मेरा नाम रिशांक है। मेरी उम्र अभी 28 साल है। मैं फतेहपुर में रहता हूँ। मै देखने में बहोत ही स्मार्ट और जबरदस्त पर्सनालिटी वाला बन्दा लगता हूँ। मेरी आकर्षक बॉडी को देखकर लड़कियां चुंबक की तरह खीचने लगती हैं। मैं बहोत ही हवसी इंसान हूँ। लड़कियों की चूत को मैं काट खाता हूँ। मेरे को चूत काट कर पीने में बड़ा मजा आता था। लड़कियां मेरे इसी अंदाज़ पर मरती थी। फ्रेंड्स ऐसा ही कुछ मेरे साथ सुहागरात के दिन भी हुआ। यह बात 2 साल पुरानी है। जब मेरी नई-नई शादी हुई थी। उससे पहले मेरे को चूत चोदने का बहुत ही अनुभव प्राप्त हो चुका था। लड़कियों की चूत कैसे मारी जाती है। यह मेरे को अच्छी तरह पता थी। मैंने अब तक कई सारी लड़कियों की चूत को फाड़ कर उसका उस का रस चखा है। लड़कियों को मेरे से चुदवाने में बड़ा मजा आता था। मेरे 7 इंच के लंड से वह खेल कर खूब मजे लेती थी। मेरे को भी होली की बूब्स खेलने में बहुत मजा आता था। दोस्तों मैं अपनी कहानी पर आता हूं। जनवरी का महीना था। उस समय काफी ठंडी हो रही थी। 28 जनवरी के दिन मेरी शादी हुई थी। और 29 जनवरी को मेरी बारात विदा होकर घर आ गई थी। दिनभर मैंने खूब सोया था। क्योंकि...
हमारी सुहागरात और पहली चुदाई झटपट हो गयी थी. तो मैंने प्रीति से कहा- कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही हैं और मैं चाहता हूँ जब तक छुट्टियाँ हैं, तुम यहीं पर रहो, तुम अब मेरे से एक पल भी जुदा न होना! तो प्रीति भी बोली- मैं भी तुम से जुदा नहीं होना चाहती. पर अपने घर वालों के लिए हमें उनसे रजामंदी लेकर शादी करनी होगी ... मेरे घर वाले तो मेरी पसंद से मेरी शादी कर देंगे गर तुम किसी कारण से मुझसे समाज के आगे शादी नहीं कर सकते तो भी कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी रखैल बन कर भी रह लूंगी. तो मैंने प्रीति को चूमते हुए कहा- मेरी जान, तुम अब मेरी भार्या हो ... मेरे घर वाले भी मेरी पसंद को ही अपना लेंगे ... मेरी माँ भी कई बार कह चुकी है अपनी पसंद की लड़की ले आ, उसे ही अपनी बहू मान लेंगे. जब तुम कहोगी, मेरे घर वाले तुम्हारे घर आ जाएंगे शगुन लेकर और फिर सारे समाज के आगे सात फेरे भी ले लेंगे. मेरी यह बात सुन कर प्रीति मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और बोली- ठीक है, जब तक तुम कहोगे, तब तक मैं अब तुम्हारे साथ ही रहूंगी. पर मुझे इजाजत दो तो अपने कुछ कपड़े और सामान ले आऊं! मैंने कहा- वैसे तो मेरी माँ ने मेरी दुल्हन...