँ. मैं और कंचन दीदी कार से उनके घर के लिए निकल गए. दीदी का घर हमारे घर से ५ घंटे की दुरी पर था..
फ्रेंड्स कंचन दीदी ३२ साल की कामुक महिला है. उनका बदन हर जगह से भरा हुआ है. दीदी दिखने में गोरी और सुन्दर है. और उनका 40-30-40 का फिगर तो बहुत ही जालिम है… दीदी ने आज ब्लैक कलर की साड़ी पहना हुआ था.. टाइट ब्लाउज में कैद दीदी की स्तन बड़े बड़े फूटबालो के जैसे लग रहे थे. डीप कट ब्लाउज से दीदी की चूचियां का मस्त क्लीवेज दिख रहा था.. गोरी गोरी नंगी चूचियां ब्लाउज से उछल उछल कर बाहर आने के लिए मचल रही थी.. दीदी की गोरी कमर ब्लैक साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. मैं कार ड्राइव कर रहा था और दीदी मेरे सामने वाले सीट पर बैठी हुई थी… मैं कार चलाते हुई हुए दीदी के सेक्सी बदन को ताड़ रहा था और ये सोच रहा था की अब कब चोद पाऊँगा मैं दीदी को..
कंचन: क्या भाई इतना उदाश क्यू है.. मैं जा रही हूँ इसलिए
मैं: और नहीं तो क्या दीदी.. मैं आपको बहुत मिस करूंगा
कंचन: मैं भी अपने प्यारे भाई को मिस करूंगी.. पर तूने तो अपनी बहन को अच्छे से प्यार भी कर लिया था.. अब क्यों दुखी है
मैं: कहा दीदी.. एक बार में क्या होता है.. फिर तो आपने दिया ही नहीं..
कंचन: क्या करू भाई.. घर में उसके बाद मौका ही नही मिला..
मैं: हाँ दीदी.. पर मैंने अपने लंड का करू जो उस दिन से तड़प ही रहा है… देखो अभी भी कैसे खड़ा है..
कंचन: सच में भाई ये तो पूरी तरह अकड़ा हुआ है.. चल मैं इसका कुछ करती हूँ..
कंचन दीदी ने अपना हाथ मेरे पैंट के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे मेरे लंड को सहला रही थी.. अह्ह्ह्हह दीदी.. दीदी ने मेरी पैंट की ज़िप खोल दी और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया.. दीदी लंड को जोर जोर से हिलाने लगी.. दीदी की सॉफ्ट हाथो के स्पर्श से लंड पूरा अकड़ गया था..
कंचन: हाय राम ये तो पूरा हार्ड है
मैं: बस दीदी इसका प्यार है आपके लिए.. दीदी अपना साड़ी तो हटा दो ताकि आपके दूध के दर्शन हो जाये मुझे..
दीदी ने ब्लाउज के ऊपर से अपनी साड़ी हटा दी और मेरा लंड सोटने लगी.. ब्लाउज में कैद दीदी की अधनंगी चूचियां को देखकर मेरे लंड का बुरा हाल था, जिसे दीदी बहुत मस्ती से हिला रही थी…. अह्हह्ह्ह्ह दीदी… काश इस हाथ की जगह आपकी चुत होती तो लंड को और मजा आ जाता.. आह्हहहहह दीदी अपने ब्लाउज का बटन्स थोड़ा खोल दो..
दीदी ने ब्लाउज की ३ बटन्स खोल दी.. अब मैं दीदी के तरबूजों को पूरा नंगा देख सकता था…. मेरा कार चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था.. मैं किसी तरह धीरे धीरे ड्राइव कर रहा था… कार के साथ दीदी की चूचियां भी बहुत जोर जोर हिल रही थी.. उफ्फफ्फ्फ़ दीदी कितने बड़े बड़े दूध है आपके…
मैंने अपना एक हाथ दीदी की ब्लाउज के अंदर डाल दिया और दूसरे हाथ से स्टीयरिंग कर रहा था.. शाम का समय था इसलिए अँधेरे में बाहर से किसी को कुछ नहीं दिख रहा था… मैं एक हाथ से कभी लेफ्ट और कभी राइट चूची को दबा रहा था… दीदी भी आहे भर रही थी…. अह्ह्ह्हह्हह भाई तूने तो मेरी चुत भी गीली कर दी है… ओह्ह्ह्हह दीदी… और जोर से हिलाओ दीदी.. मेरा गिरने वाला है… फिर मैं बहुत जोर का झडा… दीदी ने मेरा मुरझाया हुआ लौड़ा मेरे पैंट में वापस डाला और अपनी साड़ी ब्लाउज ठीक किया..
