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Jija ne didi ko mujhse chudvaya

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम विकास है और ये मेरे जीवन के एक सच्ची घटना है कोई कहानी नही। मेरे परिवार में 4 लोग मैं मम्मी पापा और मेरी दीदी निकिता जो कि अभी अभी 18 की हुई और एकदम मस्त माल है हम इलाहाबाद में रहते हैं वैसे तो हमारा परिवार एक सामान्य परिवार है पापा बिजनेसमैन हैं मम्मी हाउसवाइफ और हम भाई बहन स्टूडेंट सब अपने अपने कामो में लगे हुए थे लाइफ नार्मल चल रही थी….
एक दिन अचानक पापा को कही से पता चला कि दीदी का दो लड़कों के साथ अफेयर चल रहा है ये पता चलते ही पापा को बहोत शॉक लगा और उन्होंने दीदी का कॉलेज जाना बंद करवा दिया घर मे टेंशन का माहौल हो गया मम्मी पापा परेशान रहने लगे और दीदी उदास मुझे भी धीरे धीरे सब पता चल गया। फिर ऐसे में हमारी एक बुआ जो लखनऊ में रहती हैं वो हमारे यहां आयी तो मम्मी ने सारी प्रॉब्लम उनसे बताई बुआ ने इसका हल ये बताया कि जल्दी से दीदी की शादी कर दी जाए तो सारी प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी और मम्मी पापा को उनका ये सुझाव पसन्द भी आया | पापा ने बुआ को ही दीदी के लिए लड़का खोजने की जिम्मेवारी सौंप दी और बुआ ने भी जल्दी ही दो तीन रिश्ते बताये और आखिर में एक लड़का हमे पसन्द आ गया। प्रशांत नाम है लड़के का और वो बैंक में जॉब करते हैं अच्छा कमाते हैं और उनके परिवार में सिर्फ उनकी माँ और एक छोटी बहन है सब फिक्स होते ही पापा ने अगले महीने ही शादी की डेट भी फाइनल कर दी। जीजा जी अपने परिवार के साथ दीदी को देखने भी आये थे और उनलोगों को भी दीदी बहुत पसंद थी जाते हुए जीजा जी घर का फ़ोन नंबर भी ले गए क्यों कि उस टाइम दीदी का फ़ोन ले लिया गया था ताकि वो अपने यारों से बात न कर पाए लेकिन जब दीदी की शादी की फिक्स हो गयी तो उनको फ़ोन वापस मिल गया और फिर रोज सुबह शाम जीजा के कॉल आने लगे और दीदी घंटो उनसे फ़ोन पर बातें करती थी अपने कमरे में बंद हो के उस से किसी को कोई प्रॉब्लम नही थी क्यों कि वो उनके होने वाले पति थे।
जीजा जी बहुत हैंडसम और खुशमिजाज इंसान थे वो मुझसे भी बातें किया करते थे और हंसी मजाक भी धीरे धीरे मैं और वो काफी फ्रैंडली हो गए थे। फिर आया वो दिन दीदी की शादी का शादी में मेरे कुछ दोस्त भी आये थे और उन्ही दोस्तो में एक दोस्त ने मुझे new sex story के बारे में बताया और ये भी की यहां मस्त कहानियां पढ़ने को मिलती हैं दीदी की शादी के बाद अब घर मे कुछ सूनापन सा हो गया था फिर हमारी आदत पड़ गयी दीदी के बिना रहने की और एक दिन मुझे इस साइट का ख्याल आया और रात में मैंने ये साइट खोली यहां भाई बहन की चुदाई की कहानियां पढ़ कर मुझे सब से पहले अपनी निकिता दीदी की याद आई और मैं कहानियां पढ़ कर मुठ मारने लगा।
जिंदगी ऐसे ही चल रही थी शादी के 6 महीने बीत चुके थे दीदी दो बार घर भी आई पर सिर्फ 4-5 दिनों के लिए उस से ज्यादा ना जीजा जी ने उन्हें रुकने देते और ना ही वो खुद रुकती और दीदी के बताने के अनुसार वो बहोत खुश थीं ससुराल में और जीजा जी की खूब तारीफें किया करती हम सब भी खुश थे उनकी खुशी में।
फिर एक दिन जीजा जी का मेरे पास कॉल आया…..
मैं- जीजा जी प्रणाम कैसे हैं आप…..
जीजाजी- यार विकास तुम मुझे प्रशांत कहा करो ये जीजा जी मुझे कम अच्छा लगता है….
मैं- ऐसे कैसे आप जीजा हैं तो जीजा ही कहूंगा ना…..
जीजाजी- हां वो तो है और रहेगा ही पर हम दोस्त भी तो बन सकते हैं…. अच्छा वो सब छोड़ो तुम कहाँ हो अभी मैं इलाहाबाद में ही हूँ कुछ काम से आया था और आज रुकना पड़ेगा मुझे यहां…..
मैं- तो क्या टेंशन है घर आ जाईये ना जितने दिन चाहे रुकिए आपकी ससुराल है यहां….
जीजाजी- हां मैं भी यही सोच रहा था कि सब से मुलाकात भी कर लूं और वही रुक लूं ठीक है मैं आता हूं……
फिर एक घंटे बाद जीजा जी आये सब से मिले नाश्ता किया और फिर मुझस बोले यार विकास चल कही घूम के आते हैं मम्मी बोली जा विकास अपने जीजा को घुमा ला घर मे बोर हो रहे…..
मैंने बाइक निकाली और जीजा के साथ मार्केट आ गया वहा कुछ देर घूमने के बाद जीजा बोले यार विकी तू कुछ पीता वीता है क्या मैंने कहा एक दो बार बियर पी है बस तो वो बोले चल फिर बियर ही पीते हैं हम दोनों एक बार में गए और एक एक बियर पी पीते हुए जीजा मुझसे पूछने लगे कि विकास तूने कोई लड़की वड़की पटाई या नही अब तक मैंने कहा अभी तक तो नही तो बोले कब पटायेगा अब तो उम्र हो गयी तेरी……
मैंने कहा जब पटनी होगी पट जाएगी अभी तो मेरा ध्यान पढ़ाई पर है वो हँसते हुए बोले वाह मेरे पढ़ाकू साले मैंने भी पढ़ाई की है पर तेरी उम्र तक 3 लड़कियां सेट कर ली थीं तो मैंने कहा अपनी अपनी किस्मत है जीजा जी मेरी किस्मत में लड़कियां नहीं हैं कोई घास ही नही डालती तो वो टोकते हुए बोले यार यहां अकेले में तो प्रशांत कह ही सकते हो घर पे जीजा कह लेना…..
मैंने कहा ok प्रशांत बोले ये हुई न बात फिर वो बोले अच्छा ये बता तेरा लड़की की लेने का मन तो करता होगा अभी मुझे बियर का नशा होने लगा था तो मैंने भी बोल दिया हाँ मन तो बहोत होता है पर कहाँ से लाऊँ लड़की।
हमारी बियर खत्म हो रही थी तो उन्होंने दो और मंगवा ली और बोले यार विकी मैं तेरी प्रॉब्लम सॉल्व कर सकता हूँ मैंने कहा मैं समझा नही प्रशांत तो वो बोले कि तेरे लिए लड़की का जुगाड़ कर सकता हूँ बस तुझे लखनऊ आना पड़ेगा।
मैं मन मे खुश हो गया और हां करते हुए बोला ठीक है प्रशांत जब कहो या जाऊं वो मेरे जांघ पर थपकी मार कर बोले ये हुई न बात अब समझ ले तूने लड़की चोद ली उनके मुह से ऐसी खुली बात सुन कर मुझे कुछ अजीब सा लगा पर नशे में ज्यादा ध्यान नही दिया और चूत मिलने की खुशी ने भी ज्यादा ध्यान नही देने दिया फिर हमने बियर खत्म की और घर आ गए…..
मम्मी ने खाना लगाया और हम खाना खा कर tv देखने लगे फिर जीजा बोले मुझे सोना है अब तो मम्मी ने मुझे बोला कि मैं जीजा को ऊपर गेस्ट रूम में ले जाऊं उन्होंने रूम ठीक कर दिया है मैं उन्हें ले कर गेस्ट रूम पहुंचा वहां बेड पड़ा हुआ था तो वो बोले तुम भी यही सो जाओ ना बातें करेंगे नही मैं अकेले बोर हो जाऊंगा मुझे भी उनकी बातें मानने में फायदा ही दिख रहा था तो मैंने ऊपर से ही मम्मी को बोला कि मैं भी यही सो जाऊंगा मम्मी….. मम्मी बोली ठीक है अगर जीजा जी को प्रॉब्लम ना हो तो मैं वही सो जाऊं जीजा में अपने कपड़े चेंज किये और सिर्फ अंडरवियर बनियान में आ कर लेट गए और मुझे भी चेंज करने को बोले तो मैंने भी पैंट शर्ट निकाल दी और नीचे से जा कर दो लोवर ले आया उन्हें दिया तो बोले मैं तो ऐसे ही कंफर्ट हूँ मैं लोअर पहन कर लाइट ऑफ कर के आ कर लेट गया तो जीजा ने पूछा कि यार विकी तुमने कभी लड़की नंगी देखी है मैंने कहा हां पिक देखी हैं नेट पर विदेशी लड़कियों की फिर वो बोले मेरी एक gf है उसकी पिक देखेगा क्या मैंने कहा आपकी तो शादी हो गयी है आपकी gf क्यों है फिर तो वो बोले शादी कर के तो एक ही चूत मिलती है यार और एक से क्या होता है।
मैंने कहा दिखाओ कौन है वो तो वो अपना फ़ोन उठा लाये और एक फोल्डर खोला जिसमे एक खूबसूरत लड़की की नंगी पिक भरी पड़ी थीं वो बोले ये मेरी gf है दिन में ये मज़े देती है और रात में तेरी दीदी वो पिक देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं फ़ोन ले कर देखने लगा तो जीजा बोले तू देख मैं जरा बाहर से सिगरेट पी कर आता हूँ और वो बाहर निकल गए…… मैने जल्दी जल्दी सरी पिक देख डाली और इस उम्मीद में कई शायद कुछ और देखने को मिले और फोल्डर देखने लगा तभी उनकी गैलेरी में एक फील्डर दिखा निकिता नाम से मुझे लगा दीदी के नाम का फोल्डर क्यों बनाया है और मैंने वो फोल्डर खोला उफ़्फ़फ़ मेरी दीदी की 100 से ज्यादा नंगी पिक थीं उस फोल्डर में पहली पिक में वो ब्रा और पेटीकोट में थी किसी मे एकदम नंगी एक पिक में वो जीजा का लंड चूस रही थी और एक मे वो बेड पर कुतिया जैसे झुकी हुई अपनी चूत में लंड ले रही थी ये सब देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था और मैं दीदी के पिक्स देखते हुए अपन लंड मसलने लगा था।
तभी जीजा वापस आये और मैंने जल्दी के फ़ोन ऐसे ही रख दिया वो आये और लेट गए फिर पूछा कैसी लगी मेरी gf मैंने कहा मस्त है यार वो बोले चोदेगा इसे मैंने कहाँ हां प्रशांत दिलवा दो इसकी तभी उन्होंने करवट ली और अपना एक पैर मोड़ कर मेरे लंड पर ही रख दिया और हंस कर बोले तेरा तो मूड बन गया मैंने कहा हां पिक्स इतनी मस्त थीं कि मूड तो बनना ही था फिर वो बोले मुठ तो मारते होगे मैंने कहा कभी कभी तो वो बोले मैं भी मारता हूँ कभी कभी।
मैंने पूछा आप क्यों मारते हैं आपके पास दो दो इंतजाम हैं तो बोले कि जब कभी घर से बाहर होता हूँ तो तुम्हारी दीदी या अपनी gf से फ़ोन सेक्स कर के मुठ मार लेता हूँ मैंने झटके में बोल दिया आज भी तो बाहर ही हो आप आज नही मारोगे…. तो वो बोले मारूंगा जरूर मारूंगा पर मैं सोच रहा था कि हम दोनों साथ मे मारते हैं आज बोल क्या इरादा है मैंने कहा जैसा आप कहो तो वो बोले कि मैं अपनी gf से फ़ोन सेक्स करूँगा तुम चुपचाप सुन कर मज़े लेना और हम एक दूसरे का लंड हिला कर मज़ा लेंगे इतना कहते हुए उन्होंने मेरे लोअर में हाथ डाल कर मेरा 6 इंच का खड़ा लंड पकड़ा और उसे सहलाने लगे जिंदगी में पहली अबीर किसी और का हाथ था मेरे लंड पर और बियर का सुरूर भी मुझे मज़ा आने लगा और मेरा हाथ भी उनके लंड पर चला गया।
उन्होंने अपनी gf को कॉल की पर उसका नंबर स्विच ऑफ आ रहा था उन्होंने दो तीन बार ट्राय किया ऑफ फ़ोन में कैसे रिंग जाती फिर गाली देते हुए बोले मादरचोद सारा मूड खराब हो गया…… मुझे भी थोड़ा सा खराब लगा कि लड़की की गंदी बातें सुनने का मौका हाथ से गया फिर वो बोले यार विकी तुझे प्रॉब्लम ना हो तो तेरी दीदी से कर लूं मेरे लंड ने एक झटका लिया जिसे जीजा ने महसूस किया कि दीदी का नाम सुन कर ही लंड में करंट आ गया मैंने कहा मैं कैसे मना करु आपकी बीवी है वो बोले समझदार हो तुम फिर उन्होंने दीदी को कॉल लगाते हुए कहा की फ़ोन सेक्स में गंदी बातें होती है इसलिए मैं ये भूल जाऊं की वो मेरी दीदी है बस मज़े लूं मैंने कहा ठीक है और फिर दीदी ने फ़ोन रिसीव किया….. और जीजा ने फ़ोन का स्पीकर ऑन कर दिया
दीदी- हेलो प्रशांत कहाँ हो डिअर तुमने दिन में कॉल क्यों नही की….
जीजा – बस अपनी ससुराल में हूँ एकदम मज़े में खा पी कर सोने जा रहा था पर लंड सोने नही दे रहा……
दीदी- ओहहो तो तुम्हे नहीं तुम्हारे लंड को मेरी याद आ रही है बड़े मतलबी हो तुम…….
जीजा- हां जान तुम तो जानती हो जब तक तुम्हे एकदम नंगी कर के कस के चोद नही लेता मुझे नींद नही आती…..
दीदी- तो क्यों मुझे छोड़ कर चले गए मत जाते और गए थे तो मुझे भी लेते जाते साथ मैं भी सब से मिल लेती और और तुम चोद भी लेते मुझे वैसे मुझे भी तुम्हारे लंड की याद आ रही थी यहां होते तो जी भर के चूसती तुम्हारा लंड
जीजा- अभी क्या कर रही है तू निकिता रानी
दीदी- मैं बस काम निपटा कर रूम में आई हूं
जीजा- तो जल्दी से नंगी हो जा मेरी जान बस तुझे चोदना है अभी
दीदी- तुम क्या कर रहे हो राजा
जीजा- बस नंगा लेटा लंड हिला रहा हूँ साली तेरी गरम चूत की याद में
दीदी- तो मैंने तो कपड़े निकाल दिए हैं जान आ जाओ मार लो अपनी बीवी की चूत जल्दी से
जीजा- मेरे मुह पर आजा रंडी अपनी बुर चटवा मुझे
दीदी- ये लो राजा बैठ गयी तेरे मुह पर अपनी नंगी चूत रख कर चाटो अपनी बीवी की चूत डाल दो अपनी जीभ मेरी बुर में राजा आआआहह……..
(जीजा मेरे लंड पर तेजी से हाथ चलाने लगे थे और मैं भी उनका लंड जोर से हिला रहा था)
जीजा- हा साली रंडी पूरी जीभ डाल दी है तेरी बुर में और चाट रहा हूँ कुत्ते जैसे
दीदी- चाट साले कुत्ते ऐसे ही चाट चूस ले मेरी बुर का सारा पानी पी जा साले हरामी…..
(मुझे थोड़ा आश्चर्य भी हो रहा था कि दीदी कैसे इतनी गंदी बातें करते हुए मज़े ले रही हैं)
जीजा- ओह्ह साली निकिता आज मेरा मन कर रहा है तुझे किसी और से चुदवा दूँ और तेरी चुदाई देख कर मुठ मारूं
दीदी- साले तेरी बीवी हूँ जिस से चाहे चुदवा दे बस लंड मस्त होता चाहिए
जीजा- बहोत मस्त लंड ढूंढ लिया है तेरे लिए रंडी निकिता तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा चोद कर
दीदी- आहहह राजा मेरी चूत पानी छोड़ रही है किसका लंड है मैंने तीन उंगलियां डाली हैं चूत में…..
जीजा- तेरे भाई विकास का लंड आज तुझे तेरे भाई की रांड बनाऊंगा साली चल चूस अपने भाई का गरम लंड बुरचोदी
(मुझे सब से ज्यादा ताज्जुब हुआ जब दीदी ये सुन कर भी नॉर्मल रही)
दीदी- हाँ राजा चूस रही हूं अपने भाई का मस्त लौड़ा पूरा मुह में ले कर आहहह कितना मज़ेदार लंड है मेरे भाई का
जीजा- चल अब कुतिया बन जा और चुद ले अपने भाई से
दीदी – हाँ राजा मैं कुतिया बन गयी आजा विकास डाल दे अपना लंड अपनी दीदी की बुर में आहहह मैं गयी राजा झड़ गयी मैं निकल गया मेरी बुर का पानी…….