कंचन: बस मन भर गया ना.. बहुत आग लगी थी तेरे अंदर..
मैं: हाँ दीदी बहुत मजा आया.. थैंक्स
कंचन: चल अब जल्दी गाडी चला… घर पहुंचते काफी रात हो जाएगी
मैं अब तेजी से गाडी चलाने लगा.. दीदी और मैं इधर उधर की बातें करने लगे.. रात के 8:30 बज गए थे.. मैंने एक रेस्टोरेंट में गाडी रोकी.. और हमदोनो खाना खाने लगे.. मैं पुरे टाइम दीदी के खूबसूरती और सेक्सी बदन को ताड़ रहा था.. दीदी की क्लीवेज लाइन बहुत ही डीप जिससे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. खाना ख़तम करने के बाद दीदी वाशरूम की तरफ जा रही थी. दीदी का सेक्सी बदन पीछे से देखकर मेरे अंदर का शैतान फिर से जागने लगा.. दीदी का बैक पूरा ओपन था.. ब्लैक ब्लाउज में दीदी की गोरी चिकनी पीठ बहुत ही मस्त लग रही थी और उसपर पतली सेक्सी कमर उफ्फ्फ बहुत ही खतरनाक सीन था.. सबसे खतरनाक दीदी की फूली और चौड़ी गांड है.. दीदी हिल पहन कर चल रही थी जिससे उनकी चुत्तड़ बहुत बाहर निकल आयी थी और ऊपर निचे हो रही थी..
कंचन दीदी की विशाल गांड साड़ी में बहुत ही टाइट बंधी थी. जिससे दीदी की भारी चुत्तड़ो का शेप पूरा दिख रहा था.. मेरे लंड में फिर से हलचल शुरू हो गयी.. जब दीदी वापस आयी तो मैंने साड़ी के ऊपर से दीदी की गांड को दबा दिया
मैं: चले दीदी..
कंचन: अह्ह्ह रोहित तू बहुत बदमाश हो गया है
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी आज तो आप बहुत ही सेक्सी लग रही हो..
कंचन: ओफ्फफ्फ्फ़ चल अब जल्दी घर पहुंचने में लेट हो जाएगी…. अभी भी एक घंटे का सफर बाकी है
हमदोनो वापस कार में बैठे और चल पड़े.. दीदी को थोड़ी देर में नींद आ गयी और वो सो गयी.. मैं कार चला रहा था और दीदी के बदन को निहार रहा था.. दीदी की साड़ी का पल्लू थोड़ा हटा हुआ था जिससे उसके बड़े बड़े आम मस्त दिख रहे थे.. दीदी की मोटी मोटी चूचियां उनकी सांसो के साथ ऊपर निचे हो रही थी.. गोरी नंगी पेट बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. रात के १० बज चुके थे और अब हम दीदी के घर के काफी करीब पहुंच चुके थे… मैंने कार हाईवे से मोड़ कर एक सर्विस लाइन में ले गया जो दीदी के घर की तरफ जाती है.. रात की वजह से वो रोड काफी सुनसान था.. मैंने अपनी कार साइड करके रोक दी.. अचानक ब्रेक लगने के वजह से दीदी की भी नींद खुल गयी..
कंचन: अरे रोहित.. यहा कहा गाडी रोक दी थोड़ी देर में तो हम घर पहुंच जाते..
मैं: दीदी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है
कंचन: कण्ट्रोल नहीं हो रहा है मतलब
मैं: दीदी घर पहुंचने से पहले मैं आपको एक बार चोदना चाहता हूँ
कंचन: रोहित तू पागल हो गया है क्या.. पहले घर चल फिर मौका मिलेगा तो देखेंगे..
मैं: नहीं दीदी अब मुझसे रहा नहीं जाता.. आपके कामुक बदन ने मेरे अंदर की आग भड़का दी है अब आपको पेले भी ये शांत नहीं होगी..
कंचन: पर भाई यहाँ कहा करेंगे…. घर चल कर देखते है
मैं: नहीं दीदी घर में जीजाजी होंगे मौका नहीं मिलेगा… चलो ना कार की पीछे वाली सीट पर करते है
कंचन: भाई कोई आ जायेगा… बेकार का फंस जायेंगे हम
मैं: कुछ नहीं होगा दीदी.. पूरा रोड शुनशान है.. कितनी देर से कोई गुजरा नहीं है इस रोड से.. और वैसे भी कार में वन वे विंडो लगा हुआ है.. बाहर से किसीको कुछ नहीं दिखेगा की क्या हो रहा है… प्लीज दीदी मान जाओ ना..
मैंने दीदी को किश किया और उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से प्रेस करने लगा.. आह्ह्ह्हह उउउउउ रोहित तू ऐसे नहीं मानेगा.. जा पीछे मैं आती हूँ
मैंने कार के अंदर की लाइट जला दी और पीछे की सीट में जाकर बैठगया.. फ्रंट सीट्स को मैंने एडजस्ट कर दिया जिससे पीछे काफी जगह बन गयी.. थोड़ी देर दीदी भी पीछे और सामने से आकर मेरी गोद में बैठ गयी.. दीदी मुझे किश करने लगी… उफ्फफ्फ्फ़ भाई कब से तूने मेरी चुत गीली कर रखी है… मैं दीदी को बेतहासा चूमने लगा.. दीदी के चेहरे, होठो, नैक और छाती को किश करने लगा… मैंने दीदी की ब्लाउज के २ बटन्स खोल दिये और कंधे से ब्लाउज को सरका दिया… अब दीदी की क्लीवेज लाइन और डीप दिख रही थी.. बड़े बड़े चुच्चे अब और भी नंगे हो गए थे.. मैं दीदी की छाती को चुम रहा था और दोनों हाथो से उनकी चूचियों को दबा रहा था.. बहुत ही सॉफ्ट और भरे हुए आम थे जिसे दबाने में बहुत ही मजा आ रहा था.. दीदी जोर जोर से मॉन कर रही थी…. आअह्ह्ह्ह रोहित तूने तो मेरी आग और भड़का दी है.. अब जल्दी से पेल दे अपनी दीदी को
मैंने अपना पैंट उतार दिया.. दीदी को थोड़ा ऊपर उठाया और साड़ी के अंदर से उनकी चड्डी उतार दी… फिर मैंने दीदी की साड़ी ऊपर की और दीदी को अपने लंड पर बैठाया.. लंड धीरे धीरे दीदी की बूर चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया… उईईईईई माँ कितना मोटा लंड है भाई तेरा.. मेरी बूर फट जाती है तेरा लौड़ा लेकर.. अह्ह्ह्हह्हह उह्ह्हह्ह
मेरा 9″ का लौड़ा दीदी की बूर में पूरा धंस चूका था.. अब दीदी गांड उठा उठा कर मेरे लंड पर कूद रही थी.. मेरा लंड की फच फच करके दीदी की चुदाई कर रहा था.. अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह भाई और चोद भाई… फाड़ दे मेरी चुत बहनचोद..
उफ्फफ्फ्फ़ दीदी आप तो मेरे सपनो की रानी हो.. मस्त टाइट चुत है आपकी… अह्ह्ह्हह दीदी और चोदो अपने भाई को..
दीदी बहुत तेजी से लंड पर कूद रही थी.. दीदी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.. ओह्ह्ह्हह्ह भाई तेरा जवान लौड़ा मेरी चुत की बैंड बजा रहा है… आह्ह्ह्हह भाई और चोदो अपनी दीदी को… मैंने दीदी के ब्लाउज की साड़ी बटन्स उतार दिए और उनकी चूचियों को कैद से आजाद कर दिया.. मैंने दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा… अह्हह्ह्ह्ह भाई और जोर से दबा इन्हे..