जीजा- ओह जान तुम तो झड़ गयी पर मेरा अभी नही हुआ
दीदी- तो एक काम करो तुम अपनी बहन श्वेता की बुर चोद लो मुझे तो भाई से चुदवा दिया अब तुम भी अपनी बहन की बुर चोद लो…….
(तभी जीजा और मैं भी एक साथ झड़ गए हमारे लंड से जोरदार पिचकारी निकली और हम गहरी सांस लेने लगे)
जीजा- लव यू जान मज़ा आ गया


दीदी- हां मुझे भी मज़ा आया राजा
जीजा- ok जानू कल मिलते हैं और कल तुम्हे श्वेता बना के ही चोदूगा रोल प्ले में
दीदी- ok जान कल चोद लेना अपनी बहन को bye
जीजा- bye जान
और कॉल खतम
कहानी जारी रहेगी कैसे आगे मैंने दीदी को चोदा आप अपने सुझाव और विचार मुझे मेल कर सकते हैं अगला भाग शीघ्र ही आपके सामने लाऊंगा तब तक के लिए अलविदा

दोस्तो मैं विकास हाजिर हूँ आगे की कहानी ले कर…..
जीजा ने कॉल काट दी और हम दोनों एक दूसरे का वीर्य बहाता हुआ लंड पकड़े लेटे हुए गहरी सांस ले रहे थे…. फिर प्रशांत ने कहा विकास कोई कपड़ा है का साफ करने के लिए तो मैंने अपना अंडरवियर उठाया और पहले जीजा का फिर अपना लंड साफ किया और अंडरवियर पहन कर लेट गया…. जीजा ने मेरी ओर करवट ली और बोले कैसा लगा विकास मज़ा आया….. मैंने कहा बहोत अच्छा लगा प्रशांत….. मुठ तो बहोत मारी है पर आज कुछ खास मज़ा आया…. तो वो बोले हां आज तूने अपनी दीदी की आवाज़ में गंदी बातें सुनते हुए मुठ मारी है ना इसीलिए इतना मज़ा आया….. दीदी का नाम सुनते ही मेरा लंड फिर से गरम होने लगा….. अचानक मैं पूछ बैठा प्रशांत क्या आप सच मे अपनी बहन श्वेता को चोदना चाहते हैं आप दीदी से ये क्यों कह रहे थे कि वो श्वेता बन कर चुदवाये….. तो प्रशांत बोले यार विकास असल मे मुझे शुरू से चुदाई की कहानियां पढ़ना पसन्द था और खास कर बहन भाई की चुदाई वाली कहानियां…. उन्हें पढ़ कर मेरे लंड में अलग ही मस्ती आ जाती थी और फिर धीरे धीरे मैं अपनी छोटी बहन श्वेता को ही अपने खयालो में चोदने लगा और फिर शादी से पहले ही जब तुम्हारी दीदी से फ़ोन पर बातें करता था तो धीरे धीरे मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया कि मैं कैसा हूँ क्या क्या पसन्द है मुझे….. मैंने शादी से पहले ही तुम्हारी दीदी से कह दिया था हम एक दूसरे के बारे में कोई भी बात नही छुपायेंगे तुम्हारी दीदी को मेरी ये बात बहुत पसंद आई और उन्होंने भी शादी से पहले के अपने सारे अफेयर्स के बारे में मुझे बता दिया और ये भी को वो कई सारे लंड से चुद चुकी है……. ये सब सुन कर मुझे फिर से मस्ती चढ़ने लगी थी और मैं फिर से अपना लंड मसलने लगा था….. और मैं सोचने लगा कि जीजा कितने खुशनसीब हैं जो इतनी समझदार बीवी मिली उन्हें…. फिर मैंने पूछा प्रशांत क्या तुमने अपनी बहन को कभी चोदा है…. जीजा बोले नहीं यार पर सच मे मैं अपनी बहन को चोदना चाहता हूं और निकिता को इस बारे में बता भी चुका हूं इसीलिए वो कभी कभी मेरी फैंटेसी पूरी करने के लिए मेरी बहन श्वेता का roleplay करते हुए चुदवाती है और मुझे बहोत मज़ा है उसे श्वेता मान कर चोदने में….. फिर जीजा ने पूछा विकास तेरा भी मन करता है क्या अपनी दीदी को चोदने का…. मैंने कोई जवाब नही दिया पर सच तो यही था इतनी खूबसूरत 34 साइज के चुचो और उभरी हुई गांड़ वाली माल बहन को कौन नही चोदना चाहेगा…. जीजा ने अपना हाथ मेरे लंड पर वापस रखा और इसे मुट्ठी में पकड़ कर दबाते हुए दोबारा पूछा बोल न विकास क्या तेरा मन करता है अपनी दीदी को चोदने का….. मैंने इस बार हिम्मत कर के कहा…. हाँ करता तो है पर मन करने से क्या होता है मन तो आपका भी करता है पर आप भी कहा चोद पाये अपनी बहन को…… जीजा अपना हाथ मेरे लंड पर चलाते हुए बोले अगर तू सच मे अपनी दीदी को चोदना चाहता है तो मैं तेरी मदद कर सकता हूँ लेकिन तुझे मेरी हर बात माननी होगी….. मुझे एक झटका सा लगा…. क्या सच मे मैं अपनी सेक्सी मस्त माल दीदी को चोद पाऊंगा…. उफ़्फ़फ़ ये सोच कर ही मेरे लंड को झटके लगने लगे….. जीजा बोले क्या सोच रहा है विकास इतना मत सोच अगर अपनी दीदी को चोदना है तो बोल मैं कर दूंगा इंतज़ाम….. मैं अब दिमाग से नही लंड से सोच रहा था मेरी आँखों के सामने दीदी का नंगा बदन जिसकी pic मैंने जीजा के फ़ोन पर देखी थी घूम रहा था और मैं कल्पना में दीदी के उस नंगे बदन को चोदते हुए जीजा से मुठ मरवा रहा था….. मैंने सिसकी लेते हुए कहा हां प्रशांत मुझे चोदना है दीदी को उनकी चूत में अपना लंड पेलना है प्रशांत आआआहहहहहहह और इसी के साथ मेरे लंड ने दोबारा वीर्य की पिचकारी छोड़ दी….. जीजा मेरा झड़ता हुआ लंड मसलते हुए बोले ठीक है विकास मैं दिलवाऊंगा तुझे तेरी बहन की रसीली बुर….. फिर वो बोले एक काम कर तू कल मेरे साथ ही लखनऊ चल….. मैंने कहा ठीक है प्रशांत पर ये बताओ दीदी मुझसे चुदवाने को राजी कैसे होंगी वो बोले ये सब तू मत सोच ये मेरा काम है बस मैं जैसे कहूँ करते जाना ok….. मैंने कहा ठीक है….. रात के 12 बज रहे थे वो बोले चल अब सो जाते हैं फिर हम नींद के आगोश में चले गए ऑयर सपनो में मैं अपनी सेक्सी बहन को अपने लंड पर बिठा के धक्के लगा रहा था…….
अगली सुबह मैं 8 बजे उठा बदन टूट सा रहा था देखा तो जीजा बेड पर नही थे खैर मैं फ्रेश हो कर नीचे आया तो देखा प्रशांत नहा कर नाश्ते के लिए टेबल पर बैठे थे माँ और पापा भी उनके साथ नाश्ता कर रहे थे…. मुझे देखते ही पापा बोले विकास तेरे जीजा कह रहे हैं कुछ दिन के लिए तुम उनके साथ लखनऊ चले जाओ…. मैंने कहा ठीक है पापा मैं चला जाऊंगा…. फिर मैं भी नहा कर तैयार हुआ और नाश्ता किया मम्मी ने मेरा बैग रेडी कर दिया था और फिर मैं प्रशांत के साथ निकल पड़ा लखनऊ……
रास्ते मे हमारी बातों का केंद्र निकिता दीदी ही थीं मैंने बातों बातों में उनसे पूछा भी की अभी तो दीदी उनकी बीवी हैं और वो अपनी बीवी को किसी और से क्यों चुदवाना चाहते हैं….. उन्होंने कहा इसकी दो वजह हैं पहली ये की वो कुकोल्ड हैं और उन्हें अपनी बीवी की चुदाई देखने मे आनंद आता है और दूसरी ये की वो भाई बहन के सेक्स को ले कर बहोत उत्सुक रहते हैं अगर वो अपनी बहन को नही चोद पा रहे तो अपनी पत्नी को उसके भाई से चुदते देख कर ही उन्हें संतुष्टि मिल जाएगी….. उन्होंने ये भी बताया कि शादी के बाद धीरे धीरे उन्होंने दीदी को भी सेक्स स्टोरीज पढ़ने और पोर्न देखने की आदत लगा दी थी…. और दीदी तो थी ही पुरानी चुदक्कड़ तो उन्हें भी नए नए तरीके से चुदना roleplay करना और चुदाई के नए प्रयोग करना अच्छा लगने लगा है और उन्होंने सबसे धमाकेदार ये बात बताई की दीदी ने एक बार रात में चुदवाते हुए उनसे ये कहा था कि वो एक साथ दो लंड से चुदना चाहती हैं….. ये सब सुन कर मुझे थोड़ा आश्चर्य भी हुआ कि जिस दीदी को मैं साधारण लड़की समझता हूं उसके अंदर भी एक रंडी छुपी हुई है…… इन सब बातों के दौरान मेरा लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा था जिसे मैं बार बार एडजस्ट कर रहा था…. प्रशांत ने हंसते हुए कहा बस थोड़ा इंतजार और कर लो फिर इसे अपनी दीदी की बुर में डाल कर इसकी गर्मी निकालना…. ऐसे ही मज़ेदार बातों में हम कब लखनऊ पहुंच गए पता ही नही चला……
दीदी की ससुराल पहुंच कर जीजा ने बेल बजाई और उनकी बहन श्वेता ने दरवाजा खोला….. श्वेता एक 19 साल की ताजा जवान हुई लड़की है छोटे कद की थोड़े भरे हुए बदन की एकदम गोरी, गोल चेहरा काली आंखे सुर्ख रसीले होंठ और मध्यम आकार की कड़ी चुचियों की मालकिन…. मुझे कर और मुस्कुराई और हेलो किया हम सब अंदर आ गए…. वहां दीदी की सास बैठी हुई थीं मैंने और प्रशांत ने उनके पैर छुए और फिर जीजा बोले चलो साले साहब तुम्हे तुम्हारा कमरा दिखा दूँ…. जीजा का घर दो मंजिला बना हुआ है और नीचे 3 कमरे हैं एक ड्राइंग रूम एक कमरा उनकी मम्मी का और एक श्वेता का दूसरी मंजिल पर दो कमरे हैं एक दीदी का बैडरूम और एक गेस्ट रूम जैसा….. हम दोनों ऊपर आये…. अभी तक मुझे दीदी के दर्शन नही हुए थे वो शायद ऊपर ही थी अपने रूम में…. जीजा ने गेस्ट रूम का दरवाजा खोला अंदर एक बेड पड़ा हुआ था…. बोले विकास तुम अपना बैग यहां रख दो और यही तुम्हारा रूम है…. मैंने कहा ठीक है और बैग रख दिया…. फिर जीजा बोले चलो तुम्हे तुम्हारे माल से मिलवाता हूँ और वो मुझे ले कर अपने कमरे में आये अंदर आते ही मुझे और मेरे लंड को एक तेज झटका लगा मेरे सपनों की रानी मेरी सेक्सी बहन निकिता सिर्फ एक नाइटी में लेटी हुई अपने फ़ोन पर कुछ देख रही थी उसने कानों में इयरफोन लगाया हुआ था और वो पेट के बल लेटी हुई थी इस वजह से उसे हमारे आने के बारे में पता नही चला….. तब तक मेरी नजर उसके फ़ोन के डिस्प्ले पर पड़ी वो एक थ्रीसम सेक्स वीडियो देख रही थी जिसमे एक कमसिन लड़की को दो तगड़े लंड एक साथ चूत और गांड़ में लंड डाल कर चोद रहे थे….. जीजा धीरे से मेरे कान में फुसफुसाए…. देखा विकास कितनी चुदास से भरी है तेरी बहन….. और मेरा लंड पकड़ कर मसल दिया फिर उन्होंने एकदम से दीदी के पास जा कर एक थप्पड़ उनकी गांड़ पर मारा…. चटाक की आवाज़ कमरे में गूंज गयी और दीदी एकदम से हड़बड़ा कर बैठ गईं….. हम दोनों पर नजर पड़ते ही मुस्कुराते हुए बोली अरे विकास मेरे भाई तू भी आ गया क्या…. मैंने दीदी के नाइटी में तने हुए नुकीले चूचो पर नजर डालते हुए कहा हां दीदी जीजा बोले कि चलो लखनऊ घुमा लाऊँ तो मैं भी चला आया….. दीदी बोली बहोत अच्छा किया विकी मैं कई बार इनसे बोली थी कि विकास को कुछ दिन के लिए बुला लें लेकिन ये ठीक किया इन्होंने को तुम्हे साथ ही ले आये…… जीजा बोले अब इतनी सेक्सी बीवी का हुक्म हो मानना ही पड़ेगा ना बेगम साहिबा और हम तीनों हंस पड़े….. फिर दीदी बेड से नीचे आयी और बोली बैठो तुम लोग मैं कुछ चाय नाश्ते के इंतजाम करती हूँ जैसे ही दीदी पास आई तो मैं उनके पैर छूने लगा तो दीदी खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर बोली क्या विकी ये पैर वैर मत छुआ कर गले लगा कर कितने दिन बाद तो मिला है और मुझे बाहों में भर के मेरे गले लग गयी…… दीदी के भारी चूचे मुझे अपने सीने पर चुभते हुए महसूस हो रहे थे….. और मेरा लंड जो पहले से ही गरम था और फूलने लगा था…. जीजा हंसते हुए बोले भाई बहन का प्यार हो तो ऐसा और फिर मेरा हाथ पकड़ कर दीदी के चूतड़ पर रखते हुए बोले क्या विकास तुम्हे तो अपनी दीदी से प्यार ही नही है वो तेरे गले लगी हुई है और तुम चुपचाप खड़े हो……. मैं तो झेंपता हुआ बोला नही जीजा जी ऐसी बात नही है ऑयर मैंने भी दीदी को अपनी बाहों में भर कर जोर से कस लिया…… दीदी के मुह से हल्की सी आह निकल गयी और वो बोली धीरे से विकी बड़ा स्ट्रांग हो गया है तू…… मेरा हाथ अभी भी दीदी के नरम चूतड़ पर था और मैने महसूस किया कि उन्होंने कोई ब्रा या पैंटी नही पहनी थी….. और ये महसूस होते ही मेरे लंड ने एक झटका लिया जिसे शायद दीदी ने अपनी नाभि के पास महसूस भी किया….. क्यों कि दीदी की लंबाई 5 फ़ीट है और मेरी 5 फ़ीट 9 इंच…… तभी जीजा जी बोले विकास तू बड़ी किस्मत वाला है जो तेरी दीदी तुझसे ऐसे चिपकी हुई है मेरी बहन तो कभी मुझे ऐसे नहीं गले लगाती….. दीदी हंसते हुए बोली तुम्हारी बहन को पता होगा कि तुम उसे गले क्यों लगाना चाहते हो इसीलिए वो तुम्हे गले नहीं लगाती….. फिर दीदी ने कहा विकास अब छोड़ो मुझे जाने दो…. मुझे जैसे होश आया और मैंने दीदी को छोड़ दिया उन्होंने मुस्कुरा कर नशीली आंखों से मुझे देखा और अपने चूतड़ मटकाती हुई बाहर चली गयी….. प्रशांत ने कहा वाह बेटा आते ही मज़े करने शुरू कर दिए तूने तो…. मैंने शर्माते हुए कहा नहीं तो वो तो बस नार्मल हग था…. जीजा बोले मेरी बात सुनो तुम्हे जब भी जहाँ भी मौका मिले अपनी बहन को छूने का मज़े लेने का कोई मौका छोड़ना मत….. मैंने कहा प्रशांत ऐसे कैसे दीदी है वो मेरी कही वो नाराज़ हो गयी तो…… प्रशांत ने कहा जब कोई गड़बड़ होगी मैं सम्हाल लूंगा वो मेरी बीवी है और मैं जानता हूँ उसे अच्छे से पर तुमसे जितना कहा है उतना करना…. मैंने कहा ठीक है फिर उन्होंने कमरे की खिड़की की ओर इशारा किया और बोले ये खिड़की देख रहे हो इसके एक पल्ले की सिटकनी खराब है तो इसे बाहर से हल्का सा धक्का दोगे तो ये खुल जाएगी और तुम आराम से अंदर देख सकते हो…… समझ गए…. मैंने हां में सर हिला दिया फिर वो बोले अभी नाश्ता करने के बाद तुम अपने कमरे में चले जाना और जब मैं तुम्हे मैसेज करूँगा तो आ कर खिड़की से देखना अपनी दीदी का रंडीपना….. मैं उनकी बात सुनता हुआ हां में सर हिलाता जा रहा था….. फिर दीदी ट्रे में चाय स्वीट्स और समोसे ले कर आ गईं….. हमने बातें करते हुए चाय नाश्ता किया…. दीदी घर और मां पापा के बारे में पूछती रही फिर….. जीजा जी बोले विकास अब तुम थोड़ा आराम कर लो थके होगे मैं भी थोड़ी देर आराम करना चाहता हूं फिर शाम को दीदी से ढेर सारी बातें करना….. मैं वहाँ से अपने रूम में आ गया और चेंज कर के एक लोअर और त शर्ट पहन ली और बिस्तर पर लेट कर सोचने लगा कि ये सब क्या हो रहा है मेरी जिंदगी में अचानक दो दिन में कितना कुछ बदल गया है…… पहले जीजा के फ़ोन पर दीदी की नंगी तस्वीरे देखना फिर दीदी और जीजा का फ़ोन सेक्स और जीजा के हाथों मेरा लंड मुठियाना फिर जीजा का वो मेरी दीदी चोदने का आफर जिसे मैं मना नहीं कर सका और दीदी के पास आ गया उन्हें चोदने….. सोचते सोचते मेरी आँखें बंद हो गयी और मैं सोने ही लगा था कि मेरे फ़ोन की मैसेज टोन सुन कर मेरी आँखे खुल गयी….. फ़ोन देखा तो प्रशांत का sms था खिड़की से देखो….. मैं उठनकर बाहर आया और खिड़की के पल्ले को उंगली से हल्का सा धक्का दिया तो एक हल्की दराज सी बन गयी पर अंदर पर्दा पड़ा हुआ था कुछ नही दिख रहा था…… चारो ओर नजर घुमाई तो एक कोने में प्लास्टिक पाइप का एक टुकड़ा पड़ा हुआ था मैं उसे ले कर आया और पर्दे को उसी पाइप से जरा सा खिसकाया अंदर से दीदी के खिलखिला कर हंसने की आवाज़ आयी ….. और मैंने देखा कि जीजा जी बेड पर अपने पैर नीचे लटका कर बैठे हुए थे वो एकदम नंगे थे और दीदी उनकी गोद मे बैठी हुई थी……. दीदी की नाइटी उनकी कमर के ऊपर थी और उनकी बिना झांटो वाली चिकनी चूत tubelight की रोशनी में चमक रही थी प्रशांत दीदी की जांघो को सहलाता हुआ उन्हें चूम रहा था और दीदी अपनी गांड़ उनके लंड पर गोल गोल घुमाते हुए आंखे बंद किये हुए मोनिंग कर रही थी…… तभी प्रशांत ने कहा निकिता मेरी रंडी मैंने तो अपना टास्क पूरा कर लिया….. अब तेरी बारी है दीदी ने कहा अभी टास्क पूरा कहाँ हुआ वो तो तब होगा जब तुम मेरे भाई का लंड मेरी चूत में अपने हाथों से डालोगे….. प्रशांत ने कहा चिंता का कर मेरी कुतिया आज रात वो भी कर दूंगा…. ये सब देख और सुन कर मेरा लंड कंट्रोल से बाहर हो गया मैंने वही खड़े खड़े अपना लंड बाहर निकाला और उसे मसलते हुए फिर से अंदर चल रहे प्रोग्राम पर अपना ध्यान लगाया…. दीदी बोली मेरे राजा मैंने भी कल थोड़ी सी सफलता पाई है तुम्हारी उस छिनाल बहन को अपने पास सुलाया था और उसे कुछ पोर्न वीडियो दिखाई…… और पोर्न देख कर श्वेता गरम भी हो गयी थी….. बाद में काफी देर तक बाथरूम में रही वो शायद चूत में उंगली की होगी…… ये सुन कर जीजा के चेहरे पर खुशी साफ नजर आने लगी…. वो दीदी के होठों पर जीभ फिरा कर चाटते हुए बोले ओह्ह मेरी जान तुम कितनी प्यारी हो….. बस अब जल्दी से मेरे लंड के लिए मेरी बहन की चूत का इंतजाम कर दो फिर हम चारो इकट्ठे इसी रूम में एक साथ चुदाई का मज़ा लेंगे और दो बहने अपने सगे भाइयों की रांड बन कर एक साथ चुद जाएगी…… मेरा तो सोच कर ही बुरा हाल हो रहा है…… दीदी बोली मेरे चोदू पतिदेव बस थोड़ा सा इंतजार करो और जल्दी ही मैं तुम्हे बहनचोद बना दूंगी…. जीजा बोले…. निकिता चल अब कुतिया बन जा साली रहा नही जाता चोदना है तुझे…. दीदी जीजा की गोद से उठी और बेड पर चढ़ कर अपने घुटने टिका कर झुक गयी उनकी चौड़ी गांड़ खिड़की की ओर थी और मुझे साफ नजर आ रहा था दीदी की गांड़ का भूरा छेद जो उत्तेजना में फैल और सिकुड़ रहा था वो देख कर मैं एकदम से गरम हो उठा मेरा दिल किया अभी अंदर दीदी की मस्त गोरी गांड़ में अपना लंड पेल दूँ…… फिर जीजा जी पीछे से दीदी पर चढ़ गए और अपना खड़ा लंड दीदी की चूत की दरार पर रगड़ने लगे और दीदी मस्ती में अपने हाथों से अपनी गोरी चुचियों को मसलते हुए आहें भरने लगी….. दिदी बोली अब डाल भी दो न अपना लंड राजा मेरी बुर में चोद दो कस के जीजा जी ने दीदी की कमर पकड़ अपनी कमर को झटका दीदी और उनका सुपाड़ा दीदी की चूत को फैलाता है अंदर समा गया…. और दीदी के मुह से एक तेज सिसकी निकली और फिर जीजा ने लगातार तीन चार झटके मार मार के पूरा लंड जड़ तक दीदी की बुर में पेल दिया और हचक हचक के दीदी को चोदने लगे….. और चोदते हुए बोले बोल मेरी रंडी बीवी आज रात को अपने भाई से चुदेगी ना मेरे सामने इसी कमरे में…. दीदी अपने चूतड़ जीजा के लंड पर पटक पटक के चुदवाते हुए बोली हां राजा आज तेरे सामने अपने भाई का लौड़ा चूस चूस कर चुदवाऊंगी और तू अपनी बीवी की चुदाई देख कर मुठ मारना हरामी…. ये सब सुन कर मेरे लंड गरम हो कर फटने को हुआ और मेरे लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकली और सामने की दीवार पर मेरा गाढ़ा वीर्य बहने लगा….. झड़ते हुए मेरे मुह से भी एक सिसकी सी निकली और जब मैं लंड से आखिरी बून्द टपका कर नार्मल हुआ और दोबारा अंदर देखा तो दीदी अपनी गर्दन पीछे घुमा के खिड़की की ओर ही देख रही थीं और एक सेकेंड के लिए मेरी नजर उनकी नजर से टकरा गई वो हल्का सा मुस्कुरा रही थीं….. वो ऑय कांटेक्ट होते ही मुझे एकदम से घबराहट सी हुई कुछ भी हो थी तो वो मेरी बहन ही….. और मैं एकदम खिड़की से हट कर अपने रूम में जाने को मुड़ा तो एक और शॉक लगा पीछे सीढ़ियों के दरवाजे पर श्वेता खड़ी थी और मेरा अभी अभी झड़ा हुआ लंड मेरे हाथों में था वो आंखे फाडे मेरा लंड देख रही थी मेरी कुछ समझ मे नही आया तो वो मैं भाग कर अपने रूम में चला गया और दरवाजा बंद कर के बिस्तर पर लेट गया…… कुछ समझ नही आ रहा था कि ये साला हो क्या रहा है….. दो ही दिन में कितने ट्विस्ट हो रहे थे मेरी जिंदगी में…..

नमस्कार दोस्तों मैं विकास एक बार फिर हाजिर हूँ आगे की कहानी ले कर….
रूम में आ कर मैं लेटा कल से हो रही घटनाओं पर गौर कर रहा था और ये भी सोच रहा था अभी अभी जो श्वेता ने मेरा लंड देखा है कही कुछ गड़बड़ ना हो जाये….. फिर लगा कि जब कुछ गड़बड़ होगी तो प्रशांत है ही सम्हालने को…. फिर मेरे मन में आया कि अभी दीदी जीजा क्या कर रहे होंगे…. तो मैं उठा और कमरे का दरवाजा जरा सा खोल कर…. बाहर झांका अब एक और शॉक लगा थोड़ी देर पहले जिस जगह खड़ा मैं दीदी के कमरे में उनकी चुदाई देख रहा था अब उस जगह श्वेता खड़ी थी और उसी खिड़की की दरार से कमरे में झांक रही थी….. मैं कुछ सेकेंड्स तक उसे देखता रहा वह थोड़ा सा झुकी हुई थी और उसकी लैगी में कसी हुई गांड़ उभरी हुई थी पीछे को…. मेरे अंदर का डर खत्म हो गया एकदम से मै धीरे से बिना आहट के दरवाजा खोल कर बाहर आया और श्वेता के पीछे जा कर उसके पीछे से कमरे के अंदर देखने की कोशिश करने लगा…. उसे अपने पीछे किसी का अहसास हुआ तो उसने मुड़ कर पीछे देखा हमारी नजर मिली और वो नीचे जाने के लिए मुड़ी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे से बोला चलो दोनों देखते हैं ना….. वो चुपचाप खड़ी रही फिर मैंने उसे कंधों से पकड़ के वापस घुमा दिया खिड़की की ओर और उसे फिर से अंदर देखने को कहा और उसके पीछे उस से सट कर खड़ा हो गया…. उसने झुक कर फिर से अंदर देखा और ऐसा करते हुए उसकी गोल गोल गांड़ सीधा मेरा लंड पर चिपक गयी…. मैंने भी अंदर झांकने की कोशिश की और अपना लंड अच्छे से उसकी गांड़ में चिपका कर अंदर देखने लगा….. अंदर का नजारा मस्त था दीदी बेड पर टांगे फैलाये लेटी थी और जीजा उनके ऊपर चढ़े हुए उन्हें कस कस के ठोंक रहे थे….. और दीदी अपनी गांड़ उछालते हुए जीजा का लंड गपागप अपनी चूत में ले रही थी….. ये देखते ही मेरा लंड एकदम से फिर खड़ा हुआ और श्वेता की गांड़ की दरार में हलचल करने लगा वो भी अंदर का सीन देख कर गरम हो रही थी और अपनी गांड़ को हरकत देते हुए अपनी गांड़ मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थी।
पिछले दो घंटे में दो बार जबरदस्त तरीके से झड़ने के बाद दीदी एकदम से शांत लेटी गहरी सांस ले रही थी उनकी नंगी खबसूरत चूचियाँ तेजी से ऊपर नीचे हो रही रही और मै उनके सीने पर सर रखे लेटा हुआ था मेरा सख्त लंड अभी भी दीदी की बुर की गहराईयों में फंसा हुआ हल्के हल्के झटके ले रहा था …. पर दीदी नशे और थकान में चूर हो रही थी ….. मैंने दीदी के चेहरे को चूमते हुए कहा ….. दीदी क्या हुआ थक गई हो ???
दीदी ने आंखे खोल कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली डेढ़ घंटे से चोद रहे हो थकूंगी नही क्या मैंने कहा पर मेरा अभी नही हुआ है …. तो दीदी बोलूं मैं क्या करूँ पता नही क्या खा कर आये हो कितनी देर से रगड़ रहे ही फिर भी नही हुआ …. मैंने कहा दीदी कुछ खाया तो नही है पर परसो से इतनी बार मुठ मार चुका हूं तुम्हारे नाम की कि अब झड़ ही नही रहा …. दीदी ने गोल गोल आँखे नचाते हुए कहा फिर अब क्या चाहता है तू …. मैंने कहा दीदी बस इस लंड को शांत कर दो किसी तरह … दीदी बोली अब और चुदवाने की तो हिम्मत नही है …. मैंने अपना लंड दीदी की बुर से बाहर निकाला तो उनके मुह से एक आह निकल गयी फिर मैंने नीचे सरक कर दीदी की टांगो के बीच मे जगह बनाई और पेट के बल लेट कर उनकी बुर देखने लगा चुद चुद कर लाल हो गयी चूत रस में भीगी चमकती हुई बुर बड़ी प्यारी लग रही थी मैंने देर न करते हुए अपनी जीभ लंबी सी निकाल कर चूत के खुले हुए मुह में घुसा दी और चूत का रस चूसने लगा ….. दीदी बोली मत कर ना अब कल कर लेना मैंने कहा कोई तकलीफ हो रही तुम्हे तो नही करूँगा …. तो दीदी बोली लगता है तकलीफ होने तक करते ही रहोगे …. मैं फिर चूत में जीभ डाल कर मज़े से चाटने और चूसने लगा चूत का दाना मुह मे भर कर चूसते हुए अंदर तक जीभ डाल कर घुमाने लगा …. और 3-4 मिनट तक ऐसे ही चाटने का ये असर हुआ कि दीदी अपनी गांड़ उठाते हुए चूत को मेरे मुह पर दबाने लगी और अपनी टांगे मोड़ कर अपने सीने से लगा कर फैला दी ….. अब चूत और खुल कर मेरे सामने आ गयी थी और मैं भूखे कुत्ते जैसे दीदी की रसभरी बुर को चाट चाट कर खा रहा था …. फिर मैंने जीभ को फिराते हुए नीचे दीदी के गांड़ के छेद को चाटना शुरू कर दिया और रगड़ रगड़ कर दीदी की गांड़ के छेद को एकदम गिला कर के अपनी मिडिल फिंगर दीदी की गांड़ के छेद पर रख उसे उंगली से सहलाते हुए वापस चूत की फांकों को चूसने लगा और फिर धीरे से आधी उंगली गांड़ में डाल कर अंदर बाहर करते हुए उँगली से उसकी गांड़ चोदने लगा एक साथ दोनों छेदों में हो रहे हमले से दीदी भी मस्ती में भरते हुए अपने चूचे मसलने लगी और अपनी कमर को झटके देने लगी मैने उसकी गांड़ से उंगली निकाल कर मुह में ले कर चूस ली और गांड़ के छेद पर थूक कर इस बार दो उंगलियां एक साथ पेल दी अंदर तक दीदी आहहह भर कर बोली गांड़ के पीछे क्यों पड़ गया अब … मैंने कहा साली रांड तेरे दो छेद तो चोद दिए अभी गांड़ बाकी है और पोजिशन ले कर कर अपना मोटा सुपाड़ा दीदी की गांड़ पर टिका दिया ….. और उनका लोअर लिप्स मुह में ले कर चूसते हुए एक तेज झटके से हचक के लंड पेल दिया दीदी की गांड़ में दीदी एकदम से बिलबिला गयी और बोली आराम से विक्की दर्द मत दे …. मैंने कहा क्या दीदी पहले भी तो चुदवाई होगी गांड़ या पहली बार मरवा रही हो …. वो बोली नहीं 7-8 बार मरवा चुकी हूं पर ज्यादा नहीं करवाती उधर तो हर बार दर्द होता है घुसने में … मैंने बातों में लगा कर एक और तेज झटके से जड़ तक लंड ठूंस दिया दीदी की गांड़ में और फिर अपनी कमर हिला हिला कर चोदना शुरू कर दिया ….. 8-10 धक्कों के बाद गांड़ ढीली हो गयी ऑयर लंड आराम से अंदर तक जाने लगा और दीदी भी मज़े से आंखे मूंद कर गांड़ में लंड का मज़ा लेने लगी …… मैंने 5 मिनट तक रगड़ के दीदी की गांड़ चोदी और फिर झड़ने को हुआ तो एकदम से लंड बाहर निकाल लिया …. दीदी ने कहा क्या हुआ क्यों निकाल लिया यार …. मैंने कहा दीदी अब कुतिया बन के चुदवा लो ना थोड़ी देर ….. दीदी झट से उठ कर कुतिया बन कर गांड़ उठा दी और मैं पीछे आ कर लंड गांड़ पर रख कंसर झटके से पेल कर चोदने लगा मैं मस्ती में पागल हो रहा था और चोदते हुए मैंने दीदी के चूतड़ पर तेजी से थप्पड़ लगाया और बोला ले रंडी चुद साली भाई के लौड़े से दीदी अपनी चूत को उंगलियों से रगड़ती हुई बोली चोद साले कुत्ते चोद चोद के अपनी बहन की गांड़ फाड़ दे ….. मैं गांड़ में लंड पेलते हुए बोला ले बहन की लौड़ी कुतिया मादरचोद तेरी माँ को चोदू साली कितनी बड़ी रंडी है तू बुरचोदी ….. दीदी मस्ती में अपनी गांड़ लंड पर पटकती हुई बोली हां साले चोद दे मेरी माँ भी चोद दे मादरचोद ….. और फिर मेरे लंड की नसें फूलने लगी टट्टे सिकुड़ने लगे और मैंने आखिरी तेज धक्का मारा और मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी दीदी की गरम गांड़ में मैंने अपना गरम माल भर दिया …. ऐसा लग रहा था लंड के रास्ते मेरी जान निकल रही हो ….. तभी दीदी भी अपनी गांड़ में लंड की फुहारें महसूस करते हुए अपनी चूत का दाना तेजी से रगड़ने लगी और सिसियाते हुए उनकी चूत ने भी एक और बार पानी टपका दिया और हम दोनों हांफते हुए निढाल हो कर बिस्तर पर ढेर हो गए और नींद के आगोश में खो गए …… सुबह 10 बजे मेरी नींद खुली देखा तो बेड पर मैं अकेला था और मेरे बदन पर चादर पड़ी हुई थी ….. मैं उठा ऊपर ही एक बाथरूम था वहां जा कर फ्रेश हुआ और नहा कर कपड़े पहन कर नीचे आया ….. दीदी किचन में थी खाना बना रही थी ।
और घर मे कोई नही दिख रहा था …. मै किचन में ही चला गया मुझे आया देख कर दीदी ने कहा उठ गए क्या सुबह तुम्हे कितना जगाया पर तुम उठने को तैयार ही नही थे …. मैंने कहा दीदी इतना थका दिया तुमने कल रात की मुझे होश ही कहाँ था अभी भी सर घूम रहा है वो बोली नाश्ता लगाती हूँ कर लो …. फिर उन्हीने सैंडविच और कॉफ़ी दी मुझे मैं वही खड़े खड़े नाश्ता करने लगा …. मैंने कहा दीदी सब कहाँ गए कोई दिख नहीं रहा …. दीदी ने बताया कि जीजू तो आफिस गए हैं श्वेता अपने कॉलेज और मम्मी कहीं पड़ोस में गयी हुई हैं मैंने अपना नाश्ता खत्म किया और कॉफ़ी की चुस्कियां लेते हुए दीदी के चूतड़ पसर हाथ फिराने लगा दीदी ने कहा …. अभी मन नहीं भरा क्या मैंने कहा दीदी इतना मस्त माल हो तुम तुमसे कभी किसी का दिल भर सकता है क्या …. दीदी बोली शुरू में हर कोई ऐसे ही कहता है जहां एक दो महीने बीते सब के दिल भर जाता है मैंने उनके नरम चूतड़ को जोर से दबा कर कहा दीदी किसी और कि मैं नही जानता पर मेरा दिल तुमसे कभी नही भरेगा जब भी मिलोगी ऐसे ही रगड़ दूंगा तुम्हे ….. दीदी बोली चल अभी परेशान मत कर मुझे काम निपटाने दे …. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था मैंने कहा दीदी एक बार यही किचन में चोद लेने दो ना …. प्लीज और मैंने इतना रिक्वेस्ट कर के बोला की दीदी पसीज गईं और बोली बहोत नालायक हो गया है तू और हंसने लगी ….. मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाया और और ज़िप खोल कर लंड निकाल कर उनके चूतड़ पर रगड़ने लगा दीदी ने अपनी एक टांग उठा ली और मैंने वो टांग अपने हाथ से पकड़ कर उन्हें सहारा दिया और लंड चूत पर रख दिया पर सुखी चूत में सूखा लंड घुस नही रहा था तो मैंने वही बैठ कर उनकी चूत मुह में ले कर चूसनी शुरू कर दी और फिर से खड़ा हो कर लंड पर थूक लगा कर चूत पर टिका कर एक झटके से पेल दिया दीदी ने आहहह भरी और खुद को मेरे हवाले कर दिया मैंने ब्लाउज में कसी चूचियाँ मसलते हुए तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए ….. चोदते हुए मैंने ब्लाउज के नीचे वाले दो हुक खोल कर ऊए ऊपर सरका कर दीदी की गोरी चूचियाँ बाहर निकाली और दीदी के काले काले सख्त लंबे निप्पल पकड़ कर जैसे गाय दुहते हैं वैसे खींचते हुए तेज तेज धक्के मार कर दीदी को जोरो से चोदना शुरु किया कल रात की जबरदस्त चुदाई से लंड कुछ फूल कर मोटा सा हो गया था और सख्त मोटा मूसल जैसा लंड अपनी सगी बड़ी बहन की बुर में पेलते हुए मैं एकदम जोश में आ कर पागल सा हो रहा था …… मैंने लौड़ा दीदी की रसीली भोसड़ी में पेलते हुए पूछा मज़ा आ रहा है ऐसे चुदने में रानी ….. दीदी बोली हां बहोत मज़ा आ रहा है साले और जोर लगा के चोद ये सुनते ही मैंने दीदी के नंगे चूतड़ पर जोर से थप्पड़ लगाया और रफ्तार बढ़ा दी धक्कों की ….. तभी दीदी थोड़ी सी पीछे हो कर एकदम झुक गयी और बोली विकी मेरे बाल पकड़ कर कस के ठोक अपना लौड़ा मेरी बुर में…..