पूरा कार हमारी चुदाई की वजह से हिल रहा था.. वहा से एक यंग कपल गुजर रहा था उन्होंने कार को जोर जोर से हिलते हुए देख कर अंदाज लगा लिया की अंदर चुदाई चल रही है.. उन्होंने विंडो से झाकने की कोशिश भी की पर उन्हें कुछ दिखा नहीं.. पर हम सब अंदर से देख रहे थे… दीदी ने चुदाई की स्पीड कम नहीं की… फिर वो कपल हसते हुए वहा से चले गए और हमदोनो भी अंदर में हसने लगे..
दीदी पूरी ताकत से मेरे लंड पर कूद रही थी और लंड फचा फच दीदी की बूर चोद रहा था.. हर शॉट के साथ दीदी की चूचियां हवा में उछल रही थी, जिसे मैं चूस चूस कर दबा रहा था…
ओह्ह्ह्ह दीदी.. क्या रसीले आम है आपके.. मन कर रहा है बस इन्हे दबाता और चूसता रहु
अह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह साले हरामी… तेरी नजर तो हमेशा मेरी चूचियों पर ही रहती है
उफ्फ्फ्फ़ दीदी आपकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी है की मुंह में पानी आ जाता है.. क्या मस्त भरी और तनी हुई चूचियां है आपकी…
मेरा लंड पूरा जड़ तक दीदी की बूर में घुस रहा था और बाहर हो रहा था.. मैं दीदी को हग करके जोर जोर से पेल रहा था….
ओह्ह्ह्हह रोहित.. फक मी डार्लिंग….
अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है दीदी… आई लव यू दीदी..
अह्ह्ह्हह रोहित… आई लव यू टू बेबी.. कीप फकिंग माय पुसी… अह्हह्ह्ह्ह आईईईई और चोद मेरे यार
दीदी अब मैं आपकी पीछे से मारना चाहता हूँ
उईईई अह्ह्ह्हह भाई पर यहाँ इतनी जगह नहीं है
दीदी बाहर में अच्छे से जो जायेगा..
तू आज मरवा कर ही रहेगा.. कोई आ गया तो
कोई नहीं आएगा.. मैं देखता रहूँगा
चल ठीक है..
मैं और दीदी कार के बाहर आ गए.. मैंने कार की हेडलाइट जला दी.. दीदी के बदन पर ब्लाउज नहीं था सिर्फ साड़ी थी.. दीदी ने साड़ी से अपने तरबूजों को ढक रखा था.. मैंने दीदी को पीछे से पकड़ लिया और दीदी की बैक पर किश करने लगा.. पतली साड़ी से ढकी हुई दीदी की चूचियां बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. मैं दीदी की चूचियों को दोनों हाथो से दबाने लगा… अह्ह्ह्हह रोहित…. बस कर कितना दबाएगा मेरे बॉल्स…
उफ्फ्फ दीदी इन तरबूजों को मैं निचोड़ कर पूरा रस पि जाऊँगा..
मैंने दीदी को कार के बोनट में हाथ रखकर झुकने बोला.. फिर मैंने पीछे से दीदी की साड़ी उठाई.. दीदी की गोरी चिकनी गांड अब मुझे नजर आ रही थी.. बहुत ही बड़ी गांड थी साली की.. मैंने अपना लंड दीदी की चुत पर रखा और कमर पकड़ कर जोर का शॉट मारा.. लंड घच से दीदी की चुत में घुस गया…..
उईईईईई अह्हह्ह्ह्ह भाई.. मस्त करारा शॉट मारा है
मैं दीदी की चौड़ी गांड पकड़ कर चोद रहा था… और दीदी जोर जोर से मॉन कर रही थी..
अह्ह्ह्हह आईईईई भाई बीच में तू अपनी बहन को नंगा करके चोद रहा है.. तुझे शर्म नहीं आ रही है
उफ्फ्फ्फ़ दीदी खुले आसमान में आप जैसी सेक्सी औरत को चोदने का लुत्फ़ ही अलग है..
मैं दीदी की चूचियों को दबा दबा कर चोद रहा था… अह्ह्ह्हह भाई और पेल अपनी दीदी को..
मैं दीदी की गोरी पीठ को चुम रहा था, दोनों हाथो से उनकी चूचियां दबा रहा था और चोद रहा था… अह्ह्ह्हह भाई बहुत मजा दे रहा है अपनी दीदी को..