मैंने दीदी के बाल मुट्ठी में पकड़ कर जोर से खिंचे और पूरी ताकत से लंड दीदी की चूत में पेलते हुए कहा …. ऐसे ना साली मादरचोद ….. दीदी सिस्कारते हुए बोली हां ऐसे ही राजा ऐसे चोद अपनी रण्डी बहन को ….. और मैं तेजी से दीदी को चोदते हुए मस्तिमे डूबा हुआ था तभी दीदी अपने निप्पल रगड़ने लगी और बोली हां विकास ऐसे ही चोदा कर मुझे बहोत प्यासी रहती है मेरी बुर चाहे जितना चोदो इसकी प्यास नही बुझती और फिर उनका बदन अकड़ने लगा और उनके मुह से निकलने वाली आवाज़ें तेज होती गईं ….. आखिर में झड़ गयी और तेजी से सांसे लेने लगी ….. मैंने कुछ मिनिट ऐसे ही दीदी की बुरमे लंड डाले हुए आराम लिया और फिर दीदी खड़ी हो गयी और लौड़ा फिसल कर बुर से बाहर आ गया …. मैंने दीदी से कहा दीदी आज स्वाद ले ले लंड के रस का तो दीदी मेरे सामने घुटनो पर बैठ गईं और लंड को पकड़ कर सहलाते हुए सुपाड़े को जीभ से चाटने लगी …. वो एक भूखी कुतिया जैसे मेरी आँखों मे देखते हुए लौड़ा चाट और चूस रही थी ….. मैंने कहा निकिता मस्त रण्डी है तू बहोत मज़े देती है लंड को तो दीदी ने लौड़ा चाटते हुए कहा विकी यार चुदाई चीज ही ऐसी है इसका मज़ा तभी आता है जब एकदम खुल कर मस्ती की जाए ….. मैंने कहा दीदी एक काम करो ना आप 8-10 दिन के लिए इलाहाबाद चलो जी भर के चोदूंगा तुम्हे दीदी बोली हां ये सही रहेगा ये भी यहां श्वेता के साथ मज़े करेंगे और वहां मैं तुम्हारे साथ ….. फिर दीदी ने लंड मुह से निकाल कर पूछा विकी वो जो मेरे कॉलेज में पढ़ता था विनय जिसकी वजह से पापा ने मेरी जल्दी से शादी की वो अब कहाँ है मैंने बताया कि वो वही अलाहाबाद में ही कोई जॉब करता है तो दीदी ने कहा विकी मुझे एक बार उस से चुदवाना है उसका लंड एकदम मस्त है मैंने कहा लगता है पहले भी चुद चुकी हो उस से दीदी बोली हां शादी से पहले 7-8 बार चुदी थी उस से दीदी ने लौड़े पर जीभ फिराते हुए कहा विकी अगर तू इंतजाम कर दे मेरा उस से चुदने का तो सच मे मेरा मन खुश हो जाये मैंने कहा दीदी आप जितना मेरा मन खुश कर रही हो उस हिसाब से तो ये कोई बड़ी बात नही आप कहो 10-20 लंड डलवा दूँ आपकी बुर में और रण्डी बना दूँ आपको और इसी के साथ ही मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी पहली धार नाक और होठो पर पड़ते ही दीदी ने सुपाड़ा होठो में भरा और चूस चूस कर पीने लगी लंड से बहता हुआ पानी ….. aaahhhh मैं जन्नत में था….. दीदी ने सारा रस चूस कर पिया और उंगली से अपने चेहरे पर लगा वीर्य पोछ पोछ कर खाने लगी सारा माल साफ कर के दीदी बोली ठीक है विकी एक दो दिन में हम चलते हैं इलाहाबाद वहाँ तुम अपने मन की कर लेना बस मुझे विनय से चुदना है मैंने कहा दीदी एक साथ दो से चुद लेना मुझसे और विनय से दीदी ने खुश हो कर कहा क्या कमाल का आईडिया दिया है तूने …. अब तो ये ही होगा …. फिर दीदी ने कपड़े सही किये और खाना बनाने लगी और मैं बाहर आ कर tv देखने लगा ……
दीदी की आवाज़ आयी प्रशांत ऐसे ही श्वेता को चोदना चाहते हो ना तुम…. जीजा और तेज धक्के लगाते हुए बोले हां मेरी रंडी बीवी ऐसे ही अपनी बहन को कुतिया जैसे चोदना चाहता हूँ….. बस उसे जल्दी से नंगी कर के मेरे लंड के नीचे ले आ तू…. दीदी अपने निप्पल मसलते हुए बोली बस थोड़ा सा सब्र करो राजा जल्दी ही तेरी जवान बहन की बुर की सील तेरे इस मोटे लंड से तुड़वा दूंगी….. अब मुझस रहा नही गया मैंने एक हाथ आगे कर के श्वेता के पेट पर रख दिया और अच्छे से अपने लंड पर रगड़ते हुए हाथ ऊपर सरका कर उसकी चुचियों पर रख दिया और उसके कड़े छोटे छोटे चूचे मसलने लगा उसके मुह से हल्की सी आह निकली और उसकी आंखें बंद हो गयी….. मुझे सेक्स का कोई तजुर्बा तो नही था पर पोर्न देख देख इतना तो मालूम था ही कि लड़की को गरम कैसे करते हैं मैं उसके चूचे सहलाते हुए उसके कान पर अपने होठ फिराने लगा था और फिर उसका हाथ पकड़ कर पीछे किया और अपने खड़े लंड पर रख दिया उसने अपना हाथ हटाया नही और वैसे ही लंड पर रखे रही….. मैंने धीरे से उसके कान में कहा श्वेता तेरे भैया तुझे चोदना चाहते हैं….. उसने आंख खोल कर मुझे देखा और बोली तुम्हारी दीदी भी तुमसे चुदवाना चाहती हैं…. मैनें कहा क्या तुम अपने भैया से चुदवा लोगी वो बोली अभी कुछ सोचा नहीं इस बारे में…. फिर उसने भी सवाल दागा क्या तुम अपनी दीदी को चोदना चाहते हो…. मैंने कहा हां उसे चोदने ही तो आया हूँ….. तभी अंदर से आने वाली आवाज़ तेज हो गयी दीदी और जीजा झड़ने वाले थे जीजा पूरी रफ्तार से दीदी की बुर पेलते हुए बडबडा रहे थे….. ले मेरी रांड बीवी चुद साली ऐसे ही अपने भाई से भी चुदना साली कुतिया…. और दीदी भी अपने निप्पल चुटकी में पकड़ कर मसलते हुए बोली….. हां मेरे भड़वे पति…. तेरे सामने ही चुदूँगी अपने प्यारे भाई से तू खुद उसका लंड पकड़ कर अपनी रंडी बीवी की चूत में डालना और फिर दोनों एक साथ झड़ गए….. जीजा दीदी के नंगे सीने पर सर रख कर लेट गए और दीदी उनके बालो में उंगलियां फिराते हुए बोली मज़ा आया…. जीजा दीदी के होठों को चूम कर बोले हां मेरी जान जब अभी इतना आज आया तो रात में कितना मज़ा आएगा….. फिर वो उठे और बाथरूम चले गए और दीदी वैसे ही नंगी लेटी रही उनकी खुली हुई चूत से जीजा का मालधीरे धीरे बह रहा था…. फिर मैं श्वेता से अलग हुआ और बोला अब हमें जाना चाहिए वो लोग बाहर आ सकते हैं श्वेता मुस्कुराती हुई नीचे चली गयी और मैं अपने कमरे में आ गया…. मन तो कर रहा था एक बार मुठ मार लूं पर किसी तरह कंट्रोल किया और लेट कर सोचने लगा…. क्या आज रात सच मे दीदी चुदवाएँगी मुझसे और क्या दीदी के सामने मैं नर्वस तो नही हो जाऊंगा कुछ भी हो वो मेरी बड़ी बहन है सोच कर मुठ मारना अलग बात है और सामने जा कर चोदना अलग बात।
तभी कमरे का दरवाजा खुला शाम के तीन बजे रहे थे जीजा कमरे में आये मेरे पास आ कर बैठ गए और बोले देखा…. मैंने कहा हां देखा…. वो बोले कैसा लगा…. मैंने कहा मस्त तो वो हंसते हुए बोले तूने फिर से मुठ मार ली मैंने कहा नहीं तो…. वो हंसते हुए बोले मैंने खिड़की के बाहर देखा अभी दीवार से ले कर फर्श तक टपकाया तूने अपना माल…. मैंने उठते हुए कहा मैं साफ कर के आता हूँ तो बोले रहने दे तेरी दीदी ने साफ कर दिया है मैंने उसे दिखाया था कि कैसे तेरी चुदाई देखते हुए तेरे भाई ने तेरे नाम पर लंड का रस निकाला है… मुझे अजीब सा लगा सुन के क्या सच मे दीदी ने मेरे लंड का पानी साफ किया था या प्रशांत ऐसे ही बोल रहे थे…… फिर प्रशांत ने कहा यार विकास तेरी बड़ी बहुत उत्सुक है तुझसे चुदवाने को ले कर अभी मैं चोद रहा था तो उसका बस चलता मुझे हटा कर पहले तेरे पास आ कर तुझ से ही चुद लेती…. मैंने कहा जीजू पता नही क्यों मुझे घबराहट सी हो रही है उनके बारे में सोच कर मुठ मारना अलग बात है पर सामने से उनको ऐसे फेस करना अलग बात है…. वो थोड़ा सोच कर बोले बात तो तेरी सही है विक्की पर जब तेरी दीदी तैयार है तो तू क्यों घबरा रहा है बाकी मैं तो रहूंगा ना तेरे साथ तेरी मदद करने को….. फिर मैंने कुछ सोच कर कहा जीजू एक गुड न्यूज है मेरे पास आपके लिए उन्होंने थोड़े ताज्जुब से पूछा….. क्या??? फिर मैंने उनको श्वेता के ऊपर आने मेरा लंड देखने और फिर दीदी और उनकी साथ मे चुदाई देखने से ले कर अपना लंड पकड़ने और उसकी चुचियों को मसलने तक हुई सारी घटना बताई…. ये सुन कर उन्होंने गहरी सांस ली और बोले विक्की यार तू नहीं जानता तूने मेरा कितना बड़ा काम कर दिया है…. बोले आज मैं बहोत खुश हूं लगता है अब मेरी दोनों इच्छाएं जल्दी ही पूरी हो जाएंगी…. वो बोले कैसी चूचियाँ है मेरी बहन की मैंने कहा एकदम सख्त और छोटी छोटी हैं….. वो बोले चल कही चलते हैं और थोड़ा मूड बनाते हैं वही बातें करेंगे…… हमने कपड़े पहने और नीचे आ गए शाम के 5 बज रहे थे….. गर्मियों के दिन थे तो अभी भी काफी गर्मी थी नीचे दीदी श्वेता और उनकी मम्मी रात के खाने की तैयारी कर रही थीं दीदी ने yellow साड़ी पहनी थी और हल्का मेकअप किया था पर मुझे वो कपड़ो में भी नंगी ही नजर आ रही थी…. हमे देख कर दीदी प्रशांत से बोली आओ आओ…. जब से साला आया है उसी के कमरे में घुसे रहते हो आप…. प्रशांत ने कहा उसे ले कर आया हूँ तो उसका ख्याल तो रखूंगा ही… दीदी ने कहा थोड़ा ख्याल मुझे भी रखने दो भाई है वो मेरा…. और श्वेता वो मुझे गहरी नजरो से देखते हुए सब्जी काट रही थी….. जीजू ने कहा ठीक है अभी हम मार्किट जा रहे हैं घूमने और आज रात तुम ही ख्याल रखना भाई का और उन्होंने दीदी को आंख मार दी…. दीदी के गोरे गाल एकदम से लाल हो गए…. फिर हम बाहर निकल गए उन्होंने कार निकाली और हम मार्किट पहुंच गए जीजू ने एक बियर शॉप के बाहर कार रोकी और एक पेटी बियर की ठंडी बोतलें और थोड़ा स्नैक्स ला कर पिछली सीट पर रख दिया…. फिर उन्होंने कार ले जा कर एक पार्क के पास रोकी और गाड़ी के शीशे चढ़ा कर (शीशे काले थे) गाड़ी स्टार्ट रखते हुए ac फुल कर दिया और दो बोतलें उठा कर एक मुझे दी और दूसरी खुद लेकर मेरा मुह देखने लगे….. मैंने पूछा क्या हुआ तो बोले ओपनर नहीं है….. मैंने अपनी बोतल का ढक्कन दांतो से पकड़ा और एक झटके से खोल दिया और खुली बोतल उन्हें दे कर उनसे दूसरी बोतल ले ली… और उसे भी खोल दिया…. उन्होंने कहा शाबास अब मुझे यकीन हो गया है ऐसे ही तुम अपनी दीदी की चूत भी खोल दोगे अपने लंड से…. फिर हम बियर पीते हुए बातें करने लगे…. मैंने कहा जीजू मैं ये सोच रहा था अगर आज रात वाला प्रोग्राम श्वेता देखे तो शायद उसकी भी इच्छा होने लगे आपसे चुदवाने की…. तो वो घूंट भरते हुए बोले बात तो ठीक है तेरी पर उसे कैसे पता चलेगा हमारे प्रोग्राम के बारे में मैंने कहा वो मैं बता दूंगा दोपहर में वो बड़े मजे से देख रही थी आप दोनों की चुदाई और उसे कुछ आईडिया है कि शायद आज रात में हम मिल कर कुछ करने वाले हैं…. तो जीजा बोले ठीक है तुम उसे बता देना रात के प्रोग्राम के बारे में शायद वो देखने आए और उसने सब देखा तो उसका भी मन होगा इस सब मे शामिल होने का हमारे लंड फिर से सर उठाने लगे थे अपने अंडरवियर में तो जीजू ने अपनी ज़िप खोली और अपना खड़ा लंड बाहर निकाल कर सहलाते हुए बोले पता नही कब इसे बहन की चूत का स्वाद मिलेगा….. मैंने कहा जीजू धैर्य रखिये मुझे लगता है जल्दी ही आपकी इच्छा पूरी होने वाली है….. फिर मैंने कहा आप और दीदी चुदाई के टाइम कितनी गालियां देते हैं एक दूसरे को जीजा लंड सहलाते हुए बोले यार विक्की उसी में मज़ा आता है वो नार्मल चुदाई बस टांगे उठा के लंड डाल दिया उसमे मज़ा थोड़े ना आता है…. वो बोले तुम्हे नही पसन्द क्या ऐसे चोदना मैंने कहा जीजू मैंने तो आज तक चुदाई की ही नही तो क्या बताऊँ क्या पसन्द है क्या नही वो बोले क्यों फिक्र करता है आज रात जितनी चाहे चुदाई करना वो भी अपनी रंडी दीदी की ये सुनते ही मेरा लंड भी हद से ज्यादा गर्म हो गया और मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर मुट्ठी में दबोच लिया….. जीजू ने कहा यार पसन्द तो तुझे भी गालियां देख तेरी बहन को रांड बोलते ही कैसे तूने लंड बाहर निकाल लिया…. मैंने शर्माते हुए कहा ऐसा कुछ नही है वो तो बस आपकी बातों से गरम हो गया…. वो बोले यार विक्की अगर खुल कर मज़ा लेना है तो शर्म छोड़ दे सब से पहले….. और मेरी तरह बेशर्म बन जा इतना बोलते हुए उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे मुट्ठी में भर कर हाथ ऊपर नीचे चलाते हुए बोले बोल विक्की अपनी दीदी को अपनी दीदी को नंगी कर के उसकी बुर चाटेगा ना….. मुझे बियर का नशा तो हो ही गया था उसके ऊपर से सेक्स का नशा मैंने….. कहा हां प्रशांत मैं दीदी को नंगी कर के उनकी बुर चाटूँगा वो बोले और क्या करेगा अपनी दीदी के साथ बोल ना मैंने कहा जीजू मैं दीदी को लंड चुसवाऊंगा मैंने देखा है वो मस्त लंड चूसती है….. जीजू बोले कैसे लंड चूसती है तेरी दीदी बता ना….. मैंने आआआह भरते हुए कहा दीदी रांड जैसे लंड चूसती है जीजू तो वो बोले और बता क्या करेगा दीदी के साथ मैंने कहा उसको कुतिया बना के उसकी बुर में लंड डाल के चोदूगा वो बोले शाबास ऐसे ही चोदना साली को रगड़ रगड़ के फिर उन्होंने लंड छोड़ दिया….. मेरा सारा मज़ा किरकिरा हो गया था उस टाइम मैं बस एक बार जोर से झड़ना चाह रहा था मेरा मन समझ कर बोले फालतू में लंड का पानी बर्बाद मत करो अब जितनी बार झड़ना अपनी दीदी के सेक्सी जिस्म के अंदर ही झड़ना उसके मुह में या चूत में थोड़ा कंट्रोल करना सीखो…. हमारी बियर खत्म हो चुकी थी उन्होंने दो और बोतलें उठाई और मुझे खोलने को कहा मैंने दोनों खोल दीं और हमने दूसरा दौर शुरू किया पीते पीते उन्होंने कहा अब भी घबराहट हो रही है क्या….. मैंने कहा हां थोड़ी थोड़ी तो बोले दीदी से बात करेगा….. मैंने कहा क्या बात करूं वो बोले जो तेरा दिल करे…. मैंने कहा वो करेंगी….. तो हंसते हुए बोले क्यों नही करेगी जब चुदने को तैयार है तो बातें करने में क्या है…. और थोड़ा सा खुली बातें कर लोगे तो तुम दोनों की शर्म और घबराहट दूर होगी….. उन्होंने फ़ोन निकाला और दीदी का नंबर डायल किया और स्पीकर ऑन कर दिया घंटी जा रही थी और मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था…. तभी दीदी की खनकदार आवाज़ मेरी कानों में पड़ी….