मैंने दीदी को जोर से पकड़ लिया और तेजी से पेलने लगा… अह्ह्ह्हह भाई फक मी डिअर… मैं दीदी की मोटी चूचियों को दबा दबा कर चुदाई कर रहा था…. दीदी की चूचियों को पीछे से दबा कर चोदने में अलग ही आनंद आ रहा था.. आईईईई उउउउउउउ भाई और जोर जोर से मार मेरा होने वाला है.. मैं और तेजी से दीदी को पेलने लगा.. और थोड़ी देर में हमदोनो फिनिश हो गए..
मैंने देखा रात के ११ बज चुके थे.. मैंने और दीदी ने जल्दी से अपने कपडे पहने और कार में बैठ गए.. हम फिर निकल पड़े सफर के लिए..
कंचन: वाह भाई बहुत सही चोदता है तू.. तेरा मन भरा की नहीं
मैं: हाँ दीदी बहुत मजा आया.. आई लव यू दीदी
कंचन: लव यू टू रोहित..
दीदी ने मुझे जोरदार किश दिया… १५ मिनट में हम दीदी के घर पहुंच गए.. जीजाजी हमारा वेट कर रहे थे.. राति काफी होने की वजह से जीजाजी ने मुझे वही रुकने बोला.. मैं वही पर रुक गया.. मैं रूम में जाकर कपडे चेंज किये और फ्रेश होकर बाहर आ गया.. हम तीनो थोड़ी देर बात किये फिर दीदी और जीजाजी सोने चले गए.. थोड़ी बाद कमरे से दीदी की आवाज आने लगी.. मुझे समझ में आ गया की जीजाजी चोद रहे होंगे दीदी को..

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jaisa k app sab jante hain k mera name fariha shah hai aur meri ye kahani jo k ab  main likhne ja rahi hoon ise bhi mere bhai hi ki zubani likhon gi  ...................................ab chalte hain intro ki taraf........................................ ammi jaan .... salma .... age... 39 hai abhi tak jismani tour pe ek dam fit aur sexy  body ki malik hain dikhne main lagta hi nai k meri ammi ki age 39 hai balke wo dekhne  main lagta hai k jaise abhi 28 ki hoon gi main... fariha shah... age 21... smart ek gharelu ladki jo k sex ki shokeen lakin abhi  tak kisi k sath kiya nai bus movie,s dekhna aur apni frnd,s k sath hansi mazak aur  masti se zyada agge nai badhi thi study chor di hai kion k mera dil hi nai lagta pdhai  main salmaan...(sunny) mera chota bhai aur is kahani ko isi ki zubani pouhnchaya jaye  gaabhi 19 ka hai f.s.c kar raha hai gora chita aur gabrou jawan hai mera bhai jis pe  koi bhi ladki apn...
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Mera naam Suresh h. Main apne parivaar k sath delhi me rehta hu. Meri age 18 saal h. Meri family me mere alawa meri maa, papa n behen h. Behen ka naam Esha h. Uski age 21 saal h. Main sidha story pe ata hu. Main bchpan se hi sex ka bhuka tha. Magazines, internet , blue film, hr cheez se mjhe bhot pyar tha. But main ye addictn sirf apne tk rkhta tha. Kisiko bhnk ni hone deta tha. Jb ghr pe koi hota nai tha , tb hi aise kaam krta tha. Ek saal pehle ki baat h. Main subhe park se ghr aya. Ghar pe meri behen k alawa aur koi ni tha. Maine usse pucha ki mom- dad kahan h. Usne btaya ki nana ki tbiyt achank se khrab hogyi h....dad mom ko lekar jaipur gye hn....ab prso hi aynge. Main pehle toh nana ko leke chintit hua. Bt fir socha ki shayad mjhe thoda 'akela' tym mil jaye. Meri behen apne clg k liye nikl rhi thi. Usne mjhe brkfast dia n phir apne clg k liye nikl gyi. Main aap sbko pehle hi bta du ki mjhe apni behen ki trf koi attractn nai tha. Kbi is baat ki trf dhyan b ni dia. Neways,...