हेलो…. क्या हुआ कहाँ है आप
जीजू- हम तो यही हैं बस पास वाले पार्क में
दीदी- वहां क्या कर रहे हो
जीजू- कुछ नही बस तुम्हारे भाई की घबराहट दूर कर रहा हूँ….. बियर पी रहे हैं…
दीदी- ओह वो भी पीता है क्या….
जीजू- क्यों तुम पीती हो तो वो क्यों नही पी सकता…
दीदी- मैं कहाँ मना कर रही बस पूछ ही तो रही हूं…
जीजू- तुम कहाँ हो अभी?
दीदी- किचन में हूँ
जीजू- थोड़ी देर के लिए अपने कमरे में चलो कुछ काम है
(मैं बियर के घूंट भरते हुए आने वाले वक्त का सामान करने के लिए खुद को तैयार कर रहा था)
जीजू- अभी तुम अपने रूम में चलो तुरंत
दीदी- ठीक है….. उन्होंने श्वेता को आवाज़ दी…. , कुछ सेकेंड्स बाद श्वेता की आवाज़ आयी जी भाभी क्या बात है…. दीदी ने उसको किचन देखने को कहा और बोली मैं अभी आती हूँ थोड़ी देर में….. फिर दीदी के चलने और सीढियां चढ़ने के आवाज़ आयी और वो बोली हां आ गयी अब बोलो…..
जीजू- यार निकिता ये विकास तुम्हे चोदना तो चाहता है पर बड़ा नर्वस है तुम थोड़ी देर इस से बात कर लो तो इसका मन शांत हो जाये…..
दीदी- यार तब से थोड़ी सी घबराहट तो मुझे भी हो रही है….
जीजू- तुम दोनों ऐसे ही घबराओगे तो कैसे होगा यार…
दीदी- पहली बार मे थोड़ा सा कुछ अजीब लगता ही है
जीजू- तुम जब श्वेता को चुदवाओगी न तब देखना मैं कैसे मज़े से उसके नंगे बदन से खेलूंगा…
दीदी- अब हर कोई तुम जैसा ठरकी थोड़े होता है मेरे चोदू पति
जीजू- ले अब विकास से बात कर
दीदी- कहाँ है वो?
जीजू- यही है मेरे साथ हमारी बातें सुन रहा है…
फिर जीजू ने फ़ोन का स्पीकर बन्द करते हुए कहा निकिता मेरी रंडी आज अपने भाई को एकदम बेशर्म बना दे ताकि रात में अच्छे से तेरी चूत चोद के बेशर्म बन जाये……. और फ़ोन मुझे पकड़ा दिया….
मैंने फ़ोन कान पर लगाया और मरी सी आवाज़ में कहा हेलो दीदी…
दीदी- हां विकास बोलो मेरे भाई क्या कहना चाहते हो?
मैं- कुछ नही दीदी
दीदी- शर्मा रहे हो ना
मैं- ह ह हां नहीं….
तभी जीजू फ़ोन के पास मुह ला कर बोले निक्की इसकी आवाज़ नही निकल रही तू इसे अपना रंडीपना दिखा जरा इसे….
दीदी- विकास तुम मेरे लिए मुठ मारते हो ना?
मैं- हां दीदी कभी कभी
दीदी- और मुझे चोदना चाहते हो नंगी कर के?
मैं- हाँ दीदी
दीदी- तो इतना डर क्यों रहे हो एक बार बोलो तो अपनी दीदी से तुम्हारी दीदी तुम्हारी खुशी के लिए कुछ भी करेगी
मैं- दीदी क्या आप मुझे चोदने दोगी?
दीदी- जरूर मेरे भाई तेरी दीदी की चूत में ना जाने कितने लंड गए हैं तो अपने प्यारे भाई को क्यों मना करूंगी मैं आज रात अपनी दीदी को पूरी नंगी कर के चोद लेना….
मैं- हां दीदी आज रात तुम्हे पूरी नंगी कर के अपने लंड पर बिठा कर चोदूगा
दीदी- जरूर मेरे भाई आज से तेरी दीदी तेरी बीवी हुई जब जैसे चाहे चोद लेना अब खुश?
(तभी जीजू ने मेरे कान में फुसफुसा कर कहा दीदी से बोलो मैं तुम्हे अपनी रंडी बनाऊंगा)
मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा दीदी मैं तुम्हे अपनी रंडी बनाऊंगा…
दीदी हंसते हुए बोले ठीक है विक्की बना लेना दीदी को अपनी रंडी ये सुन कर मेरी सारी शर्म झिझक और डर दूर हो गया और मैं अपना नंगा खड़ा लंड मसल कर बोला ok दीदी फिर रात में मिलते हैं…..
दीदी ने कहा ok विक्की चल अब मैं अपना काम निपटा लूं और फोन काट दिया…..
अब मेरे चेहरे पर एक चमक और खुशी थी फिर हमने दूसरी बियर खत्म की और हम घर की ओर चल पड़े……


हम रात 8 बजे घर पहुंचे अंदर गए तो श्वेता दिखी वो tv देख रही थी और मम्मी शायद अपने कमरे में थी.. जीजा ने पूछा श्वेता भाभी कहाँ है तुम्हारी तो उसने कहा भैया वो ऊपर हैं अपने कमरे में…. प्रशांत ने कहा विकास तुम बैठो tv देखो मैं चेंज कर के आता हूँ फिर खाना खाते हैं…. और वो ऊपर चले गए… श्वेता ने मेरी ओर देखा और मुस्कुराने लगी… मैं उसके पास जा कर सोफे में उसके बगल में बैठ गया और उसकी जांघ पर हाथ रख कर सहलाते हुए बोला…. आज रात में मेरा दीदी को चोदने का प्रोग्राम है तुम आ जाना देखना हो तो… वो कुछ नही बोली… तो मैंने पूछा आओगी ना उसने कहा मम्मी के सोने के बाद आ जाऊंगी…. मैंने फिर अपना हाथ उसकी लैगी के अंदर घुसा कर पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलानी शुरू कर दी तभी उसके मम्मी के कमरे का दरवाजा खुला और मैंने झट से हाथ निकाल लिया…. उसकी मम्मी आ कर वही बैठ गईं और श्वेता से बोली मेरा खाना लगा दो…. और वो उन्हें खाना देने चली गयी तभी दीदी और जीजू भी नीचे आ गए और फिर दीदी भी किचन में चली गईं और हम सबने साथ ही खाना खाया…… खाना खत्म करने के बाद मैं श्वेता जीजू और उनकी मम्मी फिर से tv देखने लगे….. 10 बजे उनकी मम्मी बोली मैं तो सोने जा रही और वो उठ कर अपने रूम में चली गईं…. जीजू बाहर गए और कार से बियर की बोतल निकाल कर फ्रिज में लगा दीं…. और फिर वो भी ऊपर चले गए अब बस मैं और श्वेता tv देख रहे थे….. तभी श्वेता मुझसे बोली तुम भैया के सामने अपनी दीदी के साथ करोगे… मैंने कहा हां उनके कहने पर ही तो ये सब हो रहा है….. फिर वो चुपचाप tv देखने लगी….. तभी दीदी किचन का काम खत्म कर के बाहर आईं और मुझसे बोली विकी अब चल कर आराम कर और श्वेता तू भी सो जा 10 बज रहे…. श्वेता उठी और अपने कमरे में चली गयी…. दीदी ने मेरी ओर देखा और कहा चलें ऊपर….. मैंने कहा हां चलो… फिर दीदी मेरे आगे सीढियां चढ़ती हुई ऊपर आ गयी पीछे से मैं भी उनकी गोल मटोल मटकती हुई गांड़ देख कर मस्त होता हुआ ऊपर आ गया….. ऊपर आ कर वो बोली तुम अपने कमरे में जाओ अभी बाद में बुला लूंगी तुम्हे मैंने सर हिलाया और अपने कमरे में चला गया…. अंदर जा कर मैंने कपड़े निकाल दिए और लोअर पहन कर लेट गया….. थोड़ी देर में प्रशांत मेरे कमरे में आया और मेरे पास बैठ कर बोला…. श्वेता से बात हुई क्या मैंने कहाँ हां उस से बोल तो दिया है… उन्होंने पूछा वो आएगी की नही…. मैंने कहा जरूर आएगी…. फिर उन्होंने कहा विक्की तुम नीचे से 3 बियर निकाल लाओ और मेरे रूम में आ जाओ…. मैं उठा और जैसे ही नीचे जाने के लिए सीढ़ियों पर पहुंचा तो देखा श्वेता वहीं सीढ़ियों के पास खड़ी कुछ सोच रही थी….. मैं नीचे आया तो वो भाग के अपने रूम में चली गयी… मैंने फ्रिज से 4 बियर निकाली और उसके कमरे में गया वो बेड पर बैठी थी मैं उसके पास गया और बोला…. श्वेता तू थोड़ी देर बाद आना ऊपर अभी तो मैं और जीजू बियर पियेंगे उसने कहा ठीक है…. फिर मैंने कहा तुम भी पी लो थोड़ी सी तो और मज़ा आएगा देखने मे….. उसने कुछ सोच कर कहा कोई गड़बड़ तो नही होगी…. मैंने पहले कभी पी नही….. मैंने कहा एक काम करो तुम सिर्फ आधी बोतल पियो इतनी तो बरदाश्त कर ही लोगी और एक बोतल दांतो से खोल कर जल्दी से आधी बोतल एक सांस में पी ली और आधी बोतल उसके हाथ मे पकड़ाता हुआ बोला ये लो आराम से पियो और फिर आ जाना…. उसने सर हिला दिया और मैं ऊपर आ गया….. जीजा के कमरे का दरवाजा लगा हुआ था मैंने नॉक किया तो दीदी की आवाज़ आयी खुला है अंदर आ जाओ….. मैंने दरवाजा खोला और अंदर आ गया….. देखा तो मेरा थूक सूख गया दीदी अंदर अपने बेड पर सिर्फ एक लाल कलर की ब्रा और लाल कलर का ही पेटीकोट पहने लेटी हुई थी और प्रशांत सामने की दीवार से लगे हुए सोफे पर बैठे थे….. उन्होंने सिर्फ अंडरवियर पहना हुआ था….. मैंने बोतलें मेज पर रखी और जीजू के पास ही बैठ गया…. दीदी मुझे घूर घूर कर देख रही थीं पर मैं उनकी ओर देखता तो उनकी नजरों का सामना करने की हिम्मत न होती और मैं इधर उधर देखने लगता….. प्रशांत ने कहा…. विक्की बोतल खोल दे मेरी मैंने एक बोतल खोल कर उन्हें दे दी और और एक अपने लिए खोल ली….. और ठंडी ठंडी बियर के घूंट भरने लगा….. मन मे लालच था तो बार बार चोर नजरों से दीदी की ओर देखता पर उन्हें अपनी ओर घूरता देख कर फिर से नजर फेर लेता…. तभी दीदी बोली बस यही खराबी है तुम मर्दों में सिर्फ अपना सोचते हो… मैं भी यहीं हूँ खुद तो बोतलें ले कर बैठ गए और मुझे पूछा तक नही….. तो जीजू बोले निक्की आज की रात ये तेरा भाई ही तेरा पति है जो शिकायत करनी हो इसी से कर समझ ले आज मैं यहां हूँ ही नही….. दीदी बोली इसी नालायक से कह रही हूं….. तो मैंने जीजू की ओर देखा वो बोले साले मुझे क्या देख रहा है जा के अपनी आइटम को बियर पिला ना।
मैंने एक और बोतल उठा कर खोली और दीदी के पास गया और कहा लो दीदी…. दीदी ने बोतल पकडी और जैसे ही मैं वापस जाने को हुआ उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कहाँ जा रहा है….. मैंने हकलाते हुए कहा जीजू के पास….. उन्होंने दो तीन घूंट भरे और चिढ़ कर बोली जीजू की ही गांड़ मार लेना फिर….. मेरे पास मत आना….. मैंने कहा ऐसी बात नही है दीदी….. तो वो बोली लेने मेरी आया है तब से जीजू जीजू किये जा रहा है…. चुपचाप बैठ इधर ही…. मैं उनके पास बेड पर बैठ गया…. और बोतल में से घूंट मारने लगा…. जीजू की ओर देखा तो वो अपनी बोतल खाली करने में लगे हुए थे…. तभी उन्होंने मेरी ओर देखा और बोले क्या साले सहाब तुम तो अभी भी डरे डरे से लग रहे हो इतनी मस्त जवान औरत तुम्हारे सामने है मज़े लो….. इस बार मैंने हिम्मत कर के दीदी की आंखों में देखा….. वो मुस्कुरा रही थी उनके रसीले गुलाबी होठ गहरी काली आंखें गोरे गोरे गाल….. मुझे नशा दुगना सा महसूस होने लगा….. दीदी ने मेरे गाल पर हाथ फिराया और बोली ऐसे क्या देख रहा पहली बार देखा है क्या मुझे….. मैंने कहा नही दीदी पर ऐसे पहली बार देख रहा हूँ….. वो बोली जी भर के देख ले पर सिर्फ देखता मत रह….. मैंने कहा और क्या करूँ उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने नंगे पेट पर रख कर कहा प्यार कर अपनी दीदी…. शाम को फ़ोन पर क्या कहा था याद है ना अपनी रंडी बनाएगा मुझे…. बना ले ना….. मेरी बोतल में थोड़ी सी बाकी थी मैंने अपने होठों से बोतल लगाई और एक सांस में खाली कर के बोतल नीचे फेंक दी और दीदी के नरम मुलायम पेट को सहलाने लगा….. दीदी ने अपनी आंखें बंद कर ली थी… मैं बेड पर चढ़ गया और दीदी के सामने बैठ कर उनके घुटने पर अपना हाथ रख दिया हाथ फिराते हुए उनके पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी पैरों को सहलाने लगा…. दीदी की सांसे तेज होने लगी और ब्रा में कसे उनके गोरे चूचे ऊपर नीचे होने लगे….. ये देख कर मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा और भी सख्त हो कर झटके मारने लगा….. फिर मैंने अपना हाथ दीदी के पेट पर रख कर उनकी नाभि के चारो ओर उंगली फिरानी शुरू कर दी……. दीदी जो बैठी हुई थी धीरे से पीछे की ओर बेड के सिरहाने से पीठ टिका कर अपना सीना उभार दी मेरे सामने और अपनी नशीली आंखे खोल कर बोली विकास मेरे भाई अपनी दीदी की चूचियाँ नंगी कर दे….. मैंने दीदी की लाल ब्रा के कप के उंगलियां फँसाई और उसे ऊपर की ओर खींच कर उनके चूचे बाहर निकाल दिए….. उफ्फ क्या नजारा था मेरे सपनों की रानी मेरी दीदी के रसीले चूचे मेरी आँखों के सामने एकदम नंगे थे गहरे काले तन कर खड़े हुए निप्पल और निप्पल के चारो ओर एक रुपये के सिक्के के आकार में काला घेरा देख कर मेरे मुह में पानी आ गया मैंने होठो पर जीभ फिराई तो दीदी ने ठरक भरी आवाज़ में फुसफुसाते हुए कहा विकास दीदी के निप्पल चुसोगे…. मैंने कहा हां दीदी…. दीदी ने अपना एक हाथ मेरे सर पर रख दिया और फिर मेरे बालों में उंगलियां फिराते हुए अपनी मुट्ठी में मेरे बाल पकड़ लिए और मेरा सर अपने सीने पर झुकाते हुए दाएं निप्पल को मेरे होठो से सटा दिया मैंने मुह खोल कर दीदी का कड़क निप्पल मुह में लिया और जीभ से सहलाते हुए उसे चाटने लगा…. निप्पल पर जीभ लगते ही दीदी ने सिसकारी ली और और मुझे खींच कर अपने जिस्म पर लिटाते हुए मेरा सर तेजी से अपने चूचे पर दबाने लगी मैंने बड़ा सा मुह खोला और जितना भर सकता था उतना बूब अपने मुह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा…. दीदी चूची चुसवाते हुए बोली दूध निकालेगा क्या…. अभी दूध नही निकलेगा इसमे से…. मैंने मस्ती में चूची मुह से निकाल कर कहा दीदी कोई नही जब मैं तुम्हे चोद कर बच्चा पैदा करूँगा तुम्हारी चूत से तब दूध भी निकलेगा इनमें से और तब मैं तेरा दूध पियूँगा दीदी…. और फिर दूसरी चूची को मुह में भर कर उसे जोरो से चूसने लगा…. दीदी अपनी चूचियाँ चुसवाते हुए गरम हो रही थी…. और बीच बीच मे बियर के घूंट भी भरती जा रही थी….. मैं नशे में भूल चुका था कि जीजू भी कमरे में हैं और पागलों जैसे दोनों चूचियाँ बारी बारी से मुह में भर कर चूस रहा था कभी कभी जोश में आ कर उनके निप्पल पर दांत भी गड़ा देता पर दीदी ने एक भी बार कुछ नही कहा बस जब मैं तेज से काट लेता तो वो जोर से सिसिया उठती….. करीब 10 मिनट तक मैं ऐसे ही उनके चूचे चूसता रहा और उनके गोरे चुचो पर लाल लाल दांतो से निशान बन गए…. और दोनों चूचे मेरे थूक से गीले हो कर चमकने लगे तो दीदी बोली बस दूध ही चूसेगा या और भी कुछ चूसेगा मैंने दीदी को आंखों में देखा उनके रसीले होठ एकदम मेरे सामने थे फिर मैंने झुकते हुए अपने होंठ उनके होठो पर रख दिये और उनके गुलाबी होठों के रस चूसने लगा मैं मानो हवा में उड़ रहा था….. दीदी भी आंखें मूंद कर मेरे होठो को रगड़ रही थी अपने होठों से….. फिर दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह के अंदर घुसा दिया और और मेरे मुह में एकदम लाजवाब स्वाद घुल गया मैं दीदी की गरम रसीली जीभ को अपने होठो से चूसने लगा और उनका मीठा मीठा थूक मेरे मुह में घुलने लगा जिसे मैं बड़े चाव से निगल रहा था…… तभी दीदी ने अपना हाथ बढ़ा कर लोअर में टेंट जैसे खड़ा मेरा 7 इंच का लंड अपने कोमल हाथों से पकड़ा और बोली उफ्फ कितना सख्त और बड़ा है तेरा…. मैंने कहा इतना बड़ा ही तो जिजू का भी है….. दीदी बोली वो मुझे पता है पर तेरा साइज पहली बार पता चला ना…. फिर दीदी बोली विकी तेरा लंड चूसना है मुझे मैंने कहा चूस लो ना दीदी…. तो दीदी अपना गाल मेरे गाल अपर रगड़ते हुए बोली क्या दीदी दीदी लगा रखा है चुदाई के टाइम भी…. मैंने कहा फिर क्या बोलूं…. दीदी की आंखे नशे में थोड़ी सी सुर्ख और भारी हो रही थीं…. उन्होंने मेरा लंड मसलते हुए कहा कुछ भी बोल ले ना जो तेरा दिल करे….. मैं उत्तेजना से कांप रहा था और पूरे नशे में था….. मैंने दीदी के गाल से होंठ रगड़ते हुए उनके कान तक जीभ फिराई और दीदी के कान में कहा मेरा लंड चूस न साली रंडी….. , दीदी ने अपना हाथ लोअर में घुसा दिया और मेरा लंड नंगा कर के पकड़ा और बोली चल खड़ा हो जा सामने मैं उठ कर खड़ा हुआ तो दीदी ने मेरा लोअर सरका दिया और मेरा लंड खड़ा हो कर उनके सामने झटके लेने लगा…. दीदी ने लंड को देख लार अपने होठो पर जीभ फिराई और अपने घुटनों पर खड़ी हो कर उसे मुट्ठी में पकड़ लिया और मेरी आंखों में देखते हुए नशीली आवाज़ में बोली आज तो इसे निचोड़ लूँगी मैं…. और लंड बाकी स्किन की पीछे कर के सुपाड़ा बाहर निकाल लिया सेक्स और अल्कोहल के नशे में चूर मेरा लंड गरम हो कर तप रहा था और गुलाबी सुपाड़ा फूल कर आलू जैसा मोटा हो गया दीदी ने उसे दो पल तक देखा और फिर अपनी नाक सुपाड़े से लगा कर गहरी सांस ले कर सूंघने लगी ये सीन देख कर मैं मज़े से पागल होने लगा और मैंने दीदी के कंधों पर हाथ फिराते हुए उनकी पीठ के पीछे हाथ ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे उनके हाथों से उतार कर फेंक दिया अब दीदी ऊपर से एकदम नंगी थी उसके बदन सिर्फ वो लाल पेटीकोट था जो कि उसके बदन को और भी आकर्षक बना रहा था….
तभी मेरे दिमाग मे प्रशांत का ख्याल आया मैंने उनकी ओर देखा तो वो उनका चेहरा भी नशे और उत्तेजना में भभक रहा था और वो अपना लंड बाहर निकाल कर मुठियाते हुए बियर का मज़ा लेते हुए बड़ी दिलचस्पी से हमारा जैसे ही हमारी नजर मिली उन्होंने हाथ उठा कर thumbsup किया….. उधर दीदी ने सुपाड़े को कुछ पल तक सूंघने के बाद अपने होठो पर रगड़ा और फिर जीभ निकाल कर पेशाब वाले छेद को चाटने लगी…. मेरे लंड से हल्का सा प्रीकम निकल रहा था जिसे वो मज़े ले ले कर चाट रही थी ऐसे ही कुतिया जैसे चाटते हुए उन्होंने नजर ऊपर कर के मेरी ओर देखा मानो पूछ रही हो कैसा लग रहा है….. मैंने उनके सर पर हाथ फिराया और मुस्कुरा दिया उन्होंने होंठ खोले और सुपाड़े को गप्प से मुह में भर कर रसगुल्ले जैसे चूसने लगी उनके गरम मुह का स्पर्श पाते ही मैं एकदम से वासना में जलने लगा और मेरा लंड झटके लेने लगा….. मेरे हलक से हल्की सी गुर्राहट निकलने लगी और मैंने अपनी कमर को हलके से आगे पुश किया और लगभग 4 इंच लंड दीदी के गरम मुह में घुसा दिया….. दीदी ने सर को आगे पीछे हिला कर लंड को कई चुस्कियां दी और मुह से निकाल कर बोली मुह चोदोगे विकी मेरा बुरा हाल था बस लग रहा था लंड कही घुसा कर ताबड़तोड़ धक्के लगा दूँ…. मैंने कहा हां दीदी चोदूगा तेरा मुह…. तो वो खिसक के बेड के किनारे जा कर लेट गईं और अपना सर बेड से बाहर की ओर लटका दिया और मुझे पास आने का इशारा किया मैं बेड से उतरा और उनके सर के सामने जा कर खड़ा हो गया इस कंडीशन में मेरा लंड उनके मुह के ठीक सामने था दीदी ने बड़ा सा मुह खोला और मुझे लंड अंदर डालने का इशारा किया मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उनके खुले मुह में घुसाया और तेज झटका दिया 7 इंच का खड़ा सख्त लंड पूरा उनके मुह में समा गया और मेरे बॉल्स उनकी नाक पर चिपक गए उनका मुह एकदम चोक हो गया और उनकी आंखों से पानी आने लगा पर वो वैसे ही लेटी रही फिर कुछ पल बाद उन्होंने अपने हाथों से मेरे कूल्हे पकड़े और मुझे पीछे ढकेला आधा लंड बाहर हुआ तो उन्होंने गहरी सांस ली और फिर से पूरा लंड अपने गले में उतार लिया अब मुझे भी समझ आ गया था मुह कैसे चोदना है मैंने कमर को आगे पीछे करते हुए दीदी के मुह में लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….. धीरे धीरे दीदी के मुह में थूक इकट्ठा होने लगा और थूक से भरे उनके मुह में लंड फिसलते हुए अंदर बाहर हो रहा था कभी कभी मैं जोश में आ कर एकदम तेज धक्का देता और मोटा से सुपाड़ा दीदी के गले तक चला जाता और वो मुह से अजीब सी आवाज़ निकालने लगती पर मैं तो मस्ती में डूब कर बस आंखे मूंदे धक्के लगाए जा रहा था और करीब 4-5 मिनट तक ऐसे ही दीदी का मुह चोदने के बाद मेरा बदन अकड़ने लगा और मैंने पूरा लंड एक बार फिर से उनके हलक तक घुसा दिया और मेरे लंड से वीर्य की फुहारें निकलने लगी….. एक के बाद एक कोई 5-6 लंबी पिचकारियां मार कर वीर्य की एक एक बूंद मैंने दीदी के गले मे टपका दी और दीदी को उसे पीने की कोई मशक्कत नही करनी पड़ी क्यों कि मैं उनके मुह नही गले मे झड़ा था आखिर उनको सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्होंने मेरी जांघों पर हाथ रख कर मुझे पीछे हटाया…. और जैसे ही मेरा लंड उनके मुह से बाहर निकला मेरे वीर्य और उनके थूक की एक तार सी उनके होंठ से मेरे लंड को जैसे जोड़े हुए थी….. दीदी ने गहरी गहरी सांस ले कर खुद को सम्हाला और बोली मार दिया था तूने मुझे दम घुट गया था मेरा…. मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे समझ ही नही आया क्या कर रहा हूँ…. वो बोली कोई नही पहली बार मे ऐसा ही होता है…….
एक बार झड़ने के बाद मेरा लंड थोड़ा शांत तो हुआ पर वो अभी भी एकदम सख्त ही था और सुपाड़े पर एक आखिरी बून्द बह कर बाहर आ गयी थी दीदी ने नजर लंड पर डाली उसे चाट कर बोली स्वाद तो पता ही नही चला कैसा है….. तो प्रशांत पास आते हुए बोले मेरी जान अभी तो ये कुछ दिन यही रहेगा जितना चाहे स्वाद लेना इसके लंड का दीदी बोली लंड का नहीं इसके पानी का स्वाद लेना चाहती थी पर इसने सीधा गले के नीचे ही पानी निकाला….. मैंने कहा दीदी चिंता ना करो अगली बार मुह में निकाल दूंगा मज़े से स्वाद लेती रहना…… जीजू भी अपना लंड मसल रहे थे बोले विकी एक बार मैं भी झाड़ लूं रहा नाही जा रहा और दीदी के मुह के सामने लंड मसलते हुए एकदम से उनके मुह में अपना वीर्य टपकाने लगे दीदी ने फौरन उनका झड़ता हुआ सुपाड़ा मुह में लिया और गरम गरम वीर्य चूसते हुए पीने लगी….. जीजू ने झड़ते हुए मझसे पूछा विकी कैसी लगी मेरी रंडी….. मैंने कहा जीजू मस्त माल है साली लंड की हालत खराब दी इसने….. फिर हम दोनों सोफे पर आ कर बैठ गए और एक एक बियर और खोल ली दीदी भी उठ कर हमारे बीच आ कर बैठ गयी हम दोनों की बोतल से घूंट मारने लगी….. दीदी की चिन पर जीजू के वीर्य के एक बूंद लगी हुई थी जिसे मैंने उंगली से पोंछ कर उन्हें दिखाया तो वो मुस्कुराती हुए मेरी उंगली चाट गयी…….
तभी मुझे श्वेता का ख्याल आया और मेरी नजर खिड़की की ओर गयी पर बाहर अंधेरा था तो कुछ समझ नही आया….. मैंने सोचा कैसे चेक करूँ की वो आयी या नही…. और मैं उठ कर बोला दीदी मैं एक मिनट अपना फ़ोन ले कर आता हूँ कुछ दिखाना है तुम्हे और मैं झटके से दरवाजा खोल कर बाहर आया देखा तो श्वेता खिड़की के पास खड़ी थी उसकी लैगी नीचे थी और वो अपनी चूत सहलाते हुए अंदर देख रही थी मैं उसके पास गया अंधेरा था तो ज्यादा साफ नही नजर आ रहा था मैंने अंदाजे से उसकी नंगी गांड़ पर हाथ फिराया और पूछा मज़ा आ रहा है ना तो वो बोली हां मैं तो एकदम गरम हो गयी हूँ…. मैंने कहा फिर चलो ना अंदर तुम भी साथ मे मज़े करो तो वो बोली नही नही तुम लोग ही करो मैं बस देखूंगी मैंने कहा ok एन्जॉय…. और अपने रूम में आ कर अपना फ़ोन उठाया और वापस दीदी के कमरे में चला गया…….
आगे की

मैं अंदर आया और दीदी और जीजा के बीच मे बैठ गया बैठते ही दीदी ने मेरा लंड अपनी मुट्ठी में भर कर सहलाने लगी….. मैंने दीदी की ओर देखा और कहा मुह में ले साली…. दीदी हंसते हुए बोले बहन हूँ तेरी साली नहीं… मैंने कहा अब से तू मेरी बहन भी है बीवी भी साली भी और रखैल भी…. तो दीदी ने झुक कर मेरा लौड़ा अपने होठो से चूमते हुए कहा….. अब तेरी हूँ चाहे जो समझ…. मैंने कहा दीदी अपनी चूत के दर्शन तो करा दो अब…. तो दीदी उठी और मेरे सामने खड़ी हो…. मैंने कहा दीदी घूम जाओ ना तो दीदी मुड़ गयी और अपनी सेक्सी लाल पेटीकोट में कसे हुए चूतड़ मेरे सामने कर दिए और थोड़ा सा झुक कर अपनी गांड़ पीछे को उभार दी और फिर धीरे धीरे अपना पेटीकोट ऊपर सरकाने लगी….. दीदी के गोरे गोरे वैक्स किये हुए पैर नंगे होने लगे और फिर दीदी की मोटी मांसल गदराई जाँघे मुझे नजर आने लगी….. मैं और जीजू अपने अपने लंड सहलाते हुए ये दिलकश नजारा देख रहे थे तभी दीदी ने एकदम झटके से पेटीकोट अपनी कमर तक उठा का अपने चूतड़ नंगे कर दिए…. और मैं एकदम खो सा गया उस नजारे को देख कर मेरी सगी बहन एक रंडी जैसे अपनी मस्तानी गांड़ नंगी किये हुए मेरे सामने खड़ी थी….. मैंने हाथ बढ़ा कर उनके चूतड़ को सहलाया तो वो अपनी कमर को शेक करते हुए अपने मोटे चूतड़ हिलाने लगे…. पता नही मेरे मन मे क्या आया और मैंने कस के थप्पड़ एक दीदी के नंगे चूतड़ पर लगा दिया…. चटाक की आवाज़ गूंजी और दीदी एकदम से सिसिया उठी…. गर्दन मोड़ कर बोली मारता क्यों है…. मैंने कहा तू मेरी रखैल है कुतिया जैसे चाहे इस्तेमाल करुं तेरे जिस्म का…. जीजा बोले विकी चिंता ना कर इसे ऐसे वाइल्ड रफ़ सेक्स बहोत पसन्द है जैसे चाहे खेल इसके बदन से…. ये सुन कर मेरा जोश दुगना हो गया और मैंने कहा चल मादरचोद निकिता रांड अपनी गांड़ खोल के दिखा मुझे अच्छे से….. तो दीदी ने थोड़ा और झुक कर दोनों हाथों से अपने चूतड़ फैलाये और मुझे दिखाने लगी….. और मैं दीदी की भूरा गांड़ का नन्हा सा छेद कर कर मस्ती में भर गया…. गांड़ के थोड़ा सा नीचे दीदी की गुलाबी बुर का खुला हुआ मुह दिख रहा था और बुर के उभरे हुए लिप्स और खुला हुआ मुह बता रहा था कि दीदी की बुर ने खूब लंड खाया है…. मुझसे रहा नही गया और मैं सोफे से उतर कर दीदी के पीछे घुटनो पर बैठ गया और दोनों हाथों से उनकी कमर पकड़ कर अपने होंठ उनके नंगे चूतड़ों पर फिराते हुए चूमने लगा….. और फिर जीभ निकाल कर जांघो से फिराते हुए चूतड़ों की गोलाइयों को चाटने लगा….. दीदी के बदन से भीनी भीनी खुश्बू आ रही थी परफ्यूम की और मेरी जीभ दीदी के चूतड़ों के दरार में ऊपर से नीचे की ओर आने लगी और जैसे ही मैने जीभ दीदी के गांड़ के कसे हुए छेद पर लगाई वो एकदम से सिहर उठी और एक हाथ पीछे कर के मेरे बाल मुट्ठी में पकड़ कर अपनी गांड़ मेरे मुह पर दबाने लगी…. मैं वासना में जलता हुआ अपनी जीभ को कस के दीदी की गांड़ पर चलाते हुए चाट रहा था और मैं जीभ को दीदी की गांड़ के छेद में घुसाने की असफल कोशिश भी कर रहा था पर इतने कसे हुए छेद में जीभ जैसे मुलायम चीज जाना संभव नही होता….. कुछ देर तक गांड़ चाटने का सुख लेने के बाद मैंने जीभ फिराते हुए चूत की ओर बढाई और दीदी की चूत के खुले हुए मुह में जीभ अंदर तक पेल दी और चूत के अंदर जीभ घुमाते हुए चूत की दीवारों को चाटने लगा…. दीदी की रसीली हर एकदं गर्म थी और उसकी गर्माहट मुझे अपनी जीभ पर महसूस भी हो रही थी….. दीदी भी उत्तेजना से पागल हो रही थी एक घंटे से चल रही इस मस्ती और नशे ने उनको एकदम सेक्स में पागल कर रखा था….. वो अपने हाथो से अपने चूचे सहला रही थी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाते हुए जीभ को और अंदर लेने को कोशिश कर रही थी मैंने जीभ को बुर में घुसाए हुए ही बड़ा सा मुह खोला और दीदी के पूरे भोसड़े को मुह में भर कर आम जैसे चूसने लगा…. अब दीदी के मुह से आहें और सिसकियां निकलने लगी थी….. दीदी बोली आहहह विकास मेरे भाई क्या मस्त चूत चूसता है मालूम होता तो शादी से पहले ही तुझसे चुदवा लेती….. मैंने कहा कोई नही मेरी रंडी दीदी देर आई दुरुस्त आयी…. अब जितना चाहे चुसवा और चुदवा अपनी चूत और वापस से चूत को जोर जोर से पीने लगा मेरी जीभ चूत के अंदर घूमते हुए एक छेद से लगी और मैं उसे कुरेद कुरेद कर चाटने लगा…. दीदी बोलो आहहह साले वो पेशाब वाला छेद है उसे मत छेड़ नही तो मैं मूत दूंगी…. मैंने कहा मूत दे ना बुरचोदी तेरा मूत पीने को तो कब से तरस रहा था मैं…. और मैं वापस स्व चूत चूसने लगा…. मैंने एकनबर फिर से दीदी का पेशाब वाला छेद चाटना शुरू किया और अगले ही पल उस छेद में से गरम मूत छलकने लगा…. और मैंने पूरी चूत मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया…. दीदी ने गहरी सांस लेते हुए जोर से मूतना शुरू कर दिया और मैं दीदी की चूत से बहता हुआ गरम मूत चूसते हुए निगल रहा था ठंडी बियर के बाद गरम मूत नशे को और दोगुना कर रहा था….. दीदी की बुर से आखिरी बून्द तक चूसने के बाद मैंने दीदी को छोड़ा और वापस सोफे पर बैठ गया…. दीदी से अब रहा नही जा रहा था वो मुड़ी अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे सरक कर नीचे गिर जाने दिया फिर वो एकदम नंगी मेरे पास आयी और मेरी कमर के दोनों ओर पैर रख कर सोफे पर चढ़ गई एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी गीली गरम चूत पर टिकाया और अपनी कमर को नीचे दबाते हुए लंड पर बैठ गयी….. पूरा 7 इंच लंड फिसलते हुए दीदी के गरम भोसड़े में समा गया… और दीदी मेरे सीने पर हाथ रख कर अपनी गांड़ ऊपर नीचे करते हुए जोर जोर से आहें भरते हुए चुदने लगी…. दीदी के नंगे चूचे मेरी आँखों के सामने उछल रहे थे….. और मैं मस्ती में दीदी के नंगे चूतड़ सहलाते हुए सोफे पर पसरा चुदाई का सुख ले रहा था….. तभी मैंने आंखे खोली और देखा जीजू बड़ी दिलचस्पी से दीदी की बुर में अंदर बाहर होता हुआ मेरा लंड देख रहे थे…. मैंने कहा प्रशांत मुझे तो बहनचोद बना दिया तुम्हारा क्या इरादा है तुम्हारी बहन भी बाहर खड़ी है हमारी चुदाई देख कर एकदम गरम होगी…. उन्होंने पूछा सच मे है क्या…. मैंने कहा हां…. दीदी ने फौरन कहा प्रशांत जाओ न श्वेता को ले आओ आज तुम भी चोद लो अपनी बहन को…. जीजा उठ कर बाहर चले गए और मैं वापस दीदी अपनी कमर को झटके देते हुए दीदी रस भरी चूत चोदने लग गया….. दीदी ने पूछा मज़ा आ रहा ना विक्की…. मैंने कहा हां दीदी जीवन मे इतना आंनद कभी नही आया जितना तुम्हारी बुर में लंड डाल कर चोदने में आ रहा है तो दीदी और तेज लंड पर उछलते हुए बोली हां यार मुझे भी तुमसे चुद कर बहोत मज़ा आ रहा है…. और झुक कर मेरे होंठ चूसने लगी…. मैंने अपनी जीभ उसके मुह में दे दी जिसे चूसते हुए दीदी अपनी गांड़ आगे पीछे करते हुए लंड को एकदम जड़ तक चूत में ले रही थी और फिर दो मिनट तक ऐसे ही रगड़ कर चुदवाने के बाद वो एकदम से कांपने लगी और फिर एक तेज आहहह भरते हुए दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया मेरे बॉल्स से बहता हुआ दीदी की चूत का पानी सोफे की गद्दी को गीला कर गया था और दीदी मेरे सीने पर सर रख का हांफने लगी….. और मैं भी उनकी झड़ी हुई चूत में लंड घुसाए हुए उनके बालो को सहलाते हुए सुस्ताने लगा पर मेरा लंड अभी भी ठुमकिया ले रहा था….. फिर कुछ मिनट ऐसे ही निढाल पड़ी रहने के बाद दीदी मेरी गोद से उतरी मेरा लंड और बॉल्स दीदी के चूत के रस में भीग कर चमक रहे थे मैंने कहा दीदी ये सब कौन साफ करेगा तो दीदी ने अपना पेटीकोट उठाया और उस से मेरा लंड पोछने जा रही थी तो मैंने उसका पेटीकोट छीन कर फेंक दिया और बोला….. साली रांड तेरे मुह को क्या हुआ…. एक पल तो उसे मेरी बात समझ नही आई और फिर जैसे ही समझ आयी दीदी ने झुक कर लंड पर जीभ फिरानी शुरू की और चाट चाट कर पूरा लंड साफ कर दिया और फिर मेरी बॉल्स भी चाटने लगी…… तभी मेरे दिमाग मे एक शरारत आयी मैंने पूछा दीदी जब मैं तेरी गांड़ चाट रहा था तो कैसा लगा था तुम्हे….. दीदी बोली विकास पहली बार किसी ने मेरी गांड़ चाटी आज और मुझे बहोत अच्छा लग रहा था जब तू मेरी गांड़ पर जीभ फिरा रहा था….. मैंने सोफे पर थोड़ा सा आगे खिसक कर अपने पैर ऊपर उठाए और मेरी गांड़ खुल कर दीदी के सामने आ गयी….. मैंने कहा ओ मेरी प्यारी रांड बहन वही मज़ा मुझे भी दे दे ना….. दीदी ने नशीली आंखों से मुझे देखा और बोली मुझे इतना गंदा करना पसन्द तो नही है पर तूने आज मेरी चूत को बहोत मज़ा दिया है भाई तो इतना तो करूंगी ही तेरी खुशी के लिए और झुक कर मेरी गांड़ के छेद को चूम लिया….. मेरा लंड मज़े से फटने को हो रहा था मुझे लगा कही ये सपना तो नही मेरी सगी बहन नंगी बैठी मेरी गांड़ को चूम रही थी….. फिर दीदी ने अपनी जीभ निकाली और गांड़ के छेद को चाटने लगी मुझे अपनी गांड़ पर दीदी की गर्म जीभ का स्पर्श बाद सुखद लग रहा था और मैं दीदी की आंखों में देखते हुए मज़े से अपनी गांड़ चटवाये जा रहा था….. कभी कभी दीदी अपनी जीभ मेरे वीर्य से भरे फुले हुए टट्टे पर भी फिरा कर चाटने लगती कुल मिला कर माहौल एकदम गरम था और दीदी एक बार फिर से वासना की आग में तपने लगी थी…… फिर मुझे खयाल आया कि जीजू को बाहर गए काफी टाइम हो गया है और पता नही वो श्वेता के साथ क्या कर रहे होंगे…… मैंने दीदी से कहा दीदी चलो जरा देखें जीजू कहाँ है और श्वेता के साथ क्या कर रहे हैं….. दीदी ने मुह उठाया और बोली चोद रहे होंगे अपनी बहन को और क्या करेंगे….. मैंने कहा फिर भी चलो एक बार देखते हैं क्या चल रहा वहां….. तो दीदी उठी और मैं भी उनके साथ बाहर आया देखा तो वहां कोई नही था…. हां जिस रूम में मैं रुका था उसका दरवाजा अंदर से बंद था मैंने जा कर दरवाजा नॉक किया तो दो मिनट बाद जीजू ने जरा सा दरवाजा खोला और बाहर सर निकाल कर बोले क्या है….. दीदी ने पूछा आप यहाँ क्या कर रहे हैं वो बोले श्वेता को तुम लोगों के सामने जाने में शर्म आ रही थी तो उसे ले कर यहाँ आ गया…. अब तुम दोनों जाओ मज़े करो और मुझे भी मज़े करने दो…. दीदी बोली चोद दिया क्या अपनी बहन को जीजू बोले अभी नही तुम लोग जाओ तब चोदूगा ना…. मैंने दीदी का हाथ पकड़ा और कहा चलो ना दीदी डिस्टर्ब ना करो इन लोगों को और मैं और दीदी वापस उनके रूम में आ गए….. अभी एक अखिरी बोतल बियर रखी हुई थी टेबल पर मैंने वो खोली और दो घूंट ले कर देखा तो दीदी बेड के सिरहाने बनी हुई दराज से सिगरेट और लाइटर निकाल रही थी…. मैं बोतल ले कर वही बेड पर आ गया और दीदी ने एक कश लगा कर धुंवा उगलते हुए कहा ला मुझे भी दे थोड़ी मैंने बोतल उन्हें पास की और उनके हाथ से सिगरेट ले ली….. दोनों भाई बहन नंगे बैठे एक दूसरे को देखते हुए सिगरेट और बियर का मज़ा ले रहे थे और अब तक काफी नशे में आ चुके थे…. दीदी बोली आज मेरे पति की सारी हसरतें एक साथ पूरी हो गईं…. मैंने उनकी जांघ को सहलाते हुए कहा दीदी आज मेरी भी जिदंगी की सब से बड़ी हसरत पूरी हो गयी…. दीदी ने मुस्कुराते हुए पूछा विकास तुमने पहली बार कब मेरे बारे में ऐसा सोचा था….. मैंने कहा दीदी सोचा तो कभी नही था पर जब जीजू ने अपने फ़ोन पर मुझे आपकी नंगी pic दिखाई तो मेरा मन करने लगा था तुम्हारे साथ सेक्स करने का….. दीदी ने कहा वो तो होना ही था मेरा जिस्म है ही ऐसा जो भी मुझे नंगी देख लेता है वो दीवाना हो जाता है मेरा….. मैंने एक गहरा कश लगाया और धुंवा दीदी के सुंदर चेहरे पर फेंकता हुआ बोला दीदी अभी तो मेरा मन कर रहा है तुझे रंडी बना कर सड़क पर किसी अजनबी से चुदवा दूँ…. दीदी ने थोड़ा घूर के मुझे देखा और बोली लिमिट में बोलो तुमसे चुदवा ली इसका ये मतलब नहीं कि मैं रंडी हूँ…. मैंने कहा नहीं हो तो क्या हुआ मैं बना दूंगा न तुम्हे रंडी तुम्हारे लिए ग्राहक लेकर आऊंगा और तुमसे धंधा करावउँगा साली कुतिया….. और मैंने दीदी को धक्का दे कर बेड पर गिरा दिया और उन पर चढ़ कर उनकी टांगे फैला कर अपना गरम तपता हुआ लंड उनकी बुर पर टिका दिया…. सुपाड़े की तपिश चूत पर महसूस करते ही दीदी ने आहहह भरी और अपने पैर मेरी कमर पर लपेट दिए मैंने झुक कर उनके होठो को चूमा और और कमर को धक्का दे दिया मोटा सुपाड़ा बुर की फांकों को फैलाता हुआ अंदर समा गया और दीदी मस्ती में गनगना गयी….. मैंने तेज तेज दो तीन धक्के लगा कर जड़ तक लौड़ा बुर में पेल दिया और धीमे पर गहरे धक्के लगा कर दीदी की बुर को अपने भन्नाए हुए लौड़े से चोदने लगा दीदी भी मज़े से अपनी कमर को शेक करते हुए चूत में लंड का अहसास लेने लगी….. ऐसे ही चोदते हुए मैंने दीदी के दोनों हाथों को अपने हाथों में पकड़ा और उनकी उंगलियों में उंगलियां फंसा कर सर से ऊपर उठा दिए उनके हाथ दीदी की बगलें मेरे सामने थी जिनमे हल्के हल्के बाल थे…… मुझसे रहा नही गया और मैंने झुक कर दीदी को बगलों को बारी बारी से चाटना शुरू कर दिया ऑयर चाटते हुए धक्कों की रफ्तार बढ़ाने लगा दीदी मज़े से बावरी हुई जा रही थी और किसी चुदासी कुतिया जैसे आवाज़ें निकाल रही थी मेरे मुह में दीदी की बगलों का नमकीन पसीना घुल रहा था और मेरा जुनून बढ़ता जा रहा था फिर मैंने चेहरा उठा कर दीदी को देखा वो मस्ती में आंखे बंद किये पड़ी थी और उसका मुह थोड़ा सा खुला हुआ था मदहोशी में मैंने और तेज झटके देने शुरू किए और चोदते हुए दीदी के मुह में थूक दिया….. मुह में थूक गिरते ही दीदी ने आंख खोल कर मेरी ओर देखा मैंने कहा चाट ले मेरा थूक मादरचोद कुतिया और दीदी ने मेरा थूक निगल लिया और वापस मुह खोल कर जीभ निकाल दी….. मैंने दीदी की जीभ को मुह में ले कर चूसा और इस बार दीदी की आंखों में देखते हुए और उसे चोदते हुए उसके मुह में थूक दिया दीदी इस बार भी मेरा थूक निगल कर पी गयी…… अब मैंने लंड एकदम बाहर निकाल कर झटके से अंदर पेलना शुरू कर दिया था और मेरे तूफानी धक्कों से पूरा बेड हिल रहा था और दीदी जैसे सातवें आसमान में उड़ रही थी ऐसे ही चोदते हुए मैंने कहा निकिता मादरचोद साली बोल बनेगी न रंडी….. दीदी अपनी चूत लंड पर पटकते हुए बोली हां मेरे राजा बनूंगी मैं रंडी…. मैंने फिर से लंड झटके से पेला और कहा मैं जिस से चुदवाने को कहूंगा चुदवायेगी ना मादरचोद कुतिया….. दीदी बोली हां राजा जिस से कहेगा उस से चुद लुंगी बस तू ऐसे ही लंड ठोंकता रह मेरी चूत में…… मैंने कहा कसम खा कुतिया वरना बाद में तू अपनी बात से मुकर जाएगी…. दीदी चुदते हुए बोली नहीं विक्की आज से मैं तेरे लंड की गुलाम हूँ तू जो बोलेगा वो करूंगी मेरे प्यारे भाई बस मेरी चूत को ऐसे ही ठोंकते रहना और इसी के साथ मैंने 20-25 जबरदस्त धक्के लगाये और दीदी एक बार फिर झड़ गयी मुझे अपनी बाहों में जोर से कस कर अपने सीने से मुझे भींच कर कांपती हुई झड़ रही थी मेरी रंडी दीदी और मैंने भी उसे बाहों मे कस कर चूम लिया……

पिछले दो घंटे में दो बार जबरदस्त तरीके से झड़ने के बाद दीदी एकदम से शांत लेटी गहरी सांस ले रही थी उनकी नंगी खबसूरत चूचियाँ तेजी से ऊपर नीचे हो रही रही और मै उनके सीने पर सर रखे लेटा हुआ था मेरा सख्त लंड अभी भी दीदी की बुर की गहराईयों में फंसा हुआ हल्के हल्के झटके ले रहा था …. पर दीदी नशे और थकान में चूर हो रही थी ….. मैंने दीदी के चेहरे को चूमते हुए कहा ….. दीदी क्या हुआ थक गई हो ???
दीदी ने आंखे खोल कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली डेढ़ घंटे से चोद रहे हो थकूंगी नही क्या मैंने कहा पर मेरा अभी नही हुआ है …. तो दीदी बोलूं मैं क्या करूँ पता नही क्या खा कर आये हो कितनी देर से रगड़ रहे ही फिर भी नही हुआ …. मैंने कहा दीदी कुछ खाया तो नही है पर परसो से इतनी बार मुठ मार चुका हूं तुम्हारे नाम की कि अब झड़ ही नही रहा …. दीदी ने गोल गोल आँखे नचाते हुए कहा फिर अब क्या चाहता है तू …. मैंने कहा दीदी बस इस लंड को शांत कर दो किसी तरह … दीदी बोली अब और चुदवाने की तो हिम्मत नही है …. मैंने अपना लंड दीदी की बुर से बाहर निकाला तो उनके मुह से एक आह निकल गयी फिर मैंने नीचे सरक कर दीदी की टांगो के बीच मे जगह बनाई और पेट के बल लेट कर उनकी बुर देखने लगा चुद चुद कर लाल हो गयी चूत रस में भीगी चमकती हुई बुर बड़ी प्यारी लग रही थी मैंने देर न करते हुए अपनी जीभ लंबी सी निकाल कर चूत के खुले हुए मुह में घुसा दी और चूत का रस चूसने लगा ….. दीदी बोली मत कर ना अब कल कर लेना मैंने कहा कोई तकलीफ हो रही तुम्हे तो नही करूँगा …. तो दीदी बोली लगता है तकलीफ होने तक करते ही रहोगे …. मैं फिर चूत में जीभ डाल कर मज़े से चाटने और चूसने लगा चूत का दाना मुह मे भर कर चूसते हुए अंदर तक जीभ डाल कर घुमाने लगा …. और 3-4 मिनट तक ऐसे ही चाटने का ये असर हुआ कि दीदी अपनी गांड़ उठाते हुए चूत को मेरे मुह पर दबाने लगी और अपनी टांगे मोड़ कर अपने सीने से लगा कर फैला दी ….. अब चूत और खुल कर मेरे सामने आ गयी थी और मैं भूखे कुत्ते जैसे दीदी की रसभरी बुर को चाट चाट कर खा रहा था …. फिर मैंने जीभ को फिराते हुए नीचे दीदी के गांड़ के छेद को चाटना शुरू कर दिया और रगड़ रगड़ कर दीदी की गांड़ के छेद को एकदम गिला कर के अपनी मिडिल फिंगर दीदी की गांड़ के छेद पर रख उसे उंगली से सहलाते हुए वापस चूत की फांकों को चूसने लगा और फिर धीरे से आधी उंगली गांड़ में डाल कर अंदर बाहर करते हुए उँगली से उसकी गांड़ चोदने लगा एक साथ दोनों छेदों में हो रहे हमले से दीदी भी मस्ती में भरते हुए अपने चूचे मसलने लगी और अपनी कमर को झटके देने लगी मैने उसकी गांड़ से उंगली निकाल कर मुह में ले कर चूस ली और गांड़ के छेद पर थूक कर इस बार दो उंगलियां एक साथ पेल दी अंदर तक दीदी आहहह भर कर बोली गांड़ के पीछे क्यों पड़ गया अब … मैंने कहा साली रांड तेरे दो छेद तो चोद दिए अभी गांड़ बाकी है और पोजिशन ले कर कर अपना मोटा सुपाड़ा दीदी की गांड़ पर टिका दिया ….. और उनका लोअर लिप्स मुह में ले कर चूसते हुए एक तेज झटके से हचक के लंड पेल दिया दीदी की गांड़ में दीदी एकदम से बिलबिला गयी और बोली आराम से विक्की दर्द मत दे …. मैंने कहा क्या दीदी पहले भी तो चुदवाई होगी गांड़ या पहली बार मरवा रही हो …. वो बोली नहीं 7-8 बार मरवा चुकी हूं पर ज्यादा नहीं करवाती उधर तो हर बार दर्द होता है घुसने में … मैंने बातों में लगा कर एक और तेज झटके से जड़ तक लंड ठूंस दिया दीदी की गांड़ में और फिर अपनी कमर हिला हिला कर चोदना शुरू कर दिया ….. 8-10 धक्कों के बाद गांड़ ढीली हो गयी ऑयर लंड आराम से अंदर तक जाने लगा और दीदी भी मज़े से आंखे मूंद कर गांड़ में लंड का मज़ा लेने लगी …… मैंने 5 मिनट तक रगड़ के दीदी की गांड़ चोदी और फिर झड़ने को हुआ तो एकदम से लंड बाहर निकाल लिया …. दीदी ने कहा क्या हुआ क्यों निकाल लिया यार …. मैंने कहा दीदी अब कुतिया बन के चुदवा लो ना थोड़ी देर ….. दीदी झट से उठ कर कुतिया बन कर गांड़ उठा दी और मैं पीछे आ कर लंड गांड़ पर रख कंसर झटके से पेल कर चोदने लगा मैं मस्ती में पागल हो रहा था और चोदते हुए मैंने दीदी के चूतड़ पर तेजी से थप्पड़ लगाया और बोला ले रंडी चुद साली भाई के लौड़े से दीदी अपनी चूत को उंगलियों से रगड़ती हुई बोली चोद साले कुत्ते चोद चोद के अपनी बहन की गांड़ फाड़ दे ….. मैं गांड़ में लंड पेलते हुए बोला ले बहन की लौड़ी कुतिया मादरचोद तेरी माँ को चोदू साली कितनी बड़ी रंडी है तू बुरचोदी ….. दीदी मस्ती में अपनी गांड़ लंड पर पटकती हुई बोली हां साले चोद दे मेरी माँ भी चोद दे मादरचोद ….. और फिर मेरे लंड की नसें फूलने लगी टट्टे सिकुड़ने लगे और मैंने आखिरी तेज धक्का मारा और मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी दीदी की गरम गांड़ में मैंने अपना गरम माल भर दिया …. ऐसा लग रहा था लंड के रास्ते मेरी जान निकल रही हो ….. तभी दीदी भी अपनी गांड़ में लंड की फुहारें महसूस करते हुए अपनी चूत का दाना तेजी से रगड़ने लगी और सिसियाते हुए उनकी चूत ने भी एक और बार पानी टपका दिया और हम दोनों हांफते हुए निढाल हो कर बिस्तर पर ढेर हो गए और नींद के आगोश में खो गए …… सुबह 10 बजे मेरी नींद खुली देखा तो बेड पर मैं अकेला था और मेरे बदन पर चादर पड़ी हुई थी ….. मैं उठा ऊपर ही एक बाथरूम था वहां जा कर फ्रेश हुआ और नहा कर कपड़े पहन कर नीचे आया ….. दीदी किचन में थी खाना बना रही थी ।
और घर मे कोई नही दिख रहा था …. मै किचन में ही चला गया मुझे आया देख कर दीदी ने कहा उठ गए क्या सुबह तुम्हे कितना जगाया पर तुम उठने को तैयार ही नही थे …. मैंने कहा दीदी इतना थका दिया तुमने कल रात की मुझे होश ही कहाँ था अभी भी सर घूम रहा है वो बोली नाश्ता लगाती हूँ कर लो …. फिर उन्हीने सैंडविच और कॉफ़ी दी मुझे मैं वही खड़े खड़े नाश्ता करने लगा …. मैंने कहा दीदी सब कहाँ गए कोई दिख नहीं रहा …. दीदी ने बताया कि जीजू तो आफिस गए हैं श्वेता अपने कॉलेज और मम्मी कहीं पड़ोस में गयी हुई हैं मैंने अपना नाश्ता खत्म किया और कॉफ़ी की चुस्कियां लेते हुए दीदी के चूतड़ पसर हाथ फिराने लगा दीदी ने कहा …. अभी मन नहीं भरा क्या मैंने कहा दीदी इतना मस्त माल हो तुम तुमसे कभी किसी का दिल भर सकता है क्या …. दीदी बोली शुरू में हर कोई ऐसे ही कहता है जहां एक दो महीने बीते सब के दिल भर जाता है मैंने उनके नरम चूतड़ को जोर से दबा कर कहा दीदी किसी और कि मैं नही जानता पर मेरा दिल तुमसे कभी नही भरेगा जब भी मिलोगी ऐसे ही रगड़ दूंगा तुम्हे ….. दीदी बोली चल अभी परेशान मत कर मुझे काम निपटाने दे …. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था मैंने कहा दीदी एक बार यही किचन में चोद लेने दो ना …. प्लीज और मैंने इतना रिक्वेस्ट कर के बोला की दीदी पसीज गईं और बोली बहोत नालायक हो गया है तू और हंसने लगी ….. मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाया और और ज़िप खोल कर लंड निकाल कर उनके चूतड़ पर रगड़ने लगा दीदी ने अपनी एक टांग उठा ली और मैंने वो टांग अपने हाथ से पकड़ कर उन्हें सहारा दिया और लंड चूत पर रख दिया पर सुखी चूत में सूखा लंड घुस नही रहा था तो मैंने वही बैठ कर उनकी चूत मुह में ले कर चूसनी शुरू कर दी और फिर से खड़ा हो कर लंड पर थूक लगा कर चूत पर टिका कर एक झटके से पेल दिया दीदी ने आहहह भरी और खुद को मेरे हवाले कर दिया मैंने ब्लाउज में कसी चूचियाँ मसलते हुए तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए ….. चोदते हुए मैंने ब्लाउज के नीचे वाले दो हुक खोल कर ऊए ऊपर सरका कर दीदी की गोरी चूचियाँ बाहर निकाली और दीदी के काले काले सख्त लंबे निप्पल पकड़ कर जैसे गाय दुहते हैं वैसे खींचते हुए तेज तेज धक्के मार कर दीदी को जोरो से चोदना शुरु किया कल रात की जबरदस्त चुदाई से लंड कुछ फूल कर मोटा सा हो गया था और सख्त मोटा मूसल जैसा लंड अपनी सगी बड़ी बहन की बुर में पेलते हुए मैं एकदम जोश में आ कर पागल सा हो रहा था …… मैंने लौड़ा दीदी की रसीली भोसड़ी में पेलते हुए पूछा मज़ा आ रहा है ऐसे चुदने में रानी ….. दीदी बोली हां बहोत मज़ा आ रहा है साले और जोर लगा के चोद ये सुनते ही मैंने दीदी के नंगे चूतड़ पर जोर से थप्पड़ लगाया और रफ्तार बढ़ा दी धक्कों की ….. तभी दीदी थोड़ी सी पीछे हो कर एकदम झुक गयी और बोली विकी मेरे बाल पकड़ कर कस के ठोक अपना लौड़ा मेरी बुर में…..मैंने दीदी के बाल मुट्ठी में पकड़ कर जोर से खिंचे और पूरी ताकत से लंड दीदी की चूत में पेलते हुए कहा …. ऐसे ना साली मादरचोद ….. दीदी सिस्कारते हुए बोली हां ऐसे ही राजा ऐसे चोद अपनी रण्डी बहन को ….. और मैं तेजी से दीदी को चोदते हुए मस्तिमे डूबा हुआ था तभी दीदी अपने निप्पल रगड़ने लगी और बोली हां विकास ऐसे ही चोदा कर मुझे बहोत प्यासी रहती है मेरी बुर चाहे जितना चोदो इसकी प्यास नही बुझती और फिर उनका बदन अकड़ने लगा और उनके मुह से निकलने वाली आवाज़ें तेज होती गईं ….. आखिर में झड़ गयी और तेजी से सांसे लेने लगी ….. मैंने कुछ मिनिट ऐसे ही दीदी की बुरमे लंड डाले हुए आराम लिया और फिर दीदी खड़ी हो गयी और लौड़ा फिसल कर बुर से बाहर आ गया …. मैंने दीदी से कहा दीदी आज स्वाद ले ले लंड के रस का तो दीदी मेरे सामने घुटनो पर बैठ गईं और लंड को पकड़ कर सहलाते हुए सुपाड़े को जीभ से चाटने लगी …. वो एक भूखी कुतिया जैसे मेरी आँखों मे देखते हुए लौड़ा चाट और चूस रही थी ….. मैंने कहा निकिता मस्त रण्डी है तू बहोत मज़े देती है लंड को तो दीदी ने लौड़ा चाटते हुए कहा विकी यार चुदाई चीज ही ऐसी है इसका मज़ा तभी आता है जब एकदम खुल कर मस्ती की जाए ….. मैंने कहा दीदी एक काम करो ना आप 8-10 दिन के लिए इलाहाबाद चलो जी भर के चोदूंगा तुम्हे दीदी बोली हां ये सही रहेगा ये भी यहां श्वेता के साथ मज़े करेंगे और वहां मैं तुम्हारे साथ ….. फिर दीदी ने लंड मुह से निकाल कर पूछा विकी वो जो मेरे कॉलेज में पढ़ता था विनय जिसकी वजह से पापा ने मेरी जल्दी से शादी की वो अब कहाँ है मैंने बताया कि वो वही अलाहाबाद में ही कोई जॉब करता है तो दीदी ने कहा विकी मुझे एक बार उस से चुदवाना है उसका लंड एकदम मस्त है मैंने कहा लगता है पहले भी चुद चुकी हो उस से दीदी बोली हां शादी से पहले 7-8 बार चुदी थी उस से दीदी ने लौड़े पर जीभ फिराते हुए कहा विकी अगर तू इंतजाम कर दे मेरा उस से चुदने का तो सच मे मेरा मन खुश हो जाये मैंने कहा दीदी आप जितना मेरा मन खुश कर रही हो उस हिसाब से तो ये कोई बड़ी बात नही आप कहो 10-20 लंड डलवा दूँ आपकी बुर में और रण्डी बना दूँ आपको और इसी के साथ ही मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी पहली धार नाक और होठो पर पड़ते ही दीदी ने सुपाड़ा होठो में भरा और चूस चूस कर पीने लगी लंड से बहता हुआ पानी ….. aaahhhh मैं जन्नत में था….. दीदी ने सारा रस चूस कर पिया और उंगली से अपने चेहरे पर लगा वीर्य पोछ पोछ कर खाने लगी सारा माल साफ कर के दीदी बोली ठीक है विकी एक दो दिन में हम चलते हैं इलाहाबाद वहाँ तुम अपने मन की कर लेना बस मुझे विनय से चुदना है मैंने कहा दीदी एक साथ दो से चुद लेना मुझसे और विनय से दीदी ने खुश हो कर कहा क्या कमाल का आईडिया दिया है तूने …. अब तो ये ही होगा …. फिर दीदी ने कपड़े सही किये और खाना बनाने लगी और मैं बाहर आ कर tv देखने लगा ……


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Mera naam Suresh h. Main apne parivaar k sath delhi me rehta hu. Meri age 18 saal h. Meri family me mere alawa meri maa, papa n behen h. Behen ka naam Esha h. Uski age 21 saal h. Main sidha story pe ata hu. Main bchpan se hi sex ka bhuka tha. Magazines, internet , blue film, hr cheez se mjhe bhot pyar tha. But main ye addictn sirf apne tk rkhta tha. Kisiko bhnk ni hone deta tha. Jb ghr pe koi hota nai tha , tb hi aise kaam krta tha. Ek saal pehle ki baat h. Main subhe park se ghr aya. Ghar pe meri behen k alawa aur koi ni tha. Maine usse pucha ki mom- dad kahan h. Usne btaya ki nana ki tbiyt achank se khrab hogyi h....dad mom ko lekar jaipur gye hn....ab prso hi aynge. Main pehle toh nana ko leke chintit hua. Bt fir socha ki shayad mjhe thoda 'akela' tym mil jaye. Meri behen apne clg k liye nikl rhi thi. Usne mjhe brkfast dia n phir apne clg k liye nikl gyi. Main aap sbko pehle hi bta du ki mjhe apni behen ki trf koi attractn nai tha. Kbi is baat ki trf dhyan b ni dia. Neways